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भैया के दोस्त ने चूत में बियर डाल कर चोदा हस्बैंड दारु पि कर सोया था और मैं चूद रही थी

दोस्तों, मैं नई नई हु नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे, मेरी एक दोस्त ने इस वेबसाइट के बारे में बताया, मैं इस वेबसाइट को केवल सात दिन से ही रोज रोज पढ़ रही हु, बहुत मजा आता है. लोगो की कहानियां को पढ़कर. दोस्तों आज मैं भी आपके लिए एक कहानी ला रही हु, ये कहानी मेरे और मेरे दोस्त के भाई निरंजन के बिच का है. निरंजन ने कैसे मेरे साथ सेक्स सम्बन्ध बनाया और उस समय क्या क्या किया मैं आपको बताने जा रही हु. आशा करती हु की आपको सही तरह से मजा दे सकूँ.

मेरा नाम बबली है मैं झारखण्ड के धनबाद में रहती हु, ये कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है. आज से सिर्फ तीन महीने की है, मैं शादी शुदा हु, और मेरी शादी को हुए चार महीने ही हुए है. तो आप सोच रहे होंगे की क्या ऐसा कारण बना की शादी के महीने दिन के अंदर ही गैर लड़के से मेरा सेक्स सम्बन्ध बन गया, जब की पति मुझे रोज रोज चोद रहा था, वो भी दिन रात मिलकर करीब तीन बार तो मेरी ठुकाई करता था पर वो मजा नहीं मिला जो की मुझे एक रात में मिला वो भी निरंजन के साथ. दोस्तों कई बार आप एक के साथ ज़िंदगी बिता देते है, हो सकता है की आपको पूरी ख़ुशी नहीं मिल रही हो, तो कही और मुंह मारने में भी कोई बुराई नहीं है. पर ध्यान रहे की आपकी खुशहाल ज़िंदगी भी चलती रहे और मजे भी लेते रहे. मैं अब आपको पूरी कहानी बताती हु.

निरंजन मेरे भैया का दोस्त है, मैं जब कुंवारी थी तो मन ही मन बहुत चाहती थी उसे, पर मैं कभी उससे कुछ कह नहीं पाई, एक दिन की बात है मैंने अपनी ये बात एक सहेली को बताई, तो मेरी सहेली बोली की यार देर मत कर तुरंत ही तुम अपने घर में बात कर लो. हो सकता है तुम्हारे घर बाले तुम्हारी शादी उसी से करा दे क्यों की मैं जहाँ तक जानती हु, निरंजन एक बहुत ही अच्छा लड़का है. और तुम्हारे घर बाले तुम्हे मना नहीं करेंगे. मैं दूसरे दिन सुबह सुबह ही अपने माँ और दोनों भैया को बैठे और बोली आज मैं आपलोग से एक बात करना चाहती हु. अगर आप लोग को निरंजन पसंद हो तो मैं उसे अपना जीवन साथी बनाना चाहती हु. तभी मेरा भैया बोल उठे ओह्ह्ह माय गॉड, ये क्या बोल रही है बबली, अगर यही बात करनी थी तो तुम थोड़े दिन पहले बताती, निरंजन की शादी परसो ही तय हो गई है, शादी ५ महीने बाद होगी क्यों की लड़की को सरकारी नौकरी लग गया है और वो ट्रेनिंग के लिए गई हुयी है. मैं ये बात को मम्मी को बताई थी. निरंजन भी आया था उसने भी ये बात बताया है माँ को. तो माँ भी कहने लगी हां बेटी वो आया था और बताया था. तो भैया कहने लगे. अब तुम चुप ही हो जाओ तो अच्छा है क्यों की अब बदनामी के अल्वा कुछ भी नहीं मिलेगा, मैंने देखा है निरंजन बहुत खुश है.

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क्या बताऊँ दोस्तों, मेरे सर पर तो ऐसा लगा की पहाड़ गिर गया है. मुझे ज़िंदगी में पहली बार कुछ अच्छा लगा था पर वो भी छूट गया, पर मैं करती भी क्या, मेरा हक़ नहीं था निरंजन पे, क्यों की ना तो मैंने कभी इजहार किया तो मैंने उसको दोषी कैसे मानती, सच तो ये है की एक एकतरफा प्यार था जो की अक्सर टूट जाता है यही मेरे साथ हुआ, और थोड़े दिन बाद ही मेरी शादी हो गई. और मैं ससुराल चली गई. ससुराल में मुझे वापस लेने के लिए मेरा भाई और निरंजन दोनों आया था. क्यों की हमारे यहाँ रिवाज है की शादी के एक महीने के अंदर ही लड़की को मायके जाना होता है.

आपको तो पहले ही बता चुकी हु की मैं पति पत्नी दोनों अकेले ही रहते है मेरे सास और ससुर दोनों दूसरे जगह रहते है. शाम को मेरा भाई और निरंजन दोनों आया, फिर मेरे पति उन दोनों को लेके शाम को घुमाने गए, वापस में मटन और एक व्हिस्की की बोत्तल और एक बियर की बोतल लाये, मैं पूछी की ये सब किसके लिए तो वो बोले की मैं और आपके भैया दोनों व्हिस्की पिएंगे और निरंजन जी बियर पीते है इसलिए इनके लिए बियर. शाम को मीट बना फिर छत पर सब का पीना कहना होने लगा, दोस्तों क्या बताऊँ मेरा भाई और मेरे पति इतना ज्यादा शराब पि लिए की दो दोनों वही सो गए, क्यों की दोनों की तबियत ख़राब हो गई थी. दोनों वोमेटिंग करने लगे, और फिर वेहोश होकर सो गए, निरंजन एक आधा बोतल बियर पिए, उनको जयदा नशा नहीं आया तो फिर हम दोनों साथ बैठ कर छत पर ही बात करने लगे. रात के करीब १ बज गए है. उन्होंने मुझसे पूछा की ज़िंदगी में आपने क्या खोया क्या पाया, इतना सुनते ही मैं रो पड़ी, उन्होंने बोला बबली क्या बात है. सॉरी मैंने कुछ गलत पूछ लिया तो. तो मैंने कहा नहीं नहीं ये बात नहीं है. तो उन्होंने कहा तुम्हे मेरी कसम बताना पड़ेगा. मेरे दिल में अभी भी निरंजन के लिए जगह है तो कसम के चलते मैंने सच सच बता दिया की. मैं आपको बहुत चाहती थी पर जब मैं आपके साथ शादी के लिए घर में बात की तो, उसी दिन पता चला की आपकी शादी तय हो चुकी है. तभी मैंने देखा की उनके भी आँख में आंसू आ गए. उन्होंने बोला बबली आपने ये बात पहले क्यों नहीं कहा, पता है मैं भी आपको बहुत चाहता था.

फिर क्या था दोनों का गला रुंध गया, और हम दोनों एक दूसरे के गले मिल गए, चांदनी रात थी. हम दोनों एक दूसरे को पकडे थे, तो मैंने कहा निरंजन जी क्यों ना हम दोनों आज के लिए पति पत्नी बन जाएँ, मेरी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी और आपकी भी, उन्होंने कहा मैं भी यही सोच रहा था, उसके बाद मैं अपने भाई और पति के तरफ देखि वो दोनों सो रहा था गहरी नींद में , तभी निरंजन जी बोले वो लोग सुबह ही उठेंगे, बहुत ज्यादा पि लिए है. तो मैं बोली चलो निचे चलते है और फिर निचे चले गए. मैं बैडरूम में ले गई और बोली मैं आती ही दस मिनट में. उसके बाद मैं शादी का जोड़ा पहनकर आई, और निरंजन के गले लग गई, निरंजन ने मेरा घुंघट उठाया और फिर मेरे होठो को किश करने लगा. मैं भी साथ दे रही थी. वो मुझे आई लव यू कह रह था. और फिर होठ चूसते चूसते मेरी चूचियों को दबाने लगा. फिर मैं ऊपर से हुक खोलने लगी ब्लाउज का और उन्होंने ब्लाउज निकाल दिया और साडी फिर पेटीकोट, मैं लाल ब्रा और लाल डिज़ाइनर पेंटी में थी. वो मेरे शारीर के हरेक हिस्से को चूमने लगा फिर वो मेरा ब्रा उतार दिया और मेरी चूचियों को देखते हुए बोला ओह्ह्ह माय गॉड, और तुरंत ही मुंह में ले लिया. मेरी चूची बड़ी बड़ी थी ऊपर से निप्पल पिंक कलर का वो मेरी चूचियों इ खेलने लगा और फिर अपना जीभ मेरे नेवल में डालने लग्गा मुझे गुदगुदी होने लगी, और साँसे ऊपर निचे होने लगी. फिर वो मेरी पेंटी उतार दिया और निचे जाकर बैठ गया और फिर मेरे चूत को ध्यान से देखने लगा.

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मैं बोली क्या देख रहे हो. तो उन्होंने कहा जिसपर मेरा अधिकार होता उसको कोई और भोग रहा है. तो मैं बोली आज जो मर्जी है कर लो. आज मैं तुम्हारी हु. फिर वो मेरी चूत को चाटने लगा. मैं अंगड़ाई ले रही थी. और तकिए को जोर से अपने मुठी में पकड़ रही थी मेरा रोम रोम खिल रहा था, होठ को दांतों से दबा रही थी, तभी निरंजन उठा और वो आधा बोतल बियर ले के आया, उसने मेरी चूत में बियर डाल दिया और फिर चाटने लगा. उसने कहा आज तक ऐसा स्वाद नहीं मिला है. और वो इसी क्रम को बार बार कर रहा था मैं तो पागल हो गई थी. मैं उसके बाल को पकड़ी और उसके सर को अपने चूत के ऊपर रखकर, रगड़ने लगी. फिर मैं उसके लण्ड को पकड़ कर, अपने चूचियों के बिच में रख दी और वो फिर वही धक्का लगाने लगा, फिर वो अपने लण्ड को मेरे मुंह में डाल दिया और फिर मैं चाटने लगी. मैं काफी सेक्सी हो गई थी. मेरे रोम रोम खिल रहे थे.

मेरी चूत बलखा रही थी. चूचियों के ऊपर के निप्पल तन गए थे. मेरे होश उड़ रहे थे. फिर उसने मेरे चूत के ऊपर अपना लण्ड रखा और जोर से धक्का मारा, मैं चीख गई क्यों की निरंजन का लण्ड मेरे पति के लण्ड से बहुत बड़ा था, वो अंदर बाहर करने लगा, फिर निरंजन ने मेरे दोनों हाथ ऊपर तकिए पे कर दिया और वो मेरे चूच को दबाने लगा और झटके पे झटके दे रहा था. फिर वो मेरे आर्मपिट (कांख) को चाटने लगा. मेरे कांख में घने काले काले बाल थे, वो चाट रहा था और सूंघ रहा था कह रहा था तुम्हारे कांख की खुशबु गजह की है मेरी जान. और वो और भी जयादा कामुक हो गया, अब तो और भी जोर जोर से चोदने लगा, मैं भी उसको कभी बाल सहलाती कभी बाहों में भर लेती, कभी चूमती और गांड उठा उठा के चुदवाने लगी. फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए, सारा माल वो मेरे चूत में ही डाल दिया और फिर हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर सो गए, फिर अचानक मेरी नींद खुली तो देखि घडी में तीन बज रहे थे और निरंजन फिर से मेरी चूचियों को पि रहा था और अपने ऊँगली से मेरे चूत से पानी निकाल रहा था.

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मैं फिर गरम हो गई, और फिर वो मुझे चोदने लगा. इस तरह से वो मुझे सुबह तक एक एक घंटे के अंतराल में चोद रहा था. जब सुबह के पांच बज गए तो वो भी छत पर जाकर उन्ही लोगो के साथ सो गया, ताकि उनलोगो को कुछ भी महसूस नहीं हो, दोस्तों निरंजन की एक रात की चुदाई मुझे संतुष्ट कर दिया. पर मुझे एक मौक़ा अपने मायके में भी मिल गया निरंजन से चुदवाने को, पर उसमे थोड़ा काम मजा आया क्यों को वो चुदाई खड़े खड़े हुई थी. मैं आगे झुक गई थी और वो गांड के तरफ से मेरे चूत को चोदा था. दोस्तों आप लोग भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे कहानी भेजो क्यों की मुझे लोगो की कहानियां पढ़ने का बहुत मन करता है.