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चाचा की खूबसूरत लड़की को चोदकर मैं बहनचोद बन गया

हेल्लो दोस्तों, मैं रितेश कुमार आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी का नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। मै झाँसी का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 20 वर्ष होगी। बात उन दिनों की है, जब मै अपनी पढाई पूरी करके तैयारी करने के लिए कोटा गया था। मैंने कोटा मेंALLEN institute में तैयारी करने के लिए एडमिसन लिया था। कोटा में मेरे चाचा जी का घर था, इसलिए मै अपने चाचा के घर पर रहने लगा। मेरे चाचा के घर में, चाचा, चाची, उनका बेटा अजय और उनकी एक बेटी मोना उनके साथ रहते थे।

उनकी बेटी मोना बहुत सुंदर, गोरा रंग, लाल लाल गाल और उसकी चूची तो लाजवाब थी। उसकी चूची सुडोल, दिखने में टाइट और काफी आकर्षक थी। मोना अभी 18 साल की थी, इस बार वो इंटर में थी।उसका चेहरा गोल था और आँखें बड़ी बड़ी और खूबसूरत थी। जब वो हस्ती थी तो उसके गालों में प्रीटी जिंटा की तरह गड्ढे पड़ जाते थे। वो काफी तड़ तड़ माल थी, मैं यही सोचता था की इसको चोदने वाला बहुत किस्मतवाला होगा। मैंने तो कभी सपने में भी नही सोचा था की मुझे अपने चाचेरी बहन को चोदने का मौका मिलेगा। मै चाचा के घर में रहने लगा। हर रोज मै सुबह 8 बजे मै नास्ता करके अपने कोचिंग के लिए निकल जाता और फिर जब शाम को छुट्टी होती तब घर आता। मेरी जिंदगी बहुत बोरिंग चल रही थी। सुबह से शाम तक पढाई और फिर थोड़ी देर आराम। इसी तरह से 2 महीने बीत गया।

एक दिन मै खाना खा रहा था, तो चाची ने मुझसे कहा “बेटा रितेश मोना का इस बार इंटर है और उसका इग्जाम करीब आ रहा है उसकी केमिस्ट्री थोड़ी कमजोर है, अगर तू थोडा टाइम निकाल कर उसे पढ़ा दिया करो तो उसका नम्बर और भी अच्छा आ सकता है। मुझे पता है की तुझे खुद भी पढ़ना रहता है लेकिन शाम के टाइम थोडा टाइम निकाल लिया करो” चाची ने मुझसे कहा। मैंने चाची से मोना को अगले से रात को 7 से 9 बजे के टाइम पढाने को कहा। चाची ने कहा – मै मोना से बोल दूंगी की रात को 7 से 9  भैया तुम्हे पढाने के लिए तैयार हो गये है। मै मना भी नही कर सकता था क्योकि मै उनके ही घर में रहता था।वो दिन तो किसी तरह से बीत गया।

अगले दिन मैने हर रोज की तरह नास्ता किया, और अपने कोचिंग के लिए निकल गया। छुट्टी के बाद मैने घर आके खाना खाया और थोड़ी देर आराम किया। दोपहर के 3 बजे थे, मुझे चाची से कुछ पैसे चाहिए थे तो मांगने के लिए उनके कमरे में गया। मैंने वहां क्या देखा – चाची और मोना दोनों सो रही थी। मोनाने उस दिन चुटपुटिया वाली शर्ट और नीचे लोवर पहना था। सोते समय उसके शर्ट की कुछ बटन खुल गयी थी और उसके गुलाबी ब्रा से आधी चूची बाहर की ओर निकला हुआ था। ये नजारा देख कर मेरा लंड तो तनकर खड़ा हो गया। उस वक्त पहली बार मेरे मन में अपने चचेरी बहन को चोदने का ख्याल आया।

इतने में मोना ने करवट बदली उसकी गोरी, सुडोल और आकर्षित मम्मे और भी अच्छी तरह से दिखने लगा। ये सब मै देख कर अपने आप को रोक ना सका। मैंने अपने लंड को अपने हाथो से दबाके बाथरूम में गया ओर दरवाजा बंद कर लिया। मैंने अपने मोटे, गठीले, रसीले 8 इंच का लंड निकाला और मुठ मारने लगा। मैंने उस दिन सोच लिया था की एक ना एक दिन मै मोना को मै चोदूंगा। मै जल्दी जल्दी मुठ मार रहा था, थोड़ी देर बाद मेरा माल निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। शाम हुई पहले तो मैंने जल्दी से अपनी पढ़ी पूरी कर ली। 7 बजे मै मोना को पढाने के लिए तैयार हो गया। कुछ देर बाद मोनाकॉपी और किताब लेकर छत पर मेरे कमरे में आई।

“भैया मै अंदर आऊ क्या???” मोना ने पूछा

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“हाँ अंदर आ जाओ” मैंने उत्तर दिया।

मैंने एक कुर्सी लगा दी थी मेज के पास। मैंने मोना से कुर्सी पर बैठने को कहा। मोना बैठ गई। मोना उस दिन क्या लग रही थी, उसने नीले रंग की टॉप पहनी थी और नीचे एक हाफ लोवर। उसकी हाफ लोवर में उसका गोरे गोरे पैर दिख रहा था। मैंने उसको पढाना शुरू किया, पहले तो मैंने उसे कुछ देर तक फर्स्ट चैप्टर के बारे में ठीक से समझया। और उसके बाद मैंने उससे कुछ सवाल पूछा। मोना ने सवालो के जवाब दे दिए। मैने मोना की तारीफ कर दी की तुम पढ़ने में बहुत अच्छी हो बस थोडा सा ध्यान लगाओ। मोनाखुश हो गई। मेरा असल मकसद उसकी मस्त मस्त रसीली चूचियां पीना था और रसीली चूत मारना था। मोना को पढाते पढाते कब 9 बज गाये पता ही नही चला। थोड़ी देर बाद चाची हमे बुलाने आ गई।

“बेटा रितेश चलो अब खाना खा लो समय हो गया है” चाची ने कहा

“आ रहा हूँ….” मैंने उत्तर दिया

हम सब ने खाना खाया और सोने के लिए सोने के लिए अपने कमरे में चले गये। रात को मै मोना के बारे में ही सोच रहा था की उसके करीब कैसे जाऊ? उसको किस करने का मौका कब मिलेगा? इसी तरह एक महीने बीत गया, हर रोज की तरह। लेकिन उस दिन मेरे साथ कुछ अलग ही होने वाला था मैंने कभी नही सोचा था। शाम हुई मोना के पढ़ने आने का समय था, उस दिन मेरा सेक्सी वीडियो देखने का मन कर रहा था। मैंने अपने फोन में एक सेक्सी वीडियो डाऊनलोड किया और उसे देख रहा था। इतने में मोना आ गई, वो बिना दरवाजा खटखटाये अंदर आ गयी। मै लेटे हुए अपने फोन पर सेक्सी वीडियो देख रहा था। मोना ने सब देख लिया, मेरी नजर अचनक से मोना पर पड़ी। मै तो चौक गया, “अरे मोना तुम कब आई” मैंने पूछा? “बस अभी आई हूँ भैया” उसने कहा। मै उसे पढाने लगा, लेकिन मेरे मन में एक ही बात चल थी कहीं मोना ने मुझे सेक्सी देख तो नही लिया? बहुत देर तक मै मोना को पढाता रहा, फिर मैंने मोना से कहा – किसी से बताना मत की सेक्सी वीडियो देख रहा था। “नही बताउंगी किसी से लेकिन ये गलत बात है” मोना ने कहा।

अगले दिन मेरी कोचिंग में छुट्टी थी। चाचा अपने ड्यूटी पर चले जाते है, अजय भी कॉलेज चला गया। चाची को बाज़ार जाना था। और उस दिन मोना भी कॉलेज नही गई थी। चाची बाज़ार चली गई, घर में मै और मोना अकेले थे। मोना अपने कमरे में पढाई कर रही थी और मै बाहर टीवी देख रहा था। इतने देर मेंमोना ने मुझे बुलाया। मै मोना के पास गया और पूछा क्या है? उसने कहा ये एक सवाल बता दो। मोना ने शर्ट पहनी थी और उसकी एक बटन टूटी हुई थी, और उसने ब्रा भी नही पहना था। उसकी गोरी गोरी चूचियाँ दिख रही थी। मेरा सवाल पर ध्यान ही नही लग रहा था, इसलिए मैंने मोना से कहा की “सुनो जाओ अपनी शर्ट बदल लो” मोना शर्मा गई। उसने अपनी शर्ट बदल ली। मेरा तो मन कर रहा था की आज ही उसे चोद डालूं।

कुछ देर बाद मोना शर्ट बदल कर टी – शर्ट पहन कर आई। अब तो उसकी चुचियाँ और भी गजब की लग रही थी। उसने ब्रा नही पहना था इसलिए उसके मम्मो की निपल्स ऊपर से ही जान पड़ रही थी। मै तो बेकाबू हो रहा था। मोना सामने से आ रही थी। मै बेड पर बैठ था। मेरे सामने जब पहुची तो अचानक उसका पैर फिसल गया और मोना मेरे ऊपर आ गिरी। उसके दोनों मम्मे मेरे सीने के बीच में दब गये। कुछ सेकेण्ड तक वो मेरे ऊपर थी मैंने उसको उठाया और पूछा – तुम्हे चोट तो नही लगी। मोना ने कहा “नही मै ठीक हूँ”। मैंने उसको ऊपर बैठाया और अपना हाथ उसके जांघों पर रख कर उससे समझने लगा। मैंने अपने हाथ को हटाया नही। मै अपने हाथों से मोना के पैर पर सहलाने लगा। मोना ने जरा भी इसका विरोध नही किया। मै समझ गया, अब मौका है जो करना है कर लो।

मैंने अपने हाथ को उठा कर उसके कंधे पर रख दिया और धीरे धीरे अपने हाथो को नीचे लाने लगा। मोनाने थोडा सा विरोध किया आप ये क्या कर रहें है लेकिन मेरे हाथो के सहलाने से वो भी जोश में आ रही थी। थोड़ी देर बाद मोना ने विरोध करना बंद कर दिया। धीरे धीरे मैंने अपना हाथ मोना के मम्मो पर पहुंचा दिया। मोना भी चाहने लगी थी की कोई मेरे मम्मो को दबाये और मसले। मैंने मौके का फायदा उठाते हुए मै उसके मम्मो को मसलने लगा। मैंने अपना चालू ही किया था कि चाची घर आ गई। मै जल्दी से कुर्सी पर बैठ कर मोना को सवाल बताने लगा, लेकिन मेरा मोटा और बड़ा लंड तो झुकने का नाम ही नही ले रहा था। मैंने देखा कि मोना कि नजर मेरे लंड पर थी। मै सवाल बता कर वहां से चला गया। मेरे आज चोदने का पूरा मूड बन गया था, लेकिन रात होने में बहुत समय बाकि थी इसलिए मुझे मुठ मार कर ही काम चलाना पड़ा।

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मै रात होने का इंतज़ार कर रहा था। रात हुई मैंने पहले ही कंडोम का इंतजाम कर लिया। मुझे पता था कि आज मै मोना को चोदने वाला हूँ। ठीक 7 बजे मोना मेरे कमरे में आई, उसने रोज कि तरह शर्ट और हाफ लोवर पहना था। मेरा तो आज उसको पढाने का कोई मूड इसलिए मैंने उससे कहा – मोना आज पढाई नही होगी आज मै तुम्हे कुछ सिखाने वाला हू। मोना ने पूछा क्या ? मैंने कहा तुम सब समझ जाओगी।

पहले तो मैंने अपने फोन में सेक्सी वीडियो लागा कर रख दिया। मोना कि नज़र मेरी मोबाईल पर पहुची। उसको पता चल गया आज तो उसकी चुदाई होने वाली है। मै मोना के बगल बैठ गया, और अपने हाथो से उसके पैरों पर सहलने लगा। मोना ने मेरा विरोध किया। उसने कहा कि “आप मेरे भैया लगते है, ये ठीक नही है”। तो मैंने पूछा फिर दोपहर में क्यों नही रोका? तो मोना ने जवाब दिया – “मै रोकना चाहती थी लेकिन मै जोश में आ गयी थी”। मैंने मोना से कहा- ये बात किसी को पता नही चलेगी। बहुत मनाने के बाद मोना मान तो गई, लेकिन उसने फिर मुझसे कहा ये बात किसी को बताना मत। मैंने कहा ठीक है।

मेरा तो 8 इंच लंड खड़ा था। मैं पहले तो मोना के पतले पतले होठो को पीने लगा। मोना ने भी मुझे कास कर पकड लिया और मेरे होठो को पीने लगी। हम दोनो एक दूसरे के होठो को पी रहें थे। मेरा पारा बढ़ने लगा, मै बेकाबू होने लगा। मै मोना के होठो को इतनी तेज पी रहा था कि उसको मेरे होठ पीने का मौका ही नही मिल रहा था। उसने किसी तरह से अपना होठ मेरे मुह से निकाल कर मेरे होठो को पीने लगी। क्या समय था, मै मोना किस किये जा रहा था। किस करते करते मोना ने मेरे हाथो को अपनी चूची पर रख कर दबाने लगी। मुझे पता चल गया कि मोना बहुत जोश मे है। मै किस करते हुए मोना के गोल टाइट और रसीले मम्मो को मसलने लगा। बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे के होठो को चूसते रहें।

मैंने जल्दी से अपने और मोना के शर्ट कि बटन को खोल कर उतार दिया। शर्ट को उतारते ही मैंने मोना के गोरे गोरे बदन को चाटने लगा। पहले तो मैं उसके गर्दन को पीने लगा, जब मै उसके गर्दन को पी रहा था तो वो तो ऐंठी जा रही थी। उसका जोश और भी बढ़ने लगा। मैंने उसके गर्दन को पीते पीते, उसकी ब्रा को भी निकाल दिया। फिर मैंने मम्मो को पीने लगा। उसके मम्मे इतने टाइट और सुडोल थे कि लग रहा था कि अभी तक किसी ने अभी तक छुआ तक नही। मैंने मोना के एक चूची को पीने लगा और दूसरी चूची को मसलने लगा। मेरे ऐसा करने से मोना तड़प ने लगी। मैंने अपनी एक उंगली से मोना के चूची के काले वाले स्थान पर गोल गोल कर रहा था और साथ में उसकी चूची को पी भी रह था। मै 15 मिनटों तक उसकी चूची को पीता रहा।

फिर मैंने अपना मोटा गठीला लंड निकाला और मोना के मुह कि तरफ बढ़ने लगा, मोना का मन मेरा लंड चूसने का नही था लेकिन मैंने उसको समझया और अपना लंड उसकी मुह में डाल दिया। पहले तो मोनाथोड़ा कम अंदर तक मेरा लंड चूस रही थी, लेकिन कुछ देर बाद जब मैंने अपने लंड को हल्का जोर लगाकर उसके मुह में डालने लगा तो शायद उसे भी अच्छा लगने लगा। फिर उसने अपने दोनों हाथो से खुद ही पकड़ कर अची तरह से चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था और साथ में मोना को भी। वो लगातर मेरे मोटे लंड को चूस रही थी और मै अपने दोनों हाथो से उसकी मम्मो को मसलने में लगा हुआ था। बहुत देर तक उसने मेरा लंड चूसा, मेरा पारा बढ़ रहा था। इसलिए मैंने मोना को बेड पर लिटा दिया और उसके हाफ लोवर को भी उतार दिया। उसने काली पैंटी पहनी थी। पहले तो मैंने उसकी पैंटी के ऊपर ही अपनी अंगुलिओं को सहलाने लगा, मोना ऐठने लगी। मैंने उसकी काली पैंटी को निकाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा। मोना को बहुत अच्छा लग रहा था।

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मैंने अपने मुह मोना के दोनों पैरों के बीच में डाल कर उसकी चूत को पीने लगा। मोना का जोश इतना बढ़ रहा था कि वो खुद ही अपने मम्मो को मसले जा रही थी। मै अपना पूरा जोर लगा के उसके चूत को पी रहा था और मोना उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्….. अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् …… अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……. इह्ह्ह्ह्ह्ह……. उईई माँ…… य्ह्ह्ह….. करने लगी थी। थोड़ी देर में उसके चूत से पानी निकाल आया। मैंने उसके चुत के पानी को पी लिया। जैसे ही मैंने मोना के चूत का पानी पिया, तो मुझे नाश सा हो गया। लेकिन काफी अच्छा स्वाद था।

उसके चूत को पीने के बाद मैंने उसको चोदने के लिए मैंने पास में रखे कोंडोम को पहन लिया। मैंने पहले अपनी अंगुली को थोडा सा उसकी चूत में डाला, उसका सील अभी तक नही टूटा इसलिए मैंने अपने हाथो से ही उसकी सील को तोड़ दिया क्योकि अगर मै अपने लंड से तोड़ता तो मोना चिल्ला देती और घर पर सब थे। मेरे सील तोड़ते ही उसकी चूत से थोडा खून निकाला। मैंने खून को पोछा और उसकी चूत में चोदने लगा। मेरा लंड इतना मोटा था कि जब मै अपना लंड उसके चूत में डालने लगू वो तेज से अह्ह्ह … आआआआ….इइई….इइई…..ओह ओह …. ….आआआआअह्हह्हह… अई…अई…….ईईईईईईई  मर गयी….. करने लगे। मै लगातर उसको चोदता रहा। मैंने बहुत देर तक मोना की चुदाई की। थोड़ी देर बाद मेरा माल निकलने वाला था क्योकि ये मेरी भी पहली चुदाई थी इसलिए मै भी जादा देर तक टिक नही पाया। मै तो उसकी गांड भी मारना चाहता था लेकिन मेरा माल निकलने वाला था इसलिए मैंने अपना लंड निकाल लिया और अपने हाथो से मुठ मारने लगा। मेरा सारा माल निकल गया।

मेरे सेक्स करते करते समय भी बीत गया था। 9 बज गये चाची आने वाली थी इसलिए मैंने मोना को पहले ही भेज दिया। मैंने पहली चुदाई अपने चचेरी बहन को चोद कर की। अब तो मेरा जब मन करता था मै मोना को अपने कमरे में बुलाके खूब चोदता। मेरे पढाने से उसके नम्बर भी अच्छे आये। ये मेरी चुदाई का गाथा थी। ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।