पढ़िए एक garam और sexy kahani जो dil को tadpa देगी। इसमें hai गर्लफ्रेंड की माँ की चुदाई का wild aur bold romance, भरा हुआ desi pyaar और jaw-dropping lust से। Taiyaar रहिए ek hot experience के लिए जो hila देगा आपका dimaag!
एक गर्म दोपहर थी। रवि अपनी गर्लफ्रेंड सोनिया के घर पहुँचा। दरवाजा खुला था, और अंदर से एक नशीली खुशबू आ रही थी—जैसे कोई मादक इत्र हवा में घुला हो। सोनिया कहीं दिख नहीं रही थी, लेकिन उसकी माँ, रेखा, हॉल में सोफे पर बैठी थी। रेखा 40 की थी, लेकिन उसकी टाइट साड़ी में उसकी मस्त गांड और भरे हुए चूचे किसी को भी पागल कर दें। उसकी नाभि साड़ी के नीचे से झाँक रही थी, और उसकी चूत की उभार ने रवि के लंड को तंबू बना दिया। “सोनिया कहाँ है, आंटी?” रवि ने पूछा, लेकिन उसकी आँखें रेखा की चिकनी जाँघों पर टिक गईं। “वो बाजार गई है, अभी आएगी,” रेखा ने होंठ चाटते हुए कहा, और उसकी कामुक मुस्कान ने रवि के दिल में आग लगा दी।
रवि सोफे के पास आया और रेखा के बगल में बैठ गया। “आंटी, आप तो सोनिया से भी ज्यादा माल लगती हो,” उसने गरम लहजे में कहा और उसकी नंगी कमर पर उंगलियाँ फेर दीं। रेखा ने शरारती अंदाज में उसकी ओर देखा, “बदमाश, क्या इरादा है तेरा?” उसकी आवाज में मादकता थी। रवि ने हिम्मत की और उसकी साड़ी का पल्लू खींच लिया। “आपकी चूत और गांड को देखकर लंड तड़प रहा है,” उसने फुसफुसाते हुए कहा। रेखा की साँसें तेज हुईं, और उसने अपनी टाँगें हल्के से चौड़ी कीं। “तो फिर आग बुझा दे मेरी, मेरे साँड़,” उसने कहा और अपनी चोली के बटन खोल दिए। उसके मोटे चूचे बाहर लटक पड़े, और सख्त निप्पल रवि को ललकार रहे थे।
रवि ने रेखा को सोफे पर धकेल दिया। उसने उसकी चोली को फाड़ डाला और उसके रसीले चूचों को अपने हाथों में मसलना शुरू कर दिया। “क्या मस्त चूचे हैं तेरे, आंटी, इन्हें चूस-चूस कर दूध निकाल दूँगा,” उसने कहा और एक चूचे को अपने मुँह में भर लिया। “आह्ह, चूस मेरे निप्पल, मेरी चूत में बिजली दौड़ रही है!” रेखा चिल्लाई। उसने रवि की शर्ट फाड़ दी और उसकी चौड़ी छाती पर अपने होंठ रगड़ने लगी। फिर उसकी उंगलियाँ नीचे सरकीं, रवि की पैंट खोली, और उसका मोटा, सख्त लंड बाहर निकाल लिया। “क्या गजब का लंड है तेरा, इसे मेरी चूत में ठोक दे!” उसने लंड को सहलाते हुए कहा।
रवि ने रेखा की साड़ी पूरी तरह उतार फेंकी। उसकी चिकनी चूत और मस्त गांड नंगी होकर चमक रही थी। “तेरी चूत तो रस से तरबतर है, रंडी,” उसने कहा और अपनी जीभ उसकी चूत के होंठों पर फेर दी। “चाट ले मेरी चूत, इसे चूस-चूस कर फाड़ डाल!” रेखा की सिसकियाँ हॉल में गूँजने लगीं। रवि ने उसकी चूत को चाटा, उसका रस उसके मुँह में भर गया, और वो पागल हो उठा। “तेरी चूत का स्वाद तो शराब से भी नशीला है,” उसने कहा और अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में घुसा दीं। रेखा की गांड हवा में उछलने लगी, “उंगली मत कर, अपना लंड डालकर चोद मुझे, मेरी चूत तेरे लंड की प्यासी है!” वो चीख पड़ी।
रवि ने उसे सोफे से उठाया और उसे कुतिया की तरह झुका दिया। रेखा की मस्त गांड हवा में तन गई, और उसकी चूत रस से चमक रही थी। “अब तेरी चूत और गांड दोनों की चुदाई करूँगा,” रवि ने कहा और उसकी गांड पर जोरदार थप्पड़ मारा। “मारो, मेरी गांड को लाल कर दो, फिर अपने लंड से चीर डालो!” रेखा चिल्लाई। रवि ने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा और एक झटके में अंदर पेल दिया। “आह्ह, मेरी चूत फट गई, और जोर से चोद, हरामी!” रेखा की चीखें तेज हो गईं। उसकी गांड हर धक्के के साथ थरथरा रही थी। रवि ने उसकी कमर पकड़ी और कुतिया स्टाइल में उसे जोर-जोर से चोदने लगा। “तेरी चूत तो लंड को निगल रही है,” उसने कहा।
चुदाई का खेल अब और गरम हो गया। रवि ने रेखा को घुमाया और उसकी गांड के छेद पर अपनी जीभ फेर दी। “तेरी गांड तो चूत से भी मस्त है,” उसने कहा और उसकी गांड को चाटने लगा। “चाट ले मेरी गांड, फिर इसे अपने लंड से फाड़ दे!” रेखा चिल्लाई। रवि ने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसकी टाइट गांड में घुसा दिया। “आह्ह, मेरी गांड चीर डाली, और पेलो, मेरे साँड़!” रेखा की चीखें घर में गूँज उठीं। उसकी चूत से रस टपक रहा था, और गांड रवि के लंड को चूस रही थी। रवि ने उसकी गांड में धक्के मारे, और उसकी चीखें “चोदो, मेरी गांड को रगड़ डालो!” में बदल गईं।
रवि ने रेखा को फिर से पलटा और उसके रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसकी जीभ रेखा के मुँह में घुसी, और दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे। “तेरे होंठ तो आग उगल रहे हैं, इन्हें काट डालूँगा,” रवि ने कहा और उसके निचले होंठ को दाँतों से दबाया। रेखा ने उसका लंड पकड़ा और जोर से मसलते हुए कहा, “तो मेरी चूत को भी काट, इसे चोद-चोद कर फाड़ दे!” रवि ने उसे फिर से कुतिया बनाया और उसकी चूत में लंड ठोक दिया। “तेरी चूत और गांड दोनों को चोदकर रस से भर दूँगा,” उसने चीखते हुए कहा। रेखा की गांड थप-थप की आवाज कर रही थी, और उसकी चूत रवि के लंड को निचोड़ रही थी।
अब रवि ने रेखा को गोद में उठाया और दीवार से सटा दिया। उसकी टाँगें हवा में लटक रही थीं, और रवि ने उसकी चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया। “आह्ह, मेरी चूत को चीर डाल, और जोर से चोद!” रेखा चिल्लाई। रवि के धक्कों से उसकी गांड दीवार से टकरा रही थी। “तेरी चूत तो लंड की दीवानी है, साली,” उसने कहा और उसके चूचों को मसलते हुए धक्के मारे। रेखा ने अपने नाखून रवि की पीठ में गड़ा दिए, “चोद मुझे, मेरी चूत और गांड को अपने लंड का गुलाम बना दे!” उसकी चीखें अब कामुक सिसकियों में बदल गईं। रवि का लंड उसकी चूत की गहराई तक जा रहा था।
आखिर में रवि का लंड फट पड़ा। उसका गरम रस रेखा की चूत में भर गया, और बाकी उसके चूचों, होंठों और गांड पर छिड़क गया। “आह्ह, मेरे होंठ चाट, तेरे रस का स्वाद लूँगी,” रेखा ने कहा और रवि के लंड से टपकते रस को अपने होंठों पर लगाया। दोनों हाँफते हुए फर्श पर गिर पड़े। रेखा की नंगी गांड और चूत अभी भी रवि को ललकार रही थी। “तू तो सोनिया से भी बड़ी रंडी निकली,” रवि ने हँसते हुए कहा। “हाँ, और अब तेरे लंड की प्यासी हूँ,” रेखा ने जवाब दिया। उसने रवि का लंड फिर से पकड़ा और उसे सहलाने लगी, “एक बार और चोद दे, मेरी चूत अभी भूखी है।”
रवि ने हँसते हुए उसे फिर से कुतिया बनाया। “तेरी चूत और गांड की भूख मिटाऊँगा,” उसने कहा और उसकी चूत में लंड ठोक दिया। रेखा की चीखें फिर से गूँज उठीं, “चोद मुझे, मेरी चूत को फाड़ डाल!” दोनों की चुदाई देर तक चलती रही। घर की दीवारें उनकी गरम रसीली रात की गवाह बन गईं। सोनिया के आने से पहले रेखा की चूत और गांड रवि के लंड से तृप्त हो चुकी थीं, लेकिन उसकी आँखों में अभी भी भूख बाकी थी।