शादी के बाद पति ने नहीं चोदा और मुझे सौंप दिया किसी और को

First Sex Story : दोस्तों मेरा नाम कल्पना है। मैं 22 साल की हु। सपने तो बहुत देखे थे की शादी के ऐसे रहूंगी। ऐसे प्यार करुँगी पति को। ससुराल वाले को ऐसे खुश रखूंगी। पर ये सब ख्वाब का ख्वाब ही रह गया और मेरे साथ धोखा हो गया। जिसने मुझे व्याह कर लाया, वो निकला गे (यानी की उसको औरतों में इंटरेस्ट नहीं) और मुझे सौंप दिया चुदने के लिए किसी और को, ताकि मैं माँ बन जाऊं। और उसके घर के चिराग को पैदा कर सकूँ। दोस्तों ये मेरी सच्ची कहानी है।

पति ने आखिर क्यों नहीं चोदा मुझे?
दोस्तों मेरे यहाँ शादी में पहले ज्यादा मेल जोल नहीं होता है लड़कों से, सिर्फ फ़ोन पर बात होती है। मेरे तो कई दोस्तों है जो की शादी से पहले ही चुदी है अपने होने वाले पति से पर मैं इतनी खुशनसीब नहीं। शादी हो गई, सुहाग की रात थी। उसने मुझे अंगूठी दिया और फिर ज्यादा कुछ हलचल नहीं किया। मैं सोचने लगी आखिर क्या बात है मैं जवान हॉट हु, और ये बन्दा कुछ नहीं नहीं कर रहा है। मैं बोली तबियत ठीक है शायद आप थक गए होंगे।  तो वो अपने सिर को झुका लिए मैं फिर बोली वो फिर कुछ नहीं बोले मैं समझ गई की शायद वो सरमा रहा है। मुझे ही पहल करनी पड़ेगी। नहीं तो ये दिन मेरा खराब जायेगा। और फिर ज़िंदगी भर मलाल रहेगा की मेरी सील सुहागरात में नहीं टूटी। मैं अपने पति के हाथ को अपने हाथ में ली और थोड़ा सहलाई और फिर उसके होठ को चूमने लगी। वो निढाल सा पड़ा था।  ज्यादा हरकत नहीं। पर मैं रुकी नहीं और फिर थोड़ा और कोशिश की और फिर उसका हाथ पकड़ कर अपने चूचियों पर रख दिया और फिर भी कुछ नहीं और फिर मैंने अपने ब्लाउज भी खोल दी और फिर ब्रा भी उतार दी। दोस्तों मेरी चूचियों गोल गोल और गोरी बिच में छोटा सा निप्पल किसी  खराब हो जाये पर मेरे पति को कोई फर्क नहीं पड़ा। मैं सेक्स की दरिया में डूब जाना चाहती थी गोते लगाना चाहती थी पर उसने कुछ भी नहीं किया।  मेरी चूत गीली हो गई थी।  चूचियां तन गई थी।  साँसे तेजी हो रही थी पर हुआ कुछ भी नहीं। क्या करती फिर वो बोले की कल्पना आज नहीं। कल हमलोग शिमला जा ही रहे है।  दिल्ली होते हुए जायेंगे। मैं सोची चलो कोई बात नहीं, हो सकता है थोड़ा घबराएं हुए है यही सोची यही नहीं चोदने को वजह है और मैं उस रात कुंवारी की कुंवारी रह गई।

दिल्ली में चुदवाया  और सील तुड़वाई 

उसके बाद दूसरे दिन ही कानपूर से दिल्ली आ गई।  पति के जीजा के यहाँ उसके बाद मुझे शिमला के लिए जाना था।  मेरी ननद अभी कानपूर में ही थी पर जीजा शादी के रात को ही वापस दिल्ली आ गए थे वो अकेले थे।  शाम को उनके फ्लैट पर आ गई।  उन्होंने बहुत खातिरदारी की।  शाम को खाना खिलाने बाहर ले गए और फिर उन्होंने मुझे मुंहदिखाई में  एक सोने का चेन भी दिया मैं बहुत खुश हुई और फिर बोले कल्पना आज से जो भी आपको जरुरत हो मेरे से ले सकते हैं।  मैं भी थोड़ी लालची रही हु तो मुझे अच्छा लगा।  शाम को वो दोनों पीने बैठ गए और करीब ११ बजे रात तक दोनों पीते रहे, ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। मेरे पति कुछ ज्यादा ही पि लिए और फिर वो बेहोसी की हालात में आ गए। मैंने उनको उठाया तो वो बोले कोई बात नहीं जानू आज तू जीजा जी के साथ ही एन्जॉय कर लो। और फिर सो गए। मैं सकपका गई आखिर उन्होंने ऐसा कैसे बोला मैं हैरान थी। तभी जीजाजी मेरे कंधे पर हाथ रखे और बोले कल्पना आपका पति आपको खुश नहीं रख सकता वो गे है वो आपको चोद नहीं सकता।

मैं हैरान हो गई करती भी क्या। रात में सोची की घर फ़ोन कर सब बात बता दूँ अपने माँ पापा को पर ये कर नहीं सकी क्यों की मेरे माँ बाप दोनों ये बाप सुनकर शायद ज़िंदा ही नहीं बचते। फिर जीजा जी बोले सोचो मत ज़िंदगी जियो इनके पास बहुत धन दौलत है खूब खाओ पीओ और एन्जॉय करो विदेश  घूमने जाओ सोने हिरा के जेवर खरीदो।  और आप अपने माँ बाप की अकेली संतान हो तो माँ बाप को भी रूपये भेजो। मुझे लगा की ये सही बोल रहे हैं ज़िंदगी को खराब नहीं करके काम से काम रखने से मतलब है। और मैं जीजा जी से बोली की मुझे सब कुछ मिल जायेगा तो पति का प्यार कौन देगा। तो वो बोले मैं हु।

मैं आपको पति का प्यार दूंगा और फिर मुझे गले से लगा लिए, मैं भी उनके आगोश में आ गई और फिर क्या था। मैं भी चुदने के लिए तैयार थी और फिर उन्होंने मुझे बड़े ही रोमांटिक स्टाइल में पलंग पर ले गए। और फिर मेरे कपडे धीरे धीरे धीरे उतारे और मैं भी उनके कपडे उतारी और फिर होठ से खेल शुरू हो गया मैंने भी चूमने लगी और वो भी चूमने लगे। मेरी धड़कन तेजी हो रही थी। और वो भी मदमस्त हो रहे थे। चूचियों को दबाने लगे। और मैं भी उनके लौड़े को सहलाने लगी और फिर उन्होंने मेरे होठ को काटते हुए वो मेरी चूचिओं को पिने लगे। मैं आह आह और फिर वो निचे जाकर मेरी चूत को चाटने लगे। मैं आह आह करते हुए पानी निकलने लगी अपनी चूत से। और फिर उन्होंने अपने लौड़े को मेरी चूत के ऊपर लगाई और पेल दिया पर अंदर गया नहीं क्यों की मेरी चूत काफी टाइट थी। उन्होंने फिर से दुबारा कोशिश की और फिर से धक्का दिया। अब थोड़ा गया पर मुझे काफी दर्द होने लगा। उन्होंने फिर से धक्का दिया और मेरी चूत फट गई और लौड़ा अंदर चला गया।

मैं दर्द से कराह उठी मेरी सील टूट चुकी थी मेरी चूत से खून की कुछ बूंदें निकल गई। जीजा जी बोले सील टूटी है। और फिर जोर जोर से मुझे चोदने लगी वो जोर जोर से धक्के मार रहे थे मेरी चूचियां गोल गोल उछाल रही थी फिर उन्होंने मुझे उल्टा के चोदा फिर उन्होंने कुतिया बना के चोदा। कभी वो ऊपर मैं मैं ऊपर ऐसे उन्होंने मुझे करीब एक घंटे तक चोदा मैं खूब चुदी और फिर दोनों झड़ गए। फिर एक साथ बाथरूम में नहाये। और फिर हम दोनों एक ही पलंग पर लेट गए मैं निचे सिर्फ पेंटी में थी और वो भी सिर्फ जांघिया में।  वो मेरे चूचियों से खेल रहे थे। और मैं भी उनके लंड को सहला रही थी।और फिर पूरी रात चुदाई करते रहे।

दूसरे दिन शिमला गई पर दो नहीं बल्कि हम तीन गए पति जीजा और मैं शिमला में पति ने मुझे खूब चुदवाया जीजा से, थ्रीसम किये थे वह पर पर मेरा पति सिर्फ मेरा गांड चाटता था, पर मजे तो जीजा और मैं ले रही थी।  आपको मेरी ये कहानी कैसे लगी जरूर बताएं।  और नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम को थैंक्स कहना चाहती हु क्यों की मेरी ये कहानी पब्लिश की।

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