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जीवनलाल ने मेरी सगी बहन को दुकान का शटर गिरा के चोदा

हाय दोस्तों, मेरा नाम शैलेश है। मेरे दोस्त जीवनलाल ने मेरी सगी बहन को कैसे चोदा आपको बता रहा हूँ।

हुआ ये की जीवनलाल मेरे घर के बगल एक छोटी दुकान चलाता था। मैं उसकी दुकान से सामान जैसे माचिस, बेसन, आदि लेने जाता था। मैं उस वक़्त 10 12  साल का था। जबकि जीवनलाल 17 साल का था। धीरे 2 मेरी उससे दोस्ती हो गयी। मैं उसकी दुकान पर बैठने लगा।

मेरी एक बेहद खूबसूरत बहन भी थी जिसका नाम रूचि था। मेरी बहन बिलकुल कुवारी थी। उसके मम्मे 34 साइज के थे। मेरी बहन नही नयी जवान हुई थी। उसे अभी तक चुदास और चुदाई शास्त्र के बारे में जरा भी पता नही था। धीरे 2 मेरी जीवनलाल से दोस्ती हो गयी। वो मेरे घर भी आने जाने लगा। मेरी बहन 16 साल की थी जबकि मैं 12 साल का था । अपनी बहन से 4 साल छोटा था।

मेरी बहन रूचि भी जीवनलाल की दुकान पर जाया करती थी। मेरी बहन अक्सर लाल रंग का सलवार सूट पहनती थी। बढ़ती उम्र के साथ उसकी छातियां ज़माने को दिखने लगी थी। गली के आवारा लड़के मेरी बहन को बस एक बार चोदना चाहते थे। मैं 12 साल का था इसलिए चुदाई के बारे में नही जानता था। जबकि मेरी जवान खूबसूरत बहन हर आवारा लड़के की आँखों में चढ़ गई थी।

एक दिन मेरी बेहद खूबसूरत बहन स्कूल जा रही थी तो एक लड़के ने उसे जबरन रोक कर लव लेटर दे।दिया और उसका दुपट्टा खीचने की कोसिस की।  मेरी बहन सरीफ थी। वो अल्टर नही थी। वो घर आयी और रोने लगी। तब पूरी बात बताई। मैं परेसान हो गया। मैंने अपने घर पर जीवनलाल को बुलाया इस समस्या से निबटने के लिए।
क्या हुआ रूचि?? पूरी बात बताओ? जीवनलाल ने मेरी बहन से पूछा।

मेरी बहन फिर से रोने लगी। उसने रोते 2 सारी बात बताई।  जीवनलाल आग बबूला हो गया। अगले दिन मैं, जीवनलाल और 10 लड़के मेरी बहन के पीछे चुपके से गये। जो लड़का मेरी खूबसूरत बहन को फिर से छेड़ने के लिए फिर से खड़ा था। जैसे मेरी जवान बहन वहाँ पहुची वो फिर से।छेड़ने लगा। जीवनलाल और उसके दोस्तों ने उसे पकड़ लिया और जमकर पेला गाण्डू को।

धीरे 2 मेरी माँ भी जीवनलाल को पसंद करने लगी। हम उसे अक्सर दावत पर बुलाते। मुझसे नही मालूम था कि जीवनलाल बहुत चोदू किस्म का लड़का। मोहल्ले की हर जवान लड़की को वो चोद चुका था। मुझसे नही मासूम था। मैं बस 12 साल का नासमज लड़का था। मेरी जवान खूबसूरत गोरी बहन जीवनलाल की आँखों में गढ़ने लगी। वो मेरी बहन को एक बार लेना चाहता था। वो मेरी बहन को एक बार बिलकुल नंगा करके चोदना चाहता था।

एक दिन मैं जीवनलाल की दुकान पर बैठा था। जब मैं आने लगा तो उसने पूछा रूचि कैसी है?? कोई दिक्कत तो नही??
नही भाई!  मैंने जवाब दिया और घर आ गया। मेरी आने के बाद।जीवनलाल ने अंगड़ाई ली और कहा   यार शैलेश की बहन तो बिलकुल कयामत है! अगर एक बार उसकी चूत मिल जाए तो समझो स्वर्ग पहुच गया। इस तरह जीवनलाल धीरे 2 मेरी जवान खूबसूरत बहन पर आसक्त हो गया। वो मेरी जवान बहन को बस।किसी तरह चोदना चाहता था।

ऐसे में मैं किसी काम से एक महीने के लिये दिल्ली चला गया। मैंने जीवनलाल से कह दिया की मेरी बहन कुछ सामान लेने आये तो दे दे। बाद में लौटकर मैं उसका हिसाब करूँगा। मेरी खूबसूरत बहन साबुन, सर्फ, तेल लेने के लिए जीवनलाल की दुकान पर जाने लगी। जीवनलाल उससे मजाक करने लगा। मेरी बहन भी उसकी बात पर हस देती। धीरे 2 दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी।

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एक शाम मेरी बहन मैगी लाने जीवनलाल की दुकान पर गयी तो उसका हाथ जीवनलाल के हाथ से छू गया। दोनों आधे घण्टे तक हँसी मजाक करते रहे। सारे लड़के जीवनलाल से चुपके चुपके पूछने लगे  अरे जीवन कब शैलेश की बहन की सील तोड़ेगा?? इसकी चूत तो मलाई जैसी होगी?? इसे भोगकर तो तू सीधा स्वर्ग जाएगा।
इस सवाल पर जीवनलाल को अंगड़ाई आ जाती।
मैं तो इसकी सील एक सेकंड।में।तोड़।दूंगा। साली को इतना चोदूंगा की इसे आसमान नीला नही पिला दिखाई देगा। बस ये मेरी लाइन ले ले। मेरी दोस्त शैलेश की बहन है। इसलिए मैं इसे। जबर्दस्ती नही प्यार से चोदूंगा।

धीरे 2 मेरी बहन भी जीवनलाल को पसंद करने लगी। एक शाम जीवनलाल की दुकान पर कोई नही था। असल में ये जाड़े का दिन था। ठंड से सभी लोग घर में दुबके थे। जीवनलाल दुकान पर अकेला था। मेरी बहन अपनी सलवार सिल रही थी की धागा खत्म हो गया। मेरी बहन रूचि जीवनलाल की दुकान पर धागा लेने गयी। जीवन ने उसे अकेला पाकर उसका हाथ पकड़ लिया।

ये क्या भैया?? मेरी बहन रूचि ने हँसकर पूछा।
तुम नही जानती ये क्या है?? जीवन मजाक करता हुआ बोला
नही  रूचि ने कहा
पगली तू मुझसे अच्छी लगती है। यही इसका मतलब है  जीवन मेरी जवान बहन को लाइन मरता हुआ बोला।

उस रात जब मेरी बहन घर आई और रात को सोने गयी तो उसे बस जीवनलाल ही याद आ रहा था। कैसे उसने अकेला पाकर उसकी नाजुक कलाई पकड़ ली थी। अगले दिन मेरी बहन लड़कियों से प्यार मुहब्बत की बात करने लगी। उसकी एक सहेली से बताया कि पिछली रात उसके आशिक से उसे रात में छत पर बुलाया था और उसे कस के चोद दिया। चुदाई में कितना मजा मिलता है वो मेरी बहन रूचि को बताने लगी।

धीरे 2।मेरी जवान खूबसूरत बहन जान गई की लड़के लड़कियों को चोदने के लिए ही बने है। इसलिये हर लड़की को मौका पाकर चुदवा लेना चाहिए और जवानी में गुलछर्रे उड़ा लेना चाहिए। मेरी बहन चोदन के बारे में।धीरे 2 सब जान गई। रूचि अब ख्वाब देखने लगी की काश कोई लड़का उसे।एक बार।चोद देता तो उसका जीवन धन्य हो जाता।

फिर उसे जीवनलाल का खयाल आया। मेरी बहन अब जान गई की जीवन उसे पटाता रहता है। अगर वो उससे पट जाए तो जीवन उसे चोद सकता है। हर दिन मेरी बहन चुदासी और चुदवासि होती चली गयी। कुछ दिन बाद मेरी बहन रात 9 बजे फिर कुछ सामान लाने गयी।
जीवन ने उसका हाथ फिर पकड़ लिया।

मेरी बहन हँस दी। जीवन से अब रहा ना जाता था। लाल रंग की सलवार पर भरी भरी दो छातियां देखकर जीवनलाल पागल हो रहा था। मेरी बहन को वो जल्द से जल्द चोदना चाहता था। अब मेरी बहन ने उसे भैया नही कहा क्योंकि वो उसे भैया बनाकर साइयां नही कहना चाहती थी। जीवन ने मेरी बहन का हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी ओर खींच लिया।
ऐ रूचि!!।देगी क्या??  जीवनलाल ने मेरी जवान बहन से पूछा

वो शर्मा गयी और दूसरी ओर देखने लगी। जीवनलाल का लण्ड आसमान नापने लगा। उसने मेरी बहन को अंदर खींच लिया और दुकान का सेंटर गिरा दिया। दुकान बंद है  जीवनलाल ने ये बोर्ड बाहर टाँग दिया। जीवनलाल मेरी बहन को दुकान में ही चोदन चाहता था। उसने मेरी रूचि को पकड़ लिया और उसके मम्मे दबाने लगा।

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मेरी जवान बहन के नए नए आम से दूध भरे छतियों पर हाथ लगाते ही जीवन को स्वर्ग सा मिल गया। ये बड़ी बात थी। मेरी बहन बिलकुल फ्रेश मॉल थी जो चुदवाने के लिए और चोदन के लिए बिलकुल तैयार थी। जीवन पागल हो उठा। मेरी बहन रूचि गर्म साशें छोड़ने लगी। जीवन मेरी बहन के आम दबाने लगा। उसका लण्ड रस चोदन लगा। उसका लण्ड मेरी बहन की गुलाबी छूट मारने के लिए बेचैन हो उठा और तड़प उठा।

उफ़्फ़! आज मेरी प्यारी बहिनिया मेरे ही दोस्त ने चूदने वाली थी। कितनी विचित्र बात थी।

मेरी बहन गर्म साँसे छोड़ने लगी। जीवन और देदर्दी से मेरी बहन की हरी भरी छातियां मिंजने लगी। मेरी बहन इस मीठे दर्द ने सिसकने लगी। जीवनलाल की आँखों में वासना उतर आई। मेरी बहन की गुलाबी मलाईदार छूट जीवन की आँख में छप गयी। अब तो मेरी बहन को चूदने से उसे ऊपर वाला भी नही बचा सकता था। जब मेरी बहन इस मीठे दर्द से सिसक रही थी, जीवनलाल ने मौका पाकर मेरी बहन की लाल रंग की सलवार का नारा खिंच दिया। सलवार नीचे गिर गयी।

जीवनलाल ने पेरी बहन की हरे रंग की चड्डी में हाथ दाल दिया और उसकी गुलाबी चूत ढुंगने लगा। मेरी बहन पागल होने लगी। आज तक उसे इस तरह किसी लड़के ने नही पकड़ा था। ना की किसी लड़के ने उसकी छातियां दाबी थी। ना ही किसी लड़के ने उसका नारा खोला था। ये सब मेरी बहन के लिए बिलकुल नया अहसास था। धीरे धीरे मेरी बहन भी चुदासी हो गयी। उसने थान लिया की वो आज दुकान में ही मेरे दोस्त जीवनलाल से चुदवा लेगी।

जीवन ने आखिर उसकी गुलाबी मलाईदार चूत ढूंढ ली। वो चूत पर गोल गोल ऊँगली फेरने लगा। मेरी बहन और जादा सिसकने लगी। वो बेकाबू होने लगी। वो चुदासी होने लगी। जीवन को मेरी बहन की चूत सहलाकर अपार सुख और आनंद मिल रहा था। अब वो मेरी बहन की चूत में ऊँगली करने लगा। मेरी बहन तड़प उठी। जीवन ने मेरी बहन की कमीज को उतार दिया। मेरी बहन ने सफ़ेद रंग की सूती समीज पहन रखी थी। वो सिलाई जानती थी और ये समीज उसने खुद सिली थी।

एक बार मैं अंदर गया था। मेरी बहन कपड़े बदल रही थी। मैंने अपनी बहन के पके पके आम देख लिए थे। वो कौन किस्मतवाला लौंडा होगा जो मेरी बहन को चो–दे–गा!! मैंने उस दिन खुद से कहा था। मैं नहीं जानता था कि मेरा सबसे अच्छा दोस्त ही मेरी बहन को  चोद कर औरत बना देगा। मुझसे नही अंदाजा था।

जीवन ने मेरी बहन के हाथ ऊपर कर दिए। मेरी बहन भी चुदाई की बड़ी कहानियाँ अपनी सहेलियों से सुन चुकी थी। और आज किस्मत से मेरी बहन की चुदाई का दिन भी आ गया था। रूचि ने अपने हाथ ऊपर कर दिए। जीवन ने मेरी बहन की सूती समीज को उतरा को छःतियों पर समीज फस गयी।
साली! बड़ी कसा मॉल है!! किसी से इसे हाथ भी नही लगाया है!!  जीवन बुदबुदाया।

जीवन ने ताक़त लगायी और झटका दिया। मेरी 17 साल की बेहद जवान बहन ऊपर से नंगी हो गयी। शर्म से उसने अपनी छतियों को अपने हाथों से छुपा लिया। वो शर्मा गयी।
अरि रूचि! शर्माती क्यों हो?? हिंदुस्तान की सारी लड़कियां अपने आशिको से चुदवाती है। हर जवान जोड़ा ऐसा करता है। इसमें कैसी शर्म  जीवनलाल बोला और मेरी बहन के कैसे हुए नये नये मम्मो को हाथ हटाकर पिने लगा।

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मेरी जवान बहन मचल गयी। जहाँ एक हाथ से जीवनलाल मेरी बहन की दुधभरी 34 साइज की छातियां पी रहा था वहीँ दूसरे हाथ से वो मेरी बहन की दूसरी छाती को पकड़े थे और काली काली निपल्स को सहला रहा था। आज किसी लड़के के मादक छुअन से मेरी जवान बहन की जवानी उफनने लगी। मेरी बहन अंगड़ाई लेने लगी। वो धीरे धीरे चुदासी होने लगी। अब वो भी सोचने लगी की आज धीरे से समाज की नजर से बचके एक बार चुदवा लूँ।

जरा देख लू मेरी सहेलिया किस चीज का गुड़गान करती है। जीवनलाल मेरी जवान बहन की बड़ी बड़ी जूसी छातियां पीता रहा। मेरी बहन गरम और उत्तेजित हो गयी। उसकी छातियां और फूल गयी। जीवनलाल ने मेरी बहन को दुकान के फर्श पर एक अख़बार दाल के लेता दिया। और उसके तांग खोल दी। जीवन का लण्ड अब बड़ा और लोहे जैसा हो गया था।

उसने मेरी बहन की चूत देखी। लाल गुलाबी झिल्ली कह रही थी कि मैं कुंवारी हूँ। कोई मेरी झिल्ली तोड़ के मुझसे चोद लो। जीवन मेरी बहन की गुलाबी झिल्ली देखकर पागल हो गया। और उसे चुसने चाटने लगा। मेरी बहन चोदवासी हो गयी। जीवनलाल ने अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरी खूबसूरत बहन के भोंसड़े पर रखा और जोर का धक्का दिया। लण्ड मेरी बहन की गुलाबी झिल्ली तोड़ता हुआ भीतर गुस गया। मेरी 17 साल की बहन रो पड़ी।

जीवन उसकी चूत बजाने लगा। लगा जैसे वो मेरी बहन के ऊपर उछल उछल के डिस्को डांस करता रहा। मेरी अभी अभी नाबालिक बहन दर्द में कराहती रही। जीवनलाल उसे छोड़ता रहा। मेरी बहन चुदती रही। मेरी जवान बहन बिलकुल नंगी जीवनलाल की गिरफ्त में थी। वो बड़ी चिकनी , गर्म और उत्तेजक थी। साथ ही चुदासी भी थी।

2 घण्टों में जीवनलाल ने अपनी दुकान में ही मेरी बहन को 4 बार चोदा। जीवनलाल को तो स्वर्ग मिल गया था। उसकी चुदाई लिस्ट में अब मेरी बहन का नाम भी जुड़ गया था। अगले दिन मेरी बहन स्कूल गयी। वो तांग फैला फैलाके चल रही थी।
लगता है अपने आशिक़ से चुुदवाकर आयी है  उसकी सहेलियां उससे हँसकर कहने लगी।
सच में चुदवाने में एक अलग मजा ही मिलता है  मेरी जवान बहन से कहा।

फिर एक हफ्ते बाद मेरी बहन फिर रात के 8 बजे जीवनलाल की दुकान पर गयी। जीवन ने फिर से दुकान का सेटर गिरा दिया और मेरी नाबालिक बहन को फिर से 3 4 बार उस हरामी ने चोदा। धीरे 2 मेरी बहन उससे पूरी तरह फंस गई। जीवन उसे गन्ने के खेत में बुला लेता और सारी सारी दोपहर चोदता।