शराब के नशे में पति, देवर और ससुर तीनों मिलकर मुझे चोदा

Family Group Sex Story Pati Devar Sasur Sex Kahani : मेरा नाम अंजलि है, और मैं 28 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत हूँ। मेरा गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर हर मर्द के लंड में आग लगा देता है। मेरे रसीले होंठ और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देती है। मेरा पति, विक्रम, 32 साल का एक गठीला मर्द है, जिसका 7 इंच का लंड मेरी चूत को तृप्त करता है। मेरा देवर, राहुल, 26 साल का एक जवान, चुदास भरा लड़का है, जिसका 8 इंच का मोटा लंड मेरी चूत में हमेशा सिहरन पैदा करता था। और मेरे ससुर, मोहन, 55 साल के एक तजुर्बेकार मर्द हैं, जिनका 9 इंच का काला, मोटा लंड मेरी चुदास को और भड़काता था। ये कहानी उस रात की है, जब शराब के नशे में विक्रम, राहुल, और मोहन ने मिलकर मेरी चूत, गांड, और चूचियों को चोदा, और मैं चरम सुख में डूब गई।

बात पिछले शनिवार की है। हमारे घर में एक छोटी सी पार्टी थी, जिसमें सिर्फ हम चार लोग थे। विक्रम ने व्हिस्की की बोतल खोली, और हम सबने जमकर शराब पी। मैंने एक टाइट, काली ड्रेस पहनी थी, जो मेरी चूचियों और गांड के उभारों को पूरी तरह उजागर कर रही थी। ड्रेस का गहरा गला मेरे चूचों की गहरी रेखा को दिखा रहा था, और मेरी नंगी जाँघें चमक रही थीं। शराब के नशे में मेरी चूत में चुदास सुलग रही थी, और मैंने देखा कि विक्रम, राहुल, और मोहन तीनों की आँखें मेरे चूचों और गांड पर अटक गई थीं। उनकी पैंट में उनके लंड के उभार साफ दिख रहे थे, और मेरी चूत गीली होकर चमकने लगी।

रात के 11 बजे तक हम सब शराब के नशे में डूब चुके थे। विक्रम ने म्यूजिक चालू किया, और मैं नशे में नाचने लगी। मेरी चूचियाँ ड्रेस में उछल रही थीं, और मेरी गांड हर कदम पर मटक रही थी। राहुल ने मेरी कमर पकड़ी और मेरे साथ नाचने लगा। उसका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था, और मेरी चूत में बिजली सी दौड़ गई। मोहन ने मेरे चूचों को घूरते हुए कहा, “अंजलि, तू आज किसी के लंड को बख्शने वाली नहीं।” विक्रम ने हँसकर कहा, “पापा, आज हम सब मिलकर अंजलि की चूत और गांड चोदेंगे।”

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मेरी चूत और गीली हो गई, और मैंने शरारत से कहा, “विक्रम, राहुल, ससुर जी… मेरी चूत और गांड तुम तीनों के लंड के लिए तड़प रही है।” विक्रम ने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया और मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। हमारी जीभें एक-दूसरे से उलझ रही थीं, और राहुल ने मेरी ड्रेस को फाड़कर उतार दिया। मेरी बड़ी, नंगी चूचियाँ उनके सामने उछल पड़ीं, और मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे। मोहन ने मेरी पैंटी उतार दी, और मेरी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड उनके सामने नंगी थी। मेरा चूत का रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था।

विक्रम ने मेरे एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जबकि राहुल मेरे दूसरे चूचे के निप्पल को मसल रहा था। मोहन ने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया, और उनकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। मैं अपनी गांड को हिलाकर उनका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “विक्रम… राहुल… ससुर जी… मेरी चूत को चोदो… मेरी गांड को फाड़ दो,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा।

विक्रम ने अपनी पैंट उतारी, और उसका 7 इंच का लंड तन गया। राहुल ने भी अपने कपड़े उतारे, और उसका 8 इंच का मोटा लंड मेरे सामने था। मोहन ने अपनी धोती खोली, और उनका 9 इंच का काला, मोटा लंड मेरी चूत में सिहरन पैदा कर रहा था। मैंने विक्रम के लंड को अपने रसीले होंठों में लिया और गहराई तक चूसने लगी। राहुल ने मेरे चूचियों को मसला और अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया। मोहन ने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और मेरी चूत से रस टपक रहा था।

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विक्रम ने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी जाँघें चौड़ी कीं। उसने अपना लंड मेरी गीली चूत में डाल दिया, और मैं चीख पड़ी। दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया, और वह जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मेरे चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे, और मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका लंड और गहरा ले रही थी। राहुल ने मेरे मुँह में अपना मोटा लंड डाल दिया, और मैं उसे चूस रही थी। मोहन ने मेरी गांड में अपनी उंगली डाली, और फिर धीरे-धीरे अपना 9 इंच का काला लंड मेरी गांड में डाल दिया। मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन जल्दी ही मेरी गांड उनके लंड को गले लगाने लगी।

तीनों मिलकर मुझे चोद रहे थे—विक्रम मेरी चूत में, मोहन मेरी गांड में, और राहुल मेरे मुँह में। मेरी सिसकारियाँ और चीखें पूरे कमरे में गूँज रही थीं। “विक्रम… राहुल… ससुर जी… मेरी चूत और गांड को फाड़ दो… मुझे चोदो,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। विक्रम ने मेरे चूचियों को मसला, राहुल ने मेरे निप्पलों को चूसा, और मोहन ने मेरी गांड को थप्पड़ मारते हुए अपने लंड से चोदा। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और मेरी गांड उनके लंड से चुदाई के लिए तड़प रही थी।

उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया। मोहन ने मेरी चूत में अपना मोटा लंड डाल दिया, और विक्रम ने मेरी गांड को चोदना शुरू किया। राहुल ने मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया, और मैं तीनों लंडों को एक साथ ले रही थी। मेरी चूत और गांड बार-बार झड़ रही थी, और मेरा रस उनकी जाँघों पर टपक रहा था। “अंजलि, तेरा ये मस्त बदन हमारे लंड का गुलाम है,” मोहन ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, ससुर जी… मेरी चूत और गांड आपके लंड के लिए तड़पती है,” मैंने सिसकारी के साथ चीखते हुए कहा।

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“अंजलि, हम सब तेरी चूत में झड़ेंगे,” विक्रम ने चुदास में कहा। “हाँ, विक्रम… राहुल… ससुर जी… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दो,” मैंने चीखते हुए कहा। पहले राहुल ने मेरे मुँह में अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे निगल लिया। फिर विक्रम ने मेरी गांड में अपना वीर्य छोड़ा, और आखिर में मोहन ने मेरी चूत को अपने गर्म, गाढ़े वीर्य से भर दिया। मैं सुख से चीख पड़ी, और मेरी चूत और गांड उनके वीर्य से लबालब भर गई। उन्होंने मेरे चूचियों और रसीले होंठों पर भी अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया।

हम चारों हाँफ रहे थे, और हमारी साँसें एक-दूसरे से टकरा रही थीं। उस रात, हमने बार-बार चुदाई की। विक्रम, राहुल, और मोहन ने मेरी चूत, गांड, चूचे, और होंठों को अपने लंडों से चोदा। मेरी सिसकारियाँ रात भर गूँजती रहीं, और मेरी चूत और गांड उनके वीर्य से चमक रही थी। सुबह तक मेरा बदन चुदाई से सुजा हुआ था, और मैं चरम सुख में डूब चुकी थी।

जब हम नाश्ते की मेज पर बैठे, राहुल ने मेरी जाँघों को सहलाया और फुसफुसाया, “भाभी, अगली बार फिर शराब पीकर तुझे चोदेंगे।” मोहन ने मेरे चूचों को घूरते हुए कहा, “अंजलि, तेरा बदन हमारे लंड को हमेशा तड़पाएगा।” विक्रम ने मेरे होंठों पर एक चुंबन छोड़ा और कहा, “अंजलि, तू हम तीनों की चुदास की रानी है।” मेरी चूत फिर से चुदाई के लिए तड़प उठी, और मैंने मन ही मन सोचा कि शराब का नशा और ये चुदाई मेरे लिए चरम सुख है।

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