चाचा ने मुझे संतान सुख दिया मुझे बेटा हुआ

भतीजी की चुदाई, चाचा और भतीजी की चुदाई कहानी, Chacha Bhatiji Sex Story, Uncle Sex Story, Uncle Niece Sex story, चाचा भतीजी सेक्स कहानी : मेरा नाम कामिनी है मैं 26 साल की खूबसूरत औरत हूं। अभी 15 दिन का मेरा एक बेटा है इस बेटे का बाप मेरा चाचाजी है मैं धन्यवाद करती हूं उनका जिसकी वजह से आज मैं मां बन पाई हूं। आज मैं आपको पूरी कहानी नॉनवेज story.com पर लिख रही हूं ताकि आपको पता चले कि मैंने कैसे अपने चाचा के साथ सेक्स संबंध बनाकर पुत्र रत्न प्राप्त किया और आज मैं बहुत ही खुश हूं। मैं ही खुश नहीं हूं मेरे पति मेरे साथ मेरे ससुर सारे खुश हैं। पर यह सब कैसे हुआ क्यों हुआ क्या मेरे परिवार को इसके बारे में पता है क्या मेरे पति को इसके बारे में पता है वह सारे कुछ आपको अब मैं बताने वाली हूं।

ऐसे में उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के 1 गांव की रहने वाली हूं। मेरे पति बचपन से ही दिल्ली में रहे थे उनका मेरे गांव में एक संबंध था इस वजह से वह आया जाया करते थे। मेरे घर के सामने ही उनके संबंधी का घर था इस वजह से मेन मटक्का हमेशा हम दोनों के बीच में चलते रहता था इस वजह से मैं उन के चक्कर में आई मुझे लगा कि अब मैं दिल्ली चली जाऊंगी वहीं पर एस करूंगी मजे करूंगी। इसलिए मैंने उनके साथ प्रेम विवाह कर लिया और दिल्ली आ गई। पर जब मैं दिल्ली आई दोस्तों मैं हैरान हो गई जैसा मेरे पति ने बताया था कि मैं इतना कमाता हूं मेरा घर ऐसा है मेरे घर में सब कुछ है पर वैसा कुछ भी नहीं था।

मैं प्यार में इतनी ज्यादा अंधी हो गई थी कि मैंने सही को सही नहीं समझा गलत को गलत नहीं समझा घरवाले मुझे मना करते रहे कि तुम इसके साथ शादी मत करो पहले जाकर सब कुछ चेक करेंगे दिल्ली जाकर देखेंगे कि लड़का के पास सब कुछ है या नहीं है। पर मैं उन लोगों को मना कर दी कि लड़का को देखने की जरूरत नहीं है मैं देख ली हूं और रही बात जैसे वह रखेगा वैसे मैं रह लूंगी मैं भी काम कर लूंगी दिल्ली में और वही जाकर बस जाऊंगी जैसा और भी मेरे गांव के लड़कियां ने ऐसा किया है मुझे भी लगा कि जिंदगी इतनी आसान होती है अपने पति के साथ रहूंगी और खूब ऐश करूंगी।

पर यह सब सपने की बात होती है दोस्तों यह सच में हकीकत में यह सब बातें नहीं होती खैर जाने दीजिए वह बहुत पुरानी बात हो गई मैं फंस गई तो अब मैं क्या बताऊं। सीधे मैं कहानी पर ही आती हूं आपका समय बर्बाद करना नहीं चाहती हूं मैं चाहती हूं कि मेरी कहानी आप लोगों तक पहुंचे और आप लोगों को भी समझ जाएं कि गलती कहां से कहां पहुंचा देती है पर अगर होशियार लड़की हो तो आगे भी निकल जाते हैं।

जब मैं दिल्ली आ गई अपने पति के साथ 3 साल तक रही मुझे कोई बच्चा नहीं हुआ। मेरे पास इलाज कराने के पैसे नहीं थे दोस्तों बड़ी मुश्किल से मैं खाना ही खा पाती थी अपने पति के साथ रहकर क्योंकि मेरा पति उतना ज्यादा पैसा नहीं कमाता है। बहुत ज्यादा तो बड़े नहीं है पर हां 15 साल बड़े हैं। वह गाजियाबाद में रहते हैं वह बहुत अमीर हैं अच्छा काम करते हैं अपना घर मकान है तो उनको किसी चीज की कमी नहीं है। जब मैं इलाज करवा कर थक गई तब मैंने अपने चाचा को अपने बारे में सब कुछ बताइए मेरे पति भी उनको बताएं कि ऐसा ऐसा बात है बच्चा नहीं हो रहा है।

मेरे चाचा जी ने एक डॉक्टर से बात किया और वह डॉक्टर ने मुझे बुलाया मैं अपने पति के साथ गाजियाबाद गई डॉक्टर को दिखाई। और डॉक्टर ने कुछ टेस्ट करने को कहा मेरा भी चेक हुआ मेरे पति का भी चेक हुआ। दूसरे दिन मेरे पति अपने काम पर दिल्ली चले गए वह बदरपुर बॉर्डर के पास रहते हैं गाजियाबाद से बहुत दूर है तो रोज उनका आना जाना हो नहीं सकता था। तो चाचा बोले कि तुम कामिनी को यहीं पर छोड़ दो डॉक्टर जो कहती है वह सब एक बार समझ पूछ लो उसके बाद ले जाना।

गांव में भी मेरे घरवाले को भी यह आईडिया अच्छा लगा मैं अपने चाचा के यहां रुक गई और मेरे पति वापस बदरपुर बॉर्डर चले गए। चाचा जी हमारे अकेले रहते हैं क्योंकि मेरी चाची उनको छोड़कर चली गई है किसी और के साथ भाग कर शादी कर ली है तो चाचा अकेले ही हैं। जब रिपोर्ट आया तो पता चला कि मेरे पति में खराबी है मेरा पति बाप नहीं बन सकता है उसका शुक्राणु काउंट बहुत कम है। यह बात पता चलते ही मेरा माथा ठनक गया अब मैं किसको क्या बोलूं मैं अपने मन से शादी की थी अब मैं कहां जाऊं। शादी के बाद ऐसे भी मेरे घरवाले बदल गए थे मेरे साथ ससुर भी ज्यादा मुझे प्यार नहीं करते हैं पति मुझे बहुत प्यार करता है पर वह किस काम का जब मैं उसके बच्चे की माही ना बन पाए।

यह सब सोच कर मैं बहुत ज्यादा रोने लगी चाचा के कंधे पर सर रख के रोने लगी चाचा मुझे दुलार कर रहे थे प्यार कर रहे थे समझा रहे थे क्या करोगी जो किस्मत में है वही होगा। मैं भी समझ गई जो किस्मत में है अब उसको तो कोई काट नहीं सकता मैं पति तो बदल नहीं सकती। पर मेरे चाचा ने एक बात बताया कि देखो कामिनी अभी यह सब बात तुम अपने पति को मत बताना अभी तुम कहना कि मैं यहीं रह कर इलाज करवाऊंगी डॉक्टर बोली है कि अभी यहीं पर रहो और इलाज करवाओ।

धीरे-धीरे मेरा चाचा के साथ संबंध और भी ज्यादा अच्छा हो गया चाचा को भी एक कंपनी मिल गई थी और मैं भी खुश थी अच्छे से खा पी रही थी घूमती रही थी धीरे-धीरे मैं हंसने बोलने लगी थी दुख दूर हो गया था मेरा चाचा बड़े ही रोमांटिक किस्म के इंसान हैं। 1 दिन की बात है चाचा का पैर बहुत ज्यादा दर्द कर रहा था वह खुद ही कटोरी में तेल निकालकर बोले कि आज मैं अपने से ही तेल लगा लेता हूं चाची रहती थी तो कभी-कभी लगा भी देती थी परंतु जब अकेला हो गया तो क्या करूं। यह सुनकर मुझे अच्छा नहीं लगा मैं चाचा के यहां रहकर इलाज करवा रही थी रह रही थी तो मैंने उनको कहा कि मैं लगा देती हूं चाचा जी आप चिंता मत करो मैं आपकी भतीजी हूं। जब आप मेरे लिए इतना कुछ कर रहे हो तो मैं आपके लिए क्यों नहीं कुछ करूं और मैंने उनके हाथ से कटोरी लेकर उनके पैरों में तेल लगाने लगी।

तेल लगाते लगाते क्या बताऊं दोस्तों मेरे अंदर कुछ होने लगा था चाचा का लंड खड़ा होने लगा था मैं देख पा रही थी उनके जांगिया से उनका लंड मोटा सा खड़ा हो रहा था और मेरी चूत भी धीरे-धीरे गीली हो रही थी क्योंकि चाचा बड़े ही हॉट और सुंदर है इस वजह से कोई भी लड़की फिसल जाए ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ। मैं उनके पैर को दबा रही थी तेल लगा रही थी हम दोनों की नजरें मिलती थी पर तुरंत ही हम दोनों अपनी नजरों को इधर-उधर कर लेते थे रात का समय था करीब 10:00 बज गए थे।

मैं उनके आंख से आंख नहीं मिला पा रही थी क्योंकि उनका लंड खड़ा हो गया था और मैं भी कामवासना में धीरे-धीरे आ रही थी क्योंकि मेरे गरम गरम पानी निकल रहा था मुझे महसूस हो रहा था। अचानक से चाचा जी बोले कि कामिनी में एक बात तुमको बताऊं तुम्हें पता है पति में खराबी है मुझे पता है तुम्हारे पति ने खराबी। पर दुनिया को नहीं पता तुम चाहो तो मां बन सकती हो और जिंदगी अच्छे से काट सकती हो क्योंकि तुम्हें भी पता है लव मैरिज किया है तुमने तुम अपने पति को छोड़ भी नहीं सकती है दूसरी तो शादी तुम्हारी हो भी नहीं सकती है।

इतना सुनते ही मुझे समझ आ गया कि मेरे चाचा मुझसे क्या कहना चाह रहे हैं। मैं दो-तीन मिनट तक चुप रही वह बोल रहे थे कि अगर तुम बोलो तो कुछ बात आगे बढ़े तो तुम्हें खुशियां मिल सकती है तुम्हारा गोद भर सकता है। एक भी बच्चा हो जाएगा तो तुम्हारी जिंदगी अच्छे से कट जाएगी और किसी को पता भी नहीं चलेगा क्योंकि शुक्राणु निल तो कभी भी हो सकता है। 10 मिनट तक मैं उनके पैर को चुपचाप दबाते रही। चाचा बोले ठीक है कोई बात नहीं जैसा तुम्हें ठीक लगता है वही करो मैं तो वही कह रहा था जो तुम्हारे लिए फायदेमंद हो।

इतना सुनते ही मैं चाचा के ऊपर ही लेट गई और उनके हॉट को चूमने लगी। चाचा जी भी मुझे अपनी बाहों में भर ले धीरे-धीरे हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए। मेरी बड़ी बड़ी टाइट चूचियां चाचा जी अपने दोनों हाथों से दबोच ने लगे। मेरे निप्पल को अपने दांत से काटने लगे मेरे जिस्म को अपने हाथों से चलाने लगे। मेरी चूत बहुत ज्यादा गीली हो गई थी दोस्तों। मेरे चूतड़ पर अपना हाथ जब वह लगाते और थप्पड़ मारते तो मेरे तन बदन में आग लग जाती थी। मैं अंगड़ाइयां लेने लगी थी। चाचा जी ने मुझे नीचे लिटा दिया बेड पर और मेरे दोनों टांगों को अलग-अलग करके मेरे चूत को चाटने लगे। जब वह मेरी चूत में अपनी दो उंगली घुसा कर अंदर बाहर करने लगे तो मेरे अंदर करंट दौड़ने लगा था मैं वासना में पागल हुए जा रही थी।

मैंने अपनी टांगें फैला दी ताकि वह अच्छे से अपनी उंगली को मेरी चूत के अंदर अंदर बाहर कर सके। वह जब अपना मुंह लगाते थे मेरी चूत पर तो मैं पागल हो जाती थी मेरी मुंह से सिसकारियां निकलने लगती थी मैं अंगड़ाइयां लेने लगती थी। चाचा ने अपना मोटा लंड मेरे मुंह में डाल दिया मैं उनके लंड को चूसने लगी मैं चाटने लगी। उनका मोटा लंड करीब 9 इंच का था। . उन्होंने मेरे से बोला कि तुम्हें पता है तेरी चाची मुझे छोड़कर क्यों गई है मैंने पूछा क्यों वह बोले कि वह मेरे लंड को अपने चूत में लेकर सह नहीं पाती थी उसको बहुत ज्यादा दर्द होता था इस वजह से वह परेशान होकर मुझे छोड़ गई।

पर मुझे अपने चाचा का लंड भाग गया था मुझे मोटा लंड चाहिए था मेरे पति का लंड बहुत छोटा और पतला है मुझे ऐसे ही लंड की जरूरत थी क्योंकि मैं खुद लंबी चौड़ी औरत हूं। उन्होंने मेरे दोनों टांगों को अलग-अलग किया अपना मोटा लंड मेरी चूत के छेद पर लगाकर जोर से घुसा दिया। उनका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर जाते ही मैं मचल उठी मैं गांड उठा उठा कर उनके लंड को अपने चूत के अंदर लेने लगी। वह जोर-जोर से मुझे चोदने लगे मैं भी गांड घुमा घुमा कर उनके लंड को अपनी चूत के अंदर लेने लगी। मेरी चुचियों को वह द बेचने लगे पीने लगे मेरे गाल को चूमने लगे मेरे होठों को काटने लगे।

उन्होंने मुझे कुत्तिया बनाकर मुझे घोड़ी बनाकर मुझे खड़ा करके मुझे बैठाकर मुझे जमीन पर लिटा कर मुझे उल्टा करके। हर एक तरीके से मुझे पूरी रात चोदा। मैं पूरी रात उनसे जुड़ी सुबह जब उठी तो मेरे दोनों चूचियां लाल हो चुकी थी उनके उंगली के निशान थे। मेरी चूत में सूजन आ गई थी। मत चाचा के पीठ पर भी मेरे नाखून के निशान थे चाचा के गाल पर मेरे चुम्मे के निशान थे मैंने एक दो जगह उनके गर्दन पर भी मेरे दांत के निशान थे।

उस दिन हम दोनों 12:00 बजे दिन में उठे तभी मेरे पति का फोन आया। मैंने अपने पति को पूरी कहानी बताएं कि डॉक्टर बोली है हो जाएगा दोनों में से किसी में कमी नहीं है थोड़ा सा समय लगेगा लेकिन इलाज नहीं रहते करवाना पड़ेगा। मेरे पति को तो लॉटरी लग गया था उन्होंने खुश होते हुए बोले कि ठीक है तुम चाचा जी के यहां ही रहो अपना इलाज करवाओ जब तुम मुझे बुलाओगे मैं आ जाया करूंगा। ऐसा ही हुआ दोस्तों मैं अपने पति को कम ही बुलाते थे क्योंकि मुझे पता है मेरा कोई इलाज नहीं हो रहा था बस मैं यहां अपने चाचा के लंड को लेने के लिए रुकी हुई थी।

अचानक से 1 महीने मेरी माहवारी रुक गई। मेरा पीरियड नहीं आया मैंने तुरंत अपने पति को फोन करके बुलाया कि डॉक्टर बोल रहे हैं संबंध बनाने के लिए। क्योंकि . डॉक्टर मेडिसिन दी है और बोली है कि तुम लोग 2 दिन तक संबंध बनाओ बच्चा ठहर जाएगा ऐसा ही हुआ मेरे पति आ गए मेरे साथ उन्होंने दो दिन तक संबंध बनाए और फिर वापस चले गए। गर्भवती तो मैं पहले ही हो चुकी थी बस एक बहाना था अपने पति को बुलाने का ताकि किसी को कोई शक नहीं हो। ऐसा ही हुआ दूसरे महीने भी हो गए तीसरे महीने हो गए चौथा महीना में अपने वापस पति के यहां गई ताकि सब कुछ सही से चले। लोगों को कोई शक नहीं हो चाचा भी मेरे बोले कि ठीक है तुम चली जाओ आती जाती रहना अब। मैं अपने पति के यहां गई थोड़े दिन बाद फिर मैं वापस आ गई क्योंकि मेरी डिलीवरी यही डॉ करती तो पति का आना जाना बहुत कम था मैं अपने चाचा के साथ पूरी गर्भावस्था के दौरान सेक्स संबंध बनाए आज मैं एक बेटे की मां हो गई हूं। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मुझे बहुत खुशी हो रही है इस वजह से मैंने आप लोगों को नॉनवेज स्टोरी पर यह कहानी लिखकर धन्य महसूस कर रही हूं।