लड़का पाने के लिये मजबूरन मुझे पति के दोस्त से चुदवाना पड़ा

 

हेल्लो दोस्तों, मैं संगीता तिवारी आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी की नियमित पाठिका रहीं हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।

मै इलाहाबद की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र 22 वर्ष और कद 5 फीट 4 इंच है। मै बहुत चुलबुली और सेक्सी हूँ। मेरे ऊपर लड़के मरते है, मेरी बड़ी और गोल गोल आंखे बहुत सेक्सी है। मेरा रंग गोरा, मेरे पतले रसीले होठो को देख कर लड़के बहुत उत्तेजित हो जाते है। दोस्तों, अगर बात करू मेरे बूब्स के बारे में, क्या मस्त मस्त बूब्स है मेरे। मेरे बूब्स गोल गोल, मुलायम और इतने चिकने है की जैसे कोई संगमरमर का पत्थर। मेरे फिगर के बारे में बात करे, तो मेरा साइज़ 36, 24, 32  है। मैंने अपनी लाइफ की सबसे दुःख भरी और मस्ती से होने वाली चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ।

आज से दो साल पहले मेरी शादी बनारस शहर में सुदेश नाम के लड़के से हुई। मेरे ससुराल में मेरी सास, ससुर, और उनकी छोटी बेटी और मेरे पति रहते थे। मेरी शादी के बाद में मेरी सास ने मुझसे कहा –“ बहू जल्दी से मुझे एक बच्चा  दो, मैं अपने नाती को जल्दी से खिलाना चाहती हूँ”। मैंने अपनी सासू माँ से कहा ठीक है मै एक बेटा आप को दूंगी। मेरी सासू माँ खुश हो गई। मेरी शादी को एक साल होने वाले थे, मेरे पति हर रोज रात में मेरी चुदाई करते थे लेकिन मै अभी तक माँ नही बन पाई थी। मेरी सास ने भी मुझे ताने देना शुरू कर दिया था। एक दिन मैंने अपने पति से कहा – “चलो किसी डॉक्टर को दिखा लेते है कि क्यों हमे बच्चे नही हो रहें है”।  सुदेश ने मुझसे कहा – “मेरा एक दोस्त था जो बाप नही बन पा रहा था, उसने एक दवाई ली थी जिससे वो बाप बन गया था, मैंने उससे वो दवाई आज लिया है जिसको खाने के बाद चुदाई करने से मैं बाप बन सकता है”। मै खुश हो गई मैंने सोचा कि हो सकता है कि वो दवाई काम कर जाये और मै माँ बन सकू। मै रात का इंतजार करने लगी क्योकि रात कि चुदाई से गर्भवती होने वाली थी।

रात हुई मैंने अपना सारा काम जल्दी से खत्म कर लिया और अपने पति से चुदने के लिए तैयार हो गई। मै अपने कमरे में बेड पर बैठी हुई सुदेश का इंतजार कर रही थी। थोड़ी देर बाद सुदेश कमरे में आया, उसने अपने कपडे उतारे और अपने जेब से उस दवाई को निकल कर दूध के साथ खा लिया। दवाई खाने के थोड़ी सेर बाद सुदेश मेरी पास आया। उस दवाई को खाने के बाद सुदेश बहुत जोशीला दिख रहा था। उसकी आंखे लाल लाल हो रही थी।

मै बेड पर बैठी थी, सुदेश मेरे पास में आ कर बैठ गया। उसने अपने हाथो को मेरी जांघ पर रख और साडी के ऊपर से ही मेरी चूत कि तरफ अपने हाथ को बढ़ने लगा। मै बहुत खुश थी, सुदेश ने मेरे हाथ को पकड़ा और हाथो पर किस करने लगा। हाथो पर किस करने से मेरे अंदर कि वासना जगने लगी। मै अपने आप को किसी तरह से रोके हुए थी। सुदेश मेरी हाथ कि उंगलियों को चूस रहा था। सुदेश की वासना भी भडक उठी थी। सुदेश ने पहले मेरी साडी उतार दी और मेरी गोरे गोरे कोमल से बदन को चाटने लगा। मै और भी बेकाबू हो रही थी। मै केवल ब्लाउस और पेटीकोट में थी। सुदेश ने मेरे पूरे बदन को चाटने के बाद मेरे गले को पीने लगा। मेरे अंदर इतना ज्वाला भडक उठी थी कि मै खुद को रोक नही पा रही थी, मैंने सुदेश के सर को अपने हाथो से पकड लिया और उसके  होठो को पीने लगी। सुदेश के भीतर भी जोश की आग भडक उठी थी, वो भी मेरे होठो को पीने लगा। हम दोनों इतने बेकाबू हो रहें थे कि एक दूसरे से चिपक कर किस कर रहें थे। मैं सुदेश के निचले होठो को काटे जा रही थी। जिससे वो भी मेरी निचले होठो को काट कर पीने लगा। जिस तरह से वो उस दिन मेरी होठो को पी रहा था उसने इतने दिनों में इस तरह से कभी नही पिया था। शायद ये उस दवाई का असर था। मैंने इतनी पागल हो रही थी कि मै सुदेश के होठो को पीते पीते उसकी जीभ को भी पीने लगी और सुदेश भी मेरी जीभ को चूसने लगा। लगभग 30 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होठो को पीते रहें। सुदेश ने मेरी ब्लाउस कि बटन को खोल दिया और मेरी मुलायम, गोल और मैदे की तरह चिकनी चूची को दबाते हुए को पीने लगा। सुदेश मेरे मम्मो को इस तरह से दबा रहा था जैसे जब डॉक्टर ब्लड प्रेसर नापते समय हवा वाली गुब्बारे को दबाते है।

Hot Sex Kahani  सेक्स के दौरान महिला को सबसे ज्यादा मज़ा कब आता है

लगभग 20 मिनट तक मेरी चूची को पीने और दबाने के बाद सुदेश ने मेरी पेटीकोट को भी खोल दिया मेरी नीली पैंटी को चाटने लगा। मै तो जोश से आपे से बाहर हो रही थी इसलिए मै अपने ही हाथो की उंगलियों को चूसने लगी थी। कुछ देर बाद सुदेश ने मेरी पैंटी को निकल दिया, और मेरी चिकनी जांघों को सहलाते हुए मेरी चूत को अपनी खुरदरी जीभ से चाटने लगे। मै और भी कामुक हो रही थी, मै इतना बेकाबू हुए जा रही थी की मै  “…उ उ उ उ ऊ ऊ ऊ … ऊ… ऊ.. अह्ह्ह्ह्ह ….सी सी …सी….. हा हा हा….. ओ हो हो ….. “करके अपने हाथो से अपने चूत को मसले जा रही  थी।

थोड़ी देर बाद सुदेश ने अपना 10 का मोटा लंड निकाला और बेड पर चढ़ कर मेरी चूत पर अपने लंड को पटकने लगा। मै पागल हुई जा रही थी और अपने मम्मो को मसल रही थी, सुदेश ने अपना एक हाथ से मेरे मम्मो को मसलने लगा और दूसरी तरफ उसने बड़े प्यार से अपने लंड को मेरी चिकनी और रसीली चूत में डालने लगा। मेरा तो बुरा हाल हो रहा था, मैंने सुदेश हाथ को पकड कर उसकी उंगलियों को अपने मुह में रख कर चूसने लगी। सुदेश ने धीरे धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ना शुरू किया, जैसे जैसे सुदेश की रफ़्तार बढ़ने लगी मेरे चूत से चट चट की आवाज़ आने लगी और मै आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी…..”   करके चीखने लगी। सुदेश लगातार मेरी फुद्दी को चोद रहा था और मै इस चुदाई का पूरा मजा उठा रही थी। मेरे साथ साथ सुदेश भी मेंरी चुदाई से पूरा मजा ले रहा था। 40 मिनट तक लगातार सुदेश आउट नही हुआ। कुछ देर बाद सुदेश की रफ़्तार और भी तेज हो गई वो मुझे अपना पूरा जोर लगा कर चोदने लगा और थोड़ी ही देर में उसने अपना पूरा माल मेरी चूत में गिरा दिया।

सुदेश ने मुझे चोदने के बाद मुझे बहुत देर तक किस करता रहा। थोड़ी देर बाद मैंने सुदेश से पूछ –  क्या मै माँ बन जाऊगी?  सुदेश ने कहा – हा क्यों नही।

एक महीना बीत गया लेकिन मै अभी तक प्रेग्नेंट नही हुई थी। एक दिन सासू माँ खाना खा रही थी मैंने उनसे पूछा और कुछ चाहिए? तो उन्होंने ताना मरते हुए कहा की “एक बच्चा नही दे सकती तो और क्या देगी”।  मै रोने लगी। मैंने सुदेश से कहा – “चलो डॉक्टर किसी के पास चलते और पूछते है की हमे बच्चा क्यों नही हो रहा है। सुदेश ने कहा ठीक है – कल चलो।

अगले दिन हम दोनों एक सेक्स स्पेसिलिस्ट डॉक्टर के पास गये। डॉक्टर ने हमसे बहुत सारे सवाल किया?और हमने उनके सवालो का उत्तर दिया। डॉक्टर ने मुह दोनों की जाँच की तो पता चला की सुदेश का शुक्राणु बनना बाद हो गया है। डॉक्टर ने बताया की ये कभी बाप नही बन पाएंगे। मैंने डॉक्टर से पूछा कोई इलाज तो होगा ? डॉक्टर ने साफ साफ मना कर दिया, ये बात सुन कर सुदेश को धक्का सा लगा। हम दोना घर चले आये।

Hot Sex Kahani  एक 23 साल की विधवा नीलू की चुदाई की सच्ची कहानी

उस दिन के बाद सुदेश ना तो मेरी चूत बजाता और ना ही कोई बात करता। एक दिन सुदेश मेरे पास आया और मुझसे उसने कहा – तुम्हे बच्चा चाहिए , मैंने कहा – हाँ। सुदेश ने मुझसे कहा की अब तो एक ही रास्ता है मैंने पूछा क्या ? सुदेश ने कहा – “मैंने अपने एक दोस्त से बात की है और उसे मना भी लिया की वो तुम चोदे जिससे तम माँ बन सको”। मैंने कहा लेकिन किसी गैर मर्द से मै कैसे चुद सकती हूँ ? मै तो तुम्हारी पत्नी हूँ। सुदेश ने किसी तरह से मुझे अपने दोस्त से चुदवाने के लिए मना लिया, और उसने ये बात किसी को ना बताने को कहा।

अगले ही दिन सुदेश ने मुझे अपने दोस्त से घर चोद दिया और मुझसे कहा की जब चुदाई पूरी हो जाए तो मुझे फोन कर देना। सुदेश वहां से चला गया ,वो बहुत दुखी दिख रहा था। सुदेश के दोस्त सूरज ने मुझे अपने बेडरूम में बैठ दिया और वो बाहर फ्रेश होने के लिया चला गया।

मैंने उस दिन नीले और काले रंग की साडी पहनी थी। थोड़ी देर बाद सूरज कमरे में आया, सूरज देखने में बहुत स्मार्ट था, उसने केवल एक टॉवल लपेटा था। उसकी बड़ी बहुत टाइट और उसका सिक्स पैक भी दिख रहा था। सूरज ने मुझसे कहा – ”आज मै जो भी तुम हरे साथ करूँगा उसमे मेरी कोई मर्जी नही है ये केवल मै सुदेश के लिए करने जा रहा हूँ”। मै कुछ ना बोली। फिर अतिल ने ही पहले मेरे हाथो पर अपना हाथ रख कर मेरे हाथो को दबाने लगा। जब सूरज ने मेरे हाथो को दबाना शुरू किया तो मेरे जिस्म की ज्वाला भडकने लगी। मैंने अपने दूसरे हाथ से बेड के चादर को कसकर पकड लिया। सूरज ने मेरे हाथो को उठाया और मेरी हथेली को चूमने लगा। उसने हथेली को चुमते चुमते मेरी हाथो के तरफ चूमने लगा। मै बेकाबू हो के अपने एक हाथ से अपने जांघ को दबाने लगी। मेरे हाथो को चूमने के साथ उसने अपने हाथो से मेरी चूची को साडी के ऊपर से ही दबाने लगा।

थोड़ी ही देर में हम दोनों का पारा बढ़ने लगा, हम बेकाबू होने लगे सूरज भी बहुत बेकाबू हो रहा था। सूरजने सिर को पकडकर अपने होठो की तरफ खीचने लगा। मै भी उसकी ओर खिची हुई जा रही थी। और हम दोनों का होठ एक दूसरे के होठ में चिपक गया। सूरज ने मेरे होठो को पीना शुरू किया, मै भी अब अपने आप को रोक नही पाई और सूरज से चिपक गई और मै भी उसके होठो को चूसने लगी थी। मै इतना कामुक हो रही थी की मै सूरज के होठो को काट काट कर पीने लगी, और साथ में सूरज भी मेरे होठो को मस्ती से पी रहा था। हम दोनों इस कदर बेकाबू हो रहें थी की पता ही नही चल रहा था की किसका होठ किसके मुह में है। 40 मिनट तक लगातार सूरज ने मेरे होठो को पिया।

थोड़ी देर बाद ही सूरज ने मेरी साडी को खोल दिया और मेरा ब्लाउस भी निकल दिया। मैंने डिज़ाइन वाली ब्रा पहने हुई थी। सूरज ने मेरे मम्मो पर अपना हाथ फेरते हुए बोला – क्या मस्त बूब्स है। सूरज ने मेरी ब्रा को खीच कर निकाल दिया और मेरे गोरे गोरे, मैदे की तरह चिकने मम्मो को अपने हाथो से मसलते हुए पीने लगा। मै पागल हो रही थी मेरा बदन मेरे बस में नही था। सूरज मेरी मम्मो को ऐसे पी रहा था की जैसे कोई बहुत प्यासा व्यक्ति पानी पी रहा हो। बहुत देर तक सूरज मेरे मम्मो को अपने दांतों से काट काट कर पीता रहा। मेरी कमर को अपने हाथो से सहलाते हुए उसने मेरी पेटीकोट का नारा खोल दिया।

Hot Sex Kahani  सास की चूत ने दीवाना बना दिया मुझे

थोड़ी देर बाद मेरी चुदाई शुरू होने वाली थी। मै मचल रही थी, सूरज ने जैसे जी मेरे पेटीकोट का नारा खोला मेरी पैंटी पर मेरी चूत की डिजाइन दिखने लगी। सूरज ने मेरी पेटीकोट निकाल दी और मेरी पैंटी को चाटने लगा। मै जोश से बैचैन थी ऐसा लग रहा थी की मै पागल ना हो जाऊ। सूरज ने धीरे से मेरी पैंटी को निकाल दिया और मेरी टांगो को फैला के अपने जीभ से मेरी कोमल, रसीली और मलाई जैसी चूत को कुत्ते की तरह से चाट रहा था। जब सूरज मेरी बुर को कुत्ते की तरहसे पी रहा था, तो मेरे शरीर में चुदाई की ज्वाला भडक उठी और मै अपने आप को रोक नही पाई  प्लीसससससस……..प्लीसससससस,  उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…”  माँ माँ….ओह माँ करने से ।

सूरज ने मेरी चूत को बड़ी मस्ती से 20 मिनट तक पिया। फिर सूरज ने अपना 11 इंच मोटा लंड बाहर निकल और मेरे हाथो में पकड़ा दिया उसका लंड इतना मोटा था की मेरे हाथो में पकड नही आ रहा था उसका लंड इतना मोटा था जैसे कोई घोड़े का लंड हो। मैंने उसके लंड को अपने पति के लंड की तरह से पहले उसको चूसने लगी और सूरज मेरी मुह में अपने लंड को देख कर बहुत खुश लग रहा था। मै बड़े प्यार से उसके लंड को चूसती रही। थोड़ी देर बाद सूरज ने अपना लंड मेरे मुह से निकल लिया। और मुझे बेड पर लेटा दिया, उसने पहले मेरी चूत के दाने पर अपना लंड रगड़ने लगा। मुझे पता नही क्या हो रहा था मै तड़प रही थी जब सूरज मेरी फुद्दी पर अपना लंड रगद रहा था। फिर सूरज ने अपने लंड से मेरी बुर की छेद में डालने के लिए थोडा सा धक्का दिया, सूरज का आधा लंड मेरी चूत में घुस गया। मेरी तो बुर जैसे फट ही गया आधे में ही जब पूरा लंड घुसेगा तो क्या होगा? मैंने सोचा। सूरज मेरी चूत बजाने लगा मै दर्द से मारी जा रही थी और मेरी मुह से बिना रुके “…..अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्……उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह…..चोदोदोदो…..मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो” चीख रही थी।सूरज लगातार मेरियो बुर मार रहा था और अपने महाथो को मेरी मुह में डाल कर मुझे अपने उंगलियों को चूसा रहा था मै भी बड़े मज़े से उसके उंगलियों की पी रही थी।

सूरज की रफ़्तार बहुत तेज हो गई थी। मेरी चूत तो एकदम से फट गई थी। ऐसा लग रहा था। सूरज को मेरी चूत मार कर बहुत मजा आ रहा था और साथ में मुझे भी। थोड़ी ही देर में सूरज का माल निकलने वाला था ऐसा लगा रहा था, क्योकि सूरज अपनी पूरी जोर लगा के मेरी चूत को बजाने में लगा हुआ था। और अंत में सूरज का सारा माल मेरी चूत के अंदर गिर गया। सूरज का माल गिरने के बाद उसका लंड सूखी हुई मूली की तरह हो गया। मेरी चूत बजाने के बाद सूरज ने मेरे पति को फोन किया। मेरे पति मुझे लेकर घर आये। मै कुछ ही दिनों में प्रेग्नेंट हो गई। 9 महीने बाद मुझे एक बेटा हुआ। ये थी मेरी चुदाई गाथा।       कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
2 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Bohot achha story tha vai. Mujhe yeh site me story padna achha lagta he. Thanks for this

Story achachhi lagi chudwana chaho to email karo mai bhi Allahabad me hi Rhta hu ya call kr Sakti ho