मैं अपने देवर को पसंद लगी कल रात के बाद

Devar Bhabhi Hot Hindi Sex Story – मेरा नाम माया है। मैं 32 साल की हूँ, और मेरे पति दिल्ली में एक बड़ी कंपनी में काम करते हैं। वो अक्सर टूर पर रहते हैं, जिसके कारण मैं घर में अकेली रहती हूँ। मेरे पति के छोटे भाई, मेरा देवर, विक्रम, 28 साल का है। वो हमारे साथ ही रहता है। विक्रम का शरीर गठीला है, उसकी छाती चौड़ी और आँखों में एक ऐसी चमक है जो किसी भी औरत की चूत में हलचल मचा दे। मैं हमेशा से उसे पसंद करती थी, लेकिन कल रात के बाद, मुझे लगता है मैं उसकी दीवानी हो गई हूँ।

कल रात घर में सन्नाटा था। मेरे पति टूर पर थे, और मैं अपने रूम में लेटी हुई थी। मैंने एक पतली सी नाइटी पहनी थी, जो मेरे शरीर से चिपकी हुई थी। मेरी चूची नाइटी में साफ दिख रही थी, और मेरा गांड हर कदम पर लचक रहा था। मैंने जानबूझकर नाइटी का गला थोड़ा नीचे कर लिया था, ताकि मेरी चूची की गहराई दिखे। मुझे पता था कि विक्रम मुझे देख रहा होगा। मैं रसोई में पानी लेने गई, और देखा कि विक्रम सोफे पर बैठा टीवी देख रहा था। उसकी नजर मुझ पर पड़ी, और उसकी आँखों में कामुकता की चमक साफ दिखी।

“भाभी, इतनी रात को क्या कर रही हो?” उसने पूछा, उसकी आवाज में एक कामुकता भरी मिठास थी। “बस, पानी लेने आई हूँ, विक्रम,” मैंने कहा, और जानबूझकर झुक गई, ताकि मेरी चूची का उभार उसे साफ दिखे। उसकी नजर मेरे चूची पर टिक गई, और मैंने देखा कि उसका लंड पैंट में सख्त हो रहा था। “भाभी, तुम बहुत कामुक लग रही हो,” उसने धीरे से कहा, और मेरी चूत में एक सिहरन दौड़ गई।

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मैं उसके पास सोफे पर बैठ गई, और हम बातें करने लगे। मेरी नाइटी का किनारा ऊपर सरक गया, और मेरा गांड साफ दिखने लगा। विक्रम की नजर मेरे गांड पर थी, और उसकी साँसें तेज हो रही थीं। “विक्रम, तुम्हें क्या लगता है, मैं कैसी हूँ?” मैंने पूछा, मेरी आवाज में कामुकता भरी थी। “भाभी, तुम्हारी चूची, तुम्हारा गांड, तुम्हारी चूत की गर्मी—मैं पागल हो रहा हूँ,” उसने कहा, और मेरा शरीर गर्म होने लगा।

उसने धीरे से मेरा हाथ पकड़ा, और मेरे करीब आ गया। उसकी साँसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं। मैंने उसकी आँखों में देखा, और फिर हम दोनों के होंठ मिल गए। उसने मुझे चूमना शुरू किया, उसके होंठ मेरे होंठों को चूस रहे थे, और उसकी जीभ मेरे मुँह में खेल रही थी। मेरी चूत गीली हो रही थी, और मैं उसकी बाहों में पिघल रही थी। उसने मेरी नाइटी ऊपर की, और मेरी चूची को चूसना शुरू किया। “अहह… विक्रम,” मैं सिसकारियाँ लेने लगी, मेरी चूची सख्त हो रही थी।

उसने मुझे सोफे पर लिटा दिया, और मेरी नाइटी उतार दी। मेरा नंगा बदन उसके सामने था। मेरी चूत गीली और गर्म थी, और मेरा गांड उसके सामने लचक रहा था। उसने अपनी पैंट उतारी, और उसका लंड बाहर आया—लंबा, सख्त, और गर्म। “भाभी, तुम्हारी चूत को मैं आज शांत कर दूँगा,” उसने कहा, और मेरा शरीर सिहर उठा। उसने अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ा, और मैंने सिसकारी ली, “चुदाई करो, विक्रम, मुझे और मत तड़पाओ।”

उसने अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया, और धीरे-धीरे चुदाई शुरू की। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी। “चुदाई करो, और जोर से!” मैंने कहा, और उसने रफ्तार बढ़ा दी। मेरा गांड उसके हर धक्के से हिल रहा था, और मेरी चूची हवा में उछल रही थी। उसने मेरे गांड को पकड़ा, और जोर-जोर से चुदाई की। “भाभी, तुम्हारी चूत स्वर्ग है,” उसने कहा, और मैंने उसकी कामुकता में खोकर सिसकारी ली।

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हमारी चुदाई तेज हो गई। उसने मुझे पलटा, और मेरा गांड ऊपर कर दिया। उसने मेरे गांड को चाटा, और फिर अपने लंड को मेरी चूत में डालकर फिर से चुदाई शुरू की। मैं चिल्ला रही थी, “विक्रम, और जोर से!” उसका लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था, और मेरा शरीर काँप रहा था। उसने मेरी चूची को पकड़ा, और उन्हें चूसते हुए चुदाई की। मेरा शरीर झटके खाने लगा, और मैं झड़ गई। मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, और विक्रम ने भी अपने लंड को बाहर निकालकर मेरे गांड पर अपना पानी छोड़ दिया।

हम दोनों सोफे पर लेट गए, पसीने से तर, मेरी चूची उसकी छाती पर दबी हुई थी। उसने मेरे होंठों पर एक आखिरी चूमना किया, और मेरे गांड को सहलाया। “भाभी, तुमने मुझे दीवाना कर दिया,” उसने कहा, उसकी आँखों में अभी भी कामुकता थी। मैंने मुस्कुराकर कहा, “विक्रम, ये रात मेरे लिए यादगार है।” उसने मेरे चूची को फिर से दबाया, और कहा, “फिर से करें?” मैंने हँसते हुए कहा, “देखते हैं, शैतान!” हमारी कामुकता उस रात चाँदनी की तरह चमक रही थी।