दोस्तों, मैं मुमताज आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट पर स्वागत करती हूँ. मैं राएबरेली की रहने वाली हूँ. मैंने इस समय १९ साल की हूँ. मेरे मम्मे अभी जल्दी ही उभर आये है. मैं इस समय बी कॉम फ़ाइनल में हूँ. मेरा छोटा भाई कौशल इस समय १४ साल का है. वो इस बार हाई स्कूल का एग्जाम देगा. दोस्तों मुझे कुछ दिन पहले ही चूत और लंड के खेल में बारे में पता चला. मेरी एक सहेली ने मुझे मोबाइल पर एक जबरदस्त चुदाई वाली फिल्म दिखाई, उसके बाद ही मुझे चूत और लंड के रिश्ते के बारे में पता चला. मेरा चुदने का मन करने लगा, चूत में लंड खाने का मन करने लगा. पर कोई भी लड़का मुझे नही मिला जो मुझे चोद देता. फिर कुछ दिनों बाद मेरे खुराफाती दिमाग में एक नया प्लान आया. क्यूँ न मैं अपने छोटे भाई से ही चुदवा लूँ.
मैं छोटे भाई कौसल के कमरे में गयी तो वो पढ़ रहा था.
‘छोटू!! तुजसे एक जरुरी बात करनी है!’ मैंने कहा
‘क्या है दीदी?? कहो?’ वो बोला
‘भाई क्या तू मुझे चोदेगा?? तुझको बहुत मजा आएगा!’ मैंने कहा
छोटू चुप हो गया. मुझे सही सही नही पता है की उसको चुदाई के बारे में मालूम है की नही. फिर मैंने उसको अपने फोन में चुदाई पिक्चर दीकाई. जो उसे बहुत पसंद आई. हम भाई बहन में गुप्त सेटिंग हो गयी. हमदोनो पढाई वाले कमरे में शाम के समय चुदाई करेंगे, मैंने प्लान बना लिया. शाम को जब मम्मी पापा कही घुमने गये हुए थे, मैं चालू हो गयी. छोटू की पैंट उतार दी. फिर उसका कच्छा उतार दिया. छोटू का लंड बहुत ही सुंदर, बहुत ही क्यूट था. मैंने पहली बार भाई का लंड हाथ में लिया और हाथ से हिलाने लगी.
‘भाई कुछ हुआ??? कुछ झनझनी हुई???’ मैंने पूछा
‘नही दीदी….कुछ नही हुआ’ छोटू बोला
मैंने उसके लंड को हाथ से पकडके सहलाती रही. फिर हाथ से फेटने लगी. धीरे धीरे छोटू को कुछ कुछ होने लगा.
‘मुमताज दीदी!! मेरे लंड में कुछ हो रहा है. कुछ लग रहा है’ छोटू बोला.
मैं खुश हो गयी और अपने हाथों से जोर जोर से छोटू का लंड फेटने लगी. कुछ देर बाद दोस्तों छोटू का लंड बिलकुल से सीधा खड़ा हो गया. छोटू परेशान था.
‘दीदी ये मेरे लंड में क्या हुआ??? कहीं कोई बीमारी तो नही हो गयी??” छोटू परेशान होकर बोला
‘अरे नही पगले! तेरा लंड तो खड़ा हो गया है. इसे लंड खड़ा कहना कहते है. अब तू मुझे चोद पाएगा’’ मैंने कहा और मैं नंगी ही गयी. मैं घर में स्कर्ट पहनती थी. मैंने अपनी स्कर्ट और पजामी उतार दी. मैंने अपनी चड्ढी भी उतार दी. मेरा प्यारा छोटा भाई छोटू मेरे मस्त मस्त मम्मे सहलाने लगा. मैंने उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. मेरे होठ बहुत ही सुंदर थे. इससे ही मैं भाई के लौड़े को चूस रही थी. छोटू जमीन पर खड़ा हुआ था. जबकि मैं घुटनों के बल फर्श पर बैठी थी. फिर दोस्तों मैं छोटू के लंड को हाथ में ले लिया और मल मलकर चूसने लगी. आज १४ साल का मेरा भाई मुझे चोदने वाला था. मैं भगवान से मनाने लगी की सब कुछ ठीक हो. भाई मुझे अच्छे से चोद पाए. क्यूंकि आज मेरा और उसका दोनों का पहला चांस था. मैं सर को आगे पीछे कर रही थी और छोटू का खूबसूरत लंड चूस रही थी. फिर जब उसका लंड टपकने लगा और माल छोड़ने लगा तो मैं जान गयी की अब वो मुझे चोद देगा.
‘भाई!! आजा, अब मेरी चुचि पी!!’ मैंने छोटू से कहा
‘दीदी !! क्या हर लड़का किसी जवान चुदासी लकड़ी की चुचि पीता है??” छोटू ने पूछा
‘हाँ भाई यही दस्तूर है. लड़के लड़कियों की मस्त मस्त चुचि पीते है. इससे लडकियाँ गर्म हो जाती है और बड़ी आसानी से चुदवा लेती है. भाई इसे रोमांटिक भाषा में फोरप्ले कहा जाता है. भगवान ने जवान खूबसूरत लड़कियों की मस्त मस्त छातियाँ इसी लिए बनाई की लड़के उसे पी सके और मजे ले सका. इससे और जादा कामुकता भड़क जाती है. लड़की की चूत और जादा गर्म हो जाती है और उसकी चूत चुदवाते समय आसानी से लड़के का लौड़ा खा लेती है. इसलिए तुझसे कह रही हूँ छोटू मुँह लगाकर मेरी चुच्ची पी ले’ मैंने कहा. दोस्तों मैं इतना जादा चुदासी हो गयी थी की मैं जमीन के फर्श पर लेट गयी थी. मेरा भाई छोटू मेरे बगल ही सटकर लेट गया था. वो मेरी नर्म छातियों से मुँह लगाकर मेरे दूध पी रहा था. आज पहली बार मैं कीसी को अपने दूध पिला रही थी. बड़े जुगाड़ से मैंने भाई को बताया था.
धीरे धीरे छोटू को मजा आने लगा. वो दांत से चबा चबाकर मेरे दूध पीने लगा. मेरे कबूतर बेइन्तहा खूबसूरत थे. धीरे धीरे मेरा भाई छोटू सब जान गया और मजे से मेरे दूध पीने लगा. मैंने प्यार से उसके सर पर हाथ रखके फेरने लगी. भाई के बालों में मैं अपनी उँगलियाँ चलाने लगी. छोटू मजे से मेरे दूध पीने लगा. फिर वो मेरी चूत पर आ गया.
‘छोटू!! मेरे भाई, मैं जैसा जैसा कह रही हूँ तू करता जा. जिस तरह से मैंने तेरा लंड चूसा है वैसे वैसे तुझे अब मेरी चूत पीनी है. चल बेटा काम पर लग जा!!’ मैंने उसे समझाया. मेरा सगा और १४ वर्षीय सगा भाई छोटू मजे से मेरी चूत पीने लगा. मैं मचलने लगी. मैं जितना समझती थी मेरा भाई उससे कहीं जादा होशियार निकला. वो मेरे चूत के होंठों पर उसकी पंखुड़ियों पर अपने पैने दाँतों से जोर जोर से काटने लगा. मैं सिसक पड़ी और उछल पड़ी. ‘छोटू! मेरे भाई आराम से कर’ मैंने कहा. छोटू ने अच्छे से मेरी चूत मुँह में लगाकर पी. अब उसे मुझे चोदना था.
‘दीदी! अब क्या करना है बताओ??” वो मासूमियत से बोला.
‘छोटू !! अब तुझे अपना लंड लेकर मेरे भोसड़े पर रखना है. एक जोर का धक्का देना है उसके बाद मेरी चूत की सील टूट जाएगी. फिर तुम अपने लंड को अंदर बाहर करने लगना. तुमको भी इसमें मजा आएगा’ मैंने कहा. छोटू ने ऐसा ही किया. अपने कुवारे लंड को मेरे मलाई जैसी चूत पर उसने रखा और जोर का धक्का मारा. ‘माँ…..मर गई मै…आआअह्हह्हह!! उईईईई..’ मैं रोने लगी क्यूंकि दोस्तों मेरी चूत में बेपनाह दर्द उठ रहा था. छोटू मुझे चोदने लगा. अब उसे कुछ बताना, कुछ समझाना नही पड़ रहा था. वो कमर चला चलाकर मुझे चोदने लगा. मेरी तो गांड फट चुकी थी. मैंने एक नजर नीचे देखा तो मेरी छोटी सी चूत खून से सराबोर थी. बहुत सारा खून भाई के लंड में भी लगा चूका था. अब मैं कुवारी नही रह गयी थी. मैंने अपने कुवारेपन को अपने छोटे भाई छोटू के साथ तोड़ दिया था.
फिर तो छोटू ने मुझे दोनों हाथो पर कन्धों से पकड़ लिया और मुझे जोर जोर से हुमक हुमक कर चोदने लगा. जहाँ मुझे बहुत दर्द हो रहा था, भाई तो बड़ा मजा आ रहा था. ‘क्यों दीदी…..चुदवाने में कैसा लग रहा है??? मजा आ रहा है की नही ???” उसने पूछा. पर दर्द के मारे मैं कुछ नही बोल पा रही थी. मैं ऊऊऊऊऊ…हा हा हा आ आ आ करके आहें भर रही थी. भाई मुझे कसके चोद रहा था. लगभग २० मिनटों बाद छोटू मेरी चूत में आउट हो गया था. वो हांफ रहा था. आउट होने के बाद बड़ी देर तक वो मुझ पर लेता रहा. उसका लंड अभी भी मेरी चूत में था और सख्त था. फिर धीरे धीरे उसका लंड डाउन हो गया और मेरी चूत से बाहर निकल गया. मैं अपने सगे भाई की रंडी बन चुकी थी. छोटू ने पुचकार कर मुझे गाल पर चूम लिया. मुझे अच्छा लगा. फिर वो मेरे ओंठ पीने लगा.
‘क्यूँ दीदी अभी जो मैंने आपके साथ किया उसे ही चुदवाना कहते है??’ उसने पूछा
‘हाँ भाई! इसे ही चुदवाना कहते है’ मैंने जवाब दिया
‘क्यों दीदी मजा आया चुदकर?? कुछ फीडबैक तो दो’ छोटे बोला
‘हाँ बहुत मजा आया भाई. जब तुम्हारा लंड मेरी गुलाबी चूत के छेद में अंदर बाहर हो रहा था, उस वक़्त तो मुझे बहुत मजा आया. मेरी चूत पानी पानी हो गयी थी. पर भाई साथ में दर्द भी बहुत हुआ’ मैंने सुबकते हुए कहा.
‘कोई बात नही दीदी.. अब दूसरी बार जब तुम्हारी चूत लूँगा तो दर्द कम होगा’ छोटू बोला. भोसड़ी का!! अभी कुछ मिनट पहले मेरा भाई चूत चोदन के बारे में कुछ नही जानता था और अब मेरी चूत मारने के बाद देखो कैसे बड़ी बड़ी बातें पेल रहा है मैं अपने मन में सोचने लगी. कुछ देर बाद हम दोनों का ठुकाई का मौसम फिर से बन गया. मैंने छोटू का लंड चूसने लगे. अब उसका लंड भी कुवारा नही रह गया था. उसके लंड का धागा जो नीचे की तरह होता है टूट चूका था. मेरी चूत में तो खूब खून निकला ही था, छोटू के लंड की डोरी टूटने से भी काफी खून निकला था. फिर वो बाथरूम से एक कपड़ा भीगा कर ले आया है और मेरी चूत और अपने लंड को अच्छे से साफ़ कर दिया था. अब एक बार फिर से हम भाई बहन का ठुकाई का मन बन चूका था. मैं भाई का लंड चूसने लग गयी थी. आज पहली बार छोटू ने मुझे नंगा बिना कपड़ों के देखा था. मैं बिना कपड़ों के बहुत सुंदर लग रही थी. मेरा हाथ पैर बड़े गोरे गोरे और चिकने थे. आज छोटू से मेरे बेहद आकर्षक और खूबसूरत मम्मे देख लिए थे. उसके अलावा उसने मेरी प्यारी सी चिकनी चमेली चूत भी देख ली थी. अब मैं उसका लंड चूसन कर रही थी. छोटू को बहुत मजा आ रहा था.
‘दीदी !! जोर जोर से मेरा लंड चुसो! अपने मुँह में मेरे लंड को पूरा अंदर जड़ तक ले लो’ भाई बोला. ये सुनकर मैं और जोश में आ गयी. सर हिला हिलाकर भाई का लंड चूसने लगी. कहीं मेरे मम्मी पापा आ जाते तो मेरी गांड मार देते. मुझे सायद घर से निकाल देते. मैं अच्छे से भाई का लंड चूसती रही और उसका लंड लोहे जैसा सख्त हो गया. छोटू एक बार फिर से मेरे उपर लेट गया. हम दोनों बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह प्यार करने लगी. ‘दीदी! तुम बड़ी जोर की माल हो! अब मैं तुमसे प्यार करूँगा और रोज तुम्हारी चूत बजाऊंगा!’ छोटू बोला. फिर वो मेरे ओंठ पीने लगा. मैं पूरी तरह नंगी थी, जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था. हम भाई बहन जो कर रहे थे वो गलत था और पाप था. पर जिस पाप को करने में मजा मिले उसे कर लेना चाहिए. छोटू बड़ी नाज और प्यार से मेरे गले, कान, कंधे में चुम्मी देने लगा. जब उसका गला मेरे गले से छू रहा था तो मुझे बड़ी गुदगुदी हो रही थी. बड़ा सुखद अहसास था वो. फिर छोटू अपने दांतों से मेरे निचे के ओंठ चबाने लगा जिससे बिंदु बिंदु से बन गये.
हम दोनों एक दुसरे से छेड़खानी करने लगे और अनेक तरह की शरारते करने लगे. आज के लिए मैं अपने भाई की माल बन गयी थी. प्यार करते करते छोटू एक बार फिर से मेरे मम्मो को मुँह में भरके पीने लगा. मुझे बहुत मजा मिलने लगा. लगा की जन्नत मिल गयी है. छोटू किसी बच्चे की तरह मेरे दूध पीने लगा. मुलायम दूध को वो अपने तेज दांत से काट रहा था. जहाँ मुझे मजा भी मिल रहा था, वही दर्द भी मेरे मम्मे में हो रहा था. छोटू का सीधा हाथ नीचे चला गया. मैं जान गयी की अब वो मुझे फिर से चोदेगा. छोटू ने अपने लंड को पकड़ लिया और मेरी गुलाबी छोटी सी कमसिन सी चूत का रास्ता देखने लगा. मैंने दोनों टांगे खोल दी जिससे छोटू आराम से मेरी चूत का सुराख दूड ले. फिर थोडा भटकने के बाद छोटू के मोटे प्यारे लंड को मेरी चूत मिल गयी. उसने लंड अंदर डाल दिया मुझे चोदने लगा. मैं आँखें बंद कर ली और इश्वर का ध्यान लगाकर चुदवाने लगी. छोटू गचागच मुझे चोदने लगा. बड़ी जादुई, बड़ा करिश्माई थी वो चुदाई. मैंने अपनी टांगो को हाथ से पकड़ के फैला दिया. छोटू के लंड की ट्रेन मेरी चूत की गहराइयों में दौड़ने लगी. वो कमर जल्दी जल्दी चलाकर मुझे चोदने लगा.
‘भाई!! चोद मुझे! कसके ले भाई!…किसी रंडी की तरह चोद मुझे!…तू मेरा प्यारा भाई है ….इसलिए चोद!!…आज मुझे चोद चोदके पेट से कर दे’ मैं तरह तरह से चिल्लाने लगी. छोटू बड़े जोश और ताव में आ गया. ‘ले बहना!! आज अपने भाई का लंड खा ले!!….ले आज जी भरके चुदवा ले!! अपनी यौन इक्षा को संतुस्ट कर ले!!…ले ले ले!!’ भाई बोला और गचागच मुझे चोदने लगा. वो इतना जूनून में आ गया की मुझे गाल पर चांटे ही चांटे मारने लगा. मेरे कड़े कड़े नुकीले मम्मो पर भी छोटू जोर जोर से चांटे जड़ने लगा. इससे एक नई प्रकार की उतेज्जन मुझे मिलने लगी. दोस्तों, मेरा भाई छोटू अब किसी जानवर में परवर्तित हो गाया था. वो बिलकुल कोई भेड़िया बन चूका था. जैसी नर भेड़िया मादा भेड़िया को पीछे से गचा गच पेलता है, ठीक उसी तरह मेरा भाई छोटू मुझे खाने लगा.
मेरे बहन की एक एक हड्डी चट चट करके आवाज करने लगी. मेरा एक एक रोंया भाई से चुदते समय जाग गया. इस समय मैं चुद रही थी और मेरी हालत उसी तरह की थी जैसी किसी मोटर साइकिल को १०० की रफ्तार में दौड़ाते है. छोटू मुझे जल्दी जल्दी चोद चोदकर १०० किलोमीटर पति घंटा की रफ्तार से दौड़ा रहा था. उसके एक एक झटके पर मेरा बहन नाच रहा था. छोटू ने मुझे ऐसा पेला था की मौज आ गयी थी. मेरे सर और माथे पर पसीना ही पसीना छलक आया है. मेरा प्यारा भाई अभी भी मुझसे प्यार कर रहा था. अभी भी वो खटाखट धक्के मार रहा था. बड़ी देर वो चुकी थी उसका लंड खाये पर छोटू अभी भी नही झडा था. मैं भी चाहती थी की वो कभी न झड़े और मुझे खाता रहे. फिर भाई बुबुआने लगा. उसने मुझे जोर से अपने में कस लिया और ताबडतोड़ करिश्माई तरह से मेरी चूत में लौड़ा देने लगा. उसने मुझे बाहों की किसी छिनाल की तरह कस लिया और शानदार धक्के देते देते छोटू का लंड मेरी चूत में शहीद हो गया.
‘दीदी!! आई लव यू!!…दीदी !! आई लव यू!!’ छोटू बोलने लगा.
‘आई लव यू भाई!!!….आई लव यू वैरी मच!!’ मैंने जवान दिया.
छोटू मेरी चूत में शहीद हो चूका था. हम दोनों पसीने से भीग गये थे. हम दोनों अभी भी प्यार कर रहे थे. वो उतेज्जना में मेरे हाथो की उँगलियाँ अपने मुँह में डालकर चाट रहा था. फिर वो मेरे ओंठ पीने लगा. कुछ देर बाद मम्मी पापा बाहर से लौट आये. उस दिन के बाद दोस्तों मैं अपने भाई की परमानेंट माल बन गयी. जब भी छोटू कहता ‘दीदी चूत दे दो’ मैंने बिना किसी बहाने के उसको चूत दे देती थी. आज ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.