गर्भधारण के तांत्रिक ने जंगल में चोदा

मेरा नाम शालिनी है, उम्र 28 साल, और मैं एक ऐसी हसीना हूँ जिसके जिस्म की आग हर मर्द को जलाकर राख कर दे। मेरा गोरा रंग दूध सा चमकता है, मेरी चूचियाँ भारी, रसीली और इतनी टाइट कि हर नज़र उन पर अटक जाए। मेरी गांड गोल, मोटी और थिरकती हुई, हर कदम पर लचकती है, और मेरी कमर इतनी पतली कि मर्दों के हाथ उस पर सांप की तरह लिपटने को बेताब हो जाएँ। मेरे गुलाबी होंठ मांसल और रस से भरे हैं, और मेरी आँखों में ऐसी नशीलापन है कि कोई भी मर्द मेरे सामने घुटने टेक दे। मैं दिल्ली में अपने पति, अजय, के साथ रहती थी, लेकिन हमारी शादी को पाँच साल हो गए और हमारा कोई बच्चा नहीं था। हर कोशिश नाकाम रही, और मेरी गोद सूनी थी। मेरी चूत भले ही हर रात अजय के लंड से तृप्त होती थी, लेकिन मेरी कोख अब भी प्यासी थी।

एक दिन मेरी सहेली, राधा, ने मुझे एक तांत्रिक के बारे में बताया। उसने कहा, “शालिनी, ये तांत्रिक जंगल में गर्भधारण का अनुष्ठान करता है। उसकी शक्ति से हर औरत की कोख भर जाती है।” मैं हँसी, लेकिन मेरे मन में एक उम्मीद जगी। अजय को मैंने मनाया, और हम दोनों उस तांत्रिक से मिलने के लिए निकल पड़े। तांत्रिक का आश्रम हरियाणा के एक घने जंगल में था, जहाँ सन्नाटा और रहस्य का माहौल था। हम वहाँ पहुँचे तो देखा कि तांत्रिक, जिसका नाम बाबा रुद्रनाथ था, 45 साल का था। वो साँवला, लंबा और मज़बूत था। उसकी छाती चौड़ी, बाँहें पत्थर सी सख्त, और उसकी आँखों में एक जंगली आग थी। उसका काला चोला उसके जिस्म से चिपका हुआ था, और उसकी दाढ़ी उसे और रहस्यमयी बना रही थी।

बाबा ने हमें बैठाया और मेरी तरफ देखा। उसकी नज़रें मेरी चूचियों पर टिक गईं, और मेरे जिस्म में एक सिहरन दौड़ गई। उसने गहरी आवाज़ में कहा, “बेटी, तुम्हारी कोख को भरने के लिए एक खास अनुष्ठान करना होगा। लेकिन इसके लिए तुम्हें पूरी तरह समर्पण करना होगा।” अजय ने हामी भरी, लेकिन बाबा ने उसे रुकने को कहा और बोला, “ये अनुष्ठान सिर्फ औरत के साथ होगा। तुम बाहर इंतज़ार करो।” अजय हिचकिचाया, लेकिन मेरी गोद भरने की ख्वाहिश ने उसे चुप कर दिया। वो बाहर चला गया, और मैं बाबा के साथ अकेली रह गई।

बाबा ने मुझे जंगल के और गहरे हिस्से में ले जाने को कहा। हम एक छोटे से खुले मैदान में पहुँचे, जहाँ चाँदनी रात का उजाला फैला था। चारों तरफ घने पेड़ थे, और हवा में एक अजीब सी मादकता थी। बाबा ने एक हवन कुंड जलाया, और उसकी लपटें मेरे चेहरे पर नाच रही थीं। उसने मुझे अपनी साड़ी उतारने को कहा। मैं शरमाई, लेकिन उसकी आवाज़ में एक जादू था। मैंने अपनी साड़ी उतार दी, और अब मैं सिर्फ ब्लाउज़ और पेटीकोट में थी। मेरी चूचियाँ ब्लाउज़ से बाहर आने को बेताब थीं, और मेरी गांड पेटीकोट में लचक रही थी। बाबा की नज़रें मेरे जिस्म को नोच रही थीं, और मेरी चूत में एक अजीब सी गुदगुदी शुरू हो गई।

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उसने मुझे हवन के सामने बैठने को कहा और कुछ मंत्र पढ़ने लगा। उसकी आवाज़ मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ा रही थी। फिर उसने मेरे ब्लाउज़ के बटन खोल दिए, और मेरी नंगी चूचियाँ चाँदनी में चमक उठीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और बाबा ने एक चूची को अपने रूखे हाथों में लिया। मैं सिसक उठी, “आह्ह… बाबा, ये क्या कर रहे हो?” उसने अपनी गहरी आवाज़ में कहा, “शालिनी, ये अनुष्ठान का हिस्सा है। तेरी कोख को जागृत करने के लिए तेरे जिस्म की आग को भड़काना होगा।” उसने मेरी चूची को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। मैं चीख पड़ी, “उफ्फ… बाबा, मेरी चूचियाँ जल रही हैं!”

उसकी जीभ मेरे निप्पल पर नाच रही थी, और उसका दूसरा हाथ मेरी दूसरी चूची को मसल रहा था। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और मेरे जिस्म में हवस की लहरें उठ रही थीं। मैंने उसका चोला खींचा, और उसका मज़बूत जिस्म मेरे सामने था। उसकी छाती पर घने बाल थे, और उसका लंड चोले के नीचे तंबू बना रहा था। मैंने उसका चोला उतार दिया, और उसका काला, मोटा लंड मेरे सामने था। वो इतना बड़ा था कि मेरी आँखें फटी रह गईं। मैंने उसे सहलाया, और वो सिसक उठा, “आह्ह… शालिनी, तू तो आग है!”

मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। उसका मोटा टोपा मेरे गले तक जा रहा था, और मैं उसकी गर्मी को महसूस कर रही थी। वो मेरे बाल पकड़कर मेरे मुँह में ठाप मार रहा था, और मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… बाबा, तेरा लंड रसीला है!” उसने मुझे ज़मीन पर लिटाया और मेरा पेटीकोट खींचकर फेंक दिया। मेरी चिकनी, गीली चूत चाँदनी में चमक रही थी। उसने मेरी चूत पर अपनी जीभ रखी, और मैं चीख पड़ी, “आह्ह… बाबा, चाट, मेरी चूत प्यासी है!”

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उसकी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में उतर गई, और मैं तड़प रही थी। मेरा रस उसके मुँह में बह रहा था, और मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से चाट, बाबा!” उसने मेरी चूत को चूस-चूसकर लाल कर दिया, और मेरी सिसकियाँ जंगल में गूँज रही थीं। फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी मोटी गांड उसके सामने थी, और उसने उस पर एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… बाबा, और मार!” उसने मेरी गांड पर और थप्पड़ मारे, और मेरी गांड लाल हो गई। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… मेरी गांड जल रही है!”

उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी चूत पर रखा। मैं काँप रही थी, और उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा। उसका मोटा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… बाबा, मेरी चूत फट गई!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगा, और मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… बाबा, और ज़ोर से चोद, मेरी चूत को फाड़ दे!” उसकी ठापों से मेरा पूरा जिस्म हिल रहा था, और मेरी चूत से रस की धार बह रही थी। वो मेरी चूचियाँ मसल रहा था, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… मेरी चूचियाँ नोच डाल, बाबा!”

उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं उसके कंधों पर थी, और मेरी चूचियाँ उसके मुँह में थीं। वो मेरे निप्पल काट रहा था, और मैं चीख रही थी, “उफ्फ… और काट, बाबा!” उसकी ठापें इतनी तेज़ थीं कि मेरा जिस्म काँप रहा था। मैं सिसक रही थी, “आह्ह… तेरा लंड मेरी चूत को जन्नत दिखा रहा है!” उसने मुझे ज़मीन पर पटक दिया और मेरी गांड में लंड डालने की कोशिश की। मैं डर गई और बोली, “बाबा, मेरी गांड वर्जिन है!” वो हँसा और बोला, “शालिनी, आज तेरी गांड भी खोल दूँगा।”

उसने मेरी गांड पर तेल डाला और धीरे-धीरे अपना लंड डाला। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… बाबा, मेरी गांड फट गई!” वो धीरे-धीरे ठाप मारने लगा, और दर्द धीरे-धीरे मज़े में बदल गया। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से, बाबा, मेरी गांड को रगड़ डाल!” उसकी ठापों से मेरी गांड जल रही थी, और मेरी चूत से रस टपक रहा था। वो मेरी गांड पर थप्पड़ मार रहा था, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… मेरी गांड लाल कर दे!”

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फिर उसने मुझे फिर से लिटाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं चीख रही थी, “बाबा, मेरी चूत को फाड़ डाल!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मार रहा था, और मेरी सिसकियाँ जंगल के सन्नाटे को चीर रही थीं। मैंने कहा, “बाबा, मेरे मुँह में डाल!” उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, और मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… तेरा लंड रस से भरा है!” उसकी गर्मी मेरे मुँह में फैल रही थी, और मैं पागल हो रही थी।

वो फिर से मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं चीख रही थी, “बाबा, मेरी कोख भर दे!” वो सिसक रहा था, “शालिनी, तेरी चूत मेरे माल की प्यासी है!” उसने तेज़-तेज़ ठाप मारी, और मैं काँप रही थी। मैं चीख रही थी, “आह्ह… बाबा, और ज़ोर से!” उसकी ठापों से मेरा जिस्म थरथरा रहा था, और मेरी चूत रस से लबालब थी। उसने कहा, “शालिनी, मैं झड़ने वाला हूँ!” मैं चीख पड़ी, “बाबा, मेरी चूत में झड़, मेरी कोख भर दे!” उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका गर्म माल मेरी चूत में फव्वारे की तरह छूट गया। मैं काँपते हुए ज़मीन पर पड़ी थी, और मेरा जिस्म पसीने और रस से तर-बतर था।

वो मेरे ऊपर हाँफ रहा था, और उसका माल मेरी चूत से बह रहा था। उसने मेरे माथे पर चूमा और बोला, “शालिनी, तेरी कोख अब भर जाएगी।” मैंने उसकी आँखों में देखा और बोली, “बाबा, तूने मेरी चूत को जन्नत दिखा दी।” उसने मुझे मेरे कपड़े दिए, और हम वापस आश्रम आए। अजय बाहर इंतज़ार कर रहा था, और उसने कुछ नहीं पूछा। कुछ महीनों बाद मुझे पता चला कि मैं गर्भवती हूँ। मेरी गोद भर गई थी, लेकिन मेरे मन में बाबा की वो जंगली ठापें आज भी ताज़ा हैं।

उस रात के बाद मैं कई बार जंगल में बाबा से मिली। वो मेरी चूत और गांड को हर बार नई जन्नत दिखाता। मेरी कोख भरी थी, लेकिन मेरी हवस अब भी बेकाबू थी। बाबा का लंड मेरी चूत का राजा बन गया, और मैं उसकी रंडी। ये हमारा गुप्त रिश्ता है, जो मेरी जवानी को आग की तरह जलाए रखता है।