छोटे भाई ने मुझे चोदकर खुश किया जब सास ससुर नहीं था

Bhai Bahan Sex Story, मेरा नाम शालिनी है मैं 28 साल की खूबसूरत औरत हूं अभी तक कोई बच्चा मुझे नहीं हुआ है मैं ससुराल में रहती हूं। मेरे पति अमेरिका में रहते हैं और मैं दिल्ली में अपने सास और ससुर के साथ रहती हूं। पति के बगैर आपको भी पता है कोई जिंदगी नहीं होती है। एक जवान खूबसूरत औरत को अगर कोई चोदने वाला नहीं हो तो जिंदगी बेकार ही होती है। यही हाल मेरे साथ हुआ है ऐसे में ही महिलाएं भाग जाती है या बहक जाती है। मैं भी बहक ही गयी थी। और अपने भाई के साथ मैंने वह कर लिया जो शायद एक भाई बहन नहीं करता।

यह मेरी पहली कहानी है नॉनवेज story.com पर इसके पहले मैंने कभी इस वेबसाइट पर कहा गया नहीं लिखी थी और हां रोजाना एक से एक सेक्स कहानियां पढ़ा करती हूँ इस वेबसाइट पर आकर। मेरा भाई 25 साल का है। जब मैं मायके में रहती थी तब मेरे भाई के साथ एक दोस्त की तरह संबंध था। पर हां रिश्ता पवित्र था मैंने भी नहीं कहूंगी कि मेरे मन में या उसके मन में कभी कोई बात थी। भाई-बहन ही थे पर एक अच्छे दोस्त थे। समय का पहिया घूमा मेरी शादी हो गई मैं ससुराल आ गई पति का साथ नहीं मिल रहा है। ऐसा नहीं कि मुझे प्यार नहीं करते हैं वह मुझे प्यार करते हैं। मेरा वीजा नहीं होने की वजह से अमेरिका नहीं जा पाई तो जैसे ही वीजा बन जाएगा मैं वही चली जाऊंगी।

जिंदगी बहुत छोटी होती है दोस्तों, छोटी जिंदगी में समय पर हो जाना चाहिए। कई बार जिंदगी जीने के लिए कुछ भी करना होता है इंसान को कर लेना चाहिए। क्या पता कब ऐसा कुछ हो जाए की जिंदगी ही नहीं रहे। मैं सीधे अपनी कहानी पर आती हूँ। मेरे सास-ससुर दोनों एक रिश्तेदार के यहां गए हुए थे क्योंकि वहां पर शादी था। मैं अकेले ही थी। उस दिन मेरे भाई का नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से फोन आया दीदी मैं नई दिल्ली पहुंच गया हूं और मैं आ रहा हूं। मैं उसको पूछे कि तुम लखनऊ से दिल्ली तक पहुंच गए पहले मुझे फोन नहीं किया और तुम यहां कर फोन कर रहे हो। उसने कहा मैं आपको सरप्राइस देना चाह रहा था इस वजह से मैं दिल्ली आकर फोन किया आपको बस मैं आधे घंटे में घर आ रहा हूं।

दोस्तों उसी समय जब मेरे भाई का फोन आया था तब मैं इसी वेबसाइट पर एक भाई बहन के सेक्स कहानी पढ़ रही थी। मैं अपने आप को अकेला महसूसकरती हूँ तो इस कहानी को पढ़कर अपने जिस्म को शहला कर हस्तमैथुन करती हूं चूत में उंगली डालती हूं और चुपचाप सो जाती हूं। मैं वही कर रही थी पर मैं बहक गयी। पर जब भाई का फ़ोन आया तो ख़ुशी से झूम उठी। मुझे लगा की ढेर सारी बाते करुँगी और भाई से। और मैं हद से आगे भी जाने को पहले से ही सोच ली थी। मुझे अपने भाई बहन रिश्ते की परवाह नहीं थी।

वो आधे में ही घर आ गया, दरवाजे पर घंटी बजी मैं दौड़कर गयी दरवाजा खोली मेरा भाई सामने खड़ा था। मैं तुरंत ही उसको अपनी बाहों में भर ली और फिर अंदर बुलाकर दरवाजा बंद की। अंदर आते ही सबसे पहले उसने यही पूछा की मम्मी पापा नहीं दिख रहे है। मैंने बता दिया वो दोनों यहाँ नहीं है कुछ दिनों के लिए रिस्तेदार के यहाँ गए है। मैंने फिर से उसको अपने गले लगा ली। मैं अपने सीने से चिपका ली। वो बोलै अरे बस भी करो मैं यही हूँ अब दो तीन दिन तक। जितना मर्जी तुम मुझे गले लगा लेने और उससे भी मन नहीं भरे तो साथ सुला लेना ऐसे भी जीजा जी तुम्हारे साथ नहीं रहते है।

मुझे इतनी ख़ुशी हुई उसकी ये बात सुनकर। वो मेरी मुँह की बात छीन लिया था। मैं यही चाहती थी। उसके भी मिज्जाज बदले बदले से लग रहे थे। मुझे लगा कि शायद आज काम बन जाएगा। एक अकेले जवान औरत और एक अकेला लड़का दरवाजा बंद कोई देखने वाला नहीं भले ही वह रिश्ते में भाई लगता हूं क्या फर्क पड़ता है जो भाई भी तैयार बहन भी तैयार तो शायद किसी तरीके की कोई दिक्कत किसी भी इंसान को नहीं होगी। जब एक दूसरा तैयार हो एक दूसरे के जिस्म को चूमने के लिए।

जैसे मेरे भाई का फोन आया था वैसे ही मैंने अपने कपड़े बदल लिए थे। मैं साड़ी पहन ली थी ब्लाउज सेक्सी वाला था। आगे से ब्लाउज का गला काफी ज्यादा कटा हुआ था मेरे दोनों बड़ी-बड़ी चूचियां आधे बाहर आ रहे थे। बाल खोल रखे थे काजल कर रखे थे। देखने में बहुत हॉट और सेक्सी लग रही थी मैं। मैंने आईने में देखा था मैं कामुकता की देवी लग रही थी। इस रूप भाई ने मुझे देखा था तभी से उसकी नियत बदल गई थी वह बहकी बहकी बात कर रहा था। मैंने उसको पूछा चाय पियोगे गरम-गरम तुरंत बना कर आती हूं। उसने बोला गर्म लाओगे मैं यहां चाय तो गर्म ही होता है। मैं कुछ और लोगे और तुम्हारे पास जो भी गरम गरम है ले आना।

मैं डबल मीनिंग में बोली गरम गरम तो है वो रात को लेना। इतना सुनते ही भाई अभी थोड़ा सा तो दिखा दो क्या है गरम गरम। मैं बोली पहले तुम चाय पी लो उसके बाद दिखा दूंगी या तुम चख लेना। और उसको सेक्सी निगाह से देखती हुई मैं किचन में चली गई और मैं उसके लिए चाय बना कर ले आई। हम दोनों ने चाय पिया। चाय का प्याला जैसे ही हम दोनों ने टेबल पर रखा। वैसे ही उसने बोला गरम-गरम जो भी है थोड़ा दिखा दो। मैं वहां से उठी और दोनों टांगों को फैला कर उसके गोद में बैठ गयी। मेरे परिवार की चूचियां उसके सामने जवाई तो वह हक्का-बक्का रह गया। उसने मेरी बूब्स को निहारना शुरू कर दिया और दोनों हाथों से मेरे दोनों चुचियों को पकड़ लिया।

मैं भी वासना में अभिभूत थी मैंने तुरंत ही उसको चूमने लगी। मेरा भाई मुझे कसके अपनी ओर खींच लिया और मेरे होंठ को चूमने लगा। मेरी वासना भड़क गई थी मेरे चूत गीली हो चुकी थी। जैसा मैं चाहती थी वैसा ही हो रहा था। मैं अपने भाई के बाहों में भी उसका लंड धीरे-धीरे खड़ा हो रहा था। मेरे कांड के नीचे पता चल रहा था उसका लंड मोटा हो गया था। मैंने हाथ को नीचे लगाकर उसके लंड को पकड़े बहुत मोटा था। मैं बोली आज मैं से खा जाऊंगी। उसने पूछा तुम्हारे साथ ससुर कितने दिन में आएंगे मैं बोले 3 दिन में। वह बोला फिर आराम आराम से 3 दिन तक खाना।

उसके बाद उसने मेरी उतारते खड़ा कर दिया। फिर से मुझे वैसे ही बैठने को बोला अपना जींस का बटन खोला नीचे सरकाया अपना लंड निकाल कर खड़ा किया और मुझे उस पर बैठने के लिए बोला। मैं उसके लंड को पकड़ कर चूत के छेद पर सेट करते हुए मैं बैठ गई। उसका पूरा लंड में चूत के अंदर चला गया था अब मैंने ब्लाउज के हुक खोल दिया पीछे से ब्रा के हुक खोल दिया मेरे दोनों बड़ी चूचियां उसके सामने थी मेरी चूत चोदते हुए पीने लगा। वह जोर जोर से मेरी चूत लगा। और जोर जोर से धक्के देकर अपना नौ इंच का लंड मेरी चूत के अंदर घुसाने लगा। मैं उछल उछल कर उसके लंड को अपने अंदर लेने लगी।

मैं सिसकारियां लेने लगी। मेरे मुँह से आअह्ह्ह्हह्हह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआ ऊऊऊओ ओह्ह्ह्हह्हह उफफफ्फ्फ्फ़ उफ्फफ्फ्फ़ मर गाइएएए ओह्ह्ह्हह्हह और जोर से और जो से अअअअअअअ की आवाज निकालने लगी। मेरी आंखें बंद हो रही थी मेरे होठ लाल हो गए थे मेरी चूचियां बड़ी वाली और टाइट हो चुकी थी। वह मुझे जोर जोर से चोदने लगा मैं भी जोर जोर से अपनी गांड को पटक-पटक कर उसके लंड को नहीं रही थी। 30 से 40 मिनट तक मुझे वह चोदते रहा सोफे पर। फिर उसने मुझे जमीन पर लिटा दिया मेरी टांगों को ऊपर करके फिर जोर जोर से मेरी चूचियों को मसलते हुए धक्के मार मार कर अपना मोटा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा रहा था।

करीब डेढ़ घंटे तक उसने मुझे चोदा, फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए। हम दोनों एक साथ बाथरूम में जाकर नहाए। फिर खाना खाकर हम दोनों एक ही बेड पर सो गए। शाम को 4:00 बजे फिर हम दोनों ने एक बार फिर से सेक्स किया। उस रात को तीन से चार बार उसने मुझे चोदा। 3 दिन तक उसने मुझे खूब चोदा मैं भी खूब मजे ली। मुझे चिंता नहीं है मेरा पति कहीं नहीं मेरा भाई मेरे पास है जब मर्जी बुला लूंगी उसको। या मैं समय निकालकर खुद ही लखनऊ चली जाऊंगी। मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी नॉनवेजस्टोरी पर लिखने वाली हूँ।