Family Virgin Girl Sex Story in Hindi : आज मैं आपको बहुत ही हॉट और सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये मेरी पहली कहानी है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर, ये कहानी ऐसी ही जो शायद मैं कभी भुला नहीं पाऊंगा जीते जी। ऐसा मौक़ा लाखों में किसी एक को मिलता है जब कोई अपनी बेटी को चुदने के लिए दे दे। आज मैं आपके सामने यही कहानी लेकर आया हूँ और आशा करता हूँ आपको ये मेरी सेक्स कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर बहोत ही हॉट लगेगी और आप इस कहानी में खो जायेंगे और आपका लंड खड़ा हो जायेगा। मैं आपको ये विश्वास दिलाना चाहता हूँ ये मेरी कहानी एकदम सच्ची है। मैं अब बिना देर किये आपके सामने अपनी कहानी पेश कर रहा हूँ।
मेरा नाम कुणाल है मैं 40 साल का हूँ और आजकल जिसको मैं चोद रहा हूँ वो मात्र 20 साल की गदराई हुई लड़की है। देखने में जबरदस्त और गदराया हुआ माल है। लड़की का नाम ज्योति है और मेरी भाभी यानी मेरी सरहज यानी मेरे साले की बेटी है। जबरदस्त खूबसूरत और हॉट सेक्सी लड़की है। ज्योति 34 साइज की ब्रा पहनती है बहोत ही हॉट और ऊँचे खयालात की लड़की है। ज्यादा लम्बी नहीं है पर खूबसूरत इतनी है की उसके सामने मॉडल भी फेल हो जाये। गोरी और नैन नक्श कातिलाना ओह्ह्ह्ह। मैं तो पहले से ही ज्योति का दीवाना था पर मैं ये सोचता था की मेरी बेटी जैसी है इसलिए मैं कभी ऐसी बात सोचता भी नहीं था। पर जब आगे से ही ऑफर आ जाये तो फिर ना उम्र मायने रखता ना रिश्ता। ये सब कैसे हुआ आइये जानते हैं।
मैं नोएडा में रहता हूँ और और मेरा ससुराल उत्तर प्रदेश के लखनऊ में है। मेरा साला मेरी ही उम्र का है और और मेरी सरहज मेरी बीवी की उम्र की। बहुत ही हॉट और सेक्सी है। मेरा कोई बच्चा नहीं है। और मेरी बीवी एक बड़ी कंपनी में काम करती है तो उसका विदेश आना जाना लगा ही रहता है। वो मुश्किल से इंडिया में ३ महीने रहती है। यानी मैं अकेला ही नॉनवेज स्टोरी डॉट के सेक्स कहानियों को पढ़कर मूठ मारते रहता हूँ या किसी कॉल गर्ल को बुला कर अपनी हवस को शांत करता हूँ। पर जब ज्योति का बारहवीं परीक्षा ख़तम हुई उस समय मैं किसी काम से अपने ससुराल गया हुआ था। वहां जाकर पता चला की मेरा साला आजकल बुरी आदतों में पड़ गया है और घर का खर्चा तक नहीं चला पा रहा है।
भाभी कहने लगी क्या बताऊँ आजकल ज्योति के पापा घर का भी खर्चा नहीं चला पा रहे है मैंसिलाई करके घर का खर्चा चला रही हूँ। मेरी बेटी पढ़ने में बहुत तेज है वो कुछ करना चाहती है पर मेरे पास इतने पैसे नहीं है जिससे की मैं उसकी पढाई पूरी करवा सकूँ। अब आप ही मेरी मदद कर सकते हैं। आप ज्योति को अपने साथ ले जाइये और इसको पढ़ाइये मैं इसके बदले कुछ नहीं दे सकती हूँ। आप जो चाहे इसके बदले ले सकते हैं। मैंने कहा क्या ले सकता हूँ? उन्होंने कहा मैं आपको एक जवान लड़की दे रही हूँ आप जो चाहे उससे ले सकते हैं बदले में उसको पढ़ा दीजिये। वो जो देगी उससे उसका नहीं घटेगा पर उसकी ज़िंदगी सुधर जाएगी। मैं हैरान रहगया वो अपनी बेटी को सौंप रही थी सिर्फ पढाई करवाने के लिए।
मैंने कहा ठीक है आप जो कहेंगे वही होगा। ज्योति जो करना चाहती है वो करे पैसे की चिंता नहीं करे वो अपनी ज़िंदगी बना ले। मैं भी अकेला फील करता हूँ क्यों की मेरी पत्नी भी मेरे साथ नहीं रहती है और मेरा कोई संतान भी नहीं है। मेरा अकेलापन भी दूर हो जाएगा। और दूसरे दिन ज्योति को लेकर मैं नोएडा आ गया। मैं नॉएडा 145 सेक्टर में रहता हूँ। मेरा फ्लैट बहुत ही लक्ज़री है ज्योति देखते ही खुश हो गई। वो ऐसी ही ज़िंदगी चाहती थी। खुशहाल वो इतना खुशहुई की मुझे दौड़कर गले लगा लिया। अब आप बताएं कोई जवान लड़की जब आपको गले लगा ले उसकी चूचियों आपके सीने से टकराये तो आपका क्या हाल होगा। वो भी जह आप अकेले हों आपके फ्लैट का दरवाजा बंद हो।
दोस्तों मेरे से रहा नहीं गया और मैं भी उसको अपनी बाहों में जकड लिया उसके होठ और मेरे होठ सामने लपलपा रहा था उसकी आँखे लाल लाल हो रही थी। मेरे से रहा नहीं गया और मेरा होठ उसके होठ के तरफ बढ़ गया पर उसने अपना फेस घुमा ली। मैं एक दम से रुक गया। लगा मेरे से गलती हो गई। इसको माँ ने मुझे सौंप दी पर इसने तो नहीं। पर दूसरे ही पल वो अपना फेस मेरे तरफ की और मेरे होठ पर अपना होठ रख दी। ओह्ह्ह्हह क्या बताऊँ दोस्तों ऐसा लगा मैं स्वर्ग में हूँ और मेरे सामने हुस्न की परी मुझे चूम रही रही। मेरा हाथ उसके बूब्स पर अनायास ही चला गया। मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा। वो मदहोश होने लगी। वो मुझे चूमते हुए निहारने लगी। मैंने तुरंत ही बैडरूम में ले गया और उसको चूमने लगा।
अभी तुरंत आये ही थे और लग गए जवान लड़की के जिस्म के साथ खेलने। ज्योति बोली पहले हम दोनों नहा लेते हैं। इतनी जल्दीवाजी ठीक नहीं आराम से करेंगे ये मेरा पहला सेक्स है इसलिए मैं इसको यादगार बनाना चाहती हूँ इसलिए हम दोनों तैयार हो जाते हैं। मैंने कहा थी है और हम दोनों नहाने चले गए। मैं जल्दी नहा लिया था ज्योति देर में निकली बाथरूम से। मैंने खाना आर्डर कर दिया था तब तक खाना भी आ गया था। हम दोनों खाना खाये और सोफा पर बैठे रहे ज्योति बहुत ही खूबसूरत लग रही थी पिंक ड्रेस में। मुझे चोदने की जल्दी थी पर ज्योति को यादगार बनाना था इसलिए वो शायद जल्दीबाजी नहीं करना चाह रही थी। तभी बेल्ल बजा मैं दरवाजा खोला तो मेरा दोस्त रवि और उसकी बीवी थी। वो दोनों अंदर आ गए अब तो प्रोग्राम आगे बढ़ गया था चुदाई का।
शाम को उस समय ६ बज रहे थे और वो दोनों यही डिनर करने को कहने लगे वो भी आर्डर कर के शनिवार का दिन थी। फिर मैंने व्हिस्की निकाला और हम दोनों दोस्त और उसकी पत्नी पीने लगे। मैंने ज्योति को पूछा तो बोली मैं नहीं पीती। और वो अपने कमरे में चली गई वो टीवी देखने लगी। रात के करीब नौ बजे हम चारों ने खाना खाया। मैं नशे में था मेरा दोस्त और उसकी पत्नी नेहा दोनों चले गए। मैं ज्योति को सॉरी बोला और उसका हाथ पकड़ पर चूमने लगा। और में ले गया। वो बेड पर लेट गई। मैं सबसे पहले अपना कपड़ा उतारा सिर्फ जांघिया पर रहा। उसके बाद उसके जिस्म से खेलने लगा उसके गुलाबी होठ को चूमने लगा उसकी चूचियों को दबाते लगा।
धीरे धीरे उसके सारे कपडे उतार दिए गोल गोल हॉट गोरी चूचियों का मैं दीवाना हो गया था। उसके होठ चूसने लगे। ओह्ह्ह्हह्हह जब उसके नीपल को अपने मुँह में लिया मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया मेरे तन बदन में आग लग गया। मैंने ज्योति के चूचियों को पीने लगा धीरे धीरे सरक कर निचे गया और उसके कपडे उतार दिए पहले मैं उसकी पेंटी को उतारकर खूब सुंघा गजब की खुशबु आ रही थी। ओह्ह्ह्हह फिर क्या था दोनों टांगो को अलग अलग किया और बिच में बैठकर चूत चाटने लगा बार बार वो पानी छोड़ती और मैं उसके चूत के पानी को चाट जाता ओह्ह्ह्हह्ह ऐसा नसीब।
फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया पहले वो सकपका रही थी फिर से आराम से अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। धीरे धीरे मेरा लंड बहुत ही मोटा और लम्बा हो गया था। वो अंगड़ाइयां ले रही थी और मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। उसने कहा अब आप धीरे धीरे मुझे चोद सकते हो करीब ३० मिनट तक जिस्म से खेलने के बाद अपना मोटा लंड ज्योति की चुट की छेद पर रखा और घुसाने लाए। पर मेरा लंड उसकी चूत में आसानी से जा नहीं रहा था। पांच मिनट कर कोशिश करता रहा जब कभी लगता था इस बार अंदर चला जायेगा ज्योति अपने कमर को पीछे खींच लेती थी क्यों की उसको दर्द होता था।
मैंने ज्योति के अंगों को छेड़ना शुरू किया चूमना शुरू किया चूचियों को दबाना शुरू किया जब वो बहुत ज्यादा गरम हो गई तब मैंने घुसाने की कोशिश किया और एक झटके में ही अपना पूरा लंड वर्जिन चुत में घुसा दिया। दर्द से कराहते हुए वो हौले हौले से गांड को घुमाना शुरू की और मैं ऊपर से चोट देने लगा। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों जब एक चालिस साल के आदमी को एक जवान चूत वो भी वर्जिन मिल जाये उसको कितना ख़ुशी होती होती ये सिर्फ उसी को पता है। मैं जोर जोर से धक्के दे दे कर चोदने लगा। वो भी मेरे से अलग अलग स्टाइल में चुदवाने लगी।
करीब दो घंटे की चुदाई के बाद हम दोनों शांत हुए। उस दिन के बाद से मैं ज्योति को रोजाना चोदता हूँ मेरे साथ ही सोती है मेरी ज़िंदगी बहुत अच्छी चल रही थी। ज्योति नर्सिंग कर रही थी मैं उसके सारे फी भरे है। ज्योति और उसकी माँ यानी मेरी भाभी बहुत खुश है मैं भी खुश हूँ। मैं दूसरी कहानी जल्द ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने वाला हूँ तब तक के लिए आप सभी को धन्यवाद।