हेलो दोस्त मैं समीर आपसे एक कहानी पेश कर रहा हु ये कहानी ज्यादा पुरानी नहीं बल्कि कल की ही है, मैं गर्मियों की छुट्टी पे हु, मैं २१ साल का लड़का हु और दिल्ली में रहता हु. मेरी चचेरी बहन का नाम संध्या है वो बड़ी ही मस्त माल है मैं दो साल बाद गाँव आया हु जब मैं दिल्ली गया था उस समय संध्या का शरीरी भरा हुआ नहीं था पर अब तो उसकी कातिल नैना और बड़ी बड़ी सुडोल चूचियाँ जो ३४ के साइज के ब्रा में कैसा हुआ, उसकी गोल गोल गांड और सुराही सा पेट मुझे तो बस मार ही गया मैं घर पहुँचते ही चोदने का मन बना लिया और कामयाब हुआ अपने बहन का सील तोड़ने और रात भर चुदाई करने के लिए, आपको मैं पूरी कहानी सिलसिले बार तरीके से बताऊंगा क्यों की आपलोग की भी कहानियाँ नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम से काफी अच्छे तरीके से रहता है, आपसे अनुरोध है की आप भी अपनी सच्ची कहानी पोस्ट करे क्यों की मुझे सेक्स कहानी बहुत ही पसंद है. अब मैं ज्यादा बोर ना करते हुए अपनी कहानी पे आता हु.
शाम का समय था मैं छत पे आराम कर रहा था, क्यों की बिजली नहीं थी मेरा खाना छत पे ही आ गया और खाना खाकर वही सोने की तैयारी करने लगा तभी मेरी छोटी चचेरी बहन संध्या छत पे आ गयी फिर बात चीत होने लगी मेरी चचेरी बहन भी छत पे ही सोती थी इसलिए वो अपना बिछावन ले आयी और बात चीत होने लगी जाफु देर बाद संध्या अपनी पर्सनल बात भी डिसकस करने लगी संध्या बोली भैया क्या आप मुझे एक बात बताओगे मुझे एक बीमारी है मेरे मन में सेक्स का ख्याल आता है और मैं पढाई नहीं कर पाती हु ऐसा लगता है की कोई मेरे चूच को मसले और बूर को सहलाये मैंने कहा संध्या ये क्या बात बोल रही हो कुछ तो शर्म करो मैं तुम्हारा भाई हु और ऐसी बात तुम कर रही हो ये गलत है, तो संध्या बोल पड़ी मेरे प्यारे भाई अगर मैं ये बात आपसे नहीं कही तो मेरा करियर ख़राब हो जाएगा क्यों की मैं सेक्स के अलावा कुछ भी नहीं सोच नहीं सक रही हु मुझे समझ नहीं आ रहा है पर अगर आप मुझे नहीं बता सकते तो कोई बात नहीं मैं अपने सहेली के भाई से पूछ लुंगी तभी मेरा माथा ठनका की ये तो गलत होगा और इसका लोग नाजायज फायदा उठाएगा. मैंने सोचा की क्यों नहीं मैं ही एडवाइस दे दू,
मैंने उसे अपने बेड पे बैठ्या और कहा की बहन ये सब बात किसी बहार के लोग से नहीं करनी चाहिए क्यों की वो तुमहरा नाजायज फायदा उठाएगा, मैंने कहा अभी तुम्हारी उम्र सिर्फ पढाई करने को है ये सब बात पे धयान मत दो तो वो बोली भैया मेरा मन पढाई पे नहीं लग रहा है आप क्यों नहीं समझते हो, एक काम आप करो आप ही मेरे वासना को शांत कर दो मैं हैरान रह गया की ये क्या बोली मैं मौन हो गया वो बोली क्या सोच रहे हो मैं सच कह रही हु मेरी प्यास को बुझा दो मैं फिर अच्छे तरीके से पढ़ सकुंगी, आज मम्मी पापा भी रात को लेट आयेगे वो शादी पे गया है. वो मुझे कातिल निग़ाहों से देख रही थी उसके आँख में शर्म नाम की कोई भी चीज़ नहीं थी वो बस चुदना छह रही थी मेरा भी लैंड थोड़ा थोड़ा बढ़ने लगा मैंने उसके चूच के तरफ देखा तो वो अपना दुपटा उतार दी उसके दोनों चूच के बीच का सटा हुआ भाग दिख रहा था वो बोली आज आपको जो करना है कर लो फिर आपके लाइफ में कभी मौक़ा नहीं मिलेगा बहन को चोदने के लिए मैं वर्जिन भी हु तो देर मत करो और दोनों एक दूसरे को गले लगा लिए,
संध्या की चूच मेरे छाती पे टकरा रही थी मैं मदहोश होने लगा मैं उसका चूची दबाने लगा और किश करने लगा उसके आँखे लाल हो रही थी और अंगड़ाई ले रही थी वो भी अपना होठ मेरे होठ पे रखे के किश कर रही थी कमाल का खूबसूरत pal था, जब उसकी चूची दबाता तो वो इस्स्स्स इस्स्स्स इस्स्स्सस आउच की आवाज़ निकाल रही थी जिससे मेरा लण्ड खड़ा हो रहा था फिर मैंने उसको बेड पे लिटा की नाड़ा खोल दिया और हाथ उसके बूर पे रगड़ने लगा बूर काफी गरम हो चुका था और बूर से चिपचिपा पानी निकल रहा था. मैंने उसके सारे कपडे उतार दिए और उसके बड़े बड़े टाइट चुस्सी को पिने लगा और निप्पल पे दांत काटने लगा. मेरा तन बदन सिहर रहा था वो अंगड़ाई ले रही थी और कह रही थी तुम मुझे आज कस के चोदो ताकि मैं इसके बाद पढाई पे ध्यान लगा सकु आज के लिए तुम्हारे लिए मेरा जो भी है सब तुमहरा है. मैंने फिर ऊपर से किश करना सुरु किया और निचे पैर के अंगूठे तक पहुंचा इस विच वो सिहर रही थी, और सेक्सी आवाज़ निकाल रही थी. फिर संध्या बोली भैया देर मत करो मेरे बर्दास्त के बहार हो रहा है मुझे आपका लण्ड चाहिए मैंने अपने बहन के बूर के ऊपर लण्ड रखा और ढाका लगाया लण्ड थोड़ा ही गया पर संध्या रोने लगी बोली भैया धीरे करो दर्द हो रहा था. फिर मैंने अपने लण्ड पे थोड़ा थूक लगाया और फिर से बूर के ऊपर पे रखा और चुचिया सहलया और गाल पे और होठ पे किश किया और कस के धक्का मारा वो चीख उठी मेरा पूरा लण्ड उसके बूर में समा गया.
फिर मैंने उसके दोनों चूचियों को मसलने लगा और हाथ पीछे करके दो ऊँगली उसके गांड में डालने लगा पर वो मना कर दी बोली सिर्फ बूर में प्लीज फिर मैं जोर जोर से धक्के लगा रहा था वो चुदवा रही थी अपना गांड उठा उठा के वो अपना होठ अपने दांत में दबा रही थी, मैंने भी चोदे जा रहा था मैंने उसे डौगी स्टाइल में चोदा और ऊपर चढ़ के चोदा फिर उसको अपने लण्ड पे बैठा के चोदा करीब २ जानते तक हम दोनों ने चुदाई की फिर झड़ गए मैंने सारा माल उसकी मुह में दाल दिया वो मेरा सारा माल पि गयी. मैंने महसूस किया की उसके बूर से खून निकल रहा था हो सकता है उसका सील टूटा इस वजह से खून निकल रहा था. काफी टाइट थी मेरी बहन सुबह जब मैंने देखा वो थोड़ा पैर को फैला कर चल रही थी क्यों की दर्द कर रहा था , दोस्तों ये कहानी एक दम सच्ची है मैं कोई लेखक नहीं हु इस वजह से हो सकता है मैंने अपनी कहानी सही तरह से पेश ना की हो पर मुझे आपका रेटिंग चाहिए. ताकि मैं कल फिर एक कहानी जो की मेरी चाची की है मैं आपको बताऊंगा.