वेलकम आल फ्रेंड्स ऑन नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम. मैं, निशा तिवारी जयपुर से हूँ. यहाँ की सेक्सी कहानियाँ खूब पढ़ती हूँ. दोस्तों, जिंदगी में अगर चुदाई और सेक्स कहानियाँ ना हो तो जिंदगी कितनी खाली लगती है. पिछले साल मैं २ ३ कहानियाँ लिखी थी, जिसमे मैंने अपनी निजी जिंदगी के बारे में कहानी लिखकर अपने जिंदगी के राज सभी दोस्तों को बताये थे. दोस्तों, जादातर लड़के और लडकियाँ, आदमी और औरत गैर मर्दों और औरतों संग चुदाई के मजे लेटे है, पर वो अपनी चुदास की कहानी किसी को नही सुनाना चाहते.
पर दोस्तों, मैं उस तरह की औरत नही हूँ. मैं जमकर चुदाई के मजे लेने में और उसकी कहानियाँ सभी को बताने में विश्वास रखती हूँ. इसलिए मैं आज आपको नई चुदाई की कहानी बता रही हूँ. मेरे पति राज नेवी में है. उसकी ६ ६ मैंहीने की युद्ध पोत पर ड्यूटी लगती है. देश के नामी आई अन अस विक्रांत पर वप ड्यूटी कर चुके है. अब वो आई अन अस मैसूर पर उसकी पोस्टिंग हो गयी थी. ६ महीने तो वो अब घर नही लौंटेगे. तो यही सोच के दोस्तों, मैं घूमने निकल गयी. मेरे २ बच्चो ऋचा और सौरभ की स्कूल की गर्मी की छुट्टियाँ हो गयी थी. तो मैंने सोचा की क्यूँ न अपनी बुआ के घर जयपुर चली जाऊं.
मेरे बच्चे की पुरे साल स्कूल जा जाकर बोर हो गए थे. वो बार बार कहने लगे ‘मम्मी ! मम्मी ! जयपुर चलो! तो मैंने टिकट कटवा ली और बुआ जी के घर आ गयी. मेरी बुआ मुझे देखकर फूली ना समाई, बड़ी खुसी हुई उनको. शाम को मेरे फुफा जी मेरे बच्चो को जयपुर घुमाने ले गए. वो उनको हवा महल, जंतर मंतर, बिड़ला मंदिर, खोले का हनुमान मंदिर, दीवान ऐ खास, शीश महल और जयपुर की हर दर्शनीय जगह ले गए. मेरे बच्चे रात में १२ बजे लौटे तो बहुत खुश थे. यहाँ हमारी छुट्टियाँ बड़ी अच्छी बीतने लगी. मैं पुरे १ महीने के लिए जयपुर आई थी. मेरे फुफा जी मुझसे खूब बात करते थे. ४ ५ दिन बीते तो फुफा जी ने मुझे घुमाने की इक्षा जताई.
निशा बेटी!! चलो मैं आज तुमको यहाँ की मशहूर फलूदा कुल्फी खिलाता हूँ ! मैं तयार हो गयी. मैंने अपनी बुआ की एक मस्त नीली साड़ी पहन ली. इसमें किनारे पर गोल्डन बोर्डर था. बहुत सुन्दर साड़ी थी ये. फूफाजी के साथ मैं उनकी पल्सर पर बैठ गयी और घूमने निकल पड़ी. फूफाजी ने बहुत तेज बाइक दौडाई तो मुझे मजबूरन उनकी कमर पकडनी पड़ गयी. जब हम वहां की मशहूर कुल्फीवाले की दूकान पहुचें तो फूफा जी ने २ फुल प्लेट फालूदा कुल्फी आर्डर कर दी. ये सच में बहुत टेस्टी थी. फूफा जी मुझसे बात करने लगे.
निशा बेटी! तुम खुश तो हो ना? तुम्हारे पति तुमको संतुष्ट तो कर पाते है?? उन्होंने पूछा.
नही फूफाजी! वो बहुत जी जल्दी गिर जाते है! कहीं महीने में किसी एक दिन वो कुछ देर तक बैटिंग कर पाते है, वरना हर बार तो मैं प्यासी ही रह जाती हूँ मैंने भी कह दिया. फिर फूफाजी मुझे तरह तरह के घरेलू नुस्खे बताने लगे. कुछ देर बार बार वो मेरे हाथ पर आपना हाथ रखने ले. मैं समझ गयी की फूफाजी की नियत खराब है. वो मुझे ठोकना चाहते है. दोस्तों, मेरा भी कुछ ऐसा ही दिल था. क्यूंकि पति का लंड तो अब मुझे ६ महीने तक मिलने वाला नही था. इसलिए मैं भी हस दी और मैंने कुछ नही कहा. फूफाजी मुझे आँख में आँख डालकर देखने लगे. मैं भी उनकी आँख में आँख डाल दी. वो मुझे नजरों में चोदने लगे तो मैंने भी कहा की फूफाजी! आज तुम मुझको चोद लो! बाकी सब लोग जो वहां बैठे फालूदा कुल्फी खाने का मजा उठा रहे थे, वो समझ रहें थे की मैं फूफाजी की माल हूँ. फूफा मुझे अपने हाथ से कुल्फी खिलाने लगे. अब मैं उनसे पूरी तरह सेट हो गयी थी. हम मार्केट से घूम आये.
निशा बेटी! रात १२ बजे अपने कमरे का दरवाजा खुला रखना! वो बोले
जी फूफाजी !! मैंने कहा
मैं जान गयी की आज रात वो मुझे चोदेंगे. रात को जब सारा परिवार डाइनिंग टेबल पर खाना खाने बैठा तो फूफाजी बिलकुल मेरे बगल वाली कुर्सी पर बैठे. सबकी नजरों से बचकर वो मुझे नीचे से मेरे पैर में पैर मारने लगे. मैं समझ गयी की आज वो फुल मुड में है. रात को मैंने बच्चो को अपने बगल ही सुला लिया. दरवाजा बंद नही किया. मैं लेट गयी, पर सोईं नही. घडी में रात १० बजे, फिर ११ बजे. मैं बेसब्री से १२ बजने का इन्तजार करने लगी. दोस्तों, मैं क्या बताऊँ बड़ी मुश्किल से रात १२ बजे. मेरी बुआ जी सो गयी थी. फूफा मेरे कमरे में आ गए. मैं उठ बैठी.
शशश!! उन्होंने मुझसे कहा. मैं चुप थी. वो मेरे बगल मेरे बेड पर आ गयी.
फूफाजी ! मुझे धीरे धीरे चोदियेगा, वरना बच्चे जग जाएंगे ! मैंने कहा.
ठीक है बेटी! वो दबी आवाज में बोले.
मैंने अपनी लड़की को अपने लड़के के पास कर दिया जिससे बेड पर और जगह बन सके. अब मतलब भर की जगह हो गयी थी. फूफाजी धीरे से दबे पांव मेरे मेरे बगल आकर लेट गए. हम दोनों बात तो बिलकुल नही कर सकते थे. क्यूंकि मेरे बच्चे तब जग जातें. फूफा ने मुझे जल्दी से दबोच लिया. मैंने अपनी बुआ जी की गुलाब के फूल वाली प्रिंटेड मैक्सी पहन रखी थी. फूफा ने मुझे सीने से लगा लिया. मुझे बाहों में भर लिया. मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए, मेरे होंठ पीने लगे. मैंने भी उसके होंठों की खूब चूसा. फूफा जी पान खाते थे. उनके बनारसी पान से मेरे मुंह महकने लगा. उनके हाथ मेरे मम्मो पर जाने लगे. मैक्सी के उपर से ही वो मेरे मम्मे को हाथ लगाने लगा. मुझे बहुत अच्छा लगा वो मेरे बूब्स को टमाटर की तरह मसलने लगे. मैं सिसकने लगी. मैं आहें भर रही थी, पर अपनी आवाज को दबा लेती थी. की कहीं ऐसा ना हो की मेरे बच्चे जग जांए. फूफा ने मेरी मैक्सी निकाल दी. मैंने सफ़ेद पैड वाली ब्रा पहन रखी थी. मैंने खुद अपनी ब्रा निकाल दी. जैसे ही फूफा ने मेरे शहद से मीठे गोल गोल सफ़ेद मम्मो को देखा वो अपने होश खो बैठे. मेरे मम्मो को पीने लगे.
मेरे मम्मे सच में बहुत सेक्सी थे. खूब बड़े बड़े ३६ साइज़ के और बिलकुल गोल गोल. मेरे मम्मो के शिखर पर गोल गोल भूरे रंग के घेरे थे. कोई भी मर्द होता तो मेरे दूध को देखकर पागल हो जाता. फूफाजी मेरे मम्मे पीने लगे. उनको तो जैसी जन्नत मिल गयी थी. वो हपर हपर करके मेरे दूध पी रहे थे. काफी आवाज हो रही थी.
फूफाजी !! प्लीस आवाज मत करिये! मैंने कहा
वो धीमे धीमे पीने लगे, पर अब भी जरा जरा आवाज हो रही थी. मैं भी मस्त हो गयी थी. बड़ी देर तक वो मेरे मम्मे पीते रहें. फिर उन्होंने मेरी पैंटी निकाल दी. मैंने अभी कुछ देर पहले ही झांटे साफ कर ली थी. मेरी फुद्दी देखते ही फूफा का माथा घूम गया. बड़ी सुंदर चूत थी मेरी. बिलकुल भरी भरी पाव ब्रेड की तरह फूली फूली. फूफा मेरी चूत पीने लगे. मेरी चूत के दाने को वो बड़ी कौसल ने अपने दांत से पकड़ लेटे और उपर खीच लेटे. फूफा तो बड़े रसिया आदमी निकल गए. मेरी चूत को वो पूरा का पूरा खाए जा रहें थे. आह! बड़ा मजा मिला मुझको. उसकी गरमा गरम खुदरी खुर्खुरी जीभ की रेगमाल जैसी रगड़ से मेरी चूत और भी जादा फूल गयी थी. मेरा भोसड़ा अब खूब बड़ा हो गया था. वहीँ मेरी चूत अब बेहने लग गयी थी. मेरी चूत को अब लंड की बहुत जरुरत थी. फूफा ने अपने कपड़े निकाल दिए. मेरे उपर लेट गए. लंड मेरी चूत में लगाया और बड़े प्यार से एक धक्का दिया. उनका मोटा लंड मेरी चूत में उतर गया. वो मुहे चोदने लगे. मैंने आँखें बंद कर ली. फूफा ने अपना मुह मेरी बगल में [कंधे के नीचे जहाँ मर्दों के बाल उगते है] डाल दिए. मैं अपनी बगलों के बाल भी बना लिए थे और वहां पाउडर लगा लिया था. फूफा ने अपना मुह मेरी बगल में डाल दिया.
मेरी जनाना खुशबू लेटे हुए वो मजे से सूघ रहे थे और मुझे नीचे से घपाघप चोद रहें थे. फूफा की मस्त चुदाई देखकर मैं उनके बदन ने लिपट गयी. लग रहा था मैं उनकी बीवी नही उनकी जोरू हूँ. मैंने अपनी दोनों टाँगे उनकी कमर में डाल दी और उनको जकड लिया. मैं फूफा की मरदाना खुशबू सूँघ रही थी, वो मेरी जनाना खुस्बू सूँघ रहें थे. मैं पकापक वो पेले जा रहें थे. हमारा चुदाई समारोह चल ही रहा था की मेरी लड़की रिचा की आँख खुलने लगी. मैंने जल्दी से लेटे लेटे ही उसपर हाथ वाले पंखें से हवा कर दी. फूफा कुछ सेकंड के लिए रुके. रिचा फिर से सो गयी. फूफा मुझे फिर से चोदने लगे. कुछ देर बाद पट पट की आवाज मेरे कमरे में होने लगी. बड़ा डर था की कहीं बच्चे जग ना जाए, पर किस्मत अच्छी थी. मैं मस्ती से चुदवाती रही, बच्चे नही जगे. कुछ देर बाद फूफा ने अपना माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया.
उनकी सारी ताकत निकल गयी थी. वो मेरे बगल ही धराशाही होकर गिर पड़े, जैसे कोई सैनिक युद्ध में गोली खाकर धराशाही हो जाता है. उन्होंने मेरी बड़ी मस्त ठुकाई की थी. मेरे पति से कभी मुझे इतनी देर तक नही चोदा था. आज मैंने असली ठुकाई का भरपूर मजा उठाया था. मैंने फूफा को कलेजे से लगा लिया. वो मुझसे मेरे आशिक की तरह चिपक गए थे. उनकी साँस अभी की जल्दी जल्दी से चल रही थी. मैंने बच्चो की तरह नजर डाली तो वो शांति से सो रहें थे.
बेटी जरा पाँव तो दबाओ ! फूफा बोले
मैं उनके पाँव दबाने लगी. कुछ देर बाद फूफा जी फिर से मुझे चोदने को तयार हो गए. ‘निशा बेटी ! घूम जा ! पीछे से चोदूंगा!! वो बोले. मैंने घूम गयी. अपने दोनों हाथ और दोनों घुटनों पर झुक कर मैं कुतिया बन गयी. फूफा मेरे मस्त गोल मटोल चूतडों को सहलाने लगे, उसे चूमने लगे. मुझे बहुत मजा आ रहा था. फिर फूफा मेरी चूत को पीछे से पीने लगे. उन्होंने अपना मुह मेरे दोनों गोल मटोल हिप्स के बीच में डाल दिया था. मैं आगे से अपने हाथ को अपनी चूत पर ले गयी और सहलाने लगी. फूफा मेरी चूत और मेरी गांड भी चाटने लगे. मेरी गांड अभी तक कुवारी थी. क्यूंकि मेरे पति को गांड मारने का कोई शौक नही था. वो तो बस मेरी फुद्दी ही मारते थे. पर दोस्तों, आज मेरी बड़ी तीव्र इक्षा थी की फूफा मेरी गांड भी चोदे. पर फूफा एक बार फिर से मेरी बुर चोदने लगे. जब बड़ी देर हो गयी तो मैंने आखिर अपनी पसंद बता ही दी.
फूफाजी ! प्लीस मेरी गांड भी चोदिये! मेरी सारी सहेलियां खूब गांड मरवाती है, पर मुझे ये सौभाग्य नही मिला मैंने कहा. ‘ठीक है बेटी, अगर तू यही चाहती है तो चल तेरी गांड चोदता हूँ’ फूफा बोले.
वो एक बार फिर से अपनी खुदरी जीभ से मेरी गांड चाटने लगे. मेरी गांड पर चारों ओर से सिलवटें पड़ी हुई थी. मुझे गुदगुदी होने लगी. फूफा ने अपने मस्त खड़े लंड को मेरी गांड पर रखा और जोर से धक्का मारा. लंड १ इंच अंडर चला गया और मुझे अप्रत्याशित दर्द हुआ.
फूफाजी ! ऐसे तो मैं मर ही जाउंगी ! मैंने कहा
वो उठे और रसोई में गए और बुआ जी से छिपकर खूब सारा तेल अपने लंड पर मल लिया और मेरे कमरे में वापिस आ गए. फिर से अब मेरी गांड पर अपना लंड रखा और अंडर धक्का दिया. अब उनका मोटा लंड भी बड़े आराम से मेरी गांड के छोटे से छेद में चला गया. तेल लगाने से मुझे बड़ा आराम मिला था. मेरी गांड उनके मोटे लंड से फट गयी थी, वो खुलकर फ़ैल गयी थी. मेरी गांड की खास बिल्कुल खिंच कर फ़ैल गयी थी. फूफा जी मेरी गांड मारने लगे. कुछ देर में तो मेरा सारा दर्द गायब हो गया था. फूफा मेरी गांड चोदने लगे. मैंने आँखे बंद कर ली और अपने दोनों हाथों और घुटनों पर मैं कुतिया बनी रही. मैं अपने फूफा की प्यारी कुतिया बन गयी थी. फूफा मेरे चूतडों को सहला सहला के मेरी गांड चोदने लगे. मुझे बहुत मजा मिल रहा था. एक बिल्कुल नयी तरह की सनसनी मुझको मिल रही थी.
मेरी पति से मेरी बुर चोद चोद के बिल्कुल ढीली कर दी थी, इसलिए अब चूत मरवाने में इतना मजा नही आता था, पर गाड़ के तो कहने ही क्या थे. बहुत मजा आ रहा था दोस्तों. फूफा का मोटा मोमबत्ता मेरी गांड को अच्छे से चोद रहा था. कुछ देर बाद फूफा को बड़ी तेज उत्तेजना चढ़ गयी. मेरे दोनों हाथ उन्होंने पीछे कर लिए और क्रोस करके पकड़ लिए. लगा जैसा कोई घोडागाडी की लगाम उन्होंने अपने हाथों में ले ली हों. अब फूफा को मेरी गांड पर और बेहतर पकड़ मिल रही थी. फूफ मुझे बड़ी जल्दी जल्दी चोदने लगे. मैं सातवें आसमान में थी. पौन घंटे उन्होंने मेरी गांड चोदी. फिर फूफा की गोली चलने वाली थी. उन्होंने मेरे दोनों हाथ क्रोस करके पीछे करके पकड़े रहें और बड़ी जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगे. मेरी गांड उन्होंने अपने मोटे से मोम्बत्ते से फाड़ के रख दी, फिर अपना माल गिरा गिया. जब उन्होंने अपना लंड निकाला तो मेरी गांड फट कर खूब बड़ी हो गयी थी. फूफा ने मेरी गांड के बड़े ने छेद में थूक दिया तो पूरा अंडर चला गया. फूफा एक बार फिर से धराशाई हो गए और मेरे बगल गिर पड़े. उसके बाद दोस्तों, मैं १५ दिन तक जयपुर में अपनी बुआ जी के पास रुकी. और लगभग हर रात फूफाजी मेरे कमरे में चुपके से आ जाते और मुझे खूब मजा देते. ये सेक्सी कहानी आपको कैसी लगी, अपनी कमेंट्स नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखना ना भूलें.