रात भर भाई से चुदवाने के बाद मेरा बूर सूज गया था
प्रेषक : दिव्या सिंह दोस्तों आज मैं आपको एक अपनी ज़िंदगी की खूबसूरत पल का एहसास आपके सामने प्रस्तुत कर रही हु, इसमें कोई बनावटी बात नहीं है, सिर्फ मैंने अपने एहसास को शव्दो के माधयम से आपको सामने ला रही हु, सभी के ज़िदगी में कुछ ऐसे पल आते है जहा रिश्तों की मर्यादा टूट जाती है, मेरे साथ भी यही हुआ मैंने रिश्तों की मर्यादा को तार तार करने में कोई कसार नहीं छोड़ी, करती भी क्या, कुछ रास्ता भी नहीं था, जवानी की दहलीज़ पे बड़ी सी … पूरी कहानी पढ़ें