Bhai Bahan Ki Hot Sexy Kahani Choot aur Chuchiyon ka Diwana Mera Bhai : मेरा नाम प्रिया है। उम्र 23 साल, गोरा रंग, भरी हुई चूचियाँ जो मेरे टाइट कुर्ते में कैद रहती थीं, और एक मटकती गांड जो मेरे भाई, अजय, की नजरों का शिकार बन गई थी। मैं कॉलेज में पढ़ती थी, और मेरा बदन ऐसा था कि लड़के मुझे देखकर अपने लंड सहलाने लगते थे। लेकिन मुझे क्या पता था कि मेरा अपना भाई, अजय, मेरी चूचियों और चूत का दीवाना बन जाएगा। अजय 25 साल का था—लंबा, गठीला, और एक ऐसा मोटा, काला लंड जो मेरी चूत को देखते ही सलामी देने लगता था। हम दोनों एक ही घर में रहते थे, और हमारे बीच का रिश्ता शुरू में तो सामान्य था, लेकिन धीरे-धीरे उसकी नजरें मेरे जिस्म पर ठहरने लगीं।
एक दिन की बात है। गर्मी की दोपहर थी, और मम्मी-पापा गाँव गए थे। घर में सिर्फ मैं और अजय थे। मैंने एक पतली सी नाइटी पहनी थी, जिसमें मेरी चूचियाँ साफ उभर रही थीं। मेरे निप्पल नाइटी से बाहर झाँक रहे थे, और मेरी गोरी जांघें हर कदम पर नजर आ रही थीं। मैं किचन में पानी लेने गई, जब अजय पीछे से आया और मेरी कमर पर हाथ रख दिया। “प्रिया, तू आज तो बड़ी मस्त लग रही है,” उसने मेरे कान में फुसफुसाते हुए कहा। उसकी गर्म साँसें मेरे गले पर लगीं, और मैं सिहर उठी। “अजय, ये क्या कर रहा है? मैं तेरी बहन हूँ,” मैंने उसे घूरते हुए कहा। लेकिन वो हँसा, “बहन हो तो क्या, प्रिया। तेरी चूचियाँ और चूत मुझे रातभर तड़पाती हैं।”
उसकी बात सुनकर मेरा दिल धक-धक करने लगा। मैंने उसे धक्का देना चाहा, “हरामी, अपनी बहन से ऐसी बात करता है?” लेकिन उसका हाथ मेरी चूचियों पर सरक गया, और उसने मेरी नाइटी के ऊपर से उन्हें दबा दिया। “उफ्फ… प्रिया… तेरी चूचियाँ कितनी मुलायम हैं… इन्हें चूसने का मन करता है,” उसने कहा। मैं चिल्लाई, “अजय… छोड़ दे… उफ्फ…” लेकिन मेरी चूत गीली हो रही थी। उसने मेरी नाइटी ऊपर उठाई और मेरी चूचियों को नंगी कर दिया। मेरे गोरे, मोटे दूध उसके सामने थे, और मेरे निप्पल सख्त होकर उसे ललचा रहे थे। “आह्ह्ह… अजय… मत कर… ये गलत है…” मैं सिसकार रही थी। लेकिन वो मेरी एक चूची को मुँह में भरकर चूसने लगा। “उफ्फ… प्रिया… तेरे दूध का स्वाद मुझे पागल कर रहा है… आह्ह्ह…” वो मेरे निप्पल को चूस रहा था, और उसकी उंगलियाँ मेरी दूसरी चूची को मसल रही थीं।
मैं तड़प रही थी। मेरी चूत में आग लग रही थी, और मैंने उसकी शर्ट पकड़ ली। “आह्ह्ह… अजय… धीरे चूस… मेरी चूचियाँ दुख रही हैं… उफ्फ…” मैं कराह रही थी। उसने मेरी नाइटी पूरी उतार दी, और मेरा नंगा बदन उसके सामने था। मेरी गोरी जांघें, मेरी चिकनी चूत, और मेरी मोटी गांड उसे बुला रही थी। “प्रिया, तेरी चूत तो किसी रसीली मिठाई जैसी है। इसे चोदने का मन कर रहा है,” उसने कहा और मुझे किचन के स्लैब पर बिठा दिया। उसने मेरी टाँगें चौड़ी कीं और मेरी चूत पर अपनी जीभ फिराने लगा। “आह्ह्ह… अजय… क्या कर रहा है… मेरी चूत में बिजली दौड़ रही है… उफ्फ…” मैं सिसकार रही थी। उसकी जीभ मेरी चूत के होंठों को चाट रही थी, और मैं तड़प रही थी। “ओहhh… अजय… चाट ले… मेरी चूत को चूस डाल… आह्ह्ह…” मैं चिल्ला रही थी।
उसने अपना पजामा नीचे खींचा, और उसका मोटा, काला लंड बाहर आ गया। वो लंबा था, सख्त था, और उसकी नसें फूली हुई थीं। मैं डर गई, “अजय… ये बहुत बड़ा है… मेरी चूत फट जाएगी… उफ्फ…” लेकिन वो हँसा, “प्रिया, डर मत। मेरा लंड तेरी चूत का भोसड़ा बना देगा।” उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और एक जोरदार झटके में अंदर पेल दिया। “आह्ह्ह्ह… मर गई… अजय… निकाल दे… मेरी चूत फट गई… उफ्फ…” मैं दर्द से चीख पड़ी। उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया था। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और “थप-थप-थप” की आवाज किचन में गूँज उठी। “प्रिया, तेरी चूत तो टाइट है। इसे चोदकर रंडी बना दूँगा,” वो गंदी बात करते हुए मेरी चूचियाँ मसल रहा था। मैं कराह रही थी, “आह्ह्ह… अजय… धीरे… मेरी चूत जल रही है… ओहhh…”
धीरे-धीरे दर्द मज़े में बदल गया। मैंने उसकी कमर पकड़ ली और चिल्लाई, “चोद दे… अपनी बहन की चूत को फाड़ दे… आह्ह्ह…” उसने मुझे स्लैब से उतारा और घोड़ी बना दिया। मेरी गांड हवा में थी, और वो मेरी गांड को थप्पड़ मारते हुए बोला, “साली, तेरी गांड तो किसी कुतिया से कम नहीं। इसे भी चोदूँगा।” उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपना लंड उसकी दरार में रगड़ने लगा। मैं डर गई, “अजय… गांड मत मार… उफ्फ… फट जाएगी…” लेकिन उसने मेरी एक न सुनी। उसने अपना मोटा लंड मेरी गांड में धीरे-धीरे सरकाना शुरू किया। “आह्ह्ह्ह… मादरचोद… मर गई… निकाल दे… ओहhh…” मैं दर्द से चिल्ला रही थी। उसका लंड मेरी गांड को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया। दर्द असहनीय था, लेकिन वो रुका नहीं। वो मेरी गांड को चोदने लगा, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं, “उफ्फ… अजय… धीरे… मेरी गांड फट रही है… आह्ह्ह…” धीरे-धीरे दर्द मज़े में बदल गया, और मैं चिल्लाई, “चोद दे… मेरी गांड को भी फाड़ दे… ओहhh…”
रात को जब सब सो गए, अजय मेरे कमरे में चुपके से घुस आया। उसने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरी नाइटी फाड़ दी। मेरा नंगा बदन उसके सामने था—मेरी मोटी चूचियाँ, गोरी जांघें, और गीली चूत। “प्रिया, तेरी चूचियाँ और चूत मेरे सपनों में आती हैं। आज इन्हें जमकर चोदूँगा,” उसने कहा और मेरी चूचियों को चूसने लगा। “आह्ह्ह… अजय… मेरे दूध पी ले… उफ्फ…” मैं सिसकार रही थी। उसने मेरे निप्पल को दाँतों से काटा, और मैं चिल्लाई, “ओहhh… अजय… धीरे… मेरी चूचियाँ लाल हो जाएँगी…” वो मेरी चूत को सहलाते हुए बोला, “प्रिया, तेरी चूत को रस से भर दूँगा।” उसने मुझे दीवार से सटाया, मेरी एक टाँग अपने कंधे पर रखी और चूत में लंड पेल दिया। “आह्ह्ह… फाड़ दे… मेरी चूत को रगड़ दे… उफ्फ…” मैं चिल्ला रही थी। उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और मेरी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं।
फिर उसने मुझे गोद में उठाया और हवा में चोदने लगा। मेरा पूरा वजन उसके हाथों पर था, और उसका लंड मेरी चूत में गहराई तक जा रहा था। “आह्ह्ह… अजय… क्या ताकत है तेरे लंड में… ओहhh…” मैं कराह रही थी। मेरी चूचियाँ उसके सीने से रगड़ रही थीं, और मेरी चूत से रस टपक रहा था। उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और बोला, “प्रिया, अब तेरे मुँह में लंड डालूँगा।” उसने अपना मोटा लौड़ा मेरे मुँह में ठूँस दिया। “उम्म… अजय… उफ्फ… कितना बड़ा है तेरा लंड… आह्ह्ह…” मैं चूसने लगी। उसने मेरे बाल पकड़े और मेरे मुँह को चोदने लगा। मेरा गला भर आया, लेकिन मैं रुकी नहीं। “चूस, प्रिया… अपनी रंडी बन जा… ओहhh…” वो गुर्रा रहा था।
आखिर में उसने मुझे फिर से घोड़ी बनाया। उसने मेरी गांड और चूत को बारी-बारी चोदा। “प्रिया, तेरी चूचियाँ और चूत मेरी जान ले लेंगी,” उसने कहा और जोर-जोर से धक्के मारे। मैं चिल्ला रही थी, “आह्ह्ह… अजय… चोद दे… मेरे छेद भर दे… उफ्फ…” उसका लंड मेरी गांड में था, और उसकी उंगलियाँ मेरी चूत को रगड़ रही थीं। मैं तड़प रही थी, “ओहhh… अजय… मुझे अपनी रंडी बना ले… आह्ह्ह…” आखिर में उसने अपना गर्म रस मेरी चूचियों पर छोड़ दिया। मैं थककर बिस्तर पर गिर पड़ी, मेरी साँसें तेज थीं, और मेरा बदन पसीने से तर था।
अजय मेरी चूचियों और चूत का दीवाना बन गया था। हर रात वो मेरे पास आता, मेरी चूचियाँ चूसता, मेरी चूत और गांड का भोसड़ा बनाता, और मैं उसकी वासना का शिकार बनती। “प्रिया, तू मेरी रंडी है,” वो कहता, और मैं कराहते हुए जवाब देती, “आह्ह्ह… अजय… चोद ले अपनी बहन को… उफ्फ…” उसकी दीवानगी ने मुझे उसकी गुलाम बना दिया था।