Bhai Bahan Sex in Delhi : मैं दीवानी हो गयी हूँ अपने भाई के लंड की, मैंने पहली बार लंड चखी थी और मुझे लंड इतना पसंद आया चूसने में और चूत में लेने में की मुझे अब दिन रात लंड ही याद रहता है। मुझे खाते पीते उठते बैठते मुझे लंड ही याद आता है। मैं इतना जल्दी दीवानी हो गयी हूँ लंड की इसके कई कारण है। मैं आपको पूरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सूना रही हूँ। मुझे अपने बड़े भइया का लंड इतना भा गया की बिना चुदे रह नहीं पाती हूँ। काश वो मेरे भाई नहीं होता तो मैं उसको अपना सैयां बना लेती। आज मैं आपको अपनी पूरी बात बड़ा रही हूँ।
मेरी ये पहली कहानी है इस वेबसाइट पर मैं रोजाना इस वेबसाइट पर आकर सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ पर आज मुझे यहाँ पर लिखने का भी मौक़ा मिल गया है इसलिए आप सभी लण्डधारक दोस्तों और मस्त चूत और चूचियों बाली बहनो के लिए ये कहानी लिख रही हूँ। ताकि आप लंड को हिला कर माल निकाले और बहनों से मेरी गुजारिश है की आज एक बैगन से ही मजे ले लें अगर पति या यार नहीं है तो। और जिनको पति या यार है वो मजे से चूत लंड में रगड़ रगड़ कर अपनी अन्तर्वासना शांत करें।
मेरा नाम दीपिका है। मैं 22 साल की लड़की हूं बहुत खूबसूरत और हॉट हूं। मुझे पढ़ना लिखना बहुत पसंद है इसके साथ-साथ मुझे सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करना काफी पसंद है। मैं अपना कॉलेज लखनऊ में खत्म करके दिल्ली आ गई। दिल्ली में मेरे भाई मुखर्जी नगर में रहता है वहीं पर आकर वह परीक्षा की तैयारी कर रहा है। मैं भी कंपटीशन की तैयारी के लिए दिल्ली आ गई। मैं और मेरा भैया जो मेरे से मात्र 2 साल बड़ा है साथ ही रहने लगे। हम दोनों ने एक कमरा किराए पर लिया और वहीं पर आकर हम दोनों पढ़ाई करते हैं और कोचिंग करते हैं अपना घर चलाने के लिए हम दोनों भाई बहन ट्यूशन भी पढ़ाते हैं।
बहुत खुश रहते हैं किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं है पर एक जो गड़बड़ बात हो गई है हम दोनों ने पीना सीख लिया। रोजाना रात को हम लोग पीते हैं। और जहां पर शराब परोसा जाए वहां पर गड़बड़ तो हो ही जाता है उस पर जहां 2 जवान लड़की लड़की वह भी अकेले में बंद दरवाजे के बीच रहते रिश्ते में कोई फर्क नहीं पड़ता। 1 दिन की बात है हम दोनों ने दो दो पेग मार लिया था संडे का दिन था। और मैंने अपने भाई को पूछ लिया भैया तुम्हारा कोई गर्लफ्रेंड है दिल्ली में तो लड़कियां हैं। अभी तक आपने किसी लड़की को पटाया या नहीं।
उन्होंने मेरे से पूछा तुम अपनी बात बताओ क्या तेरा किसी लड़के के साथ दोस्ती है। मैंने कह दिया हां है और वह लड़का आपको तो मेरे भैया भी बोले कि हां मेरी भी गर्लफ्रेंड है वह तुम हो। तो फिर मैंने बोला हम दोनों तो भाई बहन हैं। उन्होंने कहा देखो दीपिका जब तक हम दोनों एक साथ दिल्ली में है तब तक हम दोनों भाई बहन नहीं बल्कि एक बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड बनकर रहेंगे। इससे क्या होगा हम दोनों को पढ़ाई में मन लगेगा हम दोनों का पढ़ाई इस वजह से खराब हो सकता है जब हम दोनों बाहर लड़के या लड़की को खोजेंगे।
उन्होंने कहा किसी भी लड़की को कंपटीशन निकालना बहुत आसान है। बस या तो उसकी शादी हो जानी चाहिए या तो कमरे में एक लड़का लड़की। मैं समझ गई मैं तो भैया क्या कहना चाह रहा है वह कहना चाह रहा था। कि बाहर मुंह मारने की जरूरत नहीं घर में ही मुंह मार लो। तो मैंने तुरंत ही पूछ लिया तो क्या आपके इरादे नेक है या नहीं है। भैया उठकर खड़े हो मेरे बाल को पकड़ा और मेरे ऊंट को चूमने लगे। और उन्होंने कहा मेरे इरादे बिल्कुल खराब है। मैं तुमको अपनी बहन नहीं मानता मैं तुमको अपनी गर्लफ्रेंड मानता हूं।
मैं भी कहां कम थी मैं भी खड़ी हुई पर अपने भाई के होंठ को चूमने लगी और उसके लंड को पकड़ लिया रात के करीब 11:00 बज रहे थे। मैंने भी वही बात बोला मैं भी आपको बॉयफ्रेंड मानता हूं भाई-बहन लखनऊ में है। जब जाएंगे तो भाई-बहन बन कर जाएंगे जब तक जान है तब तक हम दोनों बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बन के रहेंगे। इतना होते ही हम दोनों आवेश में आ गए। हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू किए मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां जैसे ही ब्रा के बाहर आई मेरा भाई तो दीवाना हो गया इसका तुरंत ही पकड़ कर मसल लेना और मेरे को चूमने लगा।
मेरे होंठ गुलाबी गाल गुलाबी है बाल लंबे काले हैं, मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां को देखकर मेरा भाई दीवाना हो गया। तुरंत ही मेरी चूचियों को मसलते हुए अपने मुंह में निप्पल लेकर पीने लगा मैं पानी पानी हो गई मैं गर्म हो गई। मेरे से रहा नहीं गया मैंने तुरंत ही अपने भाई का लंड पकड़ कर मुंह में ले ली। उसका लैंड करीब 9 इंच का बहुत मोटा है जैसे ही हाथ में पकड़ी और मुंह में भी मेरी चूत में पानी आ गया। मैं तुरंत ही बेड पर लेट गई वह मेरे ऊपर चढ़ गया मेरे होंठ को चूमते हुए मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे चूत के पास पहुंच गया। और मेरे चूत को चाटने लगा मैं अंगड़ाइयां लेती हुई खुद से ही अपने चुचियों को मसलने लगी।
मेरा भाई दोनों टांगों को अलग-अलग करके चूत से निकलने वाले गरम गरम पानी को पीता रहा और मैं खुद ही अपने हाथों से खुद के होठ को दबा कर मजे ले रही थी। मैंने टांग को फैला दिया भाई ने मेरा मोटा लंड निकाल कर मेरे चूत के छेद पर लगाया और जोर से घुसाने की कोशिश किया पर नहीं गया। क्योंकि उसका लैंड बहुत मोटा था और मेरी चूत का छेद बहुत छोटी। कर दो तीन धक्के लगाने के बाद उसने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर घुसा दिया। मैं दर्द से कराह उठी उसने दो-तीन धक्के लगाया उसका पूरा लंड अंदर बाहर आने जाने लगा था।
जैसे ही उसने मेरी चूचियों को मसल ना शुरू किया और मेरे चूत में लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया मैं पागल हो गई मैं वासना में भर गई अंगड़ाइयां लेने लगी फिर मैं अपने गांड को गोल गोल घुमा घुमा कर भाई के मोटे लंड को अपने अंदर ले रही थी। फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया पीछे से मेरी चूत में लंड देखकर जोर जोर से धक्के मार मार कर नीचे से हिलती हुई मेरी चुचियों को मसल रहा था। मेरे मुंह से आआह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्हह उफ्फ्फफ्फ्फ़ ओमममममममम उफ्फ्फफ्फ्फ़ फिर आवाज निकालने लगी और जोर जोर से धक्के दे देकर वह मुझे चोदने लगा।
पहला दिन मुझे पूरी रात चोदा कम से कम 6 बार। सुबह जब मैं उठी तो मेरी चूत शूज चुकी थी। दर्द हो रहा था चलने में मुझे मैं टांगे फैला फैला कर चल रही थी। गर्म पानी से नहाए फिर जाकर मुझे चैन मिला। फिर दूसरी रात में पूरी रात अपने भाई को लंड से खेल रही थी अपनी चूत में ले रही थी। फिर तू क्या कहना मुझे उसका लंड भाग गया और रोजाना मैं उसके मोटे लंड के साथ खेलती हो अपने चूत में लेती हो वह मुझे चोदता है मैं भी अपने जिस्म की गर्मी को शांत करते हूँ।
हम दोनों भाई बहन बंद कमरे में जबरदस्त जिंदगी का आनंद ले रहे हैं बाहर मुंह मारने की कोई जरूरत नहीं है। अब मुझे पढ़ाई में भी मन लग रहा है और जिस्म की गर्मी भी शांत हो रही है। मैं जल्द ही आप लोगों को अपनी दूसरी कहानी पोस्ट करने वाली हूं तब तक के लिए आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार और धन्यवाद।