मेरा नाम राहुल है, उम्र 24 साल। मैं एक जवान, मज़बूत और हॉट लड़का हूँ। मेरा रंग साँवला है, चौड़ा सीना, मज़बूत बाँहें और एक ऐसा लंड जो किसी भी औरत को तड़पा दे। मैं दिल्ली में अपनी माँ, सुनीता, के साथ रहता हूँ। माँ 42 साल की हैं, लेकिन उनकी जवानी आज भी कायम है। उनका रंग गोरा, चूचियाँ भारी, रसीली और टाइट, गांड मोटी, गोल और मस्त, और उनकी कमर इतनी पतली कि हर मर्द उनकी चूत का दीवाना हो जाए। मेरी दो मौसियाँ, रीना और मीना, भी कम हसीन नहीं थीं। रीना 38 साल की हैं, साँवली, भारी चूचियाँ और मस्त गांड वाली, और मीना 36 साल की हैं, गोरी, टाइट चूचियाँ और पतली कमर वाली। ये कहानी उस रात की है जब मैंने माँ और दोनों मौसियों की एक साथ चुदाई की।
हमारा परिवार बहुत करीब है। माँ, रीना मौसी और मीना मौसी अक्सर एक-दूसरे के घर आया-जाया करते हैं। माँ और मौसियाँ बहुत खुली सोच वाली थीं, और वो मेरे सामने टाइट कपड़े पहनती थीं। माँ की साड़ी में उनकी चूचियाँ और गांड साफ उभरती थीं, और रीना मौसी की नाइटी उनकी भारी गांड को उभारती थी। मीना मौसी टाइट जीन्स और टॉप पहनती थीं, जिसमें उनकी जाँघें और चूचियाँ चमकती थीं। मैं उनकी जवानी का दीवाना था, और रात को उनके बारे में सोचकर मुठ मारता था। मेरी चूत में हर वक्त आग लगी रहती थी, और मैं चाहता था कि उनकी चूत का मज़ा लूँ। मुझे नहीं पता था कि एक दिन मेरी ये ख्वाहिश पूरी हो जाएगी।
एक रात की बात है। रीना मौसी और मीना मौसी हमारे घर आई थीं। पापा टूर पर थे, और हम चारों घर पर अकेले थे। माँ ने खाना बनाया, और हम सबने साथ में वाइन पी। माँ ने एक टाइट साड़ी पहनी थी, जिसमें उनकी चूचियाँ और गांड साफ दिख रही थीं। रीना मौसी ने एक पतली नाइटी पहनी थी, जिसमें उनकी भारी चूचियाँ उभर रही थीं। मीना मौसी ने एक शॉर्ट ड्रेस पहनी थी, जिसमें उनकी गोरी जाँघें चमक रही थीं। वाइन का नशा चढ़ रहा था, और हम सब खुल गए। माँ ने मज़ाक में कहा, “राहुल, तू अब जवान हो गया है। कोई गर्लफ्रेंड बनाई?” मैंने हँसते हुए कहा, “माँ, मुझे आप तीनों जैसी हसीनाएँ चाहिए।”
माँ, रीना मौसी और मीना मौसी हँसने लगीं। रीना मौसी बोलीं, “अच्छा, तो तुझे हम जैसी चाहिए? फिर हमें भी तो कुछ चाहिए!” मीना मौसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और बोली, “राहुल, तू तो बहुत हॉट है।” उनकी छुअन ने मेरे लंड को खड़ा कर दिया। माँ मेरी तरफ देखकर मुस्कुराईं और बोलीं, “राहुल, आज तुझे मज़ा दे देते हैं।” मैं चौंक गया, लेकिन मेरी जवानी बेकाबू हो रही थी। मैंने हिम्मत की और माँ की कमर पकड़ ली। वो सिसक उठीं, “आह्ह… राहुल, तू बहुत बदमाश है!”
मैंने माँ के होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और वो मेरे चुम्बन में डूब गईं। उनका चुम्बन गर्म और रसीला था, और मैं उनकी जीभ चूसने लगा। रीना मौसी मेरे पीछे आईं और मेरी शर्ट उतार दीं। वो मेरी छाती पर हाथ फेर रही थीं और बोलीं, “राहुल, तेरा जिस्म तो पत्थर जैसा है!” मीना मौसी मेरी पैंट उतार रही थीं, और मेरा मोटा लंड उनके सामने था। वो बोलीं, “राहुल, ये तो बहुत बड़ा है!” मैंने हँसते हुए कहा, “ये आप तीनों की चूत के लिए है।”
मैंने माँ की साड़ी खींच दी, और उनकी नंगी चूचियाँ मेरे सामने थीं। मैंने एक चूची को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। माँ चीख रही थीं, “आह्ह… राहुल, चूस, मुझे जलन हो रही है!” रीना मौसी ने अपनी नाइटी उतार दी, और उनकी भारी चूचियाँ मेरे सामने थीं। मैंने उनकी चूची मसली, और वो सिसक रही थीं, “उफ्फ… और ज़ोर से!” मीना मौसी ने अपनी ड्रेस उतार दी, और उनकी चिकनी चूत मेरे सामने थी। मैंने उनकी चूत पर उंगली फिराई, और वो चीख पड़ीं, “आह्ह… राहुल, अंदर डाल!”
मैंने माँ को बिस्तर पर लिटाया और उनकी चूत पर जीभ फिराई। वो चीख रही थीं, “आह्ह… राहुल, चाट, मेरी चूत गीली हो गई!” मैं उनकी चूत चाट रहा था, और उनका रस मेरे मुँह में आ रहा था। रीना मौसी मेरे लंड को चूस रही थीं, और मैं सिसक रहा था, “आह्ह… मौसी, कितना मज़ा दे रही हो!” मीना मौसी मेरी चूचियाँ चूस रही थीं, और मैं चीख रहा था, “उफ्फ… और चूस!” मैंने माँ की जाँघें फैलाईं और अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया। वो चीख पड़ीं, “आह्ह… राहुल, मेरी चूत फट गई!”
मैं ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगा, और माँ की चूचियाँ उछल रही थीं। वो चीख रही थीं, “राहुल, और ज़ोर से चोद!” मैंने रीना मौसी को अपने पास खींचा और उनकी चूत में उंगली डाल दी। वो सिसक रही थीं, “आह्ह… राहुल, और कर!” मीना मौसी मेरे मुँह में अपनी चूचियाँ डाल रही थीं, और मैं उन्हें चूस रहा था। मैंने माँ को छोड़ा और रीना मौसी को घोड़ी बनाया। उनकी मोटी गांड मेरे सामने थी, और मैंने उस पर थप्पड़ मारा। वो चीख पड़ीं, “आह्ह… और मार!”
मैंने अपना लंड उनकी गांड में डाल दिया, और वो चीख रही थीं, “आह्ह… मेरी गांड फट गई!” मैं उनकी गांड में ठाप मारने लगा, और वो सिसक रही थीं, “उफ्फ… और ज़ोर से!” माँ मेरी चूत चाट रही थीं, और मैं चीख रहा था, “माँ, और चाटो!” मीना मौसी मेरे लंड को चूस रही थीं, और मैं पागल हो रहा था। मैंने मीना मौसी को अपनी गोद में उठाया और उनकी चूत में ठाप मारने लगा। वो चीख रही थीं, “आह्ह… राहुल, मुझे उड़ा दे!” मैं ज़ोर-ज़ोर से ठाप मार रहा था, और उनका पूरा शरीर काँप रहा था।
हम चारों बिस्तर पर थे। मैंने माँ की चूत में ठाप मारी, रीना मौसी की गांड में, और मीना मौसी का मुँह चोदा। उनकी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने माँ को फिर से लिटाया और उनकी चूत में ठाप मारने लगा। वो चीख रही थीं, “राहुल, मेरी चूत फाड़ दे!” मैं सिसक रहा था, “माँ, आपकी चूत स्वर्ग है!” रीना मौसी मेरी चूचियाँ चूस रही थीं, और मीना मौसी मेरी गांड सहला रही थीं। मैंने रीना मौसी की चूत में ठाप मारी, और वो चीख रही थीं, “आकाश, और ज़ोर से!” मीना मौसी की गांड में ठाप मारी, और वो सिसक रही थीं, “राहुल, मेरी गांड जल रही है!”
आखिर में मैंने तीनों को बारी-बारी चोदा। मैंने माँ की चूत में तेज़ ठाप मारी, और मेरा माल उनकी चूत में भर गया। वो चीख रही थीं, “राहुल, कितना गर्म है!” मैंने रीना मौसी की गांड में झड़ गया, और वो सिसक रही थीं, “राहुल, मेरी गांड भर दी!” मीना मौसी के मुँह में झड़ गया, और वो मेरा माल निगल गईं। हम चारों बिस्तर पर ढेर हो गए, और हमारा शरीर पसीने और रस से भीगा हुआ था।
माँ मेरे पास आईं और बोलीं, “राहुल, तूने हमें जन्नत दिखा दी।” मैंने हँसते हुए कहा, “माँ, आप तीनों मेरी जन्नत हो।” रीना मौसी और मीना मौसी भी हँस रही थीं। उस रात के बाद जब भी मौका मिलता, मैं माँ और दोनों मौसियों को चोदता। ये हमारा गुप्त रिश्ता बन गया, जो हमारी हवस को ज़िंदा रखता है।