मेरा नाम विवेक है, उम्र 22 साल। मैं एक जवान, मज़बूत और हॉट लड़का हूँ। मेरा रंग साँवला है, चौड़ा सीना, मज़बूत बाँहें और एक ऐसा लंड जो किसी भी औरत को तड़पा दे। मैं दिल्ली में रहता हूँ, लेकिन मेरी ज़िंदगी का सबसे अहम हिस्सा मेरी मौसी, रेखा, हैं। मौसी 38 साल की हैं, और वो एक ऐसी औरत हैं जिसे देखकर हर मर्द का लंड खड़ा हो जाए। उनका रंग गोरा, चूचियाँ भारी, रसीली और टाइट, गांड मोटी, गोल और मस्त, और उनकी कमर इतनी पतली कि उसे देखकर हवस जाग जाए। ये कहानी उस वक्त की है जब मौसी ने मुझे न सिर्फ पाल-पोष कर जवान किया, बल्कि मुझे चोदने की ट्रेनिंग भी दी।
मेरी ज़िंदगी की शुरुआत आसान नहीं थी। जब मैं 10 साल का था, मेरे माता-पिता का देहांत हो गया। तब से मौसी ने मुझे अपने पास रखा और मेरी परवरिश की। वो दिल्ली में एक स्कूल में टीचर थीं, और उनका कोई बच्चा नहीं था। मौसी मुझे अपने बेटे की तरह प्यार करती थीं, लेकिन जैसे-जैसे मैं जवान हुआ, उनकी नज़रें बदलने लगीं। जब मैं 18 साल का हुआ, मेरा जिस्म मज़बूत हो गया था। मैं जिम जाता था, और मेरी छाती चौड़ी हो गई थी। मौसी मुझे घूरने लगीं, और उनकी छुअन में एक अजीब सी गर्मी थी। मैं भी उनकी चूचियों और गांड को देखकर तड़पता था, लेकिन वो मेरी मौसी थीं, इसलिए मैं चुप रहता।
मौसी बहुत हॉट थीं। वो घर में टाइट साड़ी या नाइटी पहनती थीं, जिसमें उनकी चूचियाँ और गांड साफ उभरती थीं। जब वो झुकतीं, उनकी चूचियाँ मेरे सामने आ जाती थीं, और मेरी पैंट में उभार बन जाता था। वो मेरी हालत देखकर मुस्कुराती थीं, और मुझे लगता था कि वो जानबूझकर मुझे तड़पाती हैं। मेरी जवानी उफान पर थी, और मैं रात को मौसी के बारे में सोचकर मुठ मारता। मेरी चूत में आग लगी रहती थी, और मैं चाहता था कि कोई मेरी प्यास बुझाए। मुझे नहीं पता था कि मौसी मेरी उस प्यास को बुझाने वाली थीं।
एक रात की बात है। मौसी और मैं घर पर अकेले थे। मैं अपने कमरे में था, और मौसी ने मुझे बुलाया, “विवेक, मेरे कमरे में आ!” मैं उनके कमरे में गया। मौसी ने एक पतली सी नाइटी पहनी थी, जो उनके जिस्म से चिपक रही थी। उनकी चूचियाँ नाइटी से बाहर आने को बेताब थीं, और उनकी गांड साफ दिख रही थी। वो बिस्तर पर बैठी थीं और बोलीं, “विवेक, तू अब जवान हो गया है। तुझे कुछ सिखाने का वक्त आ गया है।” मैं चौंक गया और बोला, “क्या, मौसी?” वो हँसीं और बोलीं, “चोदने की ट्रेनिंग।”
मैं शरम से लाल हो गया, लेकिन मेरे लंड में हलचल होने लगी। मौसी मेरे पास आईं और मेरे कंधे पर हाथ रखा। उनकी गर्म छुअन ने मुझे सिहरन से भर दिया। उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और मैं उनके चुम्बन में डूब गया। उनका चुम्बन गर्म और रसीला था, और मैं उनकी जीभ चूसने लगा। मैं सिसक उठा, “आह्ह… मौसी, ये क्या कर रही हो?” वो बोलीं, “विवेक, तुझे मर्द बनाना है।” उन्होंने मेरी शर्ट उतार दी और मेरी छाती पर हाथ फेरा। वो बोलीं, “तेरा जिस्म बहुत मस्त है।”
मौसी ने अपनी नाइटी उतार दी, और उनकी नंगी चूचियाँ मेरे सामने थीं। वो भारी, रसीली और गुलाबी निप्पल वाली थीं। मैंने एक चूची को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। वो चीख रही थीं, “आह्ह… विवेक, चूस, मुझे जलन हो रही है!” मैंने उनकी दूसरी चूची मसली, और वो तड़प रही थीं, “उफ्फ… और ज़ोर से!” मेरी जीभ उनके निप्पल पर नाच रही थी, और उनकी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने उनकी पैंटी उतार दी, और उनकी चूत मेरे सामने थी। वो चिकनी और गीली थी। मैंने उनकी चूत पर उंगली फिराई, और वो चीख पड़ीं, “आह्ह… विवेक, अंदर डाल!”
मैंने अपनी उंगली उनकी चूत में डाल दी, और वो सिसक रही थीं, “उफ्फ… और कर!” मौसी ने मेरी पैंट उतार दी, और मेरा मोटा लंड उनके सामने था। वो बोलीं, “विवेक, ये तो बहुत बड़ा है!” मैंने हँसते हुए कहा, “मौसी, ये आपके लिए है।” उन्होंने मेरा लंड मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं। मैं सिसक रहा था, “आह्ह… मौसी, कितना मज़ा दे रही हो!” उनकी जीभ मेरे लंड पर नाच रही थी, और मैं पागल हो रहा था।
मौसी ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गईं। उन्होंने मेरा लंड अपनी चूत पर रखा और धीरे-धीरे बैठ गईं। मैं चीख पड़ा, “आह्ह… मौसी, मेरी चूत में आग लग गई!” वो ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगीं, और उनकी चूचियाँ मेरे सामने नाच रही थीं। मैं सिसक रहा था, “मौसी, आपकी चूत स्वर्ग है!” वो चीख रही थीं, “विवेक, चोद मुझे, अपनी मौसी को रंडी बना दे!” मैंने उनकी कमर पकड़ी और नीचे से ठाप मारने लगा। उनकी सिसकियाँ तेज़ हो रही थीं, “आह्ह… और ज़ोर से!”
कुछ देर बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनाया। उनकी मोटी गांड मेरे सामने थी, और मैंने उस पर थप्पड़ मारा। वो चीख पड़ीं, “आह्ह… विवेक, और मार!” मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उनकी गांड में डाल दिया। वो चीख पड़ीं, “आह्ह… मेरी गांड फट गई!” मैं उनकी गांड में ठाप मारने लगा, और वो सिसक रही थीं, “उफ्फ… और ज़ोर से!” मैंने उनकी गांड पर और थप्पड़ मारे, और वो चीख रही थीं, “आह्ह… मेरी गांड लाल कर दे!” मेरी ठापों से उनकी गांड जल रही थी, और उनकी चूत से रस टपक रहा था।
मौसी ने मुझे फिर से लिटाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगीं। मैं चीख रहा था, “मौसी, मुझे उड़ा दो!” वो ज़ोर-ज़ोर से उछल रही थीं, और उनकी चूचियाँ मेरे मुँह पर थीं। मैं उनकी चूचियाँ चूस रहा था, और वो चीख रही थीं, “आह्ह… और चूस!” मैंने उन्हें बिस्तर पर पटक दिया और उनकी चूत में ठाप मारने लगा। वो चीख रही थीं, “विवेक, मेरी चूत फाड़ दे!” मेरी ठापों से बिस्तर हिल रहा था, और उनकी सिसकियाँ आसमान तक जा रही थीं।
मैंने कहा, “मौसी, अब मुँह में लो!” मैंने अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया, और वो उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं। मैं सिसक रहा था, “आह्ह… मौसी, तेरा मुँह बहुत गर्म है!” उनकी जीभ मेरे लंड पर नाच रही थी, और मैं पागल हो रहा था। आखिर में मैंने उन्हें लिटाया और उनकी चूत में ठाप मारने लगा। मैं चीख रहा था, “मौसी, मैं झड़ने वाला हूँ!” वो चीख रही थीं, “विवेक, मेरी चूत में झड़ जा!” मैंने तेज़ ठाप मारी, और मेरा गर्म माल उनकी चूत में भर गया। मैं काँपते हुए उनके ऊपर गिर पड़ा, और वो भी हाँफ रही थीं।
वो मेरे कान में बोलीं, “विवेक, तू अब पूरा मर्द बन गया है।” मैं हँसते हुए बोला, “मौसी, आपने मुझे जन्नत दिखा दी।” उस रात के बाद मौसी ने मुझे चुदाई की हर कला सिखाई। वो मुझे अपनी चूत और गांड चोदने देती थीं, और मैं उनकी सिसकियों में डूब जाता था। ये हमारा गुप्त रिश्ता बन गया, जो मेरी जवानी को ज़िंदा रखता है।