मैं और मेरी ननद – हॉट चुदाई की कहानी

Bhabhi aur Nanad Ek Sath Sex मेरा नाम रजनी है। मैं 30 साल की हूँ, एक सुंदर, सेक्सी और जवान पत्नी, जिसका जिस्म किसी को भी पागल कर दे। मेरा गोरा, चिकना बदन, बड़े-बड़े रसीले चूचियाँ जो साड़ी में उभरकर फटने को तैयार रहते हैं, और मोटी, गोल, भारी गांड जो चलते वक्त लचकती है, किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर सकती हैं। मेरी चूत हमेशा गीली, गरम और भूखी रहती थी, और मैं अपने पति, विकास, के मोटे, 8 इंच के लंड से हर रात संतुष्टि पाती थी। विकास 35 साल का था—लंबा, सांवला, और मज़बूत जिस्म, जिसकी चौड़ी छाती, खुरदुरी बाहें और मोटा लंड मेरी चूत को पागल कर देता था। मेरी ननद, रानी, 24 साल की थी—एक कांमसी, देसी लड़की, जिसका सांवला, चिकना जिस्म, मोटी, लटकती चूचियाँ, और गोल, भारी गांड किसी को भी लंड खड़ा कर देती थी। उसकी आँखों में मेरे पति के लिए एक जंगली, कामुक भूख थी, और मेरी चूत उस वक्त से गर्म हो गई थी। मैंने उसकी चूचियों और गांड को देखकर सोचा, “काश विकास इसे चोदे, और मैं इसे देखते हुए अपनी चूत रगड़ूँ!”

एक रात बारिश की तेज़ फुहारें खिड़कियों पर पड़ रही थीं, और हवा में एक अजीब सी गरमाहट थी। घर में सिर्फ मैं, विकास, और रानी थे। मैंने एक टाइट, लाल साड़ी पहनी थी, जिसमें मेरी चूचियाँ ब्लाउज़ से बाहर निकलने को बेताब थीं, और मेरी गांड का उभार साफ झलक रहा था। मेरी साड़ी का पल्लू हल्का सा नीचे सरक गया था, और मेरे निप्पल सख्त होकर ब्लाउज़ से उभर रहे थे। विकास सिर्फ एक ढीली, काली पैंट में था, और उसका मोटा, 8 इंच का लंड पैंट में उभरकर साफ दिख रहा था, मानो चुदाई के लिए बुला रहा हो।

रानी ने एक काली, पारदर्शी नाइटी पहनी थी, जिसमें उसकी मोटी, लटकती चूचियाँ और भारी, गोल गांड उभर रही थीं, जैसे चुदाई का न्योता दे रही हों। आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। मैंने बेडरूम में एक लकड़ी की कुर्सी रखी, और उस पर बैठ गई। कमरे में एक छोटा सा लैंप जल रहा था, जो हमें हल्की सुनहरी रोशनी में डाल रहा था। मेरी चूत गीली हो रही थी, और मेरे निप्पल साड़ी में और सख्त हो गए थे। मैंने सिसकी, “विकास, रानी को मज़ा दे, मेरी चूत भी गरम हो रही है। मैं देखूँगी और अपनी चूत को रगड़ूँगी।” विकास ने रानी की नाइटी का गला खींचा, और उसकी मोटी, रसीले चूचियाँ बाहर उछल पड़ीं, निप्पल लाल और उभरे हुए।

विकास ने रानी की एक चूची को अपने मज़बूत, खुरदुरी हाथ में लिया और ज़ोर से दबाया। उसकी उंगलियाँ उसके निप्पल को मसल रही थीं, और उसकी गर्म, गीली जीभ उसकी चूची पर गोल-गोल घूम रही थी। रानी सिसक उठी, “आह… भैया, मेरे चूचियाँ चूस डालो… फाड़ डालो इनको!” मैं कुर्सी पर बैठी अपनी साड़ी के नीचे से अपनी चूत में दो उंगलियाँ डालने लगी। मेरे निप्पल साड़ी में सख्त होकर उभर रहे थे, और मेरी चूत का पानी मेरी जाँघों पर टपक रहा था। मैं सिसकी, “आह… मेरी चूत भी गरम हो रही है… विकास, इसे चोद, लेकिन पहले रानी को संतुष्ट कर!” मेरी साड़ी का पल्लू गिर गया, और मेरी चूचियाँ ब्लाउज़ में कसकर उभरने लगीं।

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मैंने अपनी चूचियाँ दबाईं, और मेरी सिसकियाँ कमरे में गूँजने लगीं, “आह… मेरी चूत को लंड चाहिए… इसे फाड़ डाल!” विकास ने रानी की नाइटी पूरी उतार दी। उसकी नंगी चूत मेरे सामने थी—गीली, गुलाबी, और गरम, उसकी हर सिलवट पानी से चमक रही थी, और उसकी गांड का उभार चिकना, मोटा था। विकास ने अपनी पैंट उतारी, और उसका 8 इंच का मोटा, काला लंड बाहर लहराने लगा, नसें उभरी हुई और सुपारा लाल, चमकदार। वो बोला, “रानी, तेरी चूत को आज मेरा लंड फाड़ेगा… इसे चोद-चोदकर भोसड़ा बनाऊँगा, और तेरी गांड को भी मज़ा दूँगा!” रानी चिल्लाई, “हाँ, भैया… मेरी चूत में लंड डाल, चोद डाल… मेरी चूचियाँ और गांड को भी फाड़ डाल!”

विकास ने रानी को बिस्तर पर लिटाया। उसकी टाँगें चौड़ी कीं, और उसने अपना लंड रानी की चूत पर रगड़ा। उसका सुपारा रानी की चूत की फाँकों को चीर रहा था, और उसकी चूत का पानी टपकने लगा। रानी चिल्लाई, “डाल दे, भैया… मेरी चूत को फाड़ डाल!” उसने एक ज़ोरदार झटका मारा, और उसका लंड रानी की चूत में पूरा घुस गया। रानी की चूत टाइट थी, और वो चीख पड़ी, “आह… मेरा हो गया… मेरी चूत फट गई!” विकास ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और रानी की चूचियाँ उछल रही थीं।

उसकी चूचियाँ हवा में लटककर हिल रही थीं, और विकास ने उन्हें अपने मज़बूत हाथों में भर लिया। उसकी खुरदुरी उंगलियाँ रानी के निप्पल को मसल रही थीं, और वो सिसक रही थी, “आह… मेरी चूचियाँ फाड़ डाल… मेरी चूत को चोद डाल!” मैं कुर्सी पर बैठी अपनी चूत को रगड़ रही थी, मेरी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह… मेरी चूत भी गरम हो रही है… विकास, इसे भी चोद, मेरी गांड को फाड़ डाल!” मेरी साड़ी पूरी खुल गई थी, और मैं अपनी चूचियाँ दबाते हुए अपनी चूत में तीन उंगलियाँ डाल रही थी। मेरी चूत का पानी बिस्तर पर टपक रहा था, और मैं पागल हो रही थी, “विकास, मेरी चूत को लंड दो… इसे फाड़ डाल!”

विकास ने रानी को घोड़ी बनाया। उसकी मोटी, गोल गांड उसके सामने थी, चिकनी और उभरी हुई। उसने रानी की गांड पर दो ज़ोरदार थप्पड़ मारे, और उसकी गांड लाल होकर हिलने लगी। वो बोला, “रानी, तेरी गांड भी चोदूँगा… इसे मेरे लंड से फाड़ दूँगा!” रानी सिसकी, “चोद दे, भैया… मेरी गांड फाड़ डाल!” उसने अपने लंड पर थूक और तेल लगाया, फिर रानी की गांड में धीरे से डाला। रानी चीखी, “आह… मेरी गांड फट गई!” विकास ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और रानी की गांड को चोदा।

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उसकी चूचियाँ हिल रही थीं, और उसकी चूत टपक रही थी। मैं बिस्तर पर चढ़ी, अपनी चूत राहुल की नज़रों में रखी, और बोली, “मेरी चूत को लंड दो, इसे फाड़ डाल… मेरी गांड को भी चोद, इसे भोसड़ा बना डाल!” विकास ने रानी की गांड में लंड रखा, और मेरी चूत में उंगली डाली। मैं सिसकी, “मेरी गांड में लंड डाल, इसे फाड़ डाल!” उसने मेरी गांड में धीरे से लंड डाला। मेरी गांड टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… मेरी गांड फट गई!” विकास ने मेरी और रानी की गांड को चोदा, ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारते हुए। हम तीनों की चुदाई का सिलसिला शुरू हुआ, जो रात भर चला।

रात गहराई, और हम तीनों की चुदाई का जुनून बढ़ता गया। विकास ने हमें बाथरूम में ले जाया। शावर चालू था, और पानी हमारे नंगे जिस्मों पर पड़ रहा था। मेरी चूचियाँ पानी से चमक रही थीं, और मेरी गांड गीली होकर और रसीली लग रही थी। रानी की चूचियाँ और गांड भी पानी से चमक रहे थे। विकास ने मुझे दीवार से सटाया और मेरी चूत में लंड पेला। मैं चिल्लाई, “आह… विकास, मेरी चूत को चोद डाल… इसे फाड़ डाल!” उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और पानी मेरे चूचियों पर टपक रहा था। वो बोला, “नीलम, तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है!” मैं सिसकी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ डाल!” पानी मेरी चूत से टपक रहा था, और उसकी चुदाई से मेरी सिसकियाँ गूँज रही थीं।

विकास ने रानी को मेरे पास लाया। उसने रानी की चूत में लंड डाला, और मेरी गांड में उंगली डाली। हम दोनों की चीखें बाथरूम में गूँज रही थीं। रानी चिल्लाई, “आह… भैया, मेरी चूत फाड़ डाल… मेरी गांड चोद!” मैं बोली, “मेरी चूत और गांड दोनों चोद, मुझे जन्नत दिखा!” विकास ने हमें फर्श पर लिटाया। उसने मेरी चूत में लंड डाला, और रानी की गांड में लंड ठूंस दिया। हम तीनों की चुदाई का तूफान तीन घंटे तक चला। मेरी चूत और रानी की गांड पानी, माल, और पसीने से भिगो गईं। विकास ने हमें बारी-बारी से चोदा, कभी मेरी चूत, कभी रानी की गांड। मेरी चूचियाँ और रानी की चूचियाँ एक-दूसरे से रगड़ रही थीं, और हमारी सिसकियाँ गूँज रही थीं, “चोद… और चोद… हमें फाड़ डाल!”

विकास ने हमें बेडरूम में फिर से ले जाया। उसने मुझे और रानी को बिस्तर पर पटका। उसने मेरी चूत में लंड डाला, और रानी की चूत में उंगली डाली। मैं चिल्लाई, “आह… विकास, मेरी चूत को फाड़ डाल… मेरी गांड में लंड डाल!” रानी बोली, “भैया, मेरी चूत और गांड चोद, मुझे संतुष्ट कर!” विकास ने लंड मेरी चूत से निकाला, और रानी की गांड में ठूंस दिया। उसकी चुदाई से बिस्तर हिल गया। मैंने रानी की चूचियाँ दबाईं, और विकास ने मेरी गांड में लंड डाला। मेरी गांड टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… मेरी गांड फट गई!” उसने मेरी और रानी की गांड को चोदा, ज़ोर-ज़ोर से, बेरहमी से। हम तीनों की चीखें और सिसकियाँ रात भर गूँजती रहीं।

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सुबह हुई, और मैं विकास और रानी की बाहों में नंगी पड़ी थी। मेरी चूत सूजकर लाल हो गई थी, गांड फटकर दर्द से काँप रही थी, और मेरे चूचियाँ नीले पड़ गए थे। रानी की चूत और गांड भी लाल थीं, और उसकी चूचियाँ विकास के दबाने से सूजी हुई थीं। विकास ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला, “नीलम, तेरी चूत और रानी की चूत मेरे लंड की गुलाम हैं।”

मैंने उसके लंड को मुँह में लिया और चूसते हुए बोली, “विकास, मेरी चूत को फिर चोद, इसे फाड़ डाल… मेरी गांड को भी भोसड़ा बना डाल!” रानी ने मेरी चूचियाँ दबाईं और बोली, “भैया, मेरी चूत और गांड को भी चोद, हमें रोज़ संतुष्ट रख।” हम तीनों ने सुबह की गरम चुदाई शुरू की—मेरी चूत में लंड, रानी की गांड में उंगली, और मेरे चूचियाँ और रानी की चूचियाँ एक-दूसरे से रगड़ते हुए। विकास ने हमें बाथरूम में फिर से ले जाया, और शावर के नीचे हमें चोदा। मेरी चूत और रानी की गांड पानी से चमक रही थीं, और उसकी चुदाई से हमारी चीखें गूँज रही थीं। यह एक वाइल्ड, हॉट रात और सुबह थी, जो कभी खत्म नहीं हुई।

विकास ने हमें बेडरूम में फिर से लाया। उसने मुझे और रानी को बिस्तर पर पटका, और एक नया खेल शुरू किया। उसने मेरी चूत में लंड डाला, और रानी की चूत में लंड ठूंस दिया। हम दोनों की चीखें गूँज रही थीं, और उसकी चौड़ी छाती हमारी चूचियों को कुचल रही थी। मैं चिल्लाई, “आह… विकास, मेरी चूत को फाड़ डाल… मेरी गांड में लंड डाल!” रानी बोली, “भैया, मेरी चूत और गांड दोनों चोद, मुझे जन्नत दिखा!” विकास ने हमें एक साथ घोड़ी बनाया, और हमारी गांड में बारी-बारी से लंड डाला। मेरी और रानी की चीखें कमरे में गूँजती रहीं, और उसकी चुदाई से हमारा जिस्म काँप रहा था। यह एक ऐसी जंगली चुदाई थी, जो हमें हमेशा के लिए संतुष्ट और पागल कर गई।