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काजल दीदी को सुहागरात का ट्रेनिंग दिया और कसी हुई बूर में लंड घुसाया

Brother Sister Suhagraat, Honeymoon with Sister, Sister Sex Story, Role Play Story with Didi, Sex Role Play : मेरी काजल दीदी बड़ी प्यारी बहन है मेरी, कई बार वह इतने भोली हो जाती है कि मैं आपको बता नहीं सकता। मुझे तो बहुत चिंता हो रही है क्योंकि उसकी शादी होने वाली है और वह चली जाएगी। इतना प्यार कौन करेगा मुझसे, मेरी बहन लाखों में एक है। काजल दीदी मुझे बहुत मानते हैं प्यार करते हैं। मैं भी काजल दीदी से उतना ही प्यार करता हूं। काश मेरी काजल दीदी की शादी नहीं होती तो कितना अच्छा होता पर मम्मी पापा ने उसके लिए जल्दी से लड़का ढूंढ लिया। और अब उसकी शादी होने वाली है।

पर दीदी ने जो मुझसे वादा किया था कि मेरी शादी हो भी जाएगी तो तुम्हें कभी मेरी कमी नहीं खलेगी इस बात को उसने साबित कर दिया। अपनी शादी के पहले ही मुझसे उसने सुहागरात के ट्रेनिंग लिया। उसने खुद मेरे से कहा कि तू ही बता सुहागरात में क्या-क्या होगा। वह सब मेरे साथ करके बता कैसे-कैसे क्या-क्या होता है। यानी कि मेरी दीदी साफ साफ यह कहना चाह रही थी कि शादी के पहले ही मुझे तुम चोद लो बाद में मौका नहीं मिलेगा।

उसकी बातें हमेशा ही बड़ी अच्छी होती है बड़े काम की बात बोलती है। आज मैं वेबसाइट पर ज्ञानी नॉनवेज story.com पर आपको अपनी और काजल दीदी की सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूं। काजल दीदी ने कैसे मुझे दूल्हा बनाया खुद दुल्हन बनी सुहागरात का पूरा सीन चला फिर मैंने उसके कपड़े उतारे और उसकी कसी हुई बूर में अपना लौड़ा घुसाया और उसको बताया कि लौड़ा ऐसे होता है और जुदाई कैसे की जाती है।

उसने मुझे भी अपने जिस्म के बारे में समझाया एक औरत के शरीर में कहां-कहां छेद होता है। जब एक लड़की या औरत जो पूरे कपड़े उतार देती है तो वह कैसे दिखती है उसने मुझे दिखाया और समझाया। आइए हम लोग कहानी पर ही आते हैं। किस दिन दीदी कैसे मुझे अपनी बाहों में ले थे अपना दूल्हा बनाई थी और मैंने अपनी दीदी को नई नवेली दुल्हन बनाकर उसके साथ सुहागरात मनाया था।

मेरे मम्मी पापा दोनों नाना जी के यहां गए थे। तो मैं भाई-बहन दोनों ही घर में थे। आपस में बातचीत कर रहे थे शादी की की शादी होने के बाद क्या होगा मैं अकेले कैसे रहूंगा और दीदी जब तुम चली जाओगी तो क्या तुम मुझे भूल तो नहीं जाओगी यही सब बातें करीब एक 2 घंटे से हो रही थी। तभी दीदी ने मुझसे प्रश्न किया राहुल तुम्हें एक बात पता है सुहागरात क्या होता है। सुहागरात में दुल्हन को क्या करना चाहिए दूल्हा को क्या करना चाहिए। क्योंकि आज तक मुझे किसी ने इसके बारे में बताया नहीं है इसलिए मैं थोड़ा सा नर्वस हूं कि पता नहीं उस दिन क्या होगा।

मैंने कहा दीदी मैंने ऐसे कई सारे कहानियां पढ़ी हैं सुहागरात में पति पत्नी पहली बार सेक्स करते हैं। पहली बार सेक्स करने में काफी दिक्कतों का भी सामना करना होता है। जो लड़कियां पहले से सेक्स नहीं की होती है उसको काफी ज्यादा दिक्कत होता है। क्योंकि बूर में लंड जल्दी से नहीं जाता है इस वजह से काफी दर्द भी होता है नई नवेली दुल्हन को। जब यह सब बात बताया तो मेरी दीदी काफी ज्यादा डर गई थी। क्योंकि मैंने उसको पहले बताया था कि जो दूल्हा होता है कई बार वह जल्दी बाजी से अपने लंड को बूर में डाल देता है। इस वजह से लड़कियों का बूर फट जाता और खून निकलने लगता है।

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यह बात सुनकर मेरी दीदी काफी ज्यादा डर गई थी। उसने कहा राहुल मुझे काफी ज्यादा डर लग रहा है तुम्हारा होने वाला जीजा ऐसे भी पहलवान टाइप का आदमी है अगर जोर से उसने मेरी चूत में लंड घुसा दिया मेरी बूर में लंड को पेल दिया तो मैं तो मर जाऊंगी। सेक्स की बातें हमेशा हम दोनों भाई-बहन करते ही रहते थे। क्योंकि हम दोनों काफी खुले विचार के हैं हम लोग सोशल मीडिया चलाते हैं टीवी देखते हैं वीडियो देखते हैं नेट चलाते हैं। हम दोनों के बीच में बस एक ही दीवार थी जो आज तक हम दोनों ने कभी सेक्स नहीं किया इसके अलावा बातचीत हमारी होते ही रहती थी।

तो दीदी ने कहा कि तुम मुझे ट्रेनिंग दो कि सुहागरात में क्या-क्या होता है। क्योंकि मैं यह भी चाहती हूं कि हम दोनों इतने प्यार मोहब्बत से इतने सालों तक एक साथ रहे और फिर मैं चली जाऊंगी तो तेरा भी हक बनता है कि तू मेरे साथ 1 दिन के लिए तो मजे कर सके। मैंने कहा ठीक है दीदी जैसा आप चाहते हो मैं दूल्हा बनता हूं आप मेरी दुल्हन बनो हम दोनों मिलकर रोलप्ले करेंगे दूल्हा-दुल्हन का और फिर हम आपको बताएंगे सुहागरात कैसा होता है। और आप यह भी बताना मुझे कि एक दुल्हन का क्या रोल होता है दूल्हे के लिए।

हम दोनों तैयार हो गए शाम का समय था 6:00 बज गए थे दीदी ने मां के बक्से से लाल साड़ी निकाला मैंने भी पापा के अटैची से कुर्ता पजामा निकाला और शाम को हम दोनों तैयार हो गए करीब 9:00 बजे के आसपास। दीदी सज धज के तैयार हो गई थी सिर्फ उसने सिंदूर ही नहीं पहना था बाकी उसने लाल साड़ी चुनरी लाल चप्पल वह सारे कुछ पहने थी एकदम वह दुल्हन की तरह लग रही थी। मैं भी दूल्हे की तरह सज-धज लिया था मेरी दीदी जब सजी थी दोस्तों में क्या बताऊं इतनी सुंदर लग रही थी।

और जब रोल प्ले किया जाता है दूल्हा दुल्हन बनने का खेल खेलने का तो सच में एक अलग ही आनंद की प्राप्ति होती है बहुत मजा आता है। रात के 10:00 हम दोनों का दूल्हा दुल्हन का खेल शुरू हो गया था। मेरी दीदी पलंग पर चुनरी ओढ़ कर बैठी थी मैं बाहर से गया मेरी दीदी उठी मेरे लिए एक गिलास दूध लाकर दे मैं उस दूध को पिया। फिर दीदी के घुंघट उठाएं वह मुस्कुरा रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

मैंने कहा आज से तू मेरी पत्नी है हम लोग जिंदगी भर साथ रहेंगे एक दूसरे का सुख दुख बाटेंगे और हम दोनों कभी आपस में चीटिंग नहीं करेंगे। हम दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं और एक दूसरे के लिए ही रहेंगे। यह सारी बातें हो रही थी जैसा कि एक दूल्हा अपनी दुल्हन से कहता है। मेरी दीदी भी बोलिए आप मेरे पति हैं मैं आपके पीछे-पीछे रहूंगी हमेशा चाहे सुख हो दुख हो मैं हमेशा खुश रहूंगी। मैं वह सारी खुशियां दूंगी जो एक पत्नी अपने पति को देती है। मैं आपकी सारी बातें मानूंगी आपको बहुत प्यार करूंगी। यह सब सुनकर मेरा मन गदगद हो गया था दोस्तों मैं क्या बताऊं ऐसा लग रहा था कि वह मेरी सच में पत्नी है। भगवान करे ऐसी पत्नी सबको मिले जैसा मेरी बहन रोल प्ले कर रही थी। फिर उसके आंचल को मैंने उसके सर पर से नीचे कर दिया उसका हाथ पकड़ लिया मैं लेट गया और उसको अपने छाती पर लिटा लिया।

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आप खुद सोचो कैसा सीन होगा उस समय का। एक भाई-बहन पति पत्नी का रोल कर रहा था. मैंने उसको हौले हौले से सैलाना शुरू किया और उसके गाल को छुआ उसके होंठ को छुआ और मैं उसको किस लेने की कोशिश की तो उसने कहा अभी जल्दी क्या है पूरी रात है अब तो पूरी जिंदगी साथ रहेंगे। मैंने कहा मैं तो ऐसा ही चाहता हूं कि तुम हमेशा मेरे साथ रहो पर तुम तो शादी करके जाने वाली हो। मेरी दीदी बोली क्या रे पगले आज के लिए तो तू मुझे अपनी पत्नी मामले वह सारी खुशियां मुझे दे दे मैं भी वह सारी खुशियां तुम्हें दे दूंगी जो एक पत्नी अपने पति को देती है वह भी सुहागरात के दिन इससे बढ़कर और तेरी जिंदगी का बेहतरीन पल क्या हो सकता है।

उसने मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए मैं उसके होंठ को चूमने लगा दोनों चूमते चूमते एक दूसरे के मुंह में जीभ डाल दिए। वह मेरे जीव को जीभ थी मैं उसके जीभ को चूसता था। हम दोनों ही एक दूसरे के बाहों में लिपट गए और एक दूसरे को चूमने लगे किस करने लगे मैंने उसके ब्लाउज का हुक खोल दिया और बाहर निकाल दिया फिर मैंने पीछे से ब्रा का हुक खोला और उसके दोनों बड़ी-बड़ी चूचियां को आजाद कर दिया। उसकी बड़ी-बड़ी सूचियों को देखकर मेरा मन डोल गया मैंने तुरंत ही अपने हाथ में लेकर उसको दबाने लगा मसलने लगा चूसने लगा उसके होंठ को किस करने लगा उसके गाल पर किस करने लगा कंधे पर गर्दन पर मैं पागल की तरह करने लगा था।

उसने भी कोई कसर नहीं छोड़ी बाहों में लेकर वो सिसकारियां ले रही थी अपने होंठ को वह खुद ही दबा रही थी उसकी आंखें लाल हो गई थी बंद हो रही थी गुलाबी गाल उसके होंठ गुलाबी उसके यह सब देखकर मेरा मन ऐसा हो गया कि मैं क्या बताऊं कामुकता की हद पार कर गया था उसके अंतर्वासना जाग गई थी। एक दूसरे के कपड़े 5 मिनट के अंदर ही हम दोनों ने खोल दिए और मैं उसके दोनों टांगों के बीच में बैठकर उसके चूत को निहारते हुए। मैंने दोनों टांगों को अलग-अलग गया और बीच में बैठ कर उसके चूत को निहारने लगा। उसी दिन उसने अपने बाल काटे थे साफ किए थे ऐसा लग रहा था दोस्तों कि मैं आ जाऊं उसके चूत को उसके बूर को।

मैंने तुरंत ही उसके बूर को जांचना शुरू कर दिया क्योंकि उसकी पूर्ण गीली हो गई। फिर अपना अजीब लगा कर उसके बूर को चाटने लगा। वह सिसकारियां लेने लगी अंगड़ाइयां लेने लगी मेरे तन बदन में आग लगने लगा था मैं भी मुंह से सिटी निकालने लगा था ऐसा लग रहा था मैंने मिर्ची खा लिया। मेरे से रहा नहीं गया मैंने दोनों टांगों को अलग-अलग कि अपना लंड निकाला और उसके चूत के छेद पर लगाकर मैंने जोर से धक्का मारा पर अंदर जा नहीं रहा था। वह खुद ही मेरे लंड को पकड़कर सेट कर रही थी अपने बूर के ऊपर पर मेरा लंड आसानी से अंदर जा नहीं रहा था क्योंकि मेरा लैंड 9 इंच का बहुत मोटा सा है।

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फिर मैंने तकिया उसके गांड के नीचे लगाया और पैरों को फैलाकर लंड को बीच में सेट करके फिर जोर से धक्के मारे 3-4 धक्के मारने के बाद मेरा लंड उसकी चूत के अंदर गया। वह काफी ज्यादा कामुक हो गई थी दर्द भी हो रहा था उसे पर सब कुछ आराम आराम से हम दोनों कर रहे थे इस वजह से एक दूसरे को ज्यादा चोट नहीं पहुंचा रहे थे। मैंने अपने दीदी से कहा कि दीदी अब तो तेरा कॉन्फिडेंस बढ़ गया होगा ऐसा ही होता है सुहागरात। क्योंकि मैंने नॉनवेज story.com पर ऐसी ही कहानियां पढ़ी है सुहागरात में ऐसी ही चुदाई होती है अपनी पत्नी को अपनी नई नवेली दुल्हन को।

दीदी बोली आज मुझे पूरी रात अपने साथ ऐसे ही मेरी वासना की आग को शांत करता रहा आज पूरी रात में तुमसे इतना चाहती हूं सेक्स करना चाहती हूं। मैंने जोर जोर से उसके चूत में लंड घुसा ना शुरू कर दिया उसकी चुचियों को मसल ना उसके निप्पल को दांत से काटना उसके होंठ को चूमना। फिर मैं नीचे लेट गया मेरे ऊपर चढ़ गई ऊपर से चढ़कर मेरे लंड को अपने चूत में ली मैं नीचे से धक्के लगाता हूं ऊपर से धक्के लगाती इस तरह से भी हम दोनों ने एक दूसरे को काफी देर तक खुश किया।

अंततः 1 घंटे के बाद हम दोनों ही शांत हो गए मेरा सारा माल निकल गया था मेरी दीदी भी ऐसे लेट गई मानो उसमें अब जान ही ना हो। रात भर हम दोनों ने दो से तीन बार चुदाई की। दीदी ने भी मुझे अपने प्राइवेट पार्ट दिखाएं। अच्छे से मुझे देखने दिया मैंने भी अपने दीदी को लंड चूसने को भी दिया। दीदी ने मुझे अपनी गांड में उंगली करने के लिए भी दिया। सुबह जब हम दोनों उठे तो एक दूसरे को धन्यवाद की हम दोनों ही समझ गए थे कि सुहागरात क्या होता है वह भी जान ली मैं भी जान लिया मुझे भी पता चल गया एक औरत को कैसे चोदा जाता है और उसके कौन-कौन से अंग होते हैं और कैसे कैसे दिखते हैं। अब मैं जल्द ही दूसरी कहानी नॉनवेज story.com पर लिखने वाला हूं तब तक के लिए आप सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार।