मैं और मेरे फूफाजी: एक रात की चुदाई की कहानी

Fufa Ji Sex Story : हाय दोस्तों, मैं रिया हूं, 24 साल की एक साधारण सी लड़की, लेकिन अंदर से तो आग का दम्भोला भरा हुआ। रोजाना रात को, जब घर वाले सो जाते हैं, मैं चुपके से बेड पर लेट जाती हूं और Nonvegstory.com खोल लेती हूं। वाह, क्या साइट है यार! वहां की हर सेक्स कहानी पढ़कर मेरी चूत गीली हो जाती है। लंड-चूत की चुदाई, वो धक्के, कराहें, गालियां… उफ्फ, बस पढ़ते-पढ़ते उंगली खुद-ब-खुद चूत में घुस जाती है। मैं रोजाना आती हूं यहां, कम से कम दो-तीन स्टोरी तो पढ़ ही लेती हूं। कभी देवर-भाभी की, कभी ससुर-बहू की, कभी ग्रुप चुदाई की। सोचती हूं, काश मेरी जिंदगी भी ऐसी हो। और आज, अपनी ही एक रात की सच्ची चुदाई की कहानी शेयर करने का मन कर गया। ये कहानी मेरे फूफाजी के साथ है – वो मेरे पापा के छोटे भाई, 42 साल के मस्त मर्द। एक रात की बात है, जब सब कुछ उलट-पुलट हो गया। पढ़ो, और बताओ कैसी लगी। अगर लंड खड़ा हो गया या चूत टपकने लगी, तो कमेंट में लिखना। चलो, शुरू करते हैं…

मेरी फैमिली छोटी सी है – पापा, मम्मी, मैं और मेरी छोटी बहन। फूफाजी मुंबई में रहते हैं, लेकिन हर साल गर्मियों में हमारे घर आ जाते हैं, गांव में। उनका घर शहर में है, लेकिन वो गांव के खेतों का काम संभालते हैं। फूफाजी का नाम है राजेश, लेकिन सब उन्हें राजा कहते हैं – क्योंकि वो राजा जैसे दिखते हैं। लंबे, गोरे, छाती चौड़ी, और वो मुस्कान… उफ्फ, बचपन से ही मैं उनकी तरफ आकर्षित थी। जब 16-17 साल की हुई, तो उनके साथ खेलते वक्त कभी-कभी उनका हाथ मेरी कमर पर लग जाता, और मैं शरमा जाती। लेकिन मन ही मन सोचती, कितना हॉट हैं फूफा। Nonvegstory.com पर पढ़ी स्टोरीज़ की तरह, मैं कल्पना करती कि फूफा मुझे चोद रहे हैं। लेकिन कभी हिम्मत न हुई बोले।

इस साल गर्मी में फूफाजी फिर आए। पापा का ट्रांसफर हो गया था, तो घर पर सिर्फ मम्मी, बहन और मैं। फूफाजी ने कहा, “रिया, मैं कुछ दिन रुक जाऊंगा, खेत देख लूंगा।” मैं खुश हो गई। रात को डिनर के बाद, हम सब छत पर बैठे थे। हवा ठंडी चल रही थी, लेकिन मेरी बॉडी में गर्मी। फूफाजी मेरे बगल में बैठे थे, उनकी जांघ मेरी जांघ से सटी हुई। “रिया बेटा, अब तो बड़ी हो गई तू। कॉलेज में क्या पढ़ रही है?” उन्होंने पूछा, हाथ मेरे कंधे पर रखते हुए। मैंने शरमाते हुए कहा, “फूफा, बीए कर रही हूं।” लेकिन उनका हाथ नीचे सरक गया, मेरी पीठ पर। उफ्फ, वो स्पर्श… मेरी चूत में एक झनझनाहट हुई। मम्मी ने कहा, “राजेश, जल्दी सो जाओ, कल सुबह उठना है।” सब सोने चले गए।

मैं अपने कमरे में लेटी, लेकिन नींद न आई। फोन निकाला, Nonvegstory.com खोला। एक स्टोरी पढ़ी – फूफा-भतीजी की चुदाई। भगवान, कितना हॉट था! स्टोरी में फूफा भतीजी की चूत चाट रहे थे, लंड मुंह में दे रहे। पढ़ते-पढ़ते मेरी चूत गीली हो गई। उंगली डाली, रगड़ने लगी। लेकिन मज़ा आधा। सोचा, काश कोई असली लंड मिल जाए। तभी दरवाज़ा खुला। फूफाजी खड़े थे, सफेद कुर्ता-पाजामा में। “रिया, पानी पीने आया था। तू जाग रही है?” मैंने कंबल से ढक लिया खुद को। “हां फूफा, नींद न आ रही।” वो अंदर आए, बेड पर बैठ गए। “क्या बात है बेटा? कोई टेंशन?” उनका हाथ मेरे पैर पर रखा। मैं सिहर गई। “नहीं फूफा, बस… गर्मी लग रही है।” वो मुस्कुराए, “गर्मी? मैं बर्फ हूं।” और कंबल हटा दिया।

मैंने सिर्फ नाइटि पहनी थी, अंदर कुछ न था। मेरी चूचियां उभरी हुईं, निप्पल सख्त। फूफाजी की नजर वहां टिक गई। “रिया… तू तो… कितनी बड़ी हो गई।” उनकी आवाज़ भारी हो गई। मैं शरमाई, लेकिन बोली, “फूफा, देख क्या रहे हो?” वो हंस पड़े, “देख तो रहा हूं, मेरी प्यारी भतीजी को।” उनका हाथ मेरी जांघ पर सरका। ऊपर की तरफ। “फूफा… ये… गलत है ना?” लेकिन मैं रुकी न। उनकी उंगलियां मेरी चूत के पास पहुंच गईं। गीली थी मैं। “अरे बेटा, तू तो भीगी हुई है। क्या कर रही थी अकेले?” मैंने सिर झुका लिया। “फूफा, Nonvegstory.com पढ़ रही थी… सेक्स स्टोरी।” वो चौंके, फिर हंस पड़े। “साली रंडी, तू भी ऐसी है? आ, फूफा तेरी प्यास बुझा दे।”

वो झुके, मेरे होंठों पर होंठ रख दिए। उफ्फ! पहला किस। उनकी जीभ मेरे मुंह में घुस गई, चूसने लगे। मैं पागल हो गई। हाथ उनके बालों में फेरा। “फूफा… आह… कितना अच्छा लग रहा है।” वो नीचे सरके, मेरी नाइटि ऊपर की। चूत नंगी। “वाह रिया, तेरी चूत कितनी सुंदर है। गुलाबी, रसीली।” उनका मुंह चूत पर। जीभ लगी – लिज लिज चाटने लगे। क्लिट पर दांत। “ओह फूफा… आह्ह… चाटो… हां… मेरी चूत चाटो…” मैं कराहने लगी। उनकी जीभ अंदर-बाहर। मेरा रस बह रहा, वो पी रहे। दस मिनट चाटा, मैं झड़ने लगी। “फूफा… आ गया… मर गई…” शरीर कांप गया।

अब उनकी बारी। उन्होंने कुर्ता उतारा। छाती बालों वाली, मसल्स। पाजामा खोला – लंड बाहर। भगवान! 9 इंच का मोटा काला लंड, सिरा लाल, नसें फूलीं। “रिया, देख फूफा का लंड। चूस ले।” मैं घबरा गई, लेकिन उत्साहित। पहली बार। हाथ में लिया – गर्म, सख्त। मुंह में डाला। चूसने लगी। “हां बेटा… ऐसे… जीभ घुमाओ… साली रंडी, कितना अच्छा चूस रही है।” वो मेरे सिर पर हाथ रखे, धक्के मारने लगे। गला भर गया। आंसू आ गए, लेकिन मज़ा आया। पांच मिनट चूसा, वो बोले, “बस, अब चूत में डालूं।” मुझे लिटाया, टांगें फैलाईं। लंड चूत पर रगड़ा। “फूफा… धीरे… दर्द होगा।” “चिंता मत कर रंडी, फूफा संभाल लेगा।”

एक धक्का – आह्ह्ह! चूत में घुस गया। दर्द हुआ, लेकिन सुख भी। “चोदो फूफा… चोदो अपनी भतीजी को…” वो धक्के मारने लगे – धड़-धड़। बेड हिल रहा। “कितनी टाइट चूत है तेरी… साली कुंवारी रंडी… फूफा का लंड ले रही है।” गालियां सुनकर और उत्तेजित। मैं चूचियां मसल रही, निप्पल नोच रही। “हां फूफा… ज़ोर से… फाड़ दो मेरी चूत…” स्पीड बढ़ी। प्लॉप-प्लॉप की आवाज़। पसीना बह रहा। आधा घंटा चोदा मिशनरी में। फिर पोज़ बदला – डॉगी। गांड ऊपर। थप्पड़ मारा – चटाक! “तेरी गांड कितनी गोरी है… चोदूं क्या?” “हां फूफा… गांड भी मारो…” लेकिन पहले चूत ही। लंड घुसाया, बाल खींचे। “आह… मार डालो… रंडी बना दो…”

रात के 2 बज गए। हम थक चुके, लेकिन रुके न। फूफाजी ने तेल निकाला – मालिश का। मेरी बॉडी पर लगाया। चूचियां मसला, कमर सहलाया, गांड पर उंगलियां। “रिया, तू जन्नत है।” फिर मैं ऊपर बैठी – काउगर्ल। उनके लंड पर उछली। ऊपर-नीचे। “फूफा… आह… कितना गहरा जा रहा… चूत भर गई।” वो नीचे से धक्के मार रहे। चूचियां चूस रहे। मैं झड़ी दूसरी बार। “ओह्ह… फिर आ गया…” फिर वो मुझे उल्टा किया, गांड पर थूक लगाया। “अब गांड चोदूंगा।” उंगली डाली पहले। फिर लंड का सिरा। धीरे-धीरे घुसा। दर्द हुआ – “आह फूफा… फट गई…” लेकिन वो रुके न। धक्के मारे। “साली, गांड भी टाइट… ले लंड…” चूत में उंगली डाली एक हाथ से। डबल अटैक। मैं चीख रही – “चोदो… दोनों छेद भर दो…”

सुबह होने को थी। हम नंगे लिपटे लेटे। फूफाजी का लंड फिर खड़ा। “एक बार और रिया।” मैं मुस्कुराई, “हां फूफा, चोदो।” इस बार स्लो चुदाई। किस करते हुए। लंड चूत में। धीमे धक्के। “प्यार करती हूं फूफा से।” “मैं भी बेटा, तू मेरी रानी।” आखिर में झड़े दोनों। उनका वीर्य चूत में भर गया। गर्म, चिपचिपा। मैं थककर सो गई उनके सीने पर।

सुबह उठे तो डर लगा। लेकिन फूफाजी बोले, “ये हमारा राज़ रहेगा। लेकिन अगली रात फिर।” और हुआ वैसा ही। वो हफ्ता भर रुके, रोज रात चुदाई। कभी छत पर, कभी खेत में। एक बार तो दिन में भी, जब मम्मी बाजार गई। फूफाजी ने किचन में पीछे से चोदा। “रिया, तेरी चूत की लत लग गई।” मैं हंसती, “फूफा, तुम्हारा लंड मेरी जान है।”

अब फूफाजी चले गए, लेकिन यादें ताजा। Nonvegstory.com पर ये स्टोरी शेयर करके अच्छा लगा। दोस्तों, कैसी लगी मेरी चुदाई की दास्तान? फूफा का लंड कैसा लगा कल्पना में? कमेंट करो, और अगर ऐसी फैंटसी है तो अपनी स्टोरी शेयर करो। रोजाना आओ यहां, जैसे मैं आती हूं। किस-किसने पढ़कर मुठ मारी? 😘

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