मेरा नाम रिया है। मैं 23 साल की हूँ, और दिल्ली में अपने बड़े भाई रोहन के साथ रहती हूँ। रोहन 27 साल का है, लंबा, हट्टा-कट्टा, और बहुत हैंडसम। मैं भी हसीन हूँ—मेरी चूचियाँ बड़ी और गोल हैं, मेरा गांड रसीला और लचकदार है, और मेरी बूर हमेशा कामुकता से भरी रहती है। मेरी कमर की लचक और देसी अंदाज किसी का भी लंड सख्त कर सकता है। मैंने हमेशा नोटिस किया कि रोहन भैया मुझे चोरी-छिपे देखते हैं, उनकी नजर मेरी चूचियाँ और गांड पर टिक जाती है। मुझे भी उसकी ये हरकतें पसंद थीं, और मैंने सोच लिया कि इस बार मैं उसे गर्म करके उससे चुदवाई करवाऊँगी।
पिछले हफ्ते मम्मी-पापा बाहर गए थे, और घर पर सिर्फ मैं और रोहन भैया थे। मैंने उस दिन एक टाइट टॉप और छोटी सी शॉर्ट्स पहनी, जिसमें मेरी चूचियाँ और गांड साफ दिख रहे थे। मेरा टॉप इतना टाइट था कि मेरी चूचियाँ का उभार साफ नजर आ रहा था, और शॉर्ट्स इतनी छोटी थी कि मेरी बूर की शेप साफ दिख रही थी। मैं जानबूझकर रोहन भैया के सामने झुकी, ताकि मेरी चूचियाँ का गहरा क्लीवेज दिखे। “भैया, आज बहुत गर्मी है ना?” मैंने मासूमियत से कहा, और अपने टॉप को थोड़ा नीचे खींचा। रोहन भैया की नजर मेरी चूचियाँ पर टिक गई, और मैंने देखा कि उसका लंड उसकी पैंट में सख्त हो रहा था।
“हाँ, रिया, बहुत गर्मी है,” उसने कहा, लेकिन उसकी आँखें मेरी चूचियाँ से हट नहीं रही थीं। मैंने जानबूझकर पानी की बोतल गिरा दी, और उसे उठाने के लिए नीचे झुकी। मेरी शॉर्ट्स ऊपर चढ़ गई, और मेरा गांड और बूर की शेप साफ दिखने लगी। “रिया, ये क्या कर रही हो?” रोहन भैया ने गहरी साँस लेते हुए कहा। “कुछ नहीं, भैया, बस पानी गिर गया,” मैंने मासूमियत से कहा, लेकिन मेरी बूर गीली हो रही थी। मैंने देखा कि रोहन भैया का लंड अब पूरी तरह सख्त हो गया था।
मैं उसके पास गई, और जानबूझकर अपनी चूचियाँ उसकी बाँहों पर रगड़ दीं। “भैया, मुझे बहुत गर्मी लग रही है,” मैंने कहा, और अपना टॉप थोड़ा ऊपर उठाया, ताकि मेरी चूचियाँ और बाहर दिखें। “रिया, तू बहुत सेक्सी लग रही है,” रोहन भैया ने कहा, और मेरी बूर में आग लग गई। मैंने उसकी आँखों में देखा, और कहा, “भैया, अगर इतनी गर्मी लग रही है, तो मुझे ठंडा कर दो ना।” उसकी आँखों में कामुकता की चमक थी, और उसने मुझे अपनी बाँहों में खींच लिया।
रोहन भैया ने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया। उसके होंठ मेरे होंठों को चूस रहे थे, और उसकी जीभ मेरे मुँह में खेल रही थी। मैं सिसकारियाँ लेने लगी, और मेरी बूर गीली होकर टपकने लगी। “रिया, तूने मुझे पागल कर दिया,” उसने कहा, और मेरा टॉप उतार दिया। मेरी चूचियाँ उसके सामने थीं—सख्त और गोल। उसने मेरी चूचियाँ को अपने मुँह में लिया, और चूसना शुरू किया। “अहह… भैया, और चूसो,” मैं सिसकारी लेते हुए बोली। उसने मेरे निप्पल को अपनी जीभ से चाटा, और मैं कामुकता में पागल हो गई।
उसने मेरी शॉर्ट्स उतार दी, और मेरी बूर उसके सामने थी—गीली और गर्म। उसने अपनी जीभ मेरी बूर पर रखी, और चाटना शुरू किया। “अहह… भैया, ये क्या कर रहे हो?” मैं सिसकारी लेते हुए बोली। “रिया, तेरी बूर बहुत स्वादिष्ट है,” उसने कहा, और जोर-जोर से चाटने लगा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, और मेरा शरीर काँप रहा था। उसकी जीभ मेरी बूर के अंदर-बाहर हो रही थी, और मैं कामुकता की चरम सीमा पर थी। “भैया, अब मुझे चुदाई चाहिए,” मैंने सिसकारी लेते हुए कहा।
रोहन भैया ने अपनी पैंट उतारी, और उसका लंड मेरे सामने था—लंबा, सख्त, और गर्म। “रिया, मेरा लंड ले,” उसने कहा। मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया, और चूसना शुरू किया। उसका लंड मेरे मुँह में अंदर-बाहर हो रहा था, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी। “रिया, तू बहुत अच्छा चूसती है,” उसने कहा, और मेरे बाल पकड़कर मेरे मुँह में जोर-जोर से चुदाई की। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, और मेरी बूर गीली होकर टपक रही थी।
“रिया, अब मैं तेरी बूर की चुदाई करूँगा,” उसने कहा। उसने मुझे सोफे पर लिटाया, और मेरी टाँगें फैला दीं। उसने अपने लंड को मेरी बूर पर रगड़ा, और मैं सिसकारियाँ लेने लगी। “चुदाई करो, भैया, और मत तड़पाओ,” मैंने कहा। उसने अपने लंड को मेरी बूर में डाला, और धीरे-धीरे चुदाई शुरू की। मेरी बूर टाइट थी, और उसका लंड उसे चीर रहा था। “अहह… भैया, और जोर से,” मैं सिसकारी लेते हुए बोली। उसने अपनी रफ्तार बढ़ा दी, और मेरी चूचियाँ उसके हर धक्के से उछलने लगी।
उसने मेरा गांड पकड़ा, और जोर-जोर से चुदाई की। “रिया, तेरी बूर स्वर्ग है,” उसने कहा। मैं उसकी कामुकता में खो गई। उसने मेरी चूचियाँ को चूसना शुरू किया, और उसकी जीभ मेरे निप्पल पर नाच रही थी। मेरी बूर गीली होकर चिकनी हो गई थी, और उसका लंड अंदर-बाहर हो रहा था। “भैया, और जोर से चुदाई करो,” मैंने चिल्लाते हुए कहा। उसने अपनी पूरी ताकत से चुदाई की, और मेरा शरीर काँपने लगा।
उसने मुझे पलटा, और मेरा गांड ऊपर कर दिया। उसने मेरे गांड को चाटा, और उसकी जीभ मेरे गांड के छेद पर नाचने लगी। “अहह… भैया, ये क्या कर रहे हो?” मैं सिसकारी लेते हुए बोली। “रिया, तेरा गांड बहुत रसीला है,” उसने कहा, और अपने लंड को मेरी बूर में डालकर फिर से चुदाई शुरू की। उसने मेरे गांड को पकड़ा, और जोर-जोर से चुदाई की। मेरा शरीर काँप रहा था, और मेरी बूर झड़ गई। मैंने पानी छोड़ दिया, और उसने अपने लंड को बाहर निकालकर मेरे गांड पर अपना पानी छोड़ दिया।
हम दोनों हाँफते हुए सोफे पर लेट गए। मेरी चूचियाँ उसकी छाती पर दबी हुई थी। “रिया, तूने मुझे पागल कर दिया,” उसने कहा। “भैया, तुमने मुझे चुदाई का असली मजा दिया,” मैंने मुस्कुराते हुए कहा। उसने मेरे होंठों को फिर से चूमना शुरू किया, और मेरा गांड सहलाया। “फिर से करें?” उसने पूछा। मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ, मेरे प्यारे भैया।”
अगली सुबह, मैंने फिर से एक टाइट ड्रेस पहनी। मेरी चूचियाँ और गांड फिर से उसे ललचा रहे थे। उसने मुझे रसोई में पकड़ा, और मेरी बूर को सहलाते हुए कहा, “रिया, तेरी कामुकता मुझे फिर से बुला रही है।” मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया, और हम फिर से कामुकता की दुनिया में खो गए। उसने मुझे काउंटर पर बिठाया, और मेरी बूर में अपना लंड डाला। मेरी चूचियाँ उसके मुँह में थी, और उसने फिर से मेरी चुदाई की।