रम्भा खूब चुदी मेरे सामने और मैं बाहर मैं अपनी चूचियाँ और चूत सहला रही थी

मैं अठारह साल की हु, मैं खूबसूरत हु, चूचियाँ तो बहुत बड़ी नहीं पर साइज की है, मैं इससे बड़ा भी नहीं चाहती हु, मैं अपने फिगर का काफी ध्यान रखती हु, मेरा कोई बॉय फ्रेंड नहीं है पर अब बनाना चाह रही हु, मैं अभी जवानी की दहलीज पे हु, मेरे लिए अभी सब कुछ नया नया है, मजा भी तभी आता है जब आपके पास सब कुछ नया नया हो, आज कल मुझे सेक्स के तरफ रुझान बढ़ गया है, मैं कोई भी खूबसूरत लड़के को देखती हु, तो ऐसा लगता है की कास वो मुझे चूमता और मेरी बूब्स को दबाता, मेरी गांड पे हाथ फेरता, पर मैं फिर से अपने मन को काबू में करती हु, पर में अपने चूत और बूब्स को सहलाने के अलावा मैं और कुछ भी नहि कर सकती थीं पर चुद्वाने का मन बहूत करता था.

मेरी एक सहेली थी रम्भा, बहूत हि ज्यादा चुदक्कड थी, वो लड़को को तो पागल कर देती थी अपनी जलवे दिखाकर, लड़के भी उसके ऊपर मरते थे, वो जहाँ भी होती थी, उसका एक बॉय फ्रेंड होता था, बड़ी ही सेक्सी थी, मैं अब आपको सीधे अपनी कहानी पे लाती ही, बात उस समय की है जब मैं बारहवीं में पढ़ती थी, घर वाले भी कहने लगे मैं जवान हो गई, मुझे भी यही लगने लगा की मैं जवान हो गई, क्यों की मैं अठारह साल की हो चुकी थी, मेरे चूत में बाल, कांख के निचे बाल, मेरी दोनों चूचियाँ मचलते रहती थी, सारे लड़के, आदमी, अंकल की आँखे मेरे चूचियाँ को निहारती थी आगे से और पीछे से मेरी गांड को, मुझे भी घूरना बहुत ही अच्छा लगता था, लड़के जब कमेंट मारते तो बड़बड़ा के गालियां देती, पर जैसे ही थोड़ा आगे बढ़ती, मन में ख़ुशी होती, मुझे अपने जिस्म पे नाज है.

मैंने 12th में कोचिंग जाना शुरू किया, रम्भा भी जाती थी, हम दोनों दो कोचिंग जाते थे, एक जगह मैथ्स पढ़ने और एक जगह साइंस पढ़ने, रम्भा के बारे में तो आपको पता है उसको दोनों जगह एक एक बॉय फ्रेंड बन गए, वो खूब मजे लेने लगी, वो कोचिंग में ही मोबाइल पे ब्लू फिल्में देखती थी, पर मैं थोड़ी दुरी बनाती थी, मजा तो मुझे भी लेने का मन करता था पर मुझे ऐसे ओपन में अच्छा नहीं लगता था, रम्भा को तो सीढ़ियों में भी चुम्मा चाटी शुरू हो जाती थी, यहाँ तक की चूचियाँ भी दबाने का काम भी वो सीढ़ियों में कर लेती थी, वो खूब मजे लूट रही थी पर मेरी चूत से सिर्फ पानी पानी हो कर रह जाता था, धीरे धीरे वो अपने एक बॉय फ्रेंड के साथ दिल्ली के सारे पार्क में भी जाने लगी, घूमने फिरने लगी, मौज करने लगी, मुझे जलन होने लगा, पर एक दिन की बात है, रम्भा और में दोनों कोचिंग से निकली उसी समय उसका बॉय फ्रेंड आ गया बाइक लेके.

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तभी रम्भा बोली अरे हां आज तो चलना है ना, उसने कहा की हां तभी तो आया हु, तो रम्भा बोली चल तू भी चल पूजा, मैंने कहा नहीं नहीं आज पापा माँ घर पे नहीं है घर जल्दी जाना पड़ेगा, नहीं तो फ़ोन आ जायेगा, तो रम्भा बोली अरे यार फ़ोन तो तेरे हाथ में है, फ़ोन आएगा तो कह देना घर पे हु, और बोली चल आज पार्टी मनाते है, मैंने कहा ठीक है, वो बिच में बैठी, मैं सबसे पीछे, रम्भा की चूचियाँ उसके बॉय फ्रेंड के पीठ में सट रहा था वो दोनों मजे ले रहे थे और मैं चुपचाप बैठी थी, आपने अक्सर ऐसा देखा होगा, जब दो सहेलियां किसी एक सहेली के बॉयफ्रेंड के साथ जा रही होती है तो यही माजरा होता है, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. उसके बाद थोड़े देर बाद ही हमलोग एक जगह पर रुके, वो घर था उसके बॉयफ्रेंड के दोस्त का फ्लैट था, जो की जॉब पे चला गया था, हमलोग तीसरी मंज़िल पर गए, उसका बॉय फ्रेंड ने ही दरवाजा खोला, रास्ते में ही वो कड्ड्रिंक्स एंड बर्गर ले लिया था, सिंगल कमरा था और एक ड्राइंग रूम था, ड्राइंग रूम में सोफे था हम तीनो वही बैठ कर खाने लगे और टी वी देखने लगे, उसने फैशन टीवी लगा दिया जहां पे लड़कियां ब्रा और पेंटी में आ रही थी और कई ऐसे भी आ रही थी जो अपने हाथ से ही चूचियाँ ढकी हुई थी, मैं तो चुपचाप थी पर वो दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे,

करीब आधे घंटे बाद, मैंने कहा चलो, वो रम्भा बोली यार रूक जा, थोड़े देर, इस दिन का इंतज़ार कई दिनों से कर रही हु, आज मौक़ा मिला है, मैंने अपने घर पे कह दिया की आज मैं पूजा के साथ, एग्जाम मटेरियल लेने जा रही हु, और तू अकेले जाएगी तो कैसा लगेगा, मैंने कहा रम्भा तुमने मुझे बताया क्यों नहीं, तो रम्भा बोली अगर मैं तुम्हे सच सच बता देती तो क्या तू आती? इसलिए मैंने थोड़ा…. प्लीज यार मान जाओ, आखिर दोस्त हु तेरा और दोस्त की ख़ुशी, तो दोस्त की ख़ुशी होती है, मैं सारा माजरा समझ गई की क्या होने बाला है, आज रम्भा यहाँ चुदने आई है, वो अपना सील खुलवाने आई है अपने चूत की, मैं सब समझ गई थी, तो मैंने भी कह दिया, की दोस्त की खुसी में खुश तो हु पर दर्द में मैं साथ नहीं हु, और तीनो हसने लगे, एक दूसरे को ताली देते हुए.

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वो दोनों उठ खड़े हुए और कमरे के अंदर जाने लगे और बोले की यही बैठना तुम, मैं वही बैठी रही, वही फैशन टीवी देख रही थी, अब लड़के मॉडल आ रहे थे वो भी जांघिया में मैं तो देख देख कर पागल हो गई, मैं वही सोफे पे बैठे बैठे मैंने अपने चूची को मसलने लगी, और चूत को सहलाने लगी, मुझे काफी शकुन मिल रहा था, तभी कमरे में से चीखने की आवाज आई, मैं दौड़कर गई तो दरवाजा बंद था, पर एक ऊँगली का छेद था दरवाजे में, मैंने झांक कर देखि तो अंदर सब साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था, रम्भा निचे थी, उसका बॉय फ्रेंड दोनों पैर को अपने कंधे पर रख कर अपना लण्ड रम्भा के चूत पे सेट कर रहा था, और चूचियाँ को दबा रहा था, रम्भा गिड़गिड़ा रही थी, दर्द हो रहा है, प्लीज छोड़ दो, दर्द हो रहा था, नहीं जायेगा, इतना मोटा लण्ड नहीं जायेगा, मैंने मर जाउंगी, और उसका फ्रेंड कह रहा था अरे यार पहली बार थोड़ा दर्द होगा फिर ठीक हो जायेगा, और इतना कहते हुए उसने अपने लण्ड पे थूक लगाया और रम्भा के चूत पे सेट किया, और जोर से धक्का मार और रम्भा पर लेट गया,

क्या बताऊँ दोस्तों मैं काफी डर गई, क्यों की रम्भा चीखने लगी, मर गई, आह आह आह आह, मेरी फट गई, आह खून निकल गया, आह और वो छटपटा रही थी पर वो लड़का उसको कस कर पकडे हुए था, और फिर धीरे धीरे वो रम्भा के चूत में अपना लण्ड डालने लगा, धीरे धीरे रम्भा भी चुप हो गई, और फिर क्या बताऊँ दोस्तों, रम्भा भी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, मैं हैरान थी, जो अभी कराह रही थी वो अभी गांड उठा उठा के चुदवा रही थी, और अपनी चूची को वो खुद ही दबा रही थी, क्या बताऊँ दोस्तों मेरी चूत गीली हो गई देखते देखते, वो रम्भा की चूचियों के साथ खेल रहा था, और कभी किश करता कभी गांड सहलाता वो दोनों एक दूसरे को खूब संतुष्ट कर रहे थे पर मैं बाहर परेशां थी, मेरी साँसे तेज हो चुकी थी, और चूत गीली करीब आधे घंटे तक सब कुछ देखती रही, और जब एक जोर से आह दोनों की निकली और दोनों झड़ गए, मैं तुरत दौड़कर, सोफे पे बैठ गई, और करीब दस मिनट में वो दोनों बाहर आ गए,

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बाहर आते ही रम्भा बोली, पूजा तू भी करना जन्नत का सैर, मैं अभी कर के आई हु, इससे बढ़िया कुछ भी नहीं है, दुनिया की सब कुछ फ़ैल है इसके सामने, मैं चुप रही, जलन हो रही थी, क्यों की रम्भा की प्यास बुझ चुकी थी और मैं प्यासी थी, दोस्तों इसी के १० दिन के बाद मेरी भी सील टूटी, वो भी मेरे सर के द्वारा, सच बताऊँ गजब का एहसास मुझे हुआ था, मैं अपनी पूरी कहानी सुनाऊंगी आप नेक्स्ट पोस्ट का इंतज़ार करें, मेरी आने बाली कहानी है, प्लीज पढ़ना दूसरे दिन आके,
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