मना करती रही फिर भी दामाद जी ने मुझे चोद दिया कम्बल में
वासना की आग जब शरीर में लग जाये तो रिश्ते भी नहीं दिखाई देते हैं। कई बार तो ऐसा हो जाता है की ना करते हुए भी चुदाई हो जाती है। जब बैठ कर सोचती हूँ क्या ये सही हुआ था या गलत हुआ था तो निष्कर्ष नहीं निकाल पाती हूँ की मेरे साथ सही हुआ था या गलत हुआ था। पर जब कुछ ऐसे रिश्ते बन जाते हैं जो दोनों के लिए भी सही होगा है या यूँ कहिये की बाहर मुँह मारने से अच्छा है घर में ही … पूरी कहानी पढ़ें