हेलो दोस्तों, देवांश आप सभी का नॉन वेज स्टोरी में बहुत बहुत स्वागत करता है. मैं आज आपको अपनी महासेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ. मेरे बड़े नमन भैया की शादी पिछले साल पहले हुई थी. मेरी पिंकी भाभी बहुत ही फैशन परस्त थी. उनको नये नये डिजाईन के कपड़े पहनना बहुत पसंद थे. इसके अवाला भाभी घुमने फिरने की बहुत सौकीन थी. उनको भिन्न भिन्न प्रकार के पकवान खाने का बहुत शौक था. पर दोस्तों, मेरे बड़े भैया एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करते थे. वहां काम तो खूब लेटे थे, पर पैसा १० १२ हजार ही उनको मिलता था.
इसलिए मेरी पिंकी भाभी की नई नई फरमाईस नही पूरी हो पाती थी. शादी का एक साल बीत गया और इस दौरान भैया भाभी को ना ही कहीं घुमाने ले गये और न ही सोने के कोई गहना बनवाया. धीरे धीरे दोनों को आये दिन झगड़ा होने लगा. एक दिन भाभी ने साफ साफ नमन भैया से कह दिया की जब कमा नही पाते हो तो मुझसे शादी क्यों की. भाभी ने कह दिया की या तो मेरे शौक पूरे करो या मुझे तलाक दे दो. इस पर बड़े भैया बिफर गये.
“पिंकी !! अगर तुम नये नये कपड़े और जेवर पहनने का शौक है तो किसी कम्पनी में काम करो और ….अपने सारे शौक पूरे करो” बड़े भैया बोले.
मेरी भाभी ने एक कम्पनी में काम शुरू कर दिया और एक महीने के बाद ही उन्होंने कोई १ लाख का हार ख़रीदा. मैं, मेरी मम्मी, पापा , और बड़े भैया सब हैरान थे की ऐसी कौन सी नौकरी भाभी को मिल गयी की एक महीना में १ लाख कमाने लगे. पर हम लोग करते भी क्या. धीरे धीरे भाभी हर महीना ५० हजार, ८०, हजार, १ लाख से जादा की शौपिंग हर महीना करने लगी. हम सभी लोग बड़े हैरान थे की बड़े भैया जब सुबह से लेकर रात तक काम करते है तब कहीं १२ हजार कमा पाते है और भाभी तो हर महीना लाखों कमा रही है. एक दिन २ आदमी मेरी पिंकी भाभी से मिलने घर आये. दोनों सूट बूट में थे. भाभी ने मुझे ५०० का नोट दिया और तरह तरह का नास्ता मंगवाया. बाकी बड़े २०० रूपए उन्होंने मुझे दे दिए. मैं तो सोचता रह गया की भाभी के पास कितना पैसा है.
“देवर जी !!! हम लोग जरा प्राइवेट मीटिंग कर रहे है. इसलिए २ ३ घंटे तक हम लोग को डिस्टर्ब मत करना!!” भाभी बोले. मैंने सर हिलाया. भाभी ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. ३ घंटे बाद दोनों आदमी भाभी के कमरे से निकले. और चले गये. दोस्तों, रोज ही ऐसा होने लगा. रोज २ ३ नये नये मर्द मेरे घर में आते और भाभी हर बार तरह तरह का नाश्ता मंगवाती. दोस्तों, मैंने जानना चाहा की देखे आखिर कौन सी बिसनेस मीटिंग होंती है. जब मैंने दरवाजे के लॉक वाले छेद से झाक कर देखा तो मेरे होश उड़ गये. मेरी पिंकी भाभी बीच में सोफे पर थी और दोनों मर्द उनके अगल बगल बैठे थे और उनकी जुल्फों से खेल रहे थे. मुझे डाल में कुछ काला लगा. मैं छुपकर देखने लगा.
धीरे धीरे दोनों मर्द भाभी का हाथ चूमने लगे. फिर उनके गाल और होठो को पीने लगे. फिर बारी बारी से दोनों ने भाभी को २ २ बार चोदा. फिर कपड़े ठीक करके और मुँह धोकर भाभी को पैसो की एक मोती गड्डी दी. और चले गये. अब मुझे समझ आया की मेरी चुदासी भाभी चुदवाने का धंधा करने लगी है. रोज नये नये मर्दों से चुदवाती है, मोती फिस लेती है, तभी इतना पैसा बरस रहा है. शाम को जब भैया आये तो मैंने उनको सब बता दिया. उन्होंने भाभी ने पूछ ताछ शुरू कर दी.
“पिंकी !! तुम कबसे चुदवाने का धंधा करने लगी हो. शर्म नही आई तुमको इस तरह के गंदे काम करते हुए???’ भैया बोले
भाभी ने पलटकर उल्टा जवाब दे दिया. “…और तुमको नही शर्म आई की बीबी को पैसा दिया करे. मैं जो भी ऐश करती हूँ वो पैसा खुद कमाती हूँ. तो तुमको दर्द क्यों हो रहा है???’ भाभी बोली. भैया तैश में आ गये. उन्होंने मेरी चुदक्कड़ भाभी को लात घूसों से खूब मारा. थप्पड़ और चांटे मार मारके उसका मुँह सुजा दिया.
“रंडी !! बता….छिनालपन रोकेगी की नही रोकेगी??? धंधा करना रोकेगी नही’ भैया ने मुझे.
“….नही !!! रोज धंधा करुँगी !! रोज नये नये मर्दों से चुदवाउंगी !!” भाभी बोली.
भैया तो गुस्से में थे ही. फिर उन्होंने भाभी को लात जूतों से मारा. भाभी के पुरे जिस्म पर मार पीट के निशान थे.
शाम को मेरी लंड और पैसा दोनों की प्यासी भाभी पुलिस स्टेशन गयी और उन्होंने दहेज़ प्रथा का चार्ज मेरे पुरे घर पर लगा दिया. भाभी के बदन पर मार के निशान तो थे ही. वो साबुत का काम कर गये. भाभी चुदवा चुदवा कर अनाप शनाप कमाती थी. इसलिए थोडा पैसा पुलिस वालों को दे दिया. पुलिस ने मुझे, भैया, मेरे पापा और मम्मी को दनादन बहुत लाठियां मारी. हम पुरे परिवार की गांड फट गयी और माँ चुद गयी. फिर कुछ दिन बाद भाभी ने अपनी चुदौनी वाले पैसे से हम सबकी जमानत करवाई.
कुछ दिन बीते तो मुझे लेकर मेरा सारा घर भाभी से थर थर कांपने लगा. भाभी ने भैया को धमकी दी की अगर उन्होंने उसने कुछ कहा तो वो आने आशिक से कहकर उनको जान से मरवा देंगे. दोस्तों, अब मेरे घर में सभी लोग पिंकी भाभी से डरने लगे. वो घर की मालकिन बन बैठी और हम सब नौकर बन गये. उस दिन भी २ मर्द मेरे घर पर आये. भाभी ने मुझे पैसा पकडाया और नाश्ता लाने को कहा. जब वो दोनों अंदर कमरे में चले गये तो मैंने सोचा की अपनी धंधेबाज भाभी का सारा कारनामा आज देख कर क्यूँ ना मैं भी मजे लूँ. वो दोनों मर्द अपने साथ बिअर की बोतले लेकर आये थे. भाभी ने अपने हाथों से उन दोनों के लिए बिअर ग्लास में डाली और फिर बर्फ के टुकड़े डाले.
“पिंकी !! मेरी जान !! आज हमारी ऐसी सेवा करो की आज की दोपहर हम कभी भूलें नही !! उनमे से एक मर्द बोला अपने सीने पर इश्कबाजी से हाथ फेरते हुए बोला.
“हाँ !! पिंकी रानी !! आज कुछ दूसरी तरह से हम दोनों को चुदाई का मजा दो. पैसे की चिंत्ता मत करना मुँह माँगा दाम देंगे हम दोनों तुमको” दूसरा मुस्टंडा बोला.
मेरे लिए ये सब नई बात थी. क्यूंकि चुदाई देखने का मौका मुझे कम ही मिल पाता था. मैं अभी सिर्फ १२ साल का अबोध बालक था. मैं अभी छोटा था. एक बार भी मैंने चुदाई नही की थी. क्यूंकि दोस्तों अभी कुछ ही दिन पहले मेरा लंड खड़ा होना शुरू हुआ था. मैं तो अपनी चुदक्कड़ धंधेबाज भाभी की सारी करतूत दरवाजे के छेद से देख था था. धीरे धीरे उन दोनों मर्दों ने एक एक करके मेरी खूबसूरत पर बदचलन भाभी का ब्लाउस खोल दिया. और ब्रा खोल कर एक एक दूध मुँह में भरके पीने लगा. “वाह भाई पिंकी !! और किसी रंडी के दूध इतने कसे नही है जितना तेरे. सिर्फ तेरे दूध ही पीने में मुझे मजा आता है!! एक बोला. दूसरा कस्टमर भी पहले वाले की हाँ में हा जोड़ने लगा. दोनों पिंकी भाभी के एक एक दूध को पकड़ कर लटक गये और मजे से मुँह चला चला कर पीने लगे. दोस्तों, मेरी सगी भाभी कितनी बड़ी हाई प्रोफाइल रंडी बन चुकी है, ये मुझे आज पता चला. मैं सोचने लगा की काश बड़ा होता तो अपनी भाभी को पैसे देकर मैं भी चोद लेता. जब दोनों कस्टमर भाभी के दूध पीने लगी, तो भाभी के हाथ उन दोनों के लौड़े पर चला गया. पिंकी भाभी किसी असली रंडी की तरह बड़ी एक्सपर्ट हो चुकी थी. उन दोनों मर्दों के पैंट की जिप खोलकर भाभी ने उनके मोटे मोटे खीरे जैसे लौड़े उनके अंडरविअर से निकाल लिए और दोनों हाथ से दोनों लौड़े फेटने लगी.
भाभी की इस शुद्ध रंडियों जैसी हरकत से उन दोनों मर्दों को खूब मजा आ रहा था. दोनों मुस्टंडे भाभी के अगल बगल सोफे पर बैठे थे और उनके दूध पी रहे थे. भाभी चुदासेपन और कामुकता से अपने ओंठ चबा रही थी. ये खेल चलता रहा. जब भाभी के गोल गोल सुंदर छलकते दूध उन दोनों ने जी भरके पी लिए तो भाभी ने अपनी बैंगनी रंग की साड़ी निकाल दी और उन मर्दों के सामने डांस करने लगी बिलकुल निर्वस्त्र होकर. अपने दोनों हाथ उपर करके पिंकी भाभी नंगे नंगे किसी गाने पर झुमने लगी. फिर पीछे मुड़कर अपने लप्प लप्प करके गोरे केक जैसे खूबसूरत चुतड गोल गोल हिलाने लगी. जैसे बड़ी बड़ी मेहंगी मेहंगी रंडियां कस्टमर के सामने नंगी होकर बैले डांस करती है उसी तरह भाभी झुमने लगी. उनके दोनों कस्टमर बेहद खुश दिख रहे थे. उनके ग्लास भाभी आकर भर देती थी. वो दोनों बिअर पीने लग जाते थे.
दोस्तों, ये सब देख के मेरा घना मनोरंजन हुआ. बहनचोद !! मेरी चुदासी भाभी तो बड़ी मॉडर्न निकल है, मैंने खुद से कहा. पिंकी भाभी पीछे मुड़कर अपना चिकना हसीन जिस्म दोनों को दिखा रही थी. वो थिरक रही थी. उनकी कमर और कूल्हे बड़े रंगीन मिजाज में गोल गोल घूम रहे थे. मेरी छिनाल भाभी तो बिलकुल आर्टिस्ट निकली. वो जोर जोर से अपनी कमर किसी स्प्रिंग की तरह घुमा रही थी. उन्होंने अपने मादक और सेक्सी डांस से दोनों कस्टमर का दिल जीत लिया. फिर भाभी ने खुद एक एक करके उनके कपड़े निकाल दिए और फर्श पर घुटनों के बल बैठ गयी. फिर मेरी छिनाल भाभी एक एक करके बड़े इत्मिनान से उनके लौड़े चूसने लगी. दोस्तों, ये सब देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया. दिल आया की भाभी से कहू की प्लीस मेरा लंड भी चूसिये भाभी.
पर दोस्तों, मेरी भाभी कोई ऐसी वैसी रंडी नही थी. हाई प्रोफाइल काल गर्ल. वो सिर्फ पैसे के लिए दूसरों का चूसती थी. मुफ्त में नही. मैं दरवाजे के लॉक के छेद से भाभी के सारे कारनामे अपनी आँखों से देख रहा था. दोनों कस्टमर अपने बड़े बड़े खीरे जैसे लौड़े से भाभी के मुँह पर मारते थे. भाभी को तड़पाते थे. पिंकी भाभी जल्दी से उनके हथियार को हाथ में ले लेती थी और हपर हपर करके चुस्ती थी. मेरी भाभी बिलकुल रंडी नं १ थी. जिस तरह से वो मजे से दोनों के बड़े बड़े लौड़े चूस रही थी, ना कोई शर्म ना कोई अफ़सोस. उस तरह से तो मुझे लग रहा था की उसने बड़ी छिनाल मेरे शहर में सबसे बड़ी रंडी थी. भाभी दोनों के लंड मुँह में भरके गले तक ले जाकर चूसती थी. और खूब जोर जोर से सिर जल्दी जल्दी लौड़े पर चलाती थी.
ये सब देख के मुझे बहुत मजा आया. मेरा बहुत मनोरंजन हुआ दोस्तों. उनमे ने एक मर्द पागल हो गया. वो भाभी को इसी समय चोदना चाहता था. उसने भाभी को अपनी तरफ खीच लिया कमर में हाथ डाल के. दोस्तों उसका लंड किसी रोकेट की तरह था. “अरी पिंकी रानी !! क्या सिर्फ अपने नखडे दिखा दिखा कर हमारी जान लोगी या हमसे चुदवाओगी भी !!.लाओ चूत दो!!” वो मुस्टंडा बोला. उसने पिंकी भाभी को बाहों में कस लिया और चूमा चाटी करने लगा. फिर वो पिंकी भाभी के दूध दबाते हुए उनके नर्म नर्म खूबसूरत होठ पीने लगा. कुछ देर बाद उनसे भाभी को सोफे पर बैठे बैठे ही अपने लंड पर बिठा लिया और चोदने लगा. बाय गॉड!!! दोस्तों! भाभी की पलती लचीली कमर किसी रबर की तरह उस मर्द के लंड पर नाचने लगी. उफ्फ्फफ्फ्फ़ !!….दोस्तों इतनी पतली, बिलकुल सही शेप की कमर मैं इस तरह आज तक नही देखी थी. मेरा तो जी कर रहा था की अभी जाऊं और भाभी को अपने लंड पर बिठाकर चोदू. वो मुस्टंडा भाभी को बाय गॉड!!…कितने सेक्सी तरह से पेल रहा था. लप्प लप्प भाभी की कमर उस मर्द के लौड़े पर नाच रही थी. भाभी ओ माँ …..ओ माँ ऊई माँ उईईईईई उईई करके किसी स्प्रिंग की तरह उसके लौड़े पर उछलने लगी और चुदने लगी. दोस्तों ये सब देख के तो मेरी आँखें खुल गयी. मानो मुझे जन्नत मिल गयी. वो मर्द भाभी को तेज तेज चोदने लगा तो भाभी ओ गॉड!! ओ गॉड!! चिल्लाने लगी. मुझे तो बहुत मजा मिल रहा था.
वो मर्द खट खट करके भाभी को चोद रहा था. उसके लंड पर भाभी ता ता थैया कर रही थी. उसकी रफ्तार और तेज ….और तेज होने लगी. भाभी खुद ब खुद उसके लौड़े पर किसी स्प्रिंग की तरह उछलने लगी. फिर उसने भाभी को बैठे बैठे खुद पर झुका लिया और उनके होठ पीते पीते भाभी को पक पक करके चोदने लगा. मुझे तो बहुत सुख मिल रहा था दोस्तों. भाभी की कमर किसी रबर की लचीली कमर जैसी थी. कितनी सुंदर और कितनी सेक्सी!!. पिंकी भाभी ने उसके दोनों मजबूत कंधे पकड़ लिए थे. भाभी भी अपनी कमर बड़े करिश्माई अंदाज में गोल गोल घुमाने लगी. उस मर्द का लम्बा लौड़ा खट खट की आवाज कर रहा था और पिंकी भाभी के भोसड़े में जाता और बाहर निकलता था. पूरा दृश्य बड़ा सेक्सी और नशीला था. ये सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया. जी हुआ की अभी कमरे में घुस जाऊ और भाभी की चुदती चूत को चाट लूँ जाकर. कुछ देर बाद उस मर्द ने अपना गर्म माल भाभी के भोसड़े में छोड़ दिया.
फिर दूसरा कस्टमर से भाभी को अपने लंड पर बिठा लिया और मजे से चोदने लगा. ये दोनों कस्टमर सायद रंडियां चोदने में बहुत होशियार थे. तभी कितने अच्छे तरह से भाभी को पेल रहे थे. दूसरा मर्द भी भाभी की पतली कमर को पकड़ कर उपर उपर उछालने लगा और मजे से चोदने लगा. दोस्तों, ये सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया. दूसरा मर्द भाभी के दूध पीता जा रहा था और भाभी को जोर जोर से किसी रंडी की तरह ठोंकता जा रहा था. वो भाभी की बगलों को सूंघ सूंघ कर उनकी जनाना खुश्बू को सूंघ सूंघ कर उनको फटर फटर चोद रहा था. ये बात तो तय थी की भाभी उन दोनों मर्दों को अपनी सेवाए पहले भी दे चुकी थी.जिस तरह से बड़े कम्फर्ट तरह से वो दोनों बदल बदलकर भाभी को खा रहे थे उसे तो ये पता चलता था की भाभी पहले भी उन दोनों मर्दों से चुद चुकी है.
दूसरा वाला मर्द बड़ी देर तक भाभी को पेलता रहा, फिर झड़ गया. फिर पहले वाले मर्द ने भाभी को अपने पास खींच लिया.
“पिंकी रानी !! अब गांड दे दो तो मौज आ जाए!!” पहला मर्द बोला. वो कुछ देर भाभी की गांड पीता रहा. उसने ऊँगली करता रहा. भाभी उईई उईई आआआ आआआ करती रही. फिर उसने सोफे पर बैठे बैठे ही भाभी को उचकाकर उनकी गांड में लंड डाल दिया. भाभी सिसक उठी. उनको काफी दर्द भी हुआ. कुछ देर में वो धीरे धीरे भाभी को उछाल उछालकर उनकी गांड लेने लगा. एक और गजब का सीन मैंने अपनी जिन्दगी में देखा. मन हुआ की अभी जाकर मैं भी भाभी की गांड मार लूँ. पर दोस्तों, ये सब बड़े बड़े काण्ड करने के लिए मैं अभी बहुत छोटा था. वो मर्द भाभी को उछाल उछालकर उनकी गांड मार रहा था. वही भाभी किसी रंडी की तरह चिल्ला रही थी “ गांडू !! धीरे धीरे क्यों मेरी गांड चोदता है. आज क्या अपनी माँ का दूध पीकर नही आया गांडू !!!” भाभी कीसी रंडी की तरह बोली.
इस तरह की गालियाँ सुनकर वो मर्द जोश से भर गया. और १ घंटे तक मेरी छिनाल पिंकी भाभी की गांड चोदता रहा. फिर उसने अपना माल भाभी के मुँह पर छोड़ दिया. पिंकी भाभी उसका सारा माल पी गयी. ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.
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