मेरा नाम रिया है, उम्र 24 साल। मैं एक ऐसी लड़की हूँ जिसे देखकर हर मर्द का लंड खड़ा हो जाए। मेरा रंग गोरा है, चूचियाँ भारी, रसीली और उभरी हुई, गांड मोटी, गोल और थिरकती हुई, और मेरी कमर इतनी पतली कि उस पर हाथ फेरने का मन करे। मेरे होंठ गुलाबी और मांसल हैं, और मेरी आँखों में एक नशीली चमक है। मैं दिल्ली में रहती हूँ, जहाँ मैं मॉडलिंग और इवेंट मैनेजमेंट का काम करती हूँ। मेरी ज़िंदगी पार्टियों, डांस और मौज-मस्ती से भरी थी, लेकिन मुझे गाँव की सादगी भी पसंद थी। इस बार मैं अपने दोस्त, राहुल, के साथ उसके गाँव गई, जो हरियाणा में था। वहाँ देसी दारू के नशे में मेरी चुदाई हुई, और मैंने अपनी जवानी का ऐसा मज़ा लिया जो मैं कभी नहीं भूल सकती।
राहुल मेरा कॉलेज का दोस्त था। वो 26 साल का था, साँवला, मज़बूत और हॉट। उसका जिस्म पत्थर की तरह सख्त था, और उसकी आँखों में एक जंगली चमक थी। उसने मुझे अपने गाँव की होली में बुलाया था। मैंने सोचा कि शहर की बोरियत से कुछ दिन गाँव की मस्ती में बिताऊँगी। मैंने एक टाइट जीन्स और क्रॉप टॉप पहना, जिसमें मेरी चूचियाँ और गांड साफ उभर रही थीं। दिल्ली से गाँव का सफर लंबा था, लेकिन राहुल की बातों ने उसे मज़ेदार बना दिया। जब हम गाँव पहुँचे, होली का माहौल था। गाँव के लोग रंगों में डूबे थे, और ढोल की आवाज़ से माहौल गर्म था।
राहुल ने मुझे अपने घर ले जाया। उसकी माँ और बहन ने मेरा स्वागत किया, लेकिन मैं देख रही थी कि गाँव के लड़के मुझे घूर रहे थे। मेरी टाइट जीन्स में मेरी गांड मटक रही थी, और मेरा टॉप मेरी चूचियों को मुश्किल से ढक रहा था। राहुल ने मुझे अपने दोस्तों से मिलवाया। उनमें से एक था सोनू, जो 28 साल का था, गोरा, मज़बूत और गाँव का मशहूर दबंग। उसकी नज़रें मेरी चूचियों पर टिकी थीं, और मैं उसकी भूखी नज़रों को देखकर सिहर रही थी।
होली के दिन हम सबने खूब मस्ती की। मैंने भांग का ठंडाई पिया, और मेरा नशा चढ़ गया। मैं राहुल और सोनू के साथ नाच रही थी, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। गाँव के लड़के मुझे घूर रहे थे, और मैं जानबूझकर अपनी गांड मटका रही थी। रात को होली की मस्ती खत्म हुई, और राहुल ने कहा, “रिया, अब असली मज़ा शुरू होगा।” उसने मुझे और सोनू को अपने खेतों में ले जाया, जहाँ एक छोटा सा गोदाम था। वहाँ उसने देसी दारू की बोतल निकाली, और हम तीनों ने पीना शुरू किया। देसी दारू का नशा मेरे सिर पर चढ़ गया, और मेरी चूत में आग लगने लगी।
मैंने राहुल की तरफ देखा और बोली, “राहुल, गाँव में तो मज़ा ही मज़ा है!” वो हँसा और बोला, “रिया, अभी तो मज़ा बाकी है।” सोनू मेरे करीब आया और मेरी कमर पर हाथ रखा। मैं सिहर उठी, लेकिन नशे में मुझे अच्छा लग रहा था। उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और मैं उसके चुम्बन में डूब गई। उसका चुम्बन जंगली और गर्म था, और मैं उसकी जीभ चूसने लगी। राहुल मेरे पीछे था, और उसने मेरे टॉप के ऊपर से मेरी चूचियाँ दबानी शुरू कीं। मैं सिसक उठी, “आह्ह… सोनू, राहुल, ये क्या कर रहे हो?”
सोनू ने मेरा टॉप फाड़ दिया, और मेरी नंगी चूचियाँ उसके सामने थीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और उसने एक चूची को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… सोनू, चूस, मुझे जलन हो रही है!” राहुल मेरी जीन्स उतार रहा था, और उसने मेरी पैंटी भी खींच दी। मेरी चिकनी चूत उनके सामने थी। राहुल ने मेरी चूत पर उंगली फिराई, और मैं सिसक उठी, “आह्ह… राहुल, अंदर डाल!” उसने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी, और मैं चीख रही थी, “उफ्फ… और कर!”
सोनू ने अपनी पैंट उतारी, और उसका मोटा लंड मेरे सामने था। वो काला, लंबा और सख्त था। मैंने उसे मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। वो सिसक रहा था, “आह्ह… रिया, तू शहर की रंडी है!” मैं उसका लंड चूस रही थी, और मेरी जीभ उसके टोपे पर नाच रही थी। राहुल मेरी चूत चाट रहा था, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… राहुल, चाट, मेरी चूत गीली हो गई!” देसी दारू का नशा मुझे पागल कर रहा था, और मैं सिर्फ चुदना चाहती थी।
सोनू ने मुझे गोदाम के फर्श पर लिटाया और मेरी जाँघें फैला दीं। उसने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… सोनू, मेरी चूत फट गई!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगा, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से चोद!” उसकी ठापों से मेरा पूरा शरीर हिल रहा था, और मेरी चूत से रस बह रहा था। राहुल मेरे मुँह में अपना लंड डाल रहा था, और मैं उसे चूस रही थी। मैं चीख रही थी, “आह्ह… राहुल, तेरा लंड बहुत मस्त है!”
कुछ देर बाद सोनू ने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी गांड उसके सामने थी, और उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… और मार!” उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी गांड में डाल दिया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… सोनू, मेरी गांड फट गई!” वो मेरी गांड में ठाप मारने लगा, और मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से!” राहुल मेरी चूत में उंगली डाल रहा था, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… राहुल, और कर!” सोनू ने मेरी गांड पर और थप्पड़ मारे, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… मेरी गांड लाल कर दो!”
फिर राहुल ने मुझे अपनी गोद में उठाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं उसके कंधों पर थी और चीख रही थी, “आह्ह… राहुल, मुझे उड़ा दे!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मार रहा था, और मेरा पूरा शरीर काँप रहा था। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… तेरा लंड स्वर्ग है!” सोनू मेरी चूचियाँ चूस रहा था, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… और चूस!” राहुल ने मुझे फर्श पर पटक दिया और मेरी चूत में फिर से ठाप मारने लगा। मैं चीख रही थी, “राहुल, मेरी चूत फाड़ दे!”
कुछ देर बाद सोनू ने मेरी गांड में फिर से ठाप मारी। मैं चीख रही थी, “आह्ह… सोनू, मेरी गांड जल रही है!” राहुल मेरे मुँह में ठाप मार रहा था, और मैं सिसक रही थी, “आह्ह… और ज़ोर से!” देसी दारू का नशा हमें जंगली बना रहा था, और हम तीनों हवस में डूबे थे। मैंने कहा, “मेरे मुँह में झड़ो!” सोनू ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, और मैं उसे चूसने लगी। वो सिसक रहा था, “आह्ह… रिया, तेरा मुँह बहुत गर्म है!”
आखिर में राहुल ने मेरी चूत में ठाप मारी, और सोनू मेरी गांड में। मैं चीख रही थी, “आह्ह… मुझे चोद डालो!” राहुल ने तेज़ ठाप मारी, और उसका माल मेरी चूत में भर गया। सोनू ने मेरी गांड में झड़ गया, और मैं काँपते हुए फर्श पर गिर पड़ी। हम तीनों हाँफ रहे थे, और मेरा शरीर पसीने और रस से भीगा हुआ था।
सोनू ने मेरे कान में कहा, “रिया, तू शहर की माल है, लेकिन गाँव में चुदने का मज़ा लिया!” मैं हँसते हुए बोली, “राहुल, सोनू, तुमने मेरी जवानी को जन्नत दिखा दी।” उस रात के बाद मैं जब भी गाँव गई, राहुल और सोनू ने मुझे देसी दारू पिलाई और चोदा। गाँव की रातें मेरी हवस का अड्डा बन गईं, और मैं हर बार उनकी ठापों में डूब जाती।