हेल्लो दोस्तों, मै काजल सिंह आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में स्वागत करती हूँ। मै आगरा की रहने वाली हूँ, मेरी उम्र लगभग 19 साल होगी। मै नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम की नियमित पाठिका रही हूँ। मेरे घर में मै मेरा छोटा भाई और मामी पापा रहते है। मेरे छोटा भाई अभी केवल 9 साल का है। वो बहुत भोला और सीधा है। और मै बहुत ही सेक्सी और हॉट लड़की हूँ, मेरे मम्मे तो बहुत ही मस्त है, बिलकुल गोल और काफी गोरे, और बहुत ही चिकने और सॉफ्ट बिल्कुल मखमल कि तरह। मेरे मम्मो को देख कर कोई भी पागल हो जाता था। और मेरी चूत को चोदने के लिये बहुत से लड़के मेरे पीछे रहते थे, लेकिन मै केवल उसी लड़के से चुदवाती थी जो दिखने में स्मार्ट और साथ में पैसे वाला भी हो। मैंने अपनी लाइफ में बहुत से लड़को से चुदवाया है। मुझे तो ये भी नही पता है कि मैंने कितने लडको को फसा कर उनसे चुदवाया और उनके पैसो को भी लूट लिया है। कह सकते है कि मै एक नम्बर कि चुदक्कड और रंडी लड़की हूँ। मुझको कोई फर्क नही पड़ता है, कि कोई क्या कहता है, जो मुझे पसंद आ जाता है वो मै करके ही मानती हूँ।
एक बार तो मै सेक्सी वीडियो देख रही थी, ना जाने कहाँ से मेरी माँ ने देख लिया। उन्होंने कहा – “तू कितनी बड़ी रंडी है,ये क्या देख रही है। चुदने का इतना ही शौक है शादी कर देती हूँ तेरी”।
मेरी माँ भी जान गई थी कि अब मेरी बेटी हाथ से जा रही है, लेकिन उन्हें क्या पाता था कि ये तो हाथ से जा चुकी है। कुछ पहले कि बात है मै सेक्सी वीडियो अपने कमरे में देख रही थी , देखते देखते मेरा मूड बनने लगा। मै अपने हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगी। धीरे धीरे मै बेकाबू होने लगी और मैंने अपने हाथ को पैंटी के अंदर डाल दिया और अपनी चूत में उंगली करने लगी। तिफाक से मेरे कमरे की कुण्डी नही लगी थी केवल दरवाजा थोडा सा बंद था, मै अपनी चूत में उंगली ही कर रही थी कि वह मेरा छोटा भाई आ गया। वो बहुत ही सीधा है। उसने मुझसे पूछा – दीदी आप ये कर रही है?? मैंने उससे कहा – कुछ बस थोड़ी सी खुजली हो रही थी। मैंने उससे कहा – क्या तू खुजला सकता है?? तो उसने कहा – “हाँ मै कर सकता हूँ”। मैंने उसके हाथ को पकड कर उसकी उंगलियो को अपने चूत में डालने लगी। मैंने उससे कहा – ऐसे ही करना है। बेचारा उसे क्या पता था कि वो अपनी बहन की चूत ने उंगली कर रहा है। वो मेरी चूत में लगातार उंगली कर रहा था। मुझे बहत मज़ा आ रहा था। बहुत देर तक मेरी चूत में उंगली करने से मेरी चूत गीली हो गई।
फिर मैंने अपने भाई को वहां से भेज दिया। मेरी माँ मेरी इन गन्दी हरकतों से परेशान हो गयी थी। और गर्मी की छुट्टियाँ भी आ रही थी। मेरी मम्मी ने सोचा अगर मै कुछ दिनों के लिये यहाँ से चली जाऊं तो हो सकता है, की मै कुछ सुधर जाऊं। मम्मी ने मुझे अपने बहन के घर यानि मेरी मौसी के घर कुछ दिनों के लिये भेज दिया।
मै वहां पहुंची, तो मैंने देखा उनका घर काफी बड़ा था। मौसी ने मुझको सबसे मिलवाया। उनके घर में मौसी, मौसा उनकी बेटी आरती और उनका बेटा अमर रहते थे। वो लोग बहुत अच्छे थे, मेरा बहुत ख्याल रखते थे। मै भी उनलोगों के साथ बहुत खुश थी। कई दिन हो गया था मैंने ना ही कोई सेक्स वीडियो देखी थी औ ना ही किसी के साथ सेक्स किया था। मेरा सेक्स देखने का बहुत मन हो रहा था लेकिन मौसी की बेटी आरती हमेंसा मेरे ही साथ रहती थी। इसलिए मै सेक्स वीडियो भी नही देख पा रही थी। मै एक दिन अपने कमरे में लेटी हुई थी, कुछ देर बाद अमर वहां आया, उसने मुझसे कहा – “चलो आप को मम्मी ने बुलाया है”। मैंने उससे कहा – “तुम चलो मै आती हूँ”। जब अमर मेरे कमरे में मुझे बुलाने आया, तो मेरे दिमाग में एक आईडिया आय क्यों ना मै अमर से ही चुदवा लूँ’। लेकिन मैंने फिर सोचा – “नही ये ठीक नही रहेंगा कहीं किसी को पता चल गया तो सब लोग क्या सोचेगे”।
फिर मै नीचे चली आई, तो मैंने देखा मम्मी और पापा आये हुए थे। मैंने मम्मी से पूछा मम्मी आप यहाँ कैसे आ गयी?? मम्मी ने कहा – “मै और तुम्हारे पापा यहाँ कुछ काम से आये थे तो सोचा की तुम से और इन सब से भी मिल लूँ”। दूसरे दिन मम्मी और पापा दोनों चले गये और मुझसे कहा तुम बाद में आना।
मै अपने कमरे में लेटे लेटे केवल किसी से चुदने के ही बारे में सोच रही थी। मै सोच रही थी कैसे मै अमर के पास जाऊं और उससे कैसे राजी करूँ अपनी चुदाई करने के लिये।
एक दिन अमर अपने कमरे के पास से जा रहा था, मैंने उसे कहा – “अमर जरा यहाँ आना”। वो मेरे पास आया, मैंने उससे कहा – “क्या तुम कुर्सी पकड सकते हो मुझे कुछ सामान उतारना है ऊपर की अलमारी से”। उसने कहा – क्यों नही।
मै अलमारी कुर्सी पर चड गयी और सामान उतारने के लिये अपने हाथो को उठाया, मेरी टॉप कुछ छोटी थी, इसलिए मेरे हाथ उठाते ही मेरी कमर दिखने लगी। मेरी चिकनी कमर पर अमर की नजर पड़ गयी। वो मेरी चिकनी और सॉफ्ट कमर को देखता रह गया। मैंने जान कर अपने हाथो को और भी ऊपर उठा दिया जिससे मेरे काले रंग का ब्रा भी थोडा थोडा दिखने लगा था। जिसको देख कर अमर तो पागल हो रहा था। उसका लंड धीरे धोरे खड़ा होने लगा था, जोकि उसके लोवर में दिख रहा था। मैंने अपना सामान उतार लिया, और उससे जाने को कहा। मेरी कमर और ब्रा देख कर अमर का भी मूड बदलने लगा था। उसने मुझसे कहा- आप बहुत अच्छी लग रही है। मैंने उससे कहा – ओह थैंक्स
मै समझ गई थी कि ये मेरी तरफ आकर्षित होने लगा है। मैंने उससे कहा – “ठीक है तुम जाओ। वो जाने लगा, मैंने जान कर कहा था की मै कपडे बदलने जा रही हूँ ताकि वो मुझे दिया चुपके से देखने आये। मैंने दरवाज़ा बंद नही किया केवल दोनों दरवाज़े को मिला दिया था और सीसे को ऐसे सेट किया की मुझे दिखे की अमर मुझे देख रहा है या नही। मैंने अपना टॉप निकाल दिया, कुछ देर बाद मैंने देखा कि अमर मुझे चुपके से देख रहा है। कुछ देर तक तो मैंने उसे देखने दिया।
फिर मै अचानक से मुडी और अमर से कहा – “तुम ये क्या कर रहें हो, मुझे कपडे बदलते हुए देख रहें हो, मैंने जल्दी से अपने कपडे पहन लिये और और उसको कमरे के अंदर बुला लिया”। मैंने उससे कहा – “अगर मै तुम्हारे मम्मी से बता दूँ तो तुम्हारी बहुत पिटाई होगी”। उसने मुझसे कहा – “आप जो कहेगी मै वो करूँगा, आप मेरी मम्मी से कुछ मत बताना”। उसकी आंखे थोड़ी सी नाम हो गयी थी। ऐसा लग रहा था कि वो अपनी मम्मी से बहुत डरता है।
मैंने उससे कहा – ठीक है, मै तुम्हारे मम्मी से कुछ नही बताउंगी लेकिन तुम्हे मेरा एक काम करना होगा। उसने कहा – आप जो कहेगी मै वो करूँगा।
मैंने उससे कहा – क्या तुमने कभी किसी कि चुदाई किया है?? उसने कहा – “वो खुश होकर बोला हाँ मैंने अपने गर्लफ्रेंड को कई बार चोदा है, पर आप ये सब क्यों पूछ रही है”।
आज मेरा चुदने का बहुत मन है क्या तुम मेरी चुदाई कि ज्वाला को बुझाओ सकते हो। तो अमर खुश हो गया और उसने कहा – “मै आप को इस तरह से चोदूंगा कि आप कभी भी मुझे भूल नही पायेगी”।
उसने जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया और मुझको बेड पर धकेल दिया, और मेरे बदन को सूंघते हुए मेरे कपड़ो को निकलने लगा। मै तो धीरे धीरे मदहोश होने लगी, उसने धीरे धीरे मेरे सारे कपड़ो को निकाल दिया, अब मै केवल ब्रा और पैंटी में बची थी।
उसने भी अपने कपडे उतार दिए, और मेरे हाथो को चूमने लगा, धीरे धीरे वो मेरे हाथो को चुमते हुए मेरे गर्दन कि तरफ बढ़ने लगा। मै और भी मचलने लगी थी, मै अमर के बदन पर हाथ फेरने लगी। वो धीरे धीरे मेरी गर्दन को पीने लगा। जब वो मेरे गर्दन को पी रहा था, तो मुझे एक अलग ही नशा छा रहा था और मै अपने बदन को टाइट करके ऐंठ रही थी। अमर मेरे गर्दन को बहुत मस्ती से पी रहा था। मेरी गर्दन से वो मेरे गाल को अपने दांतों से कटेते हुए मेरे होठ को चूसने लगा। मैंने भी खुद को उसके बाहों में छोड दिया और उसके होठो को मस्ती में पीने लगी। मै भी उसके होठो के रस को चूस चूस कर निकाल रही थी और वो मेरे होठो को दांतों से काट कर और अपने जीभ को मेरे मुह में डालकर मुझे किस कर रहा था। इससे पहले मैंने ऐसा किस कभी नही किया था।
वो मेरे मम्मो को सहलाते हे मेरे होठो को पी रहा था, जिससे मै बहुत ही कामातुर होने लगी थी। वो धीरे धीरे मेरे मम्मो को मसलने लगा था। मैंने उसके सीने पर अपने हाथो को सहलाने लगी जिससे वो और भी जोशिला हो गया था। उसने मेरे मम्मो को जोर से दबाया और मेरे होठो को कस कर पीने लगा।
बहुत देर तक मेरे होठो को पीने के बाद उसने मेरे मम्मो को दबाते हुए अपने भारी भरकम और काफी मोटे लंड को निकाला। और मुझे चूसाने के लिये मेरे मुह के पास लाने लगा। मुझे उसका लंड चूसने का मन नही थी, लेकिन उसने कहा –“अगर तुम मेरे लंड को नही चूसोगी तो तुम्हे बहुत कम मजा आयेगा”। मैंने मजे के चक्कर में उसके लंड को अपने मुह में रख लिया। और चाट चाट कर चूसने लगी। मैंने उसके लंड कि गोली को अपने मुह रख लिया ऐसा लग था जैसे कोई टॉफी चूस रही हूँ। मुझे बहुत मजा आ रहा था। बहुत देर तक मै उसके लंड को अपने हाथो से सहलाते हुए चूसती रही, जिससे उसका धीरे धीरे और भी टाईट हो गया था।
फिर उसने मेरे मम्मो को मसलते हुए मेरे ब्रा को निकाल दिया और मेरे चूची को अपने हाथो से दबाते हुए अपने मुह में भर लिया, और दांतों से मेरे चूची के काले और भूरे निप्पल को काटने लग। जिससे मै धीरे धीरे सिसकने लगी और आ.. अहह आह … आराम से …ओह ओह .. दर्द हो रहा है.. धीरे काटो …. लेकिन अमर के ऊपर कुछ असर नही पड़ रहा था, वो तो अपने जोश में मेरी चूची को मस्ती से पी रहा था।
लगातार उसने 30 मेरे मम्मो को पीया, फिर उसने मेरी चूची से धीरे धीरे नीचे आने लगा और अपने हाथो से मेरी चूत पर पैंटी को सहलाने लगा। कुछ देर बाद वो मेरे चूत को पैंटी के ऊपर ही काटने लगा, लेकिन फिर मेरी पैंटी को निकाल दिया। उसने मेरी चूत को देखकर खुश हो गया और उसने जल्दी से मेरी बुर को अपने हाथो से सहलाने लगा जिससे मै पागल होने लगी और अपने चूत के दाने को मसलने लगी। अमर भी बहुत जोश में था, उसने मेरी चूत धीरे से फैला दिया और अपने मुह को मेरी चूत में लगा कर चूसने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था, लेकिन अमर ने कुछ हो देर में मेरी चूत के दाने को अपने खुरदरी जीभ से चाटने लगा। और मै बेकाबू होने लगी और और धीरे धीरे से …आह उनहू उनहू … अह्ह्ह अह्ह्ह आह ओह ओह उफ़ उफ़ .. करके चीखने लगी। वो लगातार मेरे चूत को पिये जा रहा था जिससे कुछ ही देर बाद मै पागल होने लगी क्योकि मेरी फुद्दी से पानी निकलने वाला था, मैने अपने शरीर को टाइट कर लिया और मेरे पेट में थोडा थोडा दर्द होने लगा था, लेकिन जैसे ही मेरी चूत से पानी निकने लगा मुझे अच्छा लगने लगा था।
मेरी चूत से पानी निकालने के बाद उसने मेरी चुदाई करने के लिये अपने लंड को मेरी चूत के दाने पर रगड़ने लगा, उसने धीरे से मेरी चूत में अपने लौड़े को डाल दिया और फिर मेरी चुदाई करना शुरू कर दिया। मुझे लगा कि लगा है ज्यादा मजा नही आयेगा लेकिन जब उसने मेरी कमर पकड कर मेरी कस कर चूदाई करने लगा तो ऐसा लगा कि मेरी चूत फट जायेगी। कुछ ही देर में वो मेरी चूत कि धज्जियाँ उड़ने लगा था और मै बड़े दर्द से जोर जोर …आह्ह अहह ओह ओह ओह ओह ओ …… उनहू उनहू उनहू उनहू … उफ़ उफ़ उफ़उफ़ …. ना ना ना ….. उई माँ उई माँ… ओह ओह और तेज चोदो मजा आ रहा है. चोदो और चोदो, मुझे बहुत मजा आ रहा है। बहुत तेजी से वो मेरी चूत चोद रहा था ऐसा लग रहा था कि लैसे किसी गाड़ी का शाकर है जो तेजी से अंदर बाहर हो रहा है।
लगभग एक घंटे तक मेरी चूत को फाड़ने के बाद उसने मुझे मेरे ही पैरों को पकड़ा दिया जिससे उसे मेरी गांड मारने में आसानी हो। उसने मेरी गांड मारने के लिये अपनें लंड को मेरी गांड में डालने लगा, जैसे ही उसका लंड मेरी गांड में घुसा, मेरे तो प्राण ही निकाल गये। बहुत दर्द हो रहा था, वो तेजी से मेरी गांड मारने लगा। मै दर्द से …मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ करने लगी। बहुत देर तक मेरी गांड मारने के बाद उसने अपने लंड को गांड से बाहर निकाल कर मुठ मारने लगा। कुछ ही देर में उसका माल मेरे मुह पर गिरने लगा मैंने उसको चाट लिया। जैसे उसने कहा था कभी भूल नही पाओगे। सच कहा था अमर ने।
चुदाई के बाद मैंने उससे कहा – “मजा तो बहुत आया लेकिन ये मजा रोज आये तो बहुत अच्छा रहता”। तो उसने कहा – “मै रोज रात में तुम को ये मजा दूँगा ठीक है”। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है। मै उम्मीद करती हूँ आप को ये कहानी जरुर पसंद आई होगी।……….. धन्यवाद