हैलो दोस्तो, मेरा नाम आशु पाठक है मै बलिया यूपी का रहने वाला हूँ | ये कहानी मेरे पड़ोसन मनीषा भाभी के साथ दीवाली की छूटी मे चोद्ने के संबंध मे हैं. कहानी से पहले अपने बारे मे शॉर्ट मे बता दू मैं एक शादीशुदा इंसान हूँ मेरी शादी के सात साल हो गये और मैं अपने बीबी से काफ़ी खुश हूँ. ये घटना 2015 दीवाली की छूटी की हैं जिसमे मैने अपनी पड़ोसी मनीषा भाभी की गर्मी शांत किया. मेरे पड़ोसी अविनाश भैया की शादी मेरे से 2 साल पहले हुई थी वो हमएस विदेश मे ही रहते हैं कभी कभार घर आते हैं तब भाभी को चोद्ते होंगे | मनीषा भाभी की हाइट लगभग 5 फिट 2 इंच होगी और गाड़ 38 की होगी जो उनकी सुंदरता बढ़ाती हैं. मेरे लण्ड का साइज़ 6 इंच है और ये गोलाई में 2.5 इंच मोटा है जो की किसी भी लेडीस को चोद्ने के लिए काफ़ी हैं. अब मैं कहानी पे आता हूँ घर जाने के एक दिन बाद मैं भाभी के घर मिलने के लिए गया जाते ही मैने पूछा अविनाश भैया दीवाली पे नही आए भाभी ने उदास होकेर बोला नही. मैने बोला कोई बात नही मैं तो हूँ फिर भाभी ने कहा की आपको अपनी बीबी से फ़ुर्सत होगी तब न , मैने बोला आप किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो मेरे से बोलना हमलोग आपस मे बाते कर रहे थे उनके दूसरी मंज़िल के बालकनी मे बैठ कर, तभी गली मे सामने एक कुत्ता और कुत्तिया आए और कुत्ता दौड़ कर कुत्तिया के पीछे से पकड़ कर चोद्ने लगा.
दोस्तों सोचो जब एक महिला काफ़ी दीनो से बिना चुदि हो और यैसा सीन सामने आ जाए फिर तो लेडीस के तन बदन मे आग लगना लाजमी हैं. भाभी ने बोला आशु दूसरी तरफ़ मुँह कर के बैठ जाओ मैने बोला क्या हुआ तो वो शरमा गयी और बोली कुछ नही. मैने बोला भाभी वो भी तो एंजाय कर रहे हैं भाभी थोड़ी सी हल्के गुस्से मे बोली अभी जाओ बाद मे बात करते हैं तुम पहले से बेशर्म हो गये हो मैने बोला भाभी सॉरी जब मान ठीक हो जाए तब बात करेंगे फिर मैं अपने घर आ गया. उनके घर के सीढ़ी उतरते मान ही मान ये सोच कर खुश हो रहा था की ये कुत्ते की चुदाई देख कर मनीषा के बुर की दबी आग ताजी हो गयी होगी. मुझे पक्का अंदाज़ा लग गया था की आज ये मेरे से चुदेगि नही तो फोन तो ज़रूर करेगी. फिर मैं अपने घर आकर उसके बुर के बारे मे सोच कर पागल हो रहा था | रात के 8 बज गये लेकिन कोई फोन मेरे मोबाइल पे नही आया, फिर मैं उदास हो कर खाने जा रहा था तभी भाभी ने मेरे बीबी के मोबाइल पर फोन कर के बोला की आज देवर जी काफ़ी दिनो के बाद आए है मैने उनके लिए बहुत ही प्यार से खाना बनाया हैं, मेरी बीबी ने मेरे से बोला की क्या आज भाभी के यहा खाना खा लेंगे.
इतना सुनेते ही मेरा लॅंड मारे उतेज्ना के हिलकोरे खाने लगा लेकिन बीबी को यकीन दिलाते हुए मैने बोला आपको बुरा तो नही लगेगा मेरी बीबी ने बोला की मनीषा भाभी ने बड़े प्यार से बुलाया हैं आप जल्दी जाओ नही तो उनको बुरा लगेगा. फिर मैं खुशी से पागल होते हुए भाभी के घर आकर उनका दरवाजा खटखटाया, भाभी ने खुद ही दरवाजा खोला और दूसरी मंज़िल पर चलने को कहा मैने बोला ठीक हैं. फिर मैं उनके बालकनी मे बैठ कर उनके खाना लेकर उपर आने का इंतजार करने लगा लगभग 10 मिनिट के बाद भाभी के उपर आने की आवाज़ आ रही थी. वो उपर आई खाना की थाली लेकर मैने देखा भाभी ने इतने देर मे कपड़ा चेंज कर लिया था वो एक नाइटी पहनी थी जिसमे उसके ब्रा और पैंटी साफ दिख रही थी मैं समझ गया की मेरा अंदाज़ा सही था मैने भी तो बहुत ही चूत फाडे हैं अपने लाइफ मे फिर मैने उनसे बोला आप गुस्सा तो नही हैं फिर वो मुस्करा दी , मैं इशारा समझ गया और खाना टेबल पर रखकर उनको पीछे से पकड़ लिया वो कुछ नही बोली तो मेरा हिम्मत और बढ़ गया, मैने पूछा आप गुस्सा क्यो हुई तो वो बोली आशु तुम मुझे क्या दिखा रहे थे मैने बोला जो आपने देखा बोली चलो और मुझे भी उसी तरह चोदो. यही तो मैं सुनना चाहता था फिर मैं समझ गया रास्ता क्लियर हैं मैने मनीषा को गोद मे उठाकर उसके बेडरूम ले जाकर बेतहाशा चूमने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी फिर मैने उसके सारे कपड़े हटाकर पैंटी भी खोल दिया.
मैने देखा की चूत पर एक बाल नही थे मैं फिर क्या था, मैंने उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। वो बोली- आह्ह, धीरे दबाओ, दर्द होता है। फिर मैंने उसे मुँह में लेने को बोला, तो वो लण्ड मुँह में लेकर चाटने और चूसने लगी जिससे मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया। वो मेरे लण्ड को चूस रही थी, तब तक मैं उसकी चूचियां दबा और सहला रहा था, साथ ही एक हाथ से उसकी चूत को भी सहला रहा था। उसके बाद उसने बोला आशु बिना देर किए अब चोद दो हम दोनों इतने जोश में थे कि पता ही नहीं चला कि कब मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस कर उसका भोसड़ा बनाने लगा था। फिर हमरी चुदाई की रफ़्तार बढ़ती गई। करीब दस मिनट बाद वो बोली कि उसे कुछ हो रहा है,वो अकड़ने लगी और 10-12 धक्कों के बाद वो झड़ गई, पर मेरा अभी नहीं हुआ था, क्योंकि मैं पहले ही मुठ्ठ मार कर आया था, मैं उसे चोदता रहा, वो बोली- उई, माँ, बस करो, मुझे जलन हो रहा रही है और दर्द भी तेजी से हो रहा है। फिर मैने बोला चलो रानी तुझे भी उस कुत्तिया की तरह चोद्ता हूँ मनीषा को नीचे झुका कर लॅंड पीछे से उसके बुर मे पेल दिया लगभग 4-5 मिनट बाद उसकी चूत में ही झड़ गया। मैं झड़ने के बाद उसके ऊपर ही लेट गया। फिर मेरे पास टाइम का कमी था जल्दी से उठकर कपड़ा पहना और खाना खाया और रात 10:30 पर अपने घर आ गया. दोस्तो कैसी लगी ये स्टोरी आप लोग मेल ज़रूर करना और बताना की मैने एक अतृप्त नारी की प्यास शांत कर ग़लत कम तो नही किया. दीवाली की छुट्टी मे अपनी बीबी से बचकर एक दिन मैने उनको अरहर के खेत मे भी पेला ये आपको बाद मे शेयर करूँगा. [email protected]