पढ़ें एक हॉट हिंदी सेक्स स्टोरी, जहाँ काजल ने मौसा जी के साथ हार्डकोर सेक्स किया! यह स्टोरी स्टेमी डेसी चुदाई और इंडियन एरोटिक टेल्स से भरी है, जिसमें वाइल्ड बhabhi मस्ती और स्पाइसी एडल्ट एडवेंचर हैं। काजल की चूत और गांड को मौसा जी ने हार्डकोर से फाड़ा, और उसकी चूचियाँ चूस-चूसकर नीली कर दीं। यह कहानी आपकी चूत को गरम कर देगी, और आपके लंड को तड़पाएगी। तैयार हो जाइए, क्यूँकि यहाँ हार्डकोर चुदाई का तूफान है!
मेरा नाम काजल है। मैं 20 साल की हूँ, एक जवान, गोरी लड़की, जिसका जिस्म किसी को भी पागल कर दे। मेरा चिकना, गोरा बदन, बड़े-बड़े रसीले चूचियाँ जो टॉप में उभरती हैं, और मोटी, गोल, भारी गांड जो शॉर्ट्स में लचकती है, किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर सकती हैं। मेरी चूत हमेशा गीली, गरम और भूखी रहती थी, लेकिन मैं अभी तक कुंवारी थी। मेरे मौसा जी, राकेश, 38 साल के थे—लंबे, सांवले, और मज़बूत जिस्म वाले, जिनकी पैंट में मोटा, 9 इंच का लंड साफ उभरता था। उनकी चौड़ी छाती, मोटे हाथ, और उनकी पैंट में उभरता लंड देखकर मेरी चूत टपकने लगती थी। मैंने कई बार उनकी नज़रों में मेरी चूचियों और गांड के लिए एक जंगली भूख देखी थी। हमारा घर गाँव में था, जहाँ मैं अपने नाना-नानी के साथ रहती थी, और मौसा जी पास के घर में रहते थे।
गर्मियों की छुट्टियों में मैं नाना-नानी के गाँव गई थी। मौसा जी अक्सर हमारे यहाँ आते थे, और उनकी नज़रें मेरे जिस्म पर टिकती थीं। एक दिन मैं नहाकर बाहर आई। मैंने एक टाइट, लाल टॉप और छोटे, पारदर्शी शॉर्ट्स पहने थे, जिसमें मेरी चूचियाँ उभर रही थीं, और मेरी गांड लचकती दिख रही थी। मेरे निप्पल सख्त होकर टॉप से बाहर निकलने को बेताब थे, और मेरी चूत गीली हो रही थी। मौसा जी बाहर आँगन में बैठे थे, और उनकी पैंट में उनका लंड तन गया। वो बोले, “काजल, तू तो माल है। मेरी लंड तुझसे तड़प रही है।” मेरी चूत गीली हो गई, और मैं सिसकी, “मौसा जी, ये गलत है… लेकिन मेरी चूत को लंड चाहिए, बिना चुदे मैं नहीं रह सकती।”
एक रात बारिश हो रही थी। घर में सिर्फ मैं और मौसा जी थे, क्योंकि नाना-नानी मंदिर गए थे। मैं छत पर सोने चली गई थी, एक पतली, लाल नाइटी में। मेरी चूचियाँ नाइटी से उभर रही थीं, और मेरी गांड का उभार नंगी चमक रहा था। मेरे निप्पल सख्त होकर नाइटी से बाहर निकलने को बेताब थे, और मेरी चूत गीली हो रही थी। मैंने एक पतली चादर ओढ़ी, और गहरी नींद में सो गई। मेरी चूत की गर्मी हवा में फैल रही थी, और मेरी चूतड़ हल्के से हिल रहे थे। तभी मौसा जी छत पर आ गए। उनकी आँखें मेरे जिस्म पर टिक गईं, और उनकी पैंट में उनका लंड तन गया। वो बोले, “काजल, तू तो माल है। मेरी लंड तुझसे तड़प रही है। तू सो रही है, लेकिन मेरी चूत को तेरा लंड चाहिए।”
मौसा जी मेरे पास आए। उन्होंने मेरी नाइटी पर हाथ रखा, और मेरी चूचियाँ उनके हाथों में दब गईं। मेरी नाइटी गीली हो गई थी, और मेरे निप्पल सख्त होकर बाहर निकलने लगे। वो बोले, “काजल, तेरी चूचियाँ तो चूसने लायक हैं!” उन्होंने मेरी नाइटी का गला फाड़ दिया। मेरी मोटी, रसीले चूचियाँ उनके सामने नंगी हो गईं, गोल, सख्त, और निप्पल लाल, उभरे हुए। मौसा जी ने मेरी एक चूची को अपने मज़बूत, खुरदुरी हाथ में लिया और ज़ोर से दबाया। उनकी उंगलियाँ मेरे निप्पल को मसल रही थीं, और उनकी गर्म, गीली जीभ मेरी चूची पर घूम रही थी। मैं नींद में सिसक उठी, “आह… मौसा जी, मेरे चूचियाँ चूस डालो…” उन्होंने मेरी दूसरी चूची को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उनके दाँत मेरे निप्पल को काटते, और मेरी चूत टपकने लगी। मैं अभी भी नींद में थी, लेकिन मेरी चूत गर्म हो रही थी।
मौसा जी ने मेरी नाइटी पूरी उतार दी। मेरी नंगी चूत उनके सामने थी—गीली, गुलाबी, और गरम, उसकी हर सिलवट पानी से चमक रही थी। मेरी गांड का उभार चिकना, मोटा था। वो बोले, “काजल, तेरी चूत तो चुदने लायक है!” उन्होंने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डालीं, और मैं नींद में चिल्ला उठी, “आह… मेरी चूत में आग लग रही है!” उन्होंने अपनी जीभ मेरी चूत पर फेरी, और मैं पागल हो गई। वो बोले, “तेरी चूत का स्वाद गज़ब है… गरम और रसीला!” उन्होंने मेरी चूत को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उनकी गर्म जीभ मेरे चूत के दाने को रगड़ रही थी, और मेरी चूतड़ उछल रहे थे। मैं नींद में सिसकी, “चोद डालो… मेरी चूत को लंड दो!”
मौसा जी ने अपनी पैंट उतारी। उनका 9 इंच का मोटा, काला लंड बाहर लहराने लगा, नसें उभरी हुई और सुपारा लाल, चमकदार। वो बोले, “काजल, तेरी चूत को आज मेरा लंड हार्डकोर सेक्स देगा। इसे फाड़ दूँगा!” मैं अभी भी नींद में थी, लेकिन मेरी चूत गीली और तड़प रही थी। उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। उनका सुपारा मेरी चूत की फाँकों को चीर रहा था। मैं नींद में तड़प रही थी, “डाल दो… मेरी चूत को चोद डालो!” उन्होंने एक ज़ोरदार झटका मारा, और उनका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मेरी चूत टाइट थी, और मैं नींद में चीख पड़ी, “आह… मेरा हो गया… मेरी चूत फट गई!” मौसा जी ने हार्डकोर स्टाइल में ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। मेरी चूत से खून टपकने लगा, लेकिन वो रुके नहीं। उनका लंड मेरी चूत को चोद रहा था—ज़ोर-ज़ोर से, गहराई तक, फच-फच की गीली आवाज़ छत पर गूँज रही थी। मेरे चूचियाँ हवा में लटककर हिल रहे थे, और मौसा जी ने उन्हें अपने मज़बूत हाथों से मसला। मैं नींद से उठी, और चिल्लाई, “मौसा जी, तूने क्या किया? मेरी चूत फाड़ दी!” लेकिन मेरी चूत गर्म थी, और मैं सिसकी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत को हार्डकोर से फाड़ डाल!”
मौसा जी ने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी मोटी, गोल गांड उनके सामने थी, चिकनी और उभरी हुई। उन्होंने मेरी गांड पर पाँच ज़ोरदार थप्पड़ मारे, और मेरी गांड लाल होकर हिलने लगी। वो बोले, “काजल, तेरी गांड भी हार्डकोर से चोदूँगा… इसे मेरे लंड से फाड़ दूँगा!” मैं सिसकी, “चोद दे, मौसा जी… मेरी गांड फाड़ डाल… हार्डकोर से चोद!” उन्होंने अपने लंड पर थूक और तेल लगाया, फिर मेरी गांड में धीरे से डाला। मेरी गांड टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… मेरी गांड फट गई!” मौसा जी ने हार्डकोर स्टाइल में ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और मेरी गांड को चोदा। मेरी चूचियाँ हिल रही थीं, और मेरी चूत टपक रही थी। उनकी चुदाई से मेरा जिस्म काँप रहा था। मैं चिल्लाई, “मौसा जी, मेरी चूत और गांड दोनों हार्डकोर से फाड़ डाल… मुझे जन्नत दिखा!”
रात गहराई, और मौसा जी ने मुझे बेडरूम में ले जाया। उन्होंने मुझे बिस्तर पर पटका, और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। मेरी चूत और गांड दोनों उनके सामने खुली थीं। उन्होंने मेरी चूत में लंड पेला, और मैं चिल्लाई, “आह… मौसा जी, मेरी चूत को हार्डकोर से चोद डाल… इसे फाड़ डाल!” उनका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और उन्होंने मेरे चूचियाँ अपने मुँह में लिए और चूसने लगा। मैं सिसक रही थी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत और गांड दोनों हार्डकोर से फाड़ डालो!” मौसा जी ने मेरी गांड में उंगली डाली, और मैं चीखी, “मेरी गांड में लंड डाल, इसे हार्डकोर से भोसड़ा बना डाल!” उन्होंने मेरी गांड में लंड ठूंस दिया, और मेरी चीखें कमरे में गूँजने लगीं। उनकी हार्डकोर चुदाई से मेरा जिस्म पागल हो गया।
मौसा जी ने मुझे बाथरूम में ले जाया। शावर चालू था, और पानी हमारे नंगे जिस्मों पर पड़ रहा था। मेरी चूचियाँ पानी से चमक रही थीं, और मेरी गांड गीली होकर और रसीली लग रही थी। उन्होंने मुझे दीवार से सटाया और मेरी चूत में लंड पेला। मैं चिल्लाई, “आह… मौसा जी, मेरी चूत को हार्डकोर से चोद डाल… इसे फाड़ डाल!” उनका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और पानी मेरे चूचियों पर टपक रहा था। वो बोले, “काजल, तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है… इसे हार्डकोर से फाड़ दूँगा!” मैं सिसकी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत और गांड दोनों हार्डकोर से फाड़ डाल!”
सुबह हुई, और मैं मौसा जी की बाहों में नंगी पड़ी थी। मेरी चूत सूजकर लाल हो गई थी, गांड फटकर दर्द से काँप रही थी, और मेरे चूचियाँ नीले पड़ गए थे। वो बोले, “काजल, तेरी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम हैं।” मैंने उसके लंड को मुँह में लिया और चूसते हुए बोली, “मौसा जी, मेरी चूत को फिर हार्डकोर से चोद, इसे फाड़ डाल… मेरी गांड को भी हार्डकोर से भोसड़ा बना डाल!” हमने सुबह की गरम, हार्डकोर चुदाई शुरू की, और यह एक वाइल्ड, हॉट, और सेक्सी रात और सुबह थी, जो कभी खत्म नहीं हुई।