चाचा की लड़की को घर में बुलाकर बेरहमी से चोदा

Chacheri Bahan Sex : सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।

मेरा नाम रवि कुमार है। मैं कानपूर का रहने वाला हूँ। मेरे चाचा की लड़की का नाम रेवती था। उसके तो कहने क्या। उसे देखकर तो किसी अंधे का भी लंड खड़ा हो जाता। रेवती अब 21 साल की हो गयी थी और कॉलेज जाने लगी थी। उसे देखकर लड़के तो लड़के टीचर तक के लौड़े खड़े हो जाते थे। जब सुबह सुबह रेवती तैयार होकर बन ठनकर निकलती थी तो क्या कड़क माल लगती थी। उसका गोल चेहरे, रसीले ओंठ और उस पर बड़ी बड़ी शेरनी जैसी रोबदार आँखे तो कयामत थी। मैं सोचता था की कही उसे कोई और न पटाकर चोद ले उससे पहले मैं नम्बर लगा लूँ। एक दिन रेवती मेरे घर आई हुई थी। मैं, मेरी बहन लवली और रेवती रात में एक ही कमरे में लेटे हुए थे। रात में मैं उसकी जासूसी करने लगा। वो रात के वक्त अपने फोन में इन्टरनेट खोलकर ब्लू फिल्म देखने लगी।

अब मुझे उसकी कमजोरी पता हो गयी। अगले दिन मेरी बहन माँ के कमरे में जाकर सो गयी। अब मैं और रेवती अकेले लेटे हुए थे। कुछ देर वो मुझसे छुपकर ब्लू फिल्म देखती रही। फिर सो गयी। मैं उसके पास आ गया। उस दिन रेवती ने गुलाबी सलवार सूट पहन रखा था। बहुत खूबसूरत सूट था वो। उसका फिगर मैं उपर से ही देख सकता था। 34 28 36 का फिगर था मेरे चाचा की लड़की का। मेरा तो देखकर ही लंड खड़ा हो गया था। मैं सोचा की इस रंडी को कैसे चोदू। साली कही बिगड़ न जाए। इसलिए मैंने सीधा उसकी चूत को सलवार के उपर से सहलाना शुरू किया।

दोस्तों आपको बता दूँ की रेवती की बुर अंगीठी की तरह गरमा रही थी। वो टांग खोले हुए सो रही थी। मैंने अपना हाथ उसके दो पैरो के बीत चूत पर उपर से जाकर रख दिया और सहलाने लगा। कुछ देर में मेरा जुगाड़ काम कर गया। रेवती को मजा आने लगा। वो “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी। वो जागी नही, बस आँखे बंद करके सिसियाती रही। मैं गुस्ताखी पर गुस्ताखी करता चला गया। मैंने उपर से ऐसा हाल कर दिया की वो चुदने को मजबूर हो गयी। अखिर उसने अपने आँखे खोली। मैं मेहनत से उसकी चूत सहलाये जा रहा था। जल्दी जल्दी घिस रहा था।

“रवि!! क्या करना चाहते हो???” रेवती मेरी तरफ नजरे घुमाकर बोली

“साली!! तुझे चोदने का दिल कर रहा है” मैंने कहा

“अपनी चचेरी बहन को चोदोगे???” वो लेटे हुए ही बोली

“अगर चेचेरी बहन तेरी जैसी माल होगी तो जरुर चोदूंगा” मैं बोला

फिर वो भी हंसने लगी। दोस्तों मेरा जुगाड़ काम कर गया। मैं उसके करीब जाकर लेट गया और रेवती की ठुड्डी को पकड़कर उनके मुंह पर अपना मुंह लगा दिया। फिर उसके रस से भरे लब चूसने लगा। वो भी मुझे चूसने लगी। उसके बाद वो सरेंडर हो गयी। अब हम दोनों की प्रेम कहानी शुरू हो गयी। मेरा हाथ रेवती की मस्त मस्त छाती पर आ गया। मैं सूट के उपर से चूची को सहलाने लगा। वो भी साली चुदासी हो गयी। आज उसका भी मेरा 8 इंच का लंड खाने का मन था। अब मैं अच्छे से उसकी चूची सहलाने लगा, दबाने लगा। रेवती कामुक होकर “ओहह्ह्ह….अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” करने लगी। अब मेरे हवस बढ़ने लगी। मेरा अंदर का दैत्य जाग गया। मैं उसकी 34 इंच की रसीली चूची को जानवर की तरह दाबने लगा। वो मस्ताने लगी। हम अब खुलकर चुम्मा लेने लगे। वो खुल गयी और मेरे गले में अपने हाथ डालकर मेरे लब चूसने लगी। जमकर किस कर रही थी।

“साली!! आज बड़ा गर्मी रही है?? क्या बात है रेवती” मैं कहा

“कई दिनों ने कोई मोटा लंड नही खाया था। आज तुम मुझे चोदकर मेरी प्यास बुझा दो” मेरे चाचा की लड़की बोली

“तो इंतजार किस बात का है रंडी!! चल नंगी हो जा” मैं कहा

उसके बाद वो अपना सलवार सूट उतारने लगी। इधर मैं अपनी टी शर्ट लोवर खोलने लगा। उसने सफ़ेद लाल रंग की ब्रा पहनी थी जो बहुत कसी थी। रेवती उसे भी खोल दी। फिर अपनी पेंटी उतार डाली। लेट गयी। मैं उसके उपर आ गया। उसे बाहों में लेकर प्यार करने लगा। हम दोनों का किस फिर से चालु हो गया। वो मेरे सीने, कंधे गाल, चेहरे सब जगह किस करने लगी।

उसके बाद मैं उसके मस्त मस्त कबूतर पर चला गया। हाथ में उसके कोमल स्तनों को ले लिया। गोलियाने लगा। रेवती “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….”करने लगी। मैं सोचा की पहले इसके आमो को मसलूंगा। बाद में पियूँगा। मैंने ऐसा ही किया। दोस्तों चाचा की लड़की की चूचियां किसी करिश्मे से कम नही थी। बड़ी बड़ी, सफ़ेद और तनी हुई। निपल्स काली चमकदार और उसके चारो ओर काले काले बड़े बड़े गोले सूरज की तरह। मेरा सांप किसी अजगर की तरह फनफना गया। अपनी चड्डी में उतार चूका था। इसलिए लंड से चाश्नी टपकने लगी। मैं रेवती की तनी चूचियों को मसलना चालू किया। मैं दोनों हाथ को लेकर दोनों चूची पर जाकर रख दिया और दबाने, मसलने लगा। अब वो “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी।

“रवि!! दबाओ और दबाओ जान!!” वो कसक कर कहने लगी

उसके बाद मेरी चुदास बढती चली गयी। जैसे घरो में औरते आटा गूथती है, वैसे ही मैं भी गूथने लगा। वो कराहने लगी। जैसे दूधवाला भैस की छाती को दबा दबाकर दूध निकालता है वैसे ही मैं अपने चाचा की लड़की के दूध से रस निकालने लगा। वो पछाड़ खाने लगी। बिस्तर पर हिलने लगी और कुलांचे मारने लगी।

“रवि भैया!! अब मेरे स्तनों को मुंह में लेकर चूसो!! अच्छे से पियो” रेवती कहने लगी

“चूसता हूँ रांड!!” मैं बोला

और काफी देर तक दोनों हाथ से दूध को मसल डाला। दोनों दूध को दबा दबाकर कचूमर बना दिया। वो अपनी कमर बड़ी उपर तक उचकाने लगी। अब वो चुदने को तैयार हो रही थी। अब मुझे दूसरा स्टेप लेना था। मैं अपने चाचा की लड़की के उपर ही लेट गया और उसकी चूची को मुंह में लेकर पीने लगा। रेवती “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो….” करने लगी। मैंने सोचा की आज अगर इस रंडी को मजा दे दिया तो बार बार चुदवाएगी। ये सोचकर मैं काट काटकर उसके स्तन पीने लगा। वो बेचेन होने लगी। मुझे कसके पकड़ लिया और सीने से लगाकर ऐसे चूमने लगी जैसी सदियों से मुससे फसी हुई है।

मुझे बड़े शिद्दत से प्यार कर रही थी। साली अच्छे से गर्म हो रही थी। मैं लगातार कभी उसकी बायीं दूध मुंह में लेकर चूसता, तो कभी दाई वाली। साथ में अच्छे से दबा रस था। रस निकाल निकाल कर मजा लूट रहा था। वो पिलाती रही। और पागल होती जा रही थी। मैं उसके दोनों स्तनों को इतना चूस डाला की हलुआ बना दिए। मेरे पैने दांत उसके फूले दूध में गड़ गये जैसे शेर के दांत शिकारी पर गड़ जाते है। मैने अच्छे से चूस डाला। फिर रेवती की कमर पर आकर बैठ गया। अपने 8 इंच के विशाल लंड को हाथ में लेकर फेटने लगा।

“भैया!! आपका लौड़ा तो कितना बड़ा है। कितना भोला भाला दिखता है” मेरे चाचा की लड़की बोली

“बहनचोद!! ये भोला नही कमीना लौड़ा है। रंडी अभी ये तेरी माँ चोद डालेगा। तू बस देखती जा” मैं बोला

फिर हाथ में लेकर जल्दी जल्दी मुठ देने लगा। रेवती ध्यान से सब ताक रही थी। मैंने अपने लंड महाराज को खड़ा कर दिया। अब लोहे की सरिया जैसा दिख रहा था। फिर लंड पकड़कर रेवती के दूध को पकड़कर पीटने लगा। वो साली “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” करने लगी। रेवती के चेहरा बड़ा खूबसूरत छवि वाला था। उसे देख देखकर मैं कई मिनट उसकी तनी चूची की पिटाई कर डाली। उसके दूध को हाथ में लेकर पकड़ा और निपल्स पर लंड के सुपाडे से चोट करने लगा। वो सुसुआने लगी। मैं उसकी चूची की खूब पिटाई कर डाली। अब दोनों दूध के बीच में अपने 8 इंच के लंड महाराज को रखा और दोनों दूध को कसके पकड़कर उसके आमो को चोदने लगा।

“चोद डालो रवि भैया!! मेरे आमो को बड़े दिन से किसी ने नही चोदा है” रेवती कहने लगी

अब मुझे और जोश चढ़ गया। जल्दी जल्दी रंडी की कमर पर सवार होकर उसके दोनों दूध को चोद रहा था। मेरे चाचा की लड़की असली रंडी लग रही थी। मैं बहनचोद को अच्छे से चोदा। कमर हिला हिलाकर उसकी 34 इंच की चूची चोदी। अब झड़ने वाला हो गया।

“रवि भैया!! मेरे मुंह में माल गिराओ” रेवती बोली

मैं जल्दी से उसके मुंह में लंड घुसा दिया। वो चूसने लगी। कुछ देर बाद मैं झड़ गया। मेरा माल पूरा का पूरा उसके मुंह में निकल गया। वो निगल गयी।

“चूस बहनचोद!! चूस मेरे लंड महाराज को” मैं कहा

अब वासना का भूत मेरे चाचा की लड़की पर चढ़ गया। वो हाथ से पकड़कर मेरे लंड को फेटने लगी। साथ में चूस भी रही थी। मैं उसके पेट पर बैठ था। वो भी किसी छिनाल की तरह फेट फेटकर फिर से खड़ा करने लगी। मेरा लंड 3 इंच मोटा हो गया। फिर से एक एक नस तन गयी। मेरे लंड महाराज में खूब फिर से बड़ी तेज गति से बहने लगा। मुझे भी दोबारा से जोश चढने लगा। रेवती मेरे लंड के नन्हे से मुख पर जीभ लगाकर चाटने लगी। मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगा। फिर किसी आइसक्रीम की तरह चूसने लगी। वो सिर को हिला हिलाकर आगे पीछे करके चूस रही थी। मुझे बड़ा आनन्द मिल रहा था। फिर मैंने अपनी गोलियों उसके मुंह में घुसा दी।

“चल इसे भी चूस साली” मैं बोला

मेरे चाचा की लड़की अब असली चुदक्कड बन गयी और मेरी दोनों अंडकोशो को रसगुल्ले की तरह चूसने लगी जिसमे मुझे बेहद मजा आया। मैं तो उसका दीवाना हो गया था। फिर मैंने अपनी गांड को उसके मुंह पर टिका दिया। मेरे चाचा की लड़की प्यासी होकर मेरी गांड के छेद को चाटने लगी। कुछ देर बाद मैं उसकी चूत पर चला गया। उसकी बुर के दर्शन आज मैंने पहली बार किये थे। दोस्तों चूत की वेदी बड़ी मस्त थी। बड़ी सी हल्की सांवली चूत थी और भगोष्ठ (चूत के लब) बड़े बड़े उपर को उभरे हुए थे। मैं अपने चाचा की खूबसूरत लड़की की खूबसूरत बुर का दर्शन आज कर रहा था। दोस्तों जैसे बिल्ली दूध पीती है वैसे ही आज मैं उसकी बुर पीने वाला था।

“साली रंडी!! तेरा भोसड़ा तो किसी मीठी जेली की तरह दिख रहा है” मैं बोला

“तो पी लो ना रवि भैया!!” रेवती किसी छिनाल की तरह कहने लगी

जैसे ही मैंने मुंह उसकी चुद्दी पर टिकाया वो उपर को उछल पड़ी। शायद उसे गुदगुदी हो रही थी। मैं अंत में मुंह उसकी बुर पर रख दिया और चाटने लगा। जल्दी जल्दी चूसने चाटने लगा। रेवती “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी।

“….उंह हूँ.. हूँ…मेरे चूत के देवता!! मोटे लंड के स्वामी!! अच्छे से चाटो मेरी रसीली चूत को!! हूँ..हमम अहह्ह्ह..अई….अई…..” मेरे चाचा की लड़की कहने लगी

मैं खुदरी जीभ से उसकी फिसलनभरी चूत को चूसने लगा, लगा चाटने लगा। दोस्तों रेवती की चूत चमकदार काली किसी जेली की तरह थी। उसकी गंध कमाल की थी। मैं अच्छे से चाटने लगा। वो पछाड़ खाने लगी। अपनी कमर उठाने लगी। मैं भी प्यासा हो गया। खूब अच्छे से चूसने लगा। अब रेवती की बुर अपना कीमती रस छोड़ने लगी। मैं जीभ से पीने लगा। वो अपना पेट भी उठाने लगी। मैं तो उसके मोटे भगोष्ठों को बारी बारी से मुँह में खींचकर संतरे की फांक की तरह चूस रहा था। रेवती की नन्हीं कली खुरदरी जीभ की रगड़ से गनगना उठती थी। पूरी चूत जैसे अपनी ही चाशनी में रसगुल्ले की तरह फूली हुई थी। मैं फिशलन भरी बुर पर खुदरी जीभ खोद खोद कर चूस चाट रहा था। मेरे चाचा की लड़की “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”बोल रही थी।

मैंने आधे घंटे तक रंडी को छोड़ा ही नही। चूसता चला गया। फिर चूत में ऊँगली डालकर अंदर बाहर करने लगा। उसकी अम्मा चुद गयी। मैं भी हैवान बन गया और दो दो ऊँगली खूबसूरत रेवती की खूबसूरत भोसड़ी में अंदर बाहर करने लगा।

“फाड़ डालो रवि भैया आज मेरी बुर को!!” रेवती कहने लगी

मैं भी फाड़ने के मूड में आ गया था। दो ऊँगली एक साथ जल्दी जल्दी चलाने लगा। रेवती के बदन में 440 वाल्ट का करेंट दौड़ने लगा। फिर वो अपना रस छोड़ दी। उसकी चूत अपना फव्वारा छोड़ने लगी। मेरा मुंह उसके अमृत रस से भीग गया।

“….. ऊँ…ऊँ…ऊँ…. पेलो, अंदर तक लंड पेलो मुझे हूँ.. हूँ… हूँ..” रेवती कहने लगी

मैं अपने 8 इंची लंड को पकड़कर जल्दी जल्दी मुठ देने लगा। और कुछ देर बाद टनटना गया। फिर मैंने रेवती की बुर में घुसा डाला और जल्दी जल्दी चोदने लगा। वो मस्ताने लगी। बार बार अपनी कमर और पेट उठा रही थी। मैंने अपने चाचा की लड़की की दोनों भरी भरी चूची को हाथ से पकड़ा और दबा दबाकर उसका गेम बजाने लगा। वो “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”

करने लगी। उसे दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था। मैं लम्बे लम्बे धक्के उसकी चूत में मारने लगा। मोटे लंड से उसकी बुर पर तीखी चोट कर रहा था। वो बराबर सिसकारी ले रही थी। हाफ रही थी। मैं भी आज सोच रहा था की रांड का भोसड़ा फाड़ दूंगा। ये सोच सोचकर मैं उसका गेम बजा रहा था। अब रेवती के माथे से पसीना बहने लगा था।

“फाड़ दो रवि भैया!! सी सी सी सी…आज फाड़ दो मेरी गर्म चूत को… ऊँ…ऊँ…ऊँ….” रेवती किसी रंडी की तरह कहने लगी। अपनी टांग उसने अच्छे से खोल दी। मैं उसकी जवानी का भोग लगाने लगा। मैं उसे अच्छे से भोग, चोद लिया। फिर आखिरी में उसकी बुर में ही झड़ गया। फिर अपने चाचा की लड़की की गांड को मैंने तेल लगाकर चोदा। दोस्तों अब वो मेरी पर्सनल माल बन गयी है। जब फोन करता हूँ मेरे घर आकर चुदवा लेती है। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।