इस गरम और उत्तेजक कहानी में एक भाभी को उसके देवर ने नंगा कर चोद दिया। पति की गैरहाजिरी में मोटे लंड ने उसकी चूत और गांड को रगड़ा, चूचों को चूसा, और रस से भिगो दिया। ये सेक्सी रोमांच आपके जिस्म में नई गर्मी भर देगा। तैयार हो जाइए इस चुदाई के मज़े के लिए!
मेरा नाम राहुल है, मैं 24 साल का हूँ और अपने बड़े भाई के साथ उनके घर पर रहता हूँ। मेरे भाई, अजय, 30 साल के हैं और उनकी शादी को दो साल हो चुके हैं। उनकी पत्नी, मेरी भाभी, रेखा, 28 साल की हैं। रेखा भाभी की सुंदरता ऐसी थी कि कोई भी उन्हें देखकर पागल हो जाए। लंबे काले बाल, गोरा रंग, भरे हुए चूचे, पतली कमर और मोटी गांड—उनका हर अंग मेरे लंड को तड़पाता था। भाई ज्यादातर ऑफिस के काम से बाहर रहते थे, और मैं भाभी के साथ अकेला घर पर होता था। उनकी टाइट साड़ी में उभरती गांड और चूचों को देखकर मेरी चुदाई की भूख बढ़ती जा रही थी।
एक दिन दोपहर को भाई ऑफिस गए थे। मैं अपने कमरे में लेटा था कि भाभी ने मुझे आवाज़ दी, “राहुल, ज़रा किचन में मदद कर दो!” मैं उठकर गया। भाभी ने हल्की नीली साड़ी पहनी थी, जिसमें उनके चूचे साफ़ दिख रहे थे। वो स्लैब पर चढ़कर ऊपर का डिब्बा खोल रही थीं, और उनकी साड़ी नीचे सरक गई। उनकी नंगी कमर और चोली में कसे चूचे देखकर मेरा लंड पैंट में तन गया। “भाभी, आप बहुत सेक्सी लग रही हो,” मैंने हिम्मत करके कहा। वो हड़बड़ा गईं और नीचे उतरते हुए बोलीं, “राहुल, ये क्या बोल रहा है?” लेकिन उनकी आँखों में शरारत थी। मैंने मौका देखा और उनके पास जाकर उनकी कमर पकड़ ली।
“राहुल, छोड़ मुझे, कोई देख लेगा!” भाभी ने फुसफुसाया, लेकिन उनकी साँसें तेज़ थीं। “भाभी, घर में कोई नहीं है, आज आपकी चूत को मज़ा दूँगा,” मैंने कहा और उनकी साड़ी का पल्लू खींच लिया। उनकी चोली फट गई, और उनके भरे हुए चूचे नंगे होकर लटक पड़े। “क्या मस्त चूचे हैं आपके, भाभी, इन्हें चूस-चूस कर लाल कर दूँगा,” मैंने कहा और एक निप्पल को मुँह में भर लिया। “आह्ह, राहुल, चूसो, मेरी चूत में आग लग रही है!” भाभी सिसक उठीं। मैंने उनकी साड़ी पूरी तरह उतार दी। उनकी सलवार नीचे सरक गई, और उनकी चूत नंगी होकर चमकने लगी। “भाभी, आपकी चूत तो रस से तर है,” मैंने कहा।
मैंने भाभी को किचन के स्लैब पर बिठाया और उनकी टाँगें चौड़ी कर दीं। “आज आपकी चूत में मोटा लंड घुसाऊँगा,” मैंने कहा और अपनी जीभ उनकी चूत पर फेर दी। “आह्ह, राहुल, चाट ले मेरी चूत, इसे चूस डाल!” भाभी चिल्लाईं। मैंने उनकी चूत के होंठ चाटे, और उनका रस मेरे मुँह में भर गया। “क्या स्वाद है आपकी चूत का, भाभी, इसे चोदने का मन कर रहा है,” मैंने कहा और अपनी पैंट उतार दी। मेरा मोटा लंड बाहर निकला—लंबा, सख्त और गरम। “राहुल, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा, धीरे डालना,” भाभी ने डरते हुए कहा। मैंने उनका हाथ पकड़ा और लंड को सहलाने को कहा।
मैंने भाभी को स्लैब से उतारा और कुतिया की तरह झुका दिया। उनकी मोटी गांड हवा में तन गई। “भाभी, आपकी गांड भी चोदूँगा,” मैंने कहा और उनकी गांड पर जोरदार थप्पड़ मारा। “मारो, राहुल, मेरी गांड लाल कर दो, फिर अपने मोटे लंड से चीर डालो!” भाभी चिल्लाईं। मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “आह्ह, मेरी चूत फट गई, और जोर से चोद!” भाभी की चीखें किचन में गूँज उठीं। मेरी हर धक्के के साथ उनकी गांड थरथरा रही थी। “भाभी, आपकी चूत तो मेरे लंड को निगल रही है,” मैंने कहा और उन्हें कुतिया बनाकर पेलने लगा। उनकी चूत से रस टपक-टपक कर फर्श पर गिर रहा था।
चुदाई का नशा बढ़ता जा रहा था। मैंने भाभी को किचन से उठाया और बेडरूम में ले गया। “राहुल, मुझे नंगा कर चोदो,” भाभी ने सिसकते हुए कहा। मैंने उनकी चोली और सलवार के बचे हुए टुकड़े भी फाड़ दिए। अब वो पूरी तरह नंगी थीं—उनके चूचे उछल रहे थे, और उनकी चूत रस से चमक रही थी। मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया और उनकी टाँगें अपनी कमर पर लपेट लीं। “भाभी, अब आपकी चूत को गहरा चोदूँगा,” मैंने कहा और लंड उनकी चूत में ठोक दिया। “आह्ह, राहुल, मेरी चूत चीर डाल, और तेज़!” भाभी चिल्लाईं। मेरा लंड उनकी चूत की गहराई तक जा रहा था। “आपकी चूत तो रस की नदी है, इसे चोद-चोद कर सूखा दूँगा,” मैंने कहा और उनके चूचों को मसलते हुए धक्के मारे।
भाभी की सिसकियाँ तेज़ हो गईं। मैंने उन्हें पलटा और उनकी गांड को हवा में उठाया। “अब आपकी गांड में लंड घुसाऊँगा,” मैंने कहा और उनकी गांड के छेद पर लंड रगड़ा। “डाल दे, राहुल, मेरी गांड को चोद-चोद कर ढीली कर दे!” भाभी चिल्लाईं। मैंने अपना मोटा लंड उनकी गांड में पेल दिया। “आह्ह, मेरी गांड फट गई, और जोर से चोद!” उनकी चीखें तेज़ हो गईं। उनकी चूत से रस बह रहा था, और गांड मेरे लंड को चूस रही थी। “भाभी, आपकी गांड तो चूत से भी टाइट है, इसे रगड़ डालूँगा!” मैंने कहा और धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी। उनकी गांड हर धक्के के साथ थप-थप की आवाज़ कर रही थी।
मैंने भाभी को दीवार से सटा दिया। उनकी टाँगें हवा में लटक रही थीं। “राहुल, मेरे होंठ चूसो,” भाभी ने सिसकते हुए कहा। मैंने उनके होंठ चूसने शुरू किए। “आपके होंठ तो शहद हैं, भाभी, इन्हें काट डालूँगा,” मैंने कहा और उनके होंठों को दाँतों से दबाया। मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखा। “सहलाओ इसे, फिर चूत में घुसाऊँगा,” मैंने कहा। भाभी ने मेरे लंड को मसलते हुए कहा, “तो मेरी चूत को भी काट, इसे चोद-चोद कर फाड़ दे!” मैंने उन्हें फिर से बिस्तर पर पटका और उनकी चूत में लंड ठोका। “आपकी चूत और गांड दोनों को रस से भर दूँगा,” मैंने चीखते हुए कहा।
चुदाई का सिलसिला और तेज़ हुआ। मैंने भाभी को अपनी गोद में बिठाया। “राहुल, अपने लंड की सवारी करवाओ,” भाभी ने कहा। मैंने लंड उनकी चूत में डाला, और वो उछलने लगीं। “आह्ह, आपका लंड मेरी चूत को चीर रहा है!” उनके चूचे हवा में नाच रहे थे। मैंने उनके चूचों को मसलते हुए कहा, “भाभी, आपकी चूत मेरे लंड की दीवानी है।” वो चिल्लाईं, “हाँ, चोद मुझे, मेरी गांड भी फिर से चोद!” मैंने उन्हें पलटा और उनकी गांड में लंड ठोक दिया। “आह्ह, मेरी गांड और चूत दोनों फट गईं!” उनकी चीखें कमरे में गूँज रही थीं। बिस्तर हमारी चुदाई से हिल रहा था।
मैंने भाभी को घुटनों पर बिठाया। “अब मेरा लंड चूसो, भाभी,” मैंने कहा और लंड उनके होंठों पर रगड़ा। भाभी ने अपनी जीभ निकाली और मेरे लंड को चाटने लगीं। “आह्ह, राहुल, तेरा लंड तो मज़ेदार है, इसे पूरा मुँह में लूँगी,” उन्होंने कहा और लंड को गले तक ठूँस लिया। मैंने उनके बाल पकड़े और उनके मुँह में धक्के मारने लगा। “चूस लो मेरे लंड को, आपके होंठ इसे निचोड़ डालें!” मैंने चीखा। उनकी चूत फिर से गीली हो गई, और वो अपनी उंगलियाँ उसमें डालकर हिलाने लगीं। “तेरे लंड का रस मेरे मुँह में डाल दे,” भाभी ने फुसफुसाया।
चुदाई का खेल चरम पर था। मैंने भाभी को बिस्तर पर लिटाया और उनकी चूत में फिर से लंड पेल दिया। “भाभी, आपकी चूत को बार-बार चोदूँगा,” मैंने कहा और तेज़ी से धक्के मारने लगा। “आह्ह, राहुल, मेरी चूत फाड़ दो!” भाभी चिल्लाईं। मेरी चुदाई से उनका पूरा बदन काँप रहा था। मैंने उनके चूचों को चूसते हुए कहा, “आपके चूचे तो माल हैं, इन्हें चूस-चूस कर दूध निकाल दूँगा।” उनकी चूत और गांड दोनों थरथरा रही थीं। “और जोर से चोद, मेरी प्यास बुझा दे!” भाभी चीखीं। कमरे में चुदाई की गर्मी फैल गई थी।
आख़िर में मेरा लंड फट पड़ा। मेरा गरम रस भाभी की चूत में भर गया, फिर उनकी गांड में, और बाक़ी उनके चूचों, होंठों और मुँह में छिड़क गया। “आह्ह, राहुल, तेरा रस मेरे होंठों पर लगा दे,” भाभी ने कहा और मेरे लंड से टपकते रस को चाट लिया। हम दोनों हाँफते हुए बिस्तर पर गिर पड़े। “राहुल, तूने मुझे रंडी बना दिया,” भाभी ने हँसते हुए कहा। “हाँ, भाभी, और आपके मोटे लंड का गुलाम,” मैंने जवाब दिया। “भाई के आने से पहले फिर चोदना,” भाभी ने शरारती अंदाज़ में कहा। “आपकी चूत और गांड को बार-बार चोदूँगा,” मैंने वादा किया।
शाम ढल गई। भाभी अपनी फटी साड़ी संभालते हुए उठीं। उनकी चूत और गांड मेरे लंड की गर्मी से थरथरा रही थीं। “भाभी को नंगा कर चोदने का मज़ा ही अलग है,” मैंने मन में सोचा। भाई के आने से पहले हमने कपड़े ठीक किए। लेकिन मेरी भूख अभी बाकी थी। भाभी की आँखों में वही शरारत थी, और मेरी चुदाई की प्यास फिर से जाग रही थी। कमरे की दीवारें हमारी चुदाई की गवाह बन गई थीं। ये सिलसिला अब रुकने वाला नहीं था।