हॉट किया फिर जो मैं नहीं चाहती थी वो कर दिया चाचा ने

Chacha aur Jawan Bhatiji Sex Story : मेरा नाम पूजा है, उम्र 22 साल, और मैं अपने मम्मी-पापा के साथ गाँव के एक बड़े, पुराने घर में रहती थी, जहाँ खेतों की हवा हर कोने में घुस आती थी। मेरा गोरा जिस्म किसी सपने की तरह था—मेरी चूचियाँ भरी हुई और गोल, जो हर कुर्ते में कसकर उभरती थीं, मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी, जो कपड़े के ऊपर से भी चुदाई का न्योता देते थे। मेरी पतली कमर पर सलवार का नाड़ा लिपटता था, और मेरी गहरी नाभि हर बार जब मैं चलती, तो झलक दिखाती थी। मेरी गांड मोटी और चिकनी थी, जो सलवार में मटकती थी, और मेरे चूतड़ की लचक ऐसी थी कि उसे देखकर किसी का लंड अपने आप खड़ा हो जाए।

मेरी चूत हमेशा गीली रहती थी, सलवार के नीचे उसकी गर्मी छुपी रहती थी, और मेरे रसीले होंठ सिसकारियाँ भरने को तैयार रहते थे। मेरे लंबे काले बाल मेरी कमर तक लहराते थे, और जब मैं उन्हें खोलती, तो वो मेरी चूचियों को ढक लेते थे, जैसे कोई काला परदा मेरे जिस्म की आग को छुपाने की कोशिश कर रहा हो। घर में चाचा—रमेश—भी रहते थे, 40 साल के, मज़बूत बदन वाले, जिनका चौड़ा सीना शर्ट से बाहर झाँकता था। उनकी आँखें हमेशा मेरे जिस्म को चाटती थीं—मेरी चूचियों से लेकर मेरी गांड तक, और उनकी साँसों में एक भूख थी जो मुझे हर बार बेचैन कर देती थी। मैं उनकी नज़रों को महसूस करती, और मेरी चूत में एक अजीब सी सनसनी दौड़ जाती, पर मैं डरती थी कि कहीं वो कुछ कर न बैठें।

गर्मियों की एक तपती दोपहर थी, जब आसमान में सूरज आग बरसा रहा था, और घर के बाहर खेतों में सूखी ज़मीन दरक रही थी। मम्मी-पापा शहर गए थे, और घर में सन्नाटा छाया था—सिर्फ़ छत पर कौवों की कर्कश आवाज़ें और मेरे पैरों की पायल की छनछन गूँज रही थी। मैं अपने कमरे में लेटी थी, एक काला सूट पहने हुए, जो पसीने से भीगकर मेरे जिस्म से चिपक गया था। मेरा कुर्ता मेरी चूचियों को कस रहा था, और पसीने की वजह से मेरे निप्पल साफ़ उभर रहे थे, जैसे वो कपड़े को फाड़कर बाहर आना चाहते हों। सलवार मेरी चूत और चूतड़ से चिपकी थी, और मेरी मोटी गांड हर बार जब मैं करवट बदलती, तो बिस्तर पर लचकती थी।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  राखी चाची की चुदाई चांदनी रात में

पंखा ज़ोर-ज़ोर से चल रहा था, पर उसकी हवा मेरे जिस्म की आग को ठंडा करने में नाकाम थी। मैंने अपने बाल खोल रखे थे, जो मेरी चूचियों पर बिखरे हुए थे, और पसीने की बूँदें मेरे गले से नीचे सरक रही थीं, मेरी चूचियों के बीच की गहरी खाई में इकट्ठा हो रही थीं। मेरी चूत गीली थी, और मैं सोच रही थी कि काश कोई मेरे जिस्म को छू ले, मेरी चूचियाँ दबा दे, मेरी चूत चाट ले। तभी दरवाज़ा खुला, और चाचा अंदर आए। उन्होंने एक ढीली शर्ट और पायजामा पहना था, और उनका मोटा लंड पायजामे में सख्त होकर उभर रहा था, जैसे मेरी चूत को देखकर जाग उठा हो। उनकी शर्ट पसीने से चिपकी थी, और उनका चौड़ा सीना साफ़ दिख रहा था—हर साँस के साथ उनकी छाती ऊपर-नीचे हो रही थी। “पूजा, गर्मी बहुत है न?” चाचा ने कहा, और उनकी नज़रें मेरी भीगी चूचियों पर ठहर गईं। मैंने सलवार ठीक करने की कोशिश की, पर मेरी गांड मटक गई, और मेरे निप्पल और सख्त हो गए।

“हाँ चाचा, बहुत गर्मी है,” मैंने धीमे से कहा, और मेरी आवाज़ में एक सिसकारी थी। मेरी चूत में सनसनी दौड़ गई, और मैंने अपने पैर थोड़े चौड़े किए, जिससे मेरी चूत की गर्मी सलवार से बाहर निकलने लगी। चाचा मेरे पास आए, उनकी साँसें तेज़ थीं, और उनकी आँखों में एक जंगली भूख चमक रही थी। “तेरी चूचियाँ देखकर गर्मी और बढ़ रही है, पूजा,” चाचा ने फुसफुसाया, और उनका हाथ मेरे कंधे पर फिसल गया। उनकी उंगलियाँ मेरे गले पर रेंग रही थीं, धीरे-धीरे नीचे सरकती हुईं, और मेरे कुर्ते के ऊपर से मेरी चूचियों को छूने लगीं। मैं सिसक उठी, “चाचा, ये गलत है, मत करो!” पर मेरी चूत गीली हो रही थी, और मेरे निप्पल सख्त होकर चाचा की उंगलियों को महसूस कर रहे थे।

चाचा ने मेरी बात अनसुनी की, और उनका हाथ मेरे दुपट्टे पर गया। उन्होंने एक झटके में मेरा दुपट्टा खींचकर फेंक दिया, और मेरी चूचियाँ कुर्ते में उभरकर उनके सामने नाचने लगीं। “पूजा, तेरी मोटी गांड और चूतड़ चोदने को तरस रहे हैं,” चाचा ने कहा, और उनकी आवाज़ में लंड की भूख थी। मैं चिल्लाई, “चाचा, नहीं, ये मत करो!” पर मेरी चूत टपक रही थी, और मेरा जिस्म उनकी बातों से सुलग रहा था। चाचा ने मेरे कुर्ते को दोनों हाथों से पकड़ा और ज़ोर से फाड़ दिया—कपड़ा चर्र-चर्र की आवाज़ के साथ फटा, और मेरी गोरी चूचियाँ नंगी हो गईं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, चूसने को तैयार, और मेरी चूचियाँ पसीने से चमक रही थीं। “तेरी चूचियाँ चूसूँगा, पूजा,” चाचा ने कहा, और मेरे एक निप्पल को अपने मुँह में ले लिया।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  पति का छोटा लंड के चलते ही मैंने ये कदम उठाया पति के सहयोग से

चाचा की गरम जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, चूस रही थी, और हल्के से काट रही थी। उसका मुँह मेरी चूचियों पर नाच रहा था, और उसकी साँसें मेरे जिस्म को झुलसा रही थीं। “चाचा, मत करो, ये गलत है!” मैं सिसक रही थी, पर मेरी चूत में आग लग रही थी, और मेरा पानी सलवार में बह रहा था। चाचा ने मेरी दूसरी चूची पकड़ी और ज़ोर से दबाई, मेरा निप्पल उसके अंगूठे से मसला, और मैं चीख उठी, “आह्ह! चाचा, छोड़ दो!” पर मेरी चूत टपक रही थी, और मेरा जिस्म उसकी हर हरकत से सिहर रहा था। उसने मेरी सलवार का नाड़ा खींचा, और एक झटके में उसे नीचे सरका दिया। मेरी चिकनी चूत और मोटी गांड उसके सामने नंगी हो गईं—मेरी चूत गीली और चमकती हुई, मेरे चूतड़ चुदाई के लिए मटक रहे थे।

“पूजा, तेरी चूत चाटूँगा, फिर लंड पेलूँगा,” चाचा ने कहा, और मेरी जाँघें चौड़ी कर दीं। उसकी गरम साँसें मेरी चूत को छू रही थीं, और फिर उसकी जीभ मेरी चूत पर लगी। “आह्ह! चाचा, नहीं!” मैं चीखी, पर मेरी चूत उसके मुँह में सिसक रही थी। उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर नाच रही थी, मेरा पानी चाट रही थी, और मैं बेकाबू हो रही थी। “चाचा, छोड़ दो, मैं नहीं चाहती!” मैं सिसक रही थी, पर मेरा जिस्म उसकी जीभ से चुदाई का मज़ा ले रहा था। चाचा ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा, और मेरे चूतड़ लाल हो गए। “तेरी गांड चोदूँगा, पूजा,” उसने कहा, और अपना पायजामा उतार दिया। उसका मोटा लंड बाहर आया—लंबा, सख्त, और चुदाई की आग से लाल।

मैं बिस्तर पर लेटी थी, मेरी चूचियाँ नंगी और लाल, मेरी चूत गीली और तड़पती। चाचा ने मेरे हाथ पकड़े और मुझे बिस्तर पर पटक दिया। “चाचा, मत करो, मैं नहीं चाहती!” मैं चिल्लाई, पर मेरी चूत चुदाई के लिए सिसक रही थी। उसने मेरा मुँह अपने लंड की ओर धकेला। “चूस मेरा लंड, पूजा,” उसने हुक्म दिया। मैंने सिर हिलाया, “नहीं चाचा!” पर उसने मेरे बाल पकड़े और मेरा मुँह अपने लंड पर दबा दिया। उसका लंड मेरे होंठों में घुस गया, और मैं चूसने लगी। “चूस, पूजा, पूरा लंड गले में ले!” चाचा गरज रहा था। उसका लंड मेरे मुँह में नाच रहा था, और मेरी चूत से पानी टपक रहा था। “चाचा, छोड़ दो!” मैं सिसक रही थी, पर मेरी जीभ उसके लंड को चाट रही थी। उसने मुझे उठाया और घोड़ी बनाया। मेरी गांड हवा में थी, मेरे चूतड़ चुदाई के लिए तैयार। “तेरी चूत चोदूँगा,” उसने कहा, और लंड मेरी चूत पर रगड़ा। “नहीं चाचा!” मैं चीखी, पर उसका लंड मेरी चूत में घुस गया। “आह्ह! चाचा, मत करो!” मैं सिसक रही थी, पर मेरी चूत उसके लंड से चुद रही थी। उसने धक्के मारे, और मेरी चूचियाँ उछलने लगीं। “तेरी चूत फाड़ूँगा!” चाचा बोला, और मेरी गांड पर थप्पड़ मारा।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  दोस्त की माँ को छोड़कर उसका सेक्स वीडियो वायरल किया

चाचा ने मुझे पलटा। मेरी चूत जल रही थी, और मेरी गांड चुदाई माँग रही थी। “तेरी गांड चोदूँगा,” उसने कहा, और मेरी गांड पर थूक लगाया। “चाचा, नहीं, मैं नहीं चाहती!” मैं चीखी, पर उसका लंड मेरी गांड में घुस गया। “आह्ह! मेरी गांड फट गई!” मैं सिसक रही थी। “चोदूँगा, पूजा!” उसने धक्के मारे, और मेरी चूत में उंगलियाँ डालीं। “मत करो!” मैं चिल्लाई, पर मेरा जिस्म चुदाई में डूब रहा था। उसने मेरी चूचियाँ चूसीं, और उसका लंड मेरी गांड को फाड़ रहा था। “तेरी चूत में माल डालूँगा,” चाचा बोला। “नहीं चाचा!” मैं चीखी, पर उसका माल मेरी चूत में छूट गया। “आह्ह!” मैं सिसक रही थी, और मेरा पानी भी बह निकला।

हम बिस्तर पर ढेर हो गए। मेरी चूत और गांड जल रही थीं, चूचियाँ लाल थीं। चाचा ने मेरे होंठ चूमे। “फिर चोदूँगा, पूजा,” उसने कहा। “चाचा, मैं नहीं चाहती थी,” मैं सिसकी, पर मेरी चूत फिर गीली हो रही थी।

Subscribe Latest Story OK No thanks