कामबाली आंटी की कुंवारी बेटी की टाइट बूर की चुदाई

नमस्कार दोस्तों,  मेरा नाम किशन है और में बर्दमान का रहने वाला हूँ. में एक इंजिनियर हूँ और में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ. दोस्तों ऐसे मैं कोई स्टोरी राइटर नहीं हु, पर आज आपके लिए एक बड़ी ही मस्त चुदाई की कहानी लेके आया हु, आशा करता हु की आपको मेरी ये कहानी अच्छी लगेगी. दोस्तों में आज आप सभी को मेरे पहले सच्चे सेक्स अनुभव के बारे में आज आप लोगो को बताना चाहता हूँ और अब में आपको अपनी सच्ची कहानी सुनाता हूँ. दोस्तों यह तब की घटना है जब में उन दिनों अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था और मुझे अपने हॉस्टल जहाँ पर में रह रहा था उस जगह कुछ समस्या हो रही थी, इसलिए मैंने एक फ्लैट किराए पर ले लिया और अपना वो हॉस्टल छोड़ दिया और उसके बाद मैंने खाना पकाने के लिए एक बंगाली नौकरानी को अपने फ्लैट में काम पर रख लिया जिसकी उम्र करीब 40 साल थी. वो दिखने में बहुत सेक्सी थी और उसके फिगर का आकार 36-28-36 और उसके चूचियों उस उम्र में भी एकदम गोल गोल थे. उसके गोरे भरे हुए बदन को देखकर पता ही नहीं चलता था कि उसकी उम्र 40 साल थी और वो रोज सुबह मेरे फ्लैट पर आती थी और मेरे लिए खाना बनाकर चली जाती और उसके चले जाने के बाद में उठकर नहा धोकर नाश्ता करके अपने कॉलेज चला जाता. फिर वो शाम को 7 बजे करीब वापस मेरे फ्लेट पर आती और घर का कुछ बचा हुआ काम करने के साथ साथ मेरे लिए खाना बनाकर वो वापस कुछ घंटो में चली जाती थी.
दोस्तों उसकी एक बेटी भी थी जिसका नाम रूपा और जैसा उसका नाम ठीक वैसा ही उसका रूप रंग था. वो दिखने में बड़ी ही आकर्षक लगती और वो भी कभी कभी अपनी माँ के साथ उसके कामें में हाथ बटाने के लिए मेरे घर पर आया करती थी और इसलिए मेरी उससे बहुत अच्छी जान-पहचान, बातें और कभी-कभी हंसी-मजाक कर लिया करता था. वो अपनी माँ के साथ बहुत मन लगाकर मेरे घर के सभी काम किया करती और फिर कुछ घंटे रुककर चली जाती. दोस्तों सच कहूँ तो वो मुझे मन ही मन बहुत अच्छी लगती और में उसकी तरफ हमेशा आकर्षित रहता में ही आगे बढ़कर उससे बातें शुरू करता और वो मेरी हर बात का हंसकर जवाब दिया करती थी. एक दिन रूपा की माँ ने मुझसे कहा कि उसकी बेटी रूपा जो कि उस समय आठवी क्लास में पढ़ती थी वो अपनी क्लास के पेपर में फैल हो गई है और उसका वैसे पढ़ाई लिखाई में इतना मन भी नहीं लगता था. फिर मैंने उनसे कहा कि आप उसको कोई अच्छे से प्राइवेट टीचर से बात करके इसको पढ़ाने क्यों नहीं भेजती हो? तो मेरे मुहं से यह बात सुनते ही वो रो पड़ी और उसकी आखों से आंसू बाहर आने लगे और वो मुझसे कहने लगी कि में बहुत ग़रीब हूँ और मुझे इतना काम करने के बाद भी अपने परिवार का पेट पालने में ही बहुत मुश्किल होती है तो आप ही मुझे बताए कि में अपनी बेटी को कैसे किसी के घर पर भिजवाकर इसकी अच्छी पढ़ाई करवाऊँ और उसके लिए मुझे पैसे कहाँ से मिलेंगे? फिर मैंने उससे पूछा कि आपका पति क्या काम करता है? तब वो कहने लगी कि उसका पति कुछ समय पहले तक एक कपड़े की फेक्ट्री में काम किया करता था, लेकिन अचानक से एक दिन वो फेक्ट्री घाटे में चले जाने की वजह से बंद हो गई और उनका पति बेरोज़गार हो गया. वो अभी एक छोटी सी किराने की दुकान चलाता है, लेकिन उसमें बहुत ही कम आमदनी हो पाती है और फिर वो मुझसे बोली कि आप अगर बुरा ना माने तो में आपसे एक बात कहूँ? फिर मैंने कहा कि हाँ बोलो क्या कहना है? तब उसने मुझसे कहा कि आप ही कभी कभी थोड़ा समय निकालकर मेरी बेटी को पढ़ा दिया कीजिए. फिर मैंने तुरंत उससे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन में इसके लिए तुमसे कोई पैसा वैसा नहीं लूँगा और वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और वो मुझे दुआ देने लगी. दोस्तों उसके बाद रूपा को वो अपने साथ पढ़ाने के लिए मेरे फ्लैट पर अब हर दिन लाने लगी और में उसको पढ़ाने लगा.
फिर एक दिन में उसको पढ़ा रहा था और रूपा मेरे सामने बैठकर पढ़ रही थी. उसने उस समय एक ढीली सी कमीज पहनी हुई थी जिसकी वजह से जब भी वो नीचे झुककर कुछ लिख रही थी और तब मुझे उसके खुले हुए गोरे मस्त चूचियों नज़र आ जाते उफफफफ्फ़ वाह क्या मस्त चूचियों थे उसके एकदम गोल टाईट जैसे कि वो कोई बड़े आकार की नारंगी हो और में उसको देखकर बहुत आकर्षित होने लगा और मैंने उस दिन पहली बार सोचा कि कैसे रूपा को चोदा जाए? लेकिन में डर रहा था कि अगर बाहर किसी लोगों को पता चल जायेगा तो हम दोनों के साथ बहुत बुरा होगा और मेरे साथ साथ उसकी भी बहुत बदनामी होगी, लेकिन मेरा दिल इतनी बातें सोचने के बाद भी रूपा की चुदाई करने के लिए बड़ा बेचैन था और में उसको पढ़ाते समय कभी उसके हाथ को पकड़कर समझाने लगता तो कभी उसकी जांघो पर अपना हाथ रखकर छूकर उसको बताने लगता, लेकिन वो कभी भी मुझे कुछ नहीं कहती और ना ही मेरी किसी भी हरकत का विरोध करती जिसकी वजह से में धीरे धीरे आगे बढ़ता चला गया और में अपने साथ उसकी मस्त जमकर चुदाई के सपने हर समय देखने लगा था में उसकी सुन्दरता को देखकर अब बिल्कुल पागल हो चुका था और एक दिन शाम को मुझे वो मौका मिल ही गया जिसकी मुझे इतने दिनों से तलाश थी.

दोस्तों उस दिन रूपा मेरे घर पर अकेली ही आई थी और मेरे पूछने पर वो मुझसे बोली कि उसकी माँ की तबीयत आज ठीक नहीं है इसलिए उसको आज अकेले ही आना पड़ा और इतना कहकर वो अपना काम करने लगी. फिर उस समय उसको अकेला देखकर मैंने मन ही मन में ठान लिया था कि आज किसी भी तरह से इसकी चुदाई का वो अधूरा काम पूरा करना ही पड़ेगा और यह बात सोचकर में बहुत हो गया. फिर मैंने देखा कि रूपा उस समय रसोई में अपना काम कर रही थी और मैंने उससे कहा कि आज मेरा सर बहुत ज़ोर से दर्द हो रहा है क्या तुम थोड़ा बाम लगा दोगी? और वो मेरे उस काम के लिए तुरंत तैयार हो गई और वो अपना काम वहीं वैसा ही छोड़कर सीधा मेरे साथ मेरे कमरे में आकर मेरे सर को दबाने लगी और उस पर अपने नरम हाथों से बाम लगाने लगी. फिर मैंने उस समय अपनी दोनों आंखे बंद कर रखी थी. फिर तभी अचानक से मैंने जानबूझ कर अपना एक हाथ बीच हटाने के बहाने मैंने उसके चूचियों को छू लिया जिसकी वजह वो झट से थोड़ा सा पीछे हट गई तो में बिल्कुल अंजान बनकर उससे पूछने लगा कि क्या हुआ? लेकिन वो कुछ नहीं बोली और थोड़ा सा शरमा गई. फिर मैंने देखा कि उसका गाल शरम से एकदम लाल हो गया था और तब मैंने सही मौका देखकर तुरंत उसको अपनी बाहों में जकड़कर उसके नरम गुलाबी होंठो पर एक जबरदस्त किस कर दिया और उसी समय मैंने उसके चूचियों को भी पकड़ लिया. दोस्तों में अपने मन की बात कहूँ तो उस दिन मैंने पहली बार उसके पूरे चूचियों का आकार और उसकी गोलाई और चूचियों को छूकर महसूस किया कि वो एकदम रुई की तरह मुलायम थे. तभी कुछ देर बाद उसने एक झटके से मुझे अपने से दूर हटा दिया और वो रोने लगी. दोस्तों उसको रोता हुआ देखकर मेरे तो सर से पसीना छूट गया क्योंकि में अब यह बात सोच रहा था कि अगर वो बाहर सभी को मेरी इस हरकत के बारे में बता देगी तो मेरी बहुत बदनामी हो जायेगी और में किसी को कुछ भी कहने लायक नहीं रहूँगा और फिर मैंने बहुत ही धीरज से काम लिया और अब में उसको समझाने लगा. में उससे बोला कि तुम मुझसे इस तरह से डर क्यों रही हो? यह तो बस मैंने मज़े करने के लिए किया था और में तो कभी भी तुम्हारा बुरा नहीं चाहूँगा. में हमेशा तुम्हे फ्री में पढ़ाऊंगा और तुम्हे कंप्यूटर सिखाऊंगा और इंग्लिश सिखाऊंगा और तुम्हे एक अच्छी सी नौकरी मिल जाये इस लायक बनाऊँगा. दोस्तों ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है.

फिर इस तरह में उसको कुछ देर समझाता रहा और उसके साथ-साथ में उसकी पीठ को भी सहलाता रहा जिसकी वजह से उसने अब रोने के साथ साथ मेरा विरोध करना बंद कर दिया था. अब थोड़ी देर के बाद मैंने उसको एक बार फिर से अपनी तरह लेकर किस किया और इस बार वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली. फिर में तुरंत समझ गया कि अब मेरा काम बन सकता है क्योंकि वो भी अब धीरे धीरे मेरे साथ मज़े करने लगी थी और में अब उसके चूचियों को धीरे धीरे दबाने लगा था. वाह दोस्तों उफफफ्फ़ क्या मस्त चूचियों थे उसके? एकदम नरम रुई जैसे और फिर मैंने महसूस किया कि जब में उसके निप्पल को सहलाने लगा तो वो गरम होकर एकदम से बेकाबू हो गयी और वो मुझसे लिपटकर मेरी बाहों में आकर मुझे वो पागलों की तरह किस करने लगी. फिर वो लगातार मुझे चूमने लगी थी और उसकी तेज़ी से चलती गरम गरम सांसे मुझे मेरी गर्दन व् गालों पर महसूस होने लगी थी और वो उस समय बहुत जोश में थी. फिर में अब तुरंत समझ गया कि लोहा बहुत गरम हो चुका है बस इस पर मेरा हथोड़ा मारने की देरी ही है मन में यह बात सोचकर मैंने उसके कपड़े एक ही जोरदार झटके में उतार लिया. उसके बाद मेरी क्या हालत थी में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकता उसका वाह उफफफ्फ़ क्या मस्त आकार का गोरा फिगर था. वो एकदम सेक्स बॉम्ब लग रही थी. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी पहने हुए थी और उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी उसके गोरे भरे हुए बदन को बिना कपड़ो के देखकर मेरा लंड तो उस समय बेकाबू हो रहा था. अब मैंने तुरंत अपनी भी पेंट और टी-शर्ट को जल्दी से उतार दिया और में रूपा के पूरे कामुक गरम बदन को पागलों की तरह चूमने चाटने लगा, जिसकी वजह से वो भी अब तड़पने लगी थी. फिर कुछ देर चूमकर नीचे आते हुए मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया और अब में अपनी फटी हुई चकित नजरों से उसकी वर्जिन बूर को देखने लगा, क्योंकि ऐसा मस्त सेक्सी नजारा में आज पहली बार देख रहा था और इसके पहले मैंने कभी भी सही में बूर नहीं देखी थी. मैंने जो भी अब तक देखा था वो बस ब्लू फिल्म में ही देखा था और फिर उसकी उभरी हुई बूर को देखकर मेरे अंदर एक अजीब सा जोश आ रहा था. मैंने देखा कि उसकी बूर में छोटे छोटे नरम झांट के बाल थे और वो बहुत सुंदर कामुक नजर आ रहे थे. फिर में उसकी बूर में अपनी उंगली को डालकर बूर के दाने को सहलाने लगा, जिसकी वजह से अब वो धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी और मेरे ऐसा करने की वजह से कुछ ही देर में उसकी बूर अब बिल्कुल गीली हो गई थी और जब में अपनी उंगली को बूर के अंदर डालने की कोशिश करने लगा तो मैंने महसूस किया कि उसकी बूर बहुत टाइट थी. फिर मेरे कुछ देर तक बूर में उंगली डालने की वजह से वो और भी ज्यादा जोश में आकर तड़पने लगी.

अब मैंने 69 पोजीशन में आकर उससे मेरा लंड चूसने के लिए बोला और में उसकी वर्जिन बूर को चाटने चूसने लगा और मुझे ऐसा करने में बड़ा जोश और मज़ा आ रहा था और उसकी बूर अब बिल्कुल गीली हो गयी थी और मेरा लंड एकदम तनकर डंडे जैसा हो गया था. वो उसकी प्यासी वर्जिन बूर को सलामी देने लगा था. मुझसे अब और सहन नहीं हो रहा था तो मैंने उसी समय उठकर उसको बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर मैंने अपने लंड को उसकी बूर के मुहं पर रखकर एक हल्का सा धक्का दे दिया जिसकी वजह से मेरा लंड करीब एक इंच बूर के अंदर चला गया, लेकिन अब रूपा उस धक्के की वजह से दर्द से चीख उठी और वो कहने लगी आह्ह्ह में मर गई ऊईईईइ माँ मुझे बहुत दर्द हो रहा है ऊह्ह्ह्हह अब छोड़ दो मुझे, में मर जाउंगी और अब वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने के साथ साथ दर्द से छटपटाने लगी. फिर उसकी उस हालत को देखकर में तुरंत समझ गया कि उसकी बूर की सील मेरे उस धक्के की वजह से अब फट चुकी है इसलिए वो इतना उठपड़ रही है. फिर मैंने धक्के देना बंद करके में उसके एक निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और कुछ देर बाद मैंने फिर से थोड़ा दबाव करके अपने लंड का सुपाड़ा उसकी बूर पर रख दिया.

अब मेरा लंड करीब चार इंच अंदर चला गया और वो एक बार फिर से चीखने लगी, लेकिन कुछ देर तक धीरे-धीरे धक्के देने के साथ साथ उसकी निप्पल चूसने चूचियों को सहलाने की वजह से वो अब दर्द कम होने पर मोन करने लगी थी और में भी सही मौका देखकर अपने लंड को आगे पीछे करने के साथ साथ अपनी स्पीड को पहले से ज्यादा तेज करने लगा था और तभी मैंने देखा कि वो भी अब अपनी दोनों आंखे बंद करके मेरे साथ अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेने लगी थी और में लगातार जोरदार धक्के देता रहा. फिर करीब बीस मिनट तक अलग अलग तरह से रूपा को चोदने के बाद वो भी अब झड़कर बिल्कुल शांत हो गई और कुछ ही मिनट में मेरा भी वीर्य उसकी बूर के अंदर निकल गया और कुछ देर उसके ऊपर लेटे रहने के बाद मैंने उससे पूछा क्यों तुम्हे यह सब मज़ा मस्ती कैसी लगी? तो वो मुस्कुराकर बोली कि थोड़ा दर्द तो मुझे अब भी हो रहा है, लेकिन मुझे आज तक पता ही नहीं था कि चुदाई करवाने में इतना मज़ा भी आता है, इसलिए अब आज से मुझे अपनी चुदाई आपसे करवाने के लिए ऐसा हर दर्द कबूल है क्योंकि आज में एक कुंवारी लड़की से एक औरत बन गई हूँ और आज अपने मुझे वो सुख देकर मेरे ऊपर बहुत बड़ा अहसान किया है इसलिए मुझे अब आप जब भी जी चाहे कैसे भी चोद देना, मुझे आपके साथ यह सब करना बहुत अच्छा लगेगा और में कभी भी आपसे मना नहीं करूंगी.

फिर मैंने उससे बोला कि देखना तुम्हारा यह दर्द जल्दी ही ठीक हो जाएगा और तुम देखना अगली बार जब हम दोबारा चुदाई करेंगे तब तुम्हे बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा और तुम्हे सिर्फ़ मज़ा आएगा और फिर दोस्तों जब में उसको अपनी गोद में उठाकर बाथरूम ले जाने के लिए मैंने उसको उठाया तो मैंने देखा कि बेड शीट उसकी बूर से निकले उस खून से भीग गई थी और उसको बाथरूम से वापस लाने के बाद मैंने उस गंदी बेड शीट को बदलकर उसकी जगह दूसरी को बिछा दिया ताकि उसकी माँ को किसी भी तरह का कोई शक ना हो जाए और मैंने उसको बाथरूम में ले जाकर उसकी बूर पर पानी डालकर अच्छी तरह से धो डाला और बूर के साफ हो जाने के बाद वो मेरे लिए रसोई में जाकर खाना बनाकर वापस हंसी ख़ुशी अपने घर पर चली गई और वो जाते समय मेरी तरफ मुस्कुराते हुए कहने लगी कि में कल फिर से आउंगी और वो मुझसे यह बात बोलकर चली गई और में उसकी पहली बार चुदाई से मन ही मन बहुत खुश होकर उसके बारे में सोचता हुआ ना जाने कब सो गया. दोस्तों उसके बाद भी मैंने रूपा को कई बार चोदकर उसकी इच्छा को पूरा किया और उसने हर बार मेरा पूरा-पूरा साथ दिया ..
तो दोस्तों मेरी ये कहानी कैसी लगी. जरूर बताएं, मुझे आशा है की आपको नॉनवेज स्टोरी पे ये कहानी अच्छी लगी होगी. मैं आपके लिए दूसरी कहानी जल्द ही लेके आने बाला हु,

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