Bahan Bhai Sex Story Rasili Choot ki Chudai Kahani : मेरा नाम राहुल है। मैं 25 साल का हूँ, एक जवान, सांवला मर्द, जिसका जिस्म जिम में तराशा हुआ है। मेरा 8 इंच का मोटा, काला लंड किसी भी चूत को पागल कर देता है, उसकी नसें उभरी हुई, और सुपारा लाल, चमकदार, जैसे किसी रसीली चूत को फाड़ने के लिए तैयार हो। मेरी छोटी बहन, सपना, 20 साल की है—एक कांमसी, देसी लड़की, जिसका गोरा, चिकना जिस्म, छोटे लेकिन सख्त, रसीले चूचियाँ, और गोल, मोटी, भारी गांड किसी को भी लंड खड़ा कर देती है। सपना की चूत हमेशा गीली, गरम और रसीली रहती थी, जैसे कोई मखमली फूल जो चुदाई के लिए तरस रहा हो। मैंने कई बार उसे अपनी चूत रगड़ते हुए देखा—रात को उसके कमरे से सिसकियाँ सुनाई देतीं, “आह… मेरी चूत को लंड चाहिए!” हमारे मम्मी-पापा गाँव में रहते थे, और हम दोनों शहर के एक फ्लैट में पढ़ाई-काम के लिए रहते थे। सपना की चूचियों और गांड को देखकर मेरी चूत की भूख बढ़ती थी, और मैंने कई बार सोचा, “काश सपना की रसीली चूत को चोद सकूँ… उसकी चूचियाँ चूस सकूँ, और उसकी गांड को फाड़ सकूँ!” मेरी लंड पैंट में तन जाती, और मैं अपनी चूत में उंगली डालकर मुठ मारता था, सपना की चूत की कल्पना करते हुए।
हमारा फ्लैट शहर के एक शांत, सेक्सी इलाके में था, जहाँ रातें ठंडी हवाओं और सन्नाटे से भरी होती थीं, लेकिन मेरी चूत की भूख उस सन्नाटे को तोड़ देती थी। एक सुबह सपना कॉलेज से लौटी। उसने एक टाइट, लाल टॉप और छोटे, पारदर्शी शॉर्ट्स पहने थे, जिसमें उसकी चूचियाँ साफ उभर रही थीं, उसके निप्पल सख्त होकर टॉप से बाहर निकलने को बेताब थे। उसकी गांड शॉर्ट्स में लचकती दिख रही थी, हर कदम पर उसकी गोल, मोटी गांड हिलती थी, जैसे चुदाई का न्योता दे रही हो। उसकी चूत की गर्मी मेरी पैंट में मेरे लंड को और सख्त कर रही थी, उसकी हर सिलवट मेरी आँखों में तैर रही थी। मैंने कहा, “सपना, आज तू बहुत सेक्सी लग रही है। चल, मेरे साथ बैठते हैं… कुछ खास करें?” सपना शरमाई, लेकिन उसकी आँखों में एक चुदाई की भूख थी, जो मेरी लंड को और तनने पर मजबूर कर रही थी। मैंने सोचा, “आज सपना की रसीली चूत को चोदूँगा… उसकी चूचियाँ चूसूँगा, और उसकी गांड को फाड़ डालूँगा!”
एक रात बारिश की तेज़ फुहारें खिड़कियों पर पड़ रही थीं, और हवा में एक अजीब सी गरमाहट थी। घर में सिर्फ मैं और सपना थे। मम्मी-पापा गाँव में थे, और फ्लैट में सिर्फ हमारा जिस्म की गर्मी थी। मैंने एक बोतल व्हिस्की निकाली और सपना को भी दी। हमने दारू पी, और मेरी लंड और सपना की चूत दोनों गरम हो गए। सपना का टॉप गीला हो गया था, और उसकी चूचियाँ साफ दिख रही थीं, उसके निप्पल सख्त होकर टॉप से बाहर निकलने को बेताब थे। मैंने उसकी तरफ देखा और बोला, “सपना, तेरा जिस्म तो माल है। मेरी लंड तुझसे तड़प रही है।” सपना सिसकी, “भैया, ये गलत है… लेकिन मेरी चूत को लंड चाहिए, बिना चुदे मैं नहीं रह सकती। मेरी चूत तो रसीली है, इसे चोद डालो!” मेरी लंड और सख्त हो गई, और मैंने उसकी टॉप पर हाथ रखा। उसकी चूचियाँ मेरी हथेलियों में दब गईं, और मैंने उसकी टॉप को एक झटके में फाड़ दिया।
सपना की छोटी, सख्त, रसीले चूचियाँ मेरे सामने नंगी हो गईं, गोल, सख्त, और निप्पल लाल, उभरे हुए। मैंने उसकी एक चूची को अपने मज़बूत, खुरदुरी हाथ में लिया और ज़ोर से दबाया। मेरी उंगलियाँ उसके निप्पल को मसल रही थीं, और मैंने उसकी चूची को अपने गर्म, गीली जीभ से चूमा। सपना सिसक उठी, “आह… भैया, मेरे चूचियाँ चूस डालो… फाड़ डालो इनको!” मैंने उसकी दूसरी चूची को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। मेरी जीभ उसके निप्पल पर तेज़ी से घूम रही थी, जैसे कोई बच्चा दूध पी रहा हो। सपना ने मेरे बाल पकड़े और चीखी, “भैया, मेरी चूचियाँ फाड़ डालो… मेरी चूत गरम हो रही है… इसे चोद डालो!” मेरी लंड पैंट में फटने को तैयार थी, और मैंने उसकी शॉर्ट्स खींची।
सपना की शॉर्ट्स और पैंटी एक झटके में उतर गईं। उसकी नंगी चूत मेरे सामने थी—गीली, गुलाबी, और रसीली, उसकी हर सिलवट पानी से चमक रही थी, जैसे कोई मखमली फूल हो। उसकी गांड का उभार चिकना, मोटा, और गोल था। मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में डालीं, और वो चिल्ला उठी, “आह… भैया, मेरी चूत में आग लग रही है!” मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर फेरी, और वो पागल हो गई। वो बोली, “चाट डालो… मेरी चूत को चूस डालो… इसे लंड दो!” मैंने उसकी चूत को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसकी गर्म, गीली चूत का स्वाद मेरे मुँह में भर गया, और उसकी गांड उछल रही थी। मैं चीखा, “सपना, तेरी चूत तो रसीली है… इसे आज मेरा लंड फाड़ेगा!”
मैंने अपनी पैंट उतारी। मेरा 8 इंच का मोटा, काला लंड बाहर लहराने लगा, नसें उभरी हुई और सुपारा लाल, चमकदार। सपना ने इसे देखा और बोली, “भैया, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” मैं हँसा और बोला, “सपना, आज तेरी चूत और गांड का भोसड़ा बनाऊँगा। तेरी रसीली चूत को चोद-चोदकर प्रेग्नेंट करूँगा।” मैंने उसे सोफे पर लिटाया। उसकी टाँगें चौड़ी कीं, और मैंने अपना लंड सपना की चूत पर रगड़ा। उसका सुपारा सपना की चूत की फाँकों को चीर रहा था, और उसकी चूत का पानी टपकने लगा। सपना चिल्लाई, “डाल दे, भैया… मेरी चूत को फाड़ डाल!” मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा, और मेरा लंड सपना की चूत में पूरा घुस गया। सपना की चूत टाइट थी, और वो चीख पड़ी, “आह… मेरा हो गया… मेरी चूत फट गई!” मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और सपना की चूचियाँ उछल रही थीं। उसकी चूचियाँ हवा में लटककर हिल रही थीं, और मैंने उन्हें अपने मज़बूत हाथों में भर लिया। मैं सिसका, “सपना, तेरी चूत तो रसीली है… इसे चोद-चोदकर फाड़ दूँगा!”
मैंने सपना को घोड़ी बनाया। उसकी मोटी, गोल गांड मेरे सामने थी, चिकनी, उभरी हुई, और रसीली। मैंने उसकी गांड पर चार ज़ोरदार थप्पड़ मारे, और उसकी गांड लाल होकर हिलने लगी। मैं बोला, “सपना, तेरी गांड भी चोदूँगा… इसे मेरे लंड से फाड़ दूँगा!” सपना सिसकी, “चोद दे, भैया… मेरी गांड फाड़ डाल!” मैंने अपने लंड पर थूक और तेल लगाया, फिर उसकी गांड में धीरे से डाला। सपना चीखी, “आह… मेरी गांड फट गई!” मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और उसकी गांड को चोदा। उसकी चूचियाँ हिल रही थीं, और उसकी चूत टपक रही थी। मैं सिसका, “सपना, तेरी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम हैं!”
रात गहराई, और हमारी चुदाई का जुनून बढ़ता गया। मैंने सपना को बेडरूम में ले जाया। उसने मुझे बिस्तर पर पटका, और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। मेरी चूत और गांड दोनों उसके सामने खुली थीं। मैंने मेरी चूत में लंड पेला, और सपना चिल्लाई, “आह… भैया, मेरी चूत को चोद डाल… इसे फाड़ डाल!” मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक जा रहा था। मैंने उसके चूचियाँ अपने मुँह में लिए और चूसने लगा। सपना सिसकी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ डालो!” मैंने उसकी गांड में उंगली डाली, और वो चीखी, “मेरी गांड में लंड डाल, इसे भोसड़ा बना डाल!” मैंने उसकी गांड में लंड ठूंस दिया, और उसकी चीखें कमरे में गूँजने लगीं। उसकी चुदाई से मेरा लंड और सख्त हो गया।
मैंने सपना को बाथरूम में ले जाया। शावर चालू था, और पानी हमारे नंगे जिस्मों पर पड़ रहा था। सपना की चूचियाँ पानी से चमक रही थीं, और उसकी गांड गीली होकर और रसीली लग रही थी। मैंने उसे दीवार से सटाया और मेरी चूत में लंड पेला। वो चिल्लाई, “आह… भैया, मेरी चूत को चोद डाल… इसे फाड़ डाल!” मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक जा रहा था, और पानी उसकी चूचियों पर टपक रहा था। मैं बोला, “सपना, तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है!” वो सिसकी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ डाल!”
मैंने सपना को बेडरूम में फिर से ले जाया। उसने मुझे बिस्तर पर पटका, और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। मैंने मेरी चूत में लंड डाला, और वो चिल्लाई, “आह… भैया, मेरी चूत को फाड़ डाल… मेरी गांड में लंड डाल!” मैंने उसकी गांड में लंड ठूंस दिया, और उसकी चीखें कमरे में गूँजने लगीं। मैंने उसकी चूचियाँ चूसी, और उसकी चूत को रगड़-रगड़कर लाल कर दिया। हमारी चुदाई तीन घंटे तक चली, और सपना की चूत और गांड मेरे लंड से जवान हो गईं।
सुबह हुई, और मैं सपना की बाहों में नंगी पड़ा था। उसकी चूत सूजकर लाल हो गई थी, गांड फटकर दर्द से काँप रही थी, और उसकी चूचियाँ मेरे दबाने से नीले पड़ गए थे। वो बोली, “भैया, तेरा लंड मेरी चूत और गांड का राजा है।” मैंने उसकी चूत में माल छोड़ा और बोला, “सपना, तेरी रसीली चूत को चोदकर मज़ा आ गया। तेरी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम हैं।” सपना ने मेरे लंड को मुँह में लिया और चूसते हुए बोली, “भैया, मेरी चूत को फिर चोद, इसे फाड़ डाल… मेरी गांड को भी भोसड़ा बना डाल!” हमने सुबह की गरम चुदाई शुरू की, और यह एक हॉट, वाइल्ड रात और सुबह थी, जो कभी खत्म नहीं हुई।