ये बात कुछ समय पहले की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 2011 में 72000 टीचर्स की भर्ती निकली थी। उसने टी इ टी पास।वालोँ को।नौकरी का प्रस्ताव।था। कमलेश यादव को सरकार में संयुक्त शिक्षा निदेशक बनाकर भेजा गया। ये पड़ सबसे बड़ा पद होता है। जिला विद्यालय निरीक्षक के ऊपर का पद है ये।
कमलेश यादव अभी केवल 25 साल के थे। वो पढ़ने में होनहार थे। इसलिए pcs की परीक्षा पास कर गए और संयुक्त शिक्षा निदेशक बना दिए गए। कमलेश की गरीबी धूल गयी। अब वो हर दिन कई हजार कमाने लगे। जो भी बाबु, चपरासी , टीचर, प्रिन्सिपल उनके पास आता कुछ ना कुछ पैसे दे ही जाता। इस तरह कमलेश के पास अब पैसा ही पैसा था। पर वो जवान थे, खूबसूरत थे। उनके गोरखपुर जैसै b grade टाउन में दिल नही लगता था।
वो ट्रांसफर करवाके लखनऊ या गोरखपुर आना चाहते थे। कमलेश का मन दोल ही रहा था कि एक सोमवार सपना तिवारी नामक बड़ी गजब की सामान उनसे उनके ऑफिस में मिलने आयी। वो आंगनवाड़ी में टीचर थी और मात्र 3000 रुपए महीने कमाती थी। उसकी चाल ढाल बड़ी मतवाली थी। छातियां बहुत बढ़ी बड़ी और बेहद पुस्ट थी। सपना तिवारी में गजब का आकर्षण था। उससे मिलते ही कमलेश सब सुध भूल गए।
वो मन्त्रमुग्ध हो गए और सपने के जाने के बाद वो सपना तिवारी के सिवा कुछ सोच ना सके। सपना से मिलने के बाद उन्हें अचानक ने गोरखपुर जैसै b grade टाउन से प्यार हो गया। सपना गजब की सुंदरी थी। उनकी आँखे बड़ी तेज और कटीली थी। कमलेश अब गोरखपूर में ही रहने की सोचने लगे। कमलेश ने मन ही मन ठान लिया कि अगर उनको सपना तिवारी मिल जाती है तो उनकी लाइफ सेट हो जाएगी।
कमलेश यादव जिनको सब jd साहेब कहकर पुकारते थे, उन्होंने सपना की फाइल खोली। उनको पता चला की सपना बहुत गरीब है। उसके पिता किसान थे और 2000 रुपए महीना ही कमा पाते थे। सपना ने आंगनवाड़ी से कार्यकत्री बनने के लिए अप्लीकेशन दी थी। उसी दिन कमलेश सपने के केंद्र को चेक करने पहुँच गये। सपना बच्चों को पढ़ा रही थी। घर में बस एक ही कमरा था। उसके पिता जी बगल के खेत में फ़टे पुराने कपड़े पहन कर काम कर रहे थे।
अरे आप सर?? सपना उठ खड़ी हुई।
कल आप ऑफिस आइये कमलेश यादव बोले और अपनी सरकारी बोलेरो गाडी में बैठकर चल दिए। वो शरमा गये थे। नही चाहते थे की और लोगों को उनके इरादे के बारे में पता चले की वो मन ही मन सपना को अपना दिल दे बैठे है और उससे प्यार करने लगे है। अगले दिन सपना बैंगनी साड़ी पहन कर jd साहेब यानि कमलेश से मिलने पहुची। उनके केबिन में गयी।
सपना जी, मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ। जब से आपको देखा है बस देखता ही रह गया हूँ! मुझे आपसे प्यार हो गया है कमलेश यादव ने हिम्मत करके बोल दिया। सपना के पैरों से जमीन निकल गयी। उसने दूसरी आंगनवाड़ियों से सुन रखा था कि बड़े बड़े अधिकारी बड़े चरित्रहीन और ठरकी होते है। अनाप शनाप पैसा होने के कारण ये इश्कबाज , लड़कीबाज, सिटियाबाज, और रंडीबाज हो जाते है। जहाँ जहाँ इन बड़े अधिकारियों का ट्रांसफर होता है वहां वहाँ ये अपनी एक रखेल बना लेते है।
फिर दूसरे शहर में ट्रांसफर और दूसरी रखेल। यही सिलसिला चलता रहता है। सपना।अचानक से आग बबूला हो गयी।
आप क्या समझते है कि मैं गरीब हुँ तो आप मेरी इज़्ज़त से खेलेंगे? ये हरगिज नही हो सकता। मैं भूखी मर जाऊंगी, पर आपको अपनी इज़्जत ने नही खेलने दूंगी सपना चिल्लाकर बोली और अपनी सैंडल्स को खटपट खटपट करती हुई कमलेश के केबिन से चली गयी।
कमलेश हक्के बक्के रह गए। वो तो सच में सपना से प्यार करने लगे थे। पर वो तो गलत समज गयी। सपना ने सोचा कि कमलेश उसे जमकर खाएंगे पिएंगे, चोद चोदकर उसकी बुर फाड़ देंगे और चलते बनेंगे। वो सकते में आ गए। कुछ दिन और बीते पता नही क्या गड़बड़ी हुई। सपना के साथ काम करने वाली पूजा पांडेय जो की बड़ी काली कलूटी और बदसूरत थी, हमेशा सपना से जलती थी। उसने झूठी शिकायत कर दी कि सपना केंद्र नही खोलती है। सपना का वेतन रुक गया।
उसके भूखों मरने के दिन आ गए। एक बार फिरसे सपना कमलेश यादव के पास आना पड़ा। कमलेश अपने ऑफिस में बड़े गुमसुम उदास बैठे दिन काट रहे थे की सपना आ पहुची। उसे देखते ही उनका दिन बन गया। वो मारी खुशि के पागल हो गए और चपरासी ने चाय पानी लाने को कहा। सपना अब अपने बुरे दिनों के कारण थोड़ा दबने लगी। उसने समस्या कमलेश को बताई। कमलेश तो कबसे सपना को दिल दे बैठे थे। उन्होंने सपना का वेतन पास कर दिया। साइन कर दिया। और चाय पानी के बाद सपना को एक लिफाफा भी पकड़ा दिया।
सपना ने घर आकर लिफाफा खोला तो प्रेम पत्र था। कमलेश ने अपने।टूटे दिल का हॉल बयान किया था। अब सपना कमलेश को पसंद करने लगी। और मन ही मन चाहने लगी। एक दिन उसने कमलेश के मोबाइल पर आई लव यू वाला मैसैज भी भेज दिया। अगले दिन कमलेश ने अपने ड्राइवर को भेज दिया सपना को लाने के लिए। वो इतना खुश हुए जा रहे थे की उन्होंने शाम की चाय भी नहीं पी। कुछ देर में सपना पिली साड़ी और काले ब्लाऊज़ में प्रकट हुई।
कमलेश को बड़ा सा सरकारी बंगला मिला था। सपना बगला देककर बहुत खुश हुई। तरह तरह के फूल बगीचे में लगे थे। जैसे ही कमलेश से सपना को देखा उसके दिल की धड़कन बढ़ गयी। उन्होंने नौकरों को जाने को कह दिया। सपना सीधे अंदर चली गयी। कमलेश इस्क़बाजी तो जरूर करना चाहते थे पर ज़माने से छिपकर। वो शिक्षा विभाग के सबसे बड़े अधिकारी थे। समाज में उनकी बड़ी इज़्जत थी।
अंदर आते ही सपना जी भी पागल हो उठी। सपना कुंवारी थी और बिलकुल फ्रेश माल थी। आज कमलेश यादव जैसा बड़ा अधिकारी उसका दिलबर बना दे। कमलेश सीधे साधे थे। कभी फैशन नही करते थे। वहीँ सपना बड़ी फैशन वाली थी। कमलेश से सपना को सीने से लगा लिया। सपना के परफ्यूम से उनका तन मन भीग गया।
सपना! आई लव यू! सपना! आई लव यू! कमलेश कहने लगे।
सपना ने भी आज पहली बार किसी पुरुष को बाँहों में कसा था। कमलेश मचल उठे। सपना को जगह जगह चूमने लगे। सपना उनका पूरा सहयोग करने लगी। पिली साडी और काले ब्लाऊज में सपना क्या कयामत ढा रही थी। उसने अपने बालों में जुड़ा बड़े सलीके से बांध रखा था। कमलेश सपना पर लट्टु हो गए और बेडरूम में खीच ले गयी। आज सपना जैसी कुंवारी लौण्डिया चूदने वाली थी। वो चुदासी भी हो गयी थी।
कमलेश उसे बेडरूम में ले गए और दरवाजा बंद कर लिया। सपना भी बिलकुल दीवानी थी और अपने नए नए दिलबर ने चूदने को बिलकुल तैयार थी। कमलेश ने उसे मुलायम मखमली बिस्तर में पटक दिया और खूब भी सपना पर चढ़ गए। उन्होंने सपना के रसीले संतरे जैसे ओंठों को पीना सुरु कर दिया। सपना बहुत मेक अप करती थी। उसने ढेर सारी लाल लिपस्टिक अपने ओंठों पर लगा रखी थी। कमलेश सपना के ऊँठ चूसने लगे तो सारी लाल लिपिस्टिक उनके ऊँठ और चेहरे पर लगने लगी।
सपना कमलेश को पूरी तरह मदद करने लगी। वो आज सोचकर आयी थी की अगर उसका दिलबर आज उसे चोदने का निवेदन करेगा तो वो नखरे नही करेगी और आराम से चुदवा लेगी। कमलेश ने सपना के संतरे जैसे रसीले ओंठों को इक्षाभरके चूसा। अब सपना के गले की ओर बड़े। क्या सुराही जैसी लम्बी गर्दन थी। एक तिल भी गर्दन पर था। कमलेश पागल हो उठे और उस तिल को चूमने चटने लगी।
कमलेश के हाथ अब सपना जैसी विस्वसुन्दरी के पुस्ट मम्मो पर रेंगने लगे। वो अब सपना को जल्द से जल्द पाना चाहते थे। काले ब्लाऊज़ में सपना तिवारी के फुले फूले छातियां देखकर तो ब्रह्मा भी पागल हो जाता। कमलेश आपा खो बैठे और काले ब्लाऊज पर ही ऊपर से अपनी जीभ निकाल पर सपना के ढूध को पिने की कोसिस करने लगे।
अरे रुकिए जरा! इतनी भी क्या जल्दी? सपना बोली।
उनकी गोल गोल छःतियों की निपल काले ब्लाऊज पर बाहर से साफ साफ दिख रही थी। उभरी हुई चमक रहा थी। सायद तभी कमलेश होश गवां बैठे थे। सपना जान गई की उनके नए नए दिलबर jd साहेब उसे चोदे बिना नहीं मानेंगे। उसने अपना हाथ बढ़ाया और ब्लॉज़े के हुक खोल दिए। सपना की बड़ी बड़ी छातियां जिनको आज तक किसी लकड़े ने नही हाथ लगाया था कमलेश के सामने प्रकट हो गयी। अचानक ने कमलेश का लण्ड खड़ा हो गया। उनका पानी बाहर लण्ड के सुपाड़े से बाहर आने लगा।
सपना जैसी विश्वसुन्दरी को सफ़ेद ब्रा में देखकर कमलेश पागल हो गए। सपना ने अपने हाथ लिचे किये और ब्रा के हक खोल दिए। ब्रा निकल गयी। उस विश्वसुन्दरी के लाल लाल बड़े बड़े चुच्चे अचानक से कमलेश के सामने प्रकट हो गए। सपनी की छःतियां इतनी दुधभरी, गोरी और सफ़ेद थी उसकी रगों में बह रहा लाल खून भी ऊपर से दिखाई दे रहा था। एक बार तो कमलेश को लगा की कहीं को उसे चोदने से पहले ही ना आउट हो जाए।
वो उसकी छतियों पर टूट पड़े। अपनी जबान निकली और सीधे सपना की छतियों को मुँह में ले लिया। और हपर हपर कर पिने लगे। सपना भी मस्त हो गयी। उसकी बेहद खूबसूरत छःतियों को आज पहली बार कोई आदमी पी रहा था। उसे भी बड़ा सुख मिलने लगा। उनकी चिकनी चूत गीली और चिपचिपि होने लगी।
कमलेश काफी देर तक सपना की सफ़ेद छातियां को पीते रहे। आज पहली बार उन्होंने किसी औरत को बाहुपाश में लिया था। सपना की निपल्स काली थी और उसके चारों ओर बड़े बड़े गोल गोल घेरे थे। कमलेश सपना के रसीली छातियां पिने लगे और सारी दुनिया भूल गए। सपना की चूत पानी पानी हो गयी। उसका वीर्य मक्खन की तरह पूरी चूत में चुपड़ गया। कमलेश ने अपने कपड़े उतार फेके और सीधे सपना की साड़ी ऊपर उठा दी। एक ही पल में उनकी पिली रंग की पैंटी उतार फेंकी।
कुछ समय अपनी प्रेमिका की पैंटी सूंघते रहे। उफ़्फ़ उसकी चूत की मादक बेहोश कर देने वाली सुगंध पिली रंग की पैंटी में समा गई थी। रच बस गयी थी। जब सपना की रसीली चूत की सुगंध इतनी नशीली है तो चूत मारने में कितना मजा मिलेगा कमलेश सोचने लगे। उन्होंने अपने ऊँठ जिनपर सपना जी लाल लिपस्टिक जगह जगह लग गयी थी, सपना की चूत पर लगा दिए और रेगिस्तान में किसी प्यासे की तरह बुर चाटकर पानी पीने लगे।
सपना की चूत के मक्खन को वो देसी घी की तरह चाटने लगे। उफ्फ्फ! आज तक उन्होंने ऐसा नजारा नही देखा था। ये चूत नही बल्कि किसी देवी की शक्तिपीठ थी। कमलेश को आज इस शक्तिपीठ की पूजा अर्चना करनी थी। आज उनको इस पर जल चढ़ाना था। सपना जैसी विश्वसुन्दरी की चूत कितनी रसीली और कितनी मखमली होगी सायद कमलेश ने इसका आकलन कर लिया था। वो अपनी जीभ सपना की शक्तिपीठ पर ऊपर से नीचे फिराने लगी। सपना पागल होने लगी। वो और चुदासी होने लगी। अब वो जल्दी से जल्दी चुदवाना चाहती थी।
पर कमलेश तो जैसे सुध बुद्ध खोकर उसकी चूत चाटने में लगे थे। बिलकुल नयी कुंवारी चूत, ऊपर से इतनी रसीली इतनी मक्खनी, इतनी मखमली। कमलेश भर भरके सपना की चूत चाटने लगे। सपना से रहा ना गया। वो अब चुदासी हो गयी। साथ ही बेचैन भी।
कमलेश जी चाटते ही रहेंगे या कुछ करेंगे भी?? सपना बोल पड़ी। ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है
कमलेश को होश आया कि बुर चाटने के सिवा भी और भी बहुत कुछ होता है। उन्होंने अपना लण्ड देखा तो वो पत्थर हो गया था।
कमलेश समज गये की उनकी नयी नयी प्रेमिका सपना जी खुद चुदवाने का निवेदन कर रही है। वो तो अपनी नयी नवेली प्रेमिका को अभी और चूमना चाटना थे, पर उसने खुद ही चुदवाने का निमंत्रण दे दिया। कमलेश अब अपनी प्रेमिका को चोदने की तैयारी करने लगे। उन्होंने अपने लेदर पर्स से एक कंडोम निकाला और फाड़ने लगी।
अरे ये क्या कमलेश जी, ऐसे ही चोदिये। आप से कैसा परायापन? आप तो मेरे अपने है!! रूप की रानी सपना कहने लगी।
कमलेश असल में कोई रिस्क नही लेना ।चाहते थे। कभी कभार वो वेस्याओं को भी चोद लिया करते थे। वही पाजामा पहन कर चोदने वाली आदत थी। कमलेश बेहद खुश हो गए। उन्होंने सपना की दोनों चिकनी टांगों को पकड़ फैलाया दिया। लण्ड उसके खूबसूरत भोंसड़े पर रखा और गच्च से धक्का मारा। सपना की नयी नयी सील टूट गयी। कमलेश उसे मजे से चोदते रहे। उन दिन कमलेश को स्वर्ग सा मिल गया। रात के 9 बजे तक सपना को खूब चोदा खाया। फिर उसे ढंग से साड़ी पहनकर, फिरसे सजा सावरकर ड्राइवर से घर भेज दिया।
इस तरह सपना कमलेश के दिल में जा बैठा। ये मोहब्बत का सिलसिला चल निकला। हर रविवार या सरकारी छुट्टी के दिन कमलेश अपना।ड्राइवर भेजकर सपना को बुलवा लेते और सूरज की रोशनी में दोपहर से शाम तक सपना तिवारी को खूब चोदते खाते। उसे महँगी महँगी साड़ियां, सोने की ज्वेलरी गिफ्ट करते। एक साल तक सपना तिवारी को खूब चोदने खाने के बाद कमलेश ने अपनी पावर से सपना को एक इंटर कॉलेज में सरकारी नॉकरी दे डी वो भी बिना टी ई टी पास किये। अब सपना 40 हजार रुपए हर महीने कमाने लगी।
उसकी लाइफ स्टाइल अब बदल गयी। अगले साल भी कमलेश उसे अपने बंगले पर ला लाकर चोदते खाते रहे। इस तरह 2 और साल गुजर गए। सपना ने अपनी नौकरी से बढ़ा खूबसूरत घर बना लिये वरना उसका किसान बाप तो उसे सारी जिंदगी झप्पर में भी रखता। सपना के बाप, उसकी अम्मा भी कमलेश राज को बहुत मानने लगी। कमलेश सपना के घर जाते तो उसकी माँ उसे कभी बिना खाना खिलाये ना भेजती। एक दिन तो कमलेश सपना के घर गए। सिर्फ उसकी माँ थी। उसके पिता खेत में काम करने गए थे।
माँ जी कमलेश के लिये खाना बनाने लगी और कमलेश ने मौका पाकर सपना को उसी के घर में चोद लिया। सपना के पिताजी कभी 2 शक करते थे की कहीं सपना कमलेश से फस तो नही गयी है। फिर चुप्पी मार लेते थे। क्योंकि कमलेश की कृपा से ही उनकी दरिद्रता दूर हो गयी थी। अगर लकड़ी थोड़ा बहुत चुदवा भी ले तो कौन सा हर्ज है। जवानी और खूबसूरती का फायदा तो इंसान सदियों से उठाता आ रहा है। उसके पिता सोचते थे।
कुछ दिनों बाद कमलेश का बनारस ट्रांसफर हो गया। पर चुदाई का रिश्ता खत्म ना हुआ। सपना ने एक लल्लू बैंक क्लर्क से शादी कर ली। वो लल्लू सुबह 9 बजे बैंक जाता तो रात 12 बजे आता। उसके पास अपनी विश्वसुन्दरी को पेलने और चोदन खाने का समय ही नही ना। सपना फ़ोन से पूरे पुरे दिन कमलेश से चिपकी रहती। बिच बिच में काम की बात कहकर बनारस चली जाती और कमलेश के नए बंगले पर खूब जी भरकर चुदवाती। कुछ दिनों बाद कमलेश की शादी हो गयी।
एक बड़ी सूंदर बीबी उसे मिली। पर कमलेश और सपना की चुदाई ना रुकी। 15 दिन में एक बार सपना बनारस जरूर आती थी। कमलेश अपनी सरकारी गाडी भेज देते थे। आकर खूब चुदती थी। 9 महीनो बाद सपना प्रेग्नेंट हो गयी। उसका पति थोड़ा हैरान था की वो तो कम ही चुदाई करता है। पर तेज तर्रार सपना ने कहा कि ये उसी का बच्चा है। उसका आदमि बिलकुल लल्लू था। हर बात पर विस्वास कर लेता था।
बच्चा होने के बाद एक दिन सपना फिर बनारस गयी।
बिलकुल तुमको पड़ा है!! सपना बोली
कमलेश ने अपने लड़के को चूम लिया। लखनऊ में एक करोड़ का एक प्लाट उन्होंने अपने काले धन से लिया था। वो अपने नाजायज लड़के के नाम कर दिया। क्योंकि कमलेश सपना को सुरु से ही बहुत प्यार करते थे। उस दिन फिर से कमलेश ने सपना को नंगा करके जमकर उसकी choot फाड़ी और सदा।सदा के लिए अपनी रखेल बना लिया।
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