Bhai Bahan Hot Sex Story in Hindi Meri Jawani Ka hakdaar : मेरा नाम सोनिया है। मैं 23 साल की हूँ, गोरी, भरे हुए जिस्म वाली जवान लड़की। मेरी चूचियाँ बड़ी, गोल और रसीली हैं, जैसे दो पके तरबूज, जो मेरी टाइट कुर्ती में हमेशा उभरे रहते हैं। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़े के ऊपर से भी हल्के-हल्के दिखते हैं। मेरी कमर पतली है, और मेरी गाँड मोटी, नरम और गोल है, जो चलते वक्त लचकती है। मेरी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मक्खन की ढेरी, और मेरी चूत की गर्मी मेरे चेहरे से झलकती है। हम दिल्ली के एक मिडिल-क्लास मोहल्ले में रहते हैं—मैं, मेरे मम्मी-पापा, और मेरा भाई राहुल। राहुल 26 साल का है, गोरा, लंबा और मज़बूत। उसकी चौड़ी छाती और मोटी बाहें किसी को भी ललचा सकती हैं। लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी जवानी का हकदार मेरा अपना भाई बनेगा।
ये बात फरवरी 2025 की है। मम्मी-पापा अपने गाँव गए थे, और घर में सिर्फ मैं और राहुल थे। उस रात दिल्ली में बारिश हो रही थी। ठंडी हवा खिड़कियों से अंदर आ रही थी, और मैं अपने कमरे में थी। मैंने पतली सी सफेद नाइटी पहनी थी, जो मेरे जिस्म से चिपक रही थी। मेरी चूचियाँ नाइटी में उभरी थीं, और मेरे निप्पल सख्त होकर कपड़े पर निशान बना रहे थे। मेरी चूत बिना पैंटी के नंगी थी, और ठंडी हवा उसे छू रही थी। मैं बेड पर लेटी थी, और मेरी चूत में एक अजीब सी सनसनाहट हो रही थी। तभी राहुल मेरे कमरे में आया। वो सिर्फ पजामा पहने था। उसकी चौड़ी छाती नंगी थी, और उसका पजामा उसके लंड के उभार को छिपा नहीं पा रहा था।
“सोनिया, ठंड लग रही है?” उसने पूछा और मेरे पास बेड पर बैठ गया। उसकी नज़रें मेरी चूचियों पर ठहर गईं। “हाँ भैया, थोड़ी सी,” मैंने शरमाते हुए कहा। मेरी नाइटी मेरी जाँघों तक सरक गई थी। “सोनिया, तू बहुत खूबसूरत है,” उसने धीरे से कहा और मेरा हाथ पकड़ लिया। उसकी उंगलियाँ मेरे हाथ पर गर्म थीं। “भैया, ये क्या कह रहे हो?” मैंने हँसते हुए कहा, लेकिन मेरी चूत गीली हो रही थी। उसने मेरा हाथ छोड़ा और मेरी जाँघ पर रख दिया। “आह्ह… भैया…” मैं सिसक पड़ी। उसकी उंगलियाँ मेरी जाँघों को सहला रही थीं। “सोनिया, तेरी जवानी का हक मुझ पर है,” उसने फुसफुसाते हुए कहा और मेरी नाइटी ऊपर उठा दी। मेरी चूत नंगी हो गई। मेरी हल्की झाँटें गीली थीं, और मेरी फाँकें चमक रही थीं।
“भैया, ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी चूत उसकी उंगलियों को बुला रही थी। “सोनिया, कुछ गलत नहीं। तू मेरी बहन है, और मैं तेरा भाई,” उसने कहा और अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी। “आह्ह… भैया… धीरे…” मैं चीख पड़ी। उसकी उंगली मेरी चूत को चोद रही थी। मेरी चूत टाइट और गीली थी, और उसकी उंगली को चूस रही थी। “सोनिया, तेरी चूत कितनी गरम है,” वो बोला और दूसरी उंगली डाल दी। “आह्ह… भैया… और डालो… चोदो मुझे,” मैं तड़प रही थी। मेरी चूत से पानी टपक रहा था। उसने मेरी नाइटी पूरी उतार दी। मेरी चूचियाँ नंगी हो गईं। मेरे निप्पल सख्त थे। “सोनिया, तेरी चूचियाँ मस्त हैं,” उसने कहा और एक चूची मुँह में ले ली। उसकी जीभ मेरे निप्पल पर फिसल रही थी। “आह्ह… भैया… चूसो… आह्ह…” मैं सिसक रही थी। उसका दूसरा हाथ मेरी दूसरी चूची को मसल रहा था। मेरी चूचियाँ लाल हो गईं।
उसने अपना पजामा उतारा। उसका 8 इंच का लंड सख्त, मोटा और काला था। उसकी टोपी गीली थी, और उसकी नसें उभरी हुई थीं। “भैया, ये कितना बड़ा है,” मैंने डरते हुए कहा। “सोनिया, ये तेरी चूत के लिए है,” उसने कहा और मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं। मेरी चूत खुल गई। मेरी जाँघें मोटी और गोरी थीं, और मेरी गाँड बेड पर फैल गई थी। उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। उसकी गर्मी मेरी चूत को छू रही थी। “आह्ह… भैया… डाल दो,” मैं तड़प रही थी। उसने एक जोरदार धक्का मारा। उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह्ह… भैया… फट गई… आह्ह…” मैं चीख पड़ी। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। वो मेरी चूचियाँ दबाते हुए मुझे चोदने लगा। “सोनिया, तेरी चूत टाइट है। मैं तेरी जवानी लूँगा,” वो बोला। हर धक्के से मेरी गाँड उछल रही थी। “भैया, और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो,” मैं चिल्ला रही थी। मेरी चूत गीली होकर लाल हो गई थी।
उसने मुझे आधे घंटे तक चोदा। “सोनिया, तेरी चूत में झड़ूँगा,” उसने कहा और मेरी चूत में झड़ गया। उसका गर्म माल मेरी चूत में भर गया। “भैया, ये क्या किया?” मैं हाँफते हुए बोली। “सोनिया, तू मेरी है,” उसने कहा और मेरे होंठ चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उसका माल मेरी चूत से बह रहा था।
अगली रात: गाँड की बारी
अगली रात बारिश फिर शुरू हुई। मैंने लाल नाइटी पहनी। राहुल मेरे कमरे में आया। “सोनिया, आज तेरी गाँड चोदूँगा,” उसने कहा। उसने मेरी नाइटी उतार दी। मैं नंगी थी। उसने मुझे बेड पर झुकाया। मेरी गाँड गोल और नरम थी। उसने मेरी गाँड पर थूक दिया। “भैया, धीरे,” मैंने कहा। उसने अपनी उंगली मेरी गाँड में डाली। “आह्ह… भैया…” मैं सिसक पड़ी। फिर उसने अपना लंड मेरी गाँड में डाला। “आह्ह… फट गई… आह्ह…” मैं रो पड़ी। “सोनिया, तेरी गाँड मस्त है,” वो बोला और मेरी गाँड चोदने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत में थीं। “भैया, मेरी चूत भी चोदो,” मैंने कहा। उसने मुझे पलटा और मेरी चूत में लंड पेल दिया। “सोनिया, तेरी चूत में फिर झड़ूँगा,” वो बोला। उसने मुझे चोदा और मेरी चूत में माल छोड़ा।
हर रात का खेल
मम्मी-पापा के आने तक हर रात राहुल मुझे चोदता रहा। कभी मेरी चूत, कभी मेरी गाँड, कभी मेरा मुँह। “सोनिया, तू मेरी रंडी है,” वो कहता। मैं उसकी चुदाई की दीवानी हो गई। उसकी चूचियाँ चूसने की आदत, उसका लंड मेरी चूत में डालने का तरीका—सब मुझे पागल कर देता था। एक रात उसने मुझे बाथरूम में चोदा। शावर के नीचे मेरी चूत गीली थी। “भैया, फाड़ दो,” मैं चीखी। उसने मेरी गाँड और चूत दोनों चोदी।
आज: मार्च 2025
अब मम्मी-पापा वापस आ गए हैं, लेकिन राहुल मुझे चोदना नहीं छोड़ता। रात को जब सब सो जाते हैं, वो मेरे कमरे में आता है। “सोनिया, तेरी जवानी मेरा हक है,” वो कहता है और मुझे चोदता है। मेरी चूत उसके माल से भर जाती है। मैं जानती हूँ ये गलत है, लेकिन मेरी जवानी का हकदार मेरा भाई ही है।