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अंकल ने जोर से घुसाया था लंड इसलिए में चीख गई

मेरा नाम सिमरन है। मैं १९ साल की हॉट और सेक्सी लड़की हूँ। आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये कहानी मेरे और अंकल के बिच की है। मैं दिल्ली में रहती हूँ। बहुत हॉट और सेक्सी लड़की हूँ, मुझे मूवी देखना चैटिंग करना और रील बनाना बहुत पसंद है। मैं डांस भी अच्छा करती हूँ वेस्टर्न ड्रेस मेरा पसंदीदा कपडा है। मैं बहुत ही खुश और खुशमिजाज किस्म की लड़की हूँ। इसी का फायदा उठाकर मेरे अंकल जो मेरे घर के बगल में रहते हैं उनसे मेरा सम्बन्ध बन गया वो सब कैसे हुआ आइये जानते हैं नॉनवेज स्टोरी के माध्यम से।

असल में ये जो अंकल हैं वो मेरे पड़ोस में रहते हैं। वो मेरी मम्मी की फ्रैंड पूजा आंटी के पति हैं उनके यहाँ मेरी मम्मी आती जाती है इसलिए दोस्ती भी मेर पुरे परिवार के साथ हो गयी है। पापा भी उनके यहाँ जाते हैं मम्मी तो जाती ही है। पापा से काफी उम्र में कम है वो अंकल मेरी मम्मी को वो भाभी जी कहते हैं। कभी-कभी वह मजाक भी करते हैं। हम दोनों परिवार के बीच रिश्ता ऐसा हो गया कि हम लोग एक दूसरे के यहां खाना खाना घूमने जाना सुख दुख में साथ देना यह सभी को चलने लगा। जब रिश्ता कोई भी गहरा हो जाता है तब बात आगे भी बढ़ जाती हैं।

मेरे पापा को हमेशा ऐसा लगने लगा कि मेरी मम्मी और अंकल जी के बीच कुछ ना कुछ चल रहा है। पर सच तो यह बात है उन दोनों के बीच कुछ भी नहीं चल रहा था बस हां मेरी मम्मी को उनसे बात करना उनके साथ बैठना बहुत अच्छा लगता था इस वजह से पापा को जलन होने लगी और वह गुस्सा भी करने लगे धीरे-धीरे करके। मेरे घर में लगा दिया भी होने लगी होने के चलते। पर 1 दिन दोनों परिवार हरिद्वार जाने का प्लान बनाया। पर मेरा एग्जाम था इस वजह से मैं जाने से मना कर दे और मेरे मम्मी को जाना जरूरी था इस वजह से आंटी को वह बोले कि साथ चलने के लिए तो आंटी भी तैयार हो गई। पर अंकल नहीं गए क्योंकि उनका कोई मीटिंग जरूरी था इस वजह से उनका जाना संभव नहीं हो पाया था।

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घर में बस गई मैं और अंकल अपने घर में मेरे मम्मी मेरे पापा आंटी मेरी दीदी चारों हरिद्वार के लिए चले गए। मम्मी 3:00 बजे हम लोगों के लिए खाना बना देते और वह लोग 3:00 बजे ही निकल गए थे शाम को क्योंकि दूसरे दिन सुबह सुबह उनको पूजा करना था वहां पर होटल बुक कर लिए थे। मेरी मम्मी ने बोला था कि अंकल को खाना दिया ना गर्म करके शाम के 7:00 बजे क्योंकि उस दिन कल 7:00 बजे ही ऑफिस से आने वाले थे इस वजह से मैं 7:00 बजे ही उनके घर जाने वाली थी। मैंने खाना खा लिया था और अंकल का खाना लेकर उनके घर पर चली गई।

अंकल घर में अकेले ही थे तौलिया लपेटे हुए थे। नेटफ्लिक्स पर मूवी देख रहे थे। तभी अचानक से एक सेक्स वाली सीन आ गई और मैं वहीं बैठकर सोफे पर उस सीन को देखने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जो वह लड़का उस लड़के को किस कर रहा था ऐसा लग रहा था मुझे भी कोई ऐसा ही किस करें अंकल जी मुझे देख रहे थे। मैंने अंकल जी से कहा आप यही देखते हो। तो वह बोले हां जब घर में कोई नहीं रहता तो मैं यही देखता हूं। उन्होंने कहा देखो कि तुम इससे भी बढ़िया दिखाऊंगा। मैं बोलेगा मम्मी को पता चल गया तो? उन्होंने कहा कैसे पता चलेगा तुम भी अकेले हो मैं भी अकेला ही हूं। आज रात नहीं रुक जा एक से एक चीज दिखाऊंगा।

मैं समझ गई अंकल जी क्या कहना चाह रहे थे मैं भी बोले ठीक है मैं आज ही रुकती हूं। और मैं वहीं पर रुकने का प्लान बना लिया क्योंकि आज मुझे चुदने का भी मन कर रहा था। अंकल जी तुरंत ही खाना खाए और वह कमरे में जाकर 2 पेग बलिए। बाहर आए और उन्होंने कहा दारु पियोगे। मैंने कहा मैं नहीं पीती उन्होंने कहा आजकल तो सब लोग पीते हैं तुम्हारी सहेलियां भी पीती होगी। मैंने कहा ठीक है टेस्ट कर लेती हूं और उन्होंने एक पेग मेरे लिए बना कर ले आए। दारू पीते ही अंकल जी को पता चल गया कि मैं आज मूड में हूं उन्होंने भी बिना देर के बाहों में भर लिया और मेरे कपड़े इतनी जल्दी उतार दिए कि मैं बता भी नहीं सकती आपको।

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गोद में उठाकर उन्होंने मुझे अपने बेडरूम में ले गए मुझे छोटी-छोटी नींबू जैसे चुचियों से खेलने लगे। मुंह में लेने लगी निप्पल को हाथ से जब वह मसलते थे तो मेरे अंदर करंट दौड़ रही थी। मेरी चूत बहुत छोटी थी पर पानी गरम-गरम निकलने लगा था। अंकल जी को भी बहुत ज्यादा जल्दी थी इस वजह से उन्होंने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगाया और घुसाने लगे पर बहुत छोटी थी इस वजह से उनका लंड में चूत के अंदर जा भी नहीं रहा था।

उन्होंने दो-तीन धक्के दे और एक बार तो जोर से उन्होंने अपना लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया मैं तो दर्द से कराहआने लगी। दर्द से छटपटा रही थी क्योंकि मेरी चूत फट गई थी आज तक मैं इसके पहले कभी नहीं सेक्स किया था आज अंकल जी ने मेरी चूत की सील तोड़ दी थी। जैसे उन्होंने दूसरा धक्का मारा मैं जोर जोर से चीखने लगी जोर जोर से चिल्लाने लगी अंकल जी ने तुरंत अपना हाथ मेरे मुंह पर रख दिया और फिर शांत हो गए जब तक मैं शांत नहीं हुई।

दोबारा उन्होंने मेरी चूचियों को सहलाने हुए धीरे-धीरे करके अपना लंड मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगे 5 मिनट के बाद ही मुझे यह सब कुछ बहुत अच्छा लगने लगा। अब दर्द नहीं कर रहा था तो मुझे अच्छा लगने लगा था मैं भी टांगे फैला दी थी और अंकल के मोटे लंड को लेकर अपने चूत में गोल गोल घुमा घुमा कर चुदवाने लगी। जब वह जोर से धक्का देते थे तो मेरा पूरा बदन हिल जाता था क्योंकि वह बड़े ही हंसते गाते नौजवान थे और मैं एक कमसिन कली थी मैं उनके लंड को सही तरीके से अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी पर जब भी कभी वो टेढ़ा कर देते थे तो बहुत दर्द होता था।

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उन्होंने मेरी छोटी छोटी दो नींबू जैसे चुचियों को इतना मसला कि क्या बताऊं मेरी चूचियां लाल हो गई थी मैं दर्द से कराह रही थी वह बहुत जोर जोर से मेरी चुदाई किये। उन्होंने जबरदस्त तरीके से पहली बार मुझे चोदा। मैं भी कम नहीं थी रात भर उनसे मैं भी खूब अपनी वासना की आग को शांत की। सुबह उठी तुम्हें अच्छे से चल भी नहीं पा रही थी मैं लड़खड़ा रही थी। अंकल जी ने एक टेबलेट मुझे भी खिलाया और फिर मेरे लिए अंडे का आमलेट बनाया नाश्ता बनाया और मैं अंकल जी के यहां ही नहाई थी अंकल जी छुट्टी कर लिए थे वह ऑफिस नहीं गए पर अपनी पत्नी को फोन करके बोल दिया कि मैं ऑफिस चला गया हूं।

उनके घर से मैं 9:00 बजे निकले और मैंने उनको कह दिया कि मैं 2:00 बजे तक वापस आ जाऊंगी फिर मैं सीधे नहीं आऊंगी। क्योंकि मम्मी पापा दूसरे दिन आते तो मैं सोचा कि आज रात फिर से मजे लूंगी और मैंने दूसरी रात भी खूब मजे की थी खूब मजे से च***** थी उन्होंने खूब मुझे चोदा था चूचियां को दबा दबा कर मेरी चूत को रगड़ रगड़ कर खूब चोदा उन्होंने।