माँ बेटी की चुदाई की कहानी : अंकल मुझे भी और मेरी मम्मी को भी

Mother Daughter Sex Story, Ma beti ki chudai ki sex kahani : हेलो दोस्तों आज मैं आपके लिए एक बड़े ही सेक्सी चुदाई  की कहानियां लाई हूँ। यह कहानी मेरी और मेरी माँ की चुदाई की है, एक अंकल मुझे और मेरी माँ को रोजाना चोदते हैं। पहले वो सिर्फ मेरी माँ को चोदते थे पर आजकल वो मुझे भी चोदने लगे हैं। ये सब पूरी कहानी यानी की उन्होंने पहली बार मम्मी को कब चोदा मुझे वो तो नहीं पता पर मुझे कब से चोदना शुरू किया और मम्मी चुड़ते हुए क्या क्या करती है। क्या क्या बोलती है और कितनी सेक्सी है वो सब आपको बताउंगी। 

मेरा नाम मोनिका है और मेरी माँ का नाम लता है। मेरी उम्र मात्र अठारह साल है और मेरी माँ की उम्र 36 साल है। जब मेरी मम्मी की शादी हुई थी तब मेरे पापा अपने बाप के दम पर अपनी झूठी शान दिखा रहे थे। वो अपने आप को रईस कहते थे। मेरे नाना उनलोगों के झांसे में आ गया। मेरे नाना सोचे की मेरी बेटी राज करेगी। और उन्होंने एक गलत लड़के के साथ शादी तय कर दी यानी की जो मेरे पापा है। 

वो एक नंबर के कमीना इंसान है। झूठा एक नंबर का। ज्यादा पढ़ा लिखा भी नहीं है पर अपने आप को बी ए बोलकर माँ को फांस लिया इस कमीना ने। मेरी मम्मी मेरठ से पढ़ी लिखी और अपने से आधे पढ़े लड़के से शादी कर ली। मेरी मम्मी का सपना चूर चूर हो गया जैसे जैसे समय बीतता गया। घर का माहौल ख़राब होता गया। क्यों की मेरी माँ को एक नार्मल से भी बदतर हालात में रहना पड़ा। 

मेरी जन्म के बाद मम्मी जैसे तैसे ज़िंदगी काटी और फिर करती क्या यही सब के साथ होता है मेरी माँ कपरमाईज कर के रहने लगी। समय बीतता गया मेरे पापा जस के तस एक प्लास्टिक के प्लेट बनाने बाली कम्पनी में काम करते रहा कभी उस कंपनी में तो कभी इस कंपनी में। 

मेरी पढाई दिल्ली के सरकारी स्कूल में हुआ जब मेरा बारहवीं ख़तम हुआ तक हम लोग अपना घर शिफ्ट कर लिए। क्यों की फिर से मेरे पापा ने दूसरी नौकरी पकड़ ली। पर इस बार उन्होने थोड़े अच्छे जगह किराये पर घर लिया। जहा सब लोग मेरे से अच्छा ही थे। तो हम लोगों पर ही इसका असर हुआ और हमलोग थोड़े ठीक ठाक रहने लगे। पापा की आमदनी तो नहीं बढ़ी पर हां मम्मी के उसी अपार्टमेंट में एक नौकरी लग गया। एक अंकल थे उन्होंने माँ को नौकरी दे दी और मेरी माँ उनके यहाँ जाकर ही काम करने लगी उनका ऑफिस उनके घर से ही चलता था। मम्मी वह अकेली ही काम करती थी और दूसरे लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे। 

धीरे धीरे दिन बीतता गया मेरी मम्मी का स्टाइल चेंज हो गया। मम्मी अच्छी तरह से रहने लगी। धीरे धीरे खुश रहने लगी अच्छे अच्छे कपडे पहनने लगी। इस सब की वजह थी उनके सर के साथ चक्कर यानी चुदाई का रिस्ता। मैं उनके सर को अंकल बोलती थी। और धीरे धीरे मेरे परिवार का रिस्ता बहुत घरेलु हो गया। पर मेरे पापा और मेरी मम्मी के बिच अक्सर लड़ाई होने लगी।  क्यों की पापा को अब मेरी मम्मी भाव नहीं देती देती थी। और फिर पापा बहुत ज्यादा चिड़चिड़े हो गए शाम को वो दारु पी कर आते और फिर सो जाते उनको होश हवास नहीं होता वो सुबह ही उठते थे। 

एक दिन अंकल की बीवी गाँव चली गयी क्यों की उनको बच्चा होने वाला हो गया था। और मेरे पापा के कंपनी वाले पापा को देहरादून भेज दिए क्यों की वह पर एक नई फैक्ट्री बनी तो मशीन वगैरह सेट करवाने और वह काम शुरू करवाने के लिए तीन महीने के लिए चले गए। 

मेरे पापा देहरादून जब रहने चले गए तो  मेरी मां को और भी ज्यादा छूट मिल गया अब तो हूं सुबह जल्दी चले जाते और रात को देर तक आते हैं वह काफी ज्यादा खुश रहने लगे मैं समझ गए कि दाल में कुछ काला है और काला ही नहीं पूरी दाल ही काली।  धीरे-धीरे वन कल मेरे घर पर भी आने लगे और सच पूछिए तो उनका व्यवहार ऐसा था कि मेरी मां और अंकल जी दोनों एक गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड की तरह लग रहे थे। 

 1 दिन की बात है मैं कहीं काम से घर से बाहर गई थी और आते-आते लेट हो गया क्योंकि कॉलेज में भी काम था और अपने दोस्त के यहां भी जाना था।  जब घर आए तो दरवाजा खुला हुआ था रात के करीब 8:30 बज  रहे थे जैसे दरवाजे खोल के अंदर आए और दरवाजे को सटाते हुए अंदर की ओर बढ़ी  घर के अंदर से  मेरी मम्मी कराह रही थी मैं दौड़कर अंदर गयी तो अच्चानक ही मेरे पैर रुक गए मम्मी निचे थी और अंकल ऊपर दोनों नंगे। मेरी माँ की दोनों बड़ी बड़ी चूचियां फूटबाल की तरह हिल रही थी और अंकल जी जोर जोर से धक्के दे रहे थे। मेरी माँ हरेक धक्के पर ओह्ह्ह्हह ह्यययययय उफ्फफ्फ्फ़ उइ मा की आवाज निकाल रही थी। 

मम्मी पसीने से लथपथ थी। मैं परदे के पीछे छिप गयी और चुदाई का मजा लेने लगी। मम्मी की जिस्म ऐसे लग रहा था की एक लड़की की जिस्म हो अंकल जी कभी मम्मी की चूचियां पीते कभी गांड में ऊँगली करते। कभी वो निप्पल को दॉंत से काटते। ये सब देखकर मुझसे रहा नहीं गया. स्कर्ट के अंदर से मैं अपना हाथ पेंटी में डाल ली और एक ऊँगली अपनी चूत में ले ली। 

जोर जोर से अंदर बाहर करने लगी। मेरे पुरे शरीर में करंट की तरह दौड़ रहा थे मेरा जिस्म गर्म हो गया  चूत गीली हो गयी थी। मैं पागल होने लगी अंकल के जिस्म को देखकर। मैं तो हैरान थी करीब ९ इंच का लौड़ा और गठीला बदन। मैं सिसकारियां लेने लगी। और हाथ से कभी छूट में कभी चूचियों पर सहलाती और दबाती ऊँगली करती। 

तभी मम्मी अंकल को बोलने लगी। जान अब मुझे छोड़ दो प्लीज् मुझे छोड़ दो अब नहीं सह पाऊँगी। मैं पागल हो जाउंगी मेरी चूचियां में दर्द होने लगा है और मेरी चूत फट रही है। अब कल करना प्लीज। तो अंकल कह रहे थे रूक रंडी अभी तो मैं गरम ही हुआ हूँ। इतना सुनकर तो मेरे होठ उड़ गए। 

अंकल जोर जोर से पेलने लगे और मम्मी कराहने लगी। मैं बर्दास्त नहीं कर पाई उनकी चुदाई। मैं तुरंत ही घर से बहार आ गयी दरवाजा वैसे ही छोड़ दी। मैं सामने पार्क में बैठ गयी। और अपने आप को संभालने लगी। 

करीब आधे घंटे बाद अंकल जी मेरे घर से निकले और अपने फ्लैट की तरह जल्दी से चले गए। तभी एक फ़ोन आ गया और मैं वही बैठ कर बात करने लगी। तभी मेरी मम्मी आ गयी। वो कहने लगी तुम यहाँ हो तो मैं बोल दी हां मम्मी एक जरुरी कॉल आ गया थे इसलिए यही बैठकर बात करने लगी। 

मम्मी बोली आ रही हूँ दूकान से ठंढा लाने जा रही हूँ. मैं समझ गयी ज्यादा गरम हो गयी थी इसलिए ठंढा पिने की नौवत आ गई है। उस दिन के बाद से रोजाना मैं उन दोनों को चुदाई को सोचकर अपनी चूट में ऊँगली करने लगी। एक दिन मेरी मम्मी मायके चली गयी क्यों की नानी का तबियत ख़राब थी। अचानक उनको जाना पड़ गया। 

मैं यहाँ अकेली थी। एक दिन अंकल का फ़ोन आया और बोले की घर पर आ जा तुम्हारे लिए भी खाना मंगवाया हूँ दू मिलकर यही खा लेंगे तुम्हारी मम्मी तुम्हारा ख्याल रखने को बोल कर गयी है। तो मैं शाम के करीब सात बजे चली गयी। 

अंकल बड़े हॉट लग रहे थे हाथ में बियर का जग था वो बियर पी रहे थे और चिकन खा रहे थे। उन्होंने मुझे खाना खाने को बोला ढेर सारा चिकन था रोटी था मैं टेबल पर बैठ कर खाने लगी। तो उन्होंने कहा बियर पीयेगी तो मैं मना नहीं कर पाई और मैं हां में जवाब दे दिया। उन्होंने फ्रीज़ से बियर का कैन निकाला और दे दिया मैं बियर पीते पीते बोली एक सवाल है मेरे मन में तो होने कहा हां हां पूछो। 

तो मैं बोल दी आप मम्मी को इतना प्यार करते हो आप अपने पास ही क्यों नहीं रख लेते। तो वो हसने लगे बोले देखो मैं तुम्हारे मम्मी की जरूरतों को पूरा करता हूँ और उनके बदले में वो मुझे खुश करती है और मैं उनको खुश करता हूँ। हम दोनों अच्छे दोस्त है। तो मैं बोली आप तो मेरी मम्मी के साथ से भी करते हैं। इतना बोलकर मेरे हाथ पैर थरथराने लगे। उन्होंने कहा हां तुम्हारे पापा तुम्हारी मम्मी को सटिस्फाइड नहीं कर पाते है और तुम्हारी मम्मी पसंद भी नहीं करती हूँ इसलिए उनके साथ मेरे जिस्मानी रिस्ता है। तो मैं बोली क्या आप मुझे भी वो सुख दे सकते हो। और मेरे होठ हिलने लगे। तो वो बोली मेरी जान दिन रात तो मेरे मन में यही बात घूमता है की कब तेरी चूत कर दर्शन होगा मुझे। और वो मेरे करीब आ गए। 

मैं वही हाथ धोई और खड़ी हो गयी। उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरी चूचियों पर हाथ रख दिया। जैसे ही वो मेरे जिस्म को सहलाने लगे मैं पागल होने लगी मेरे तन बदन में आग सी लग गयी थी। मैं मदहोश होने लगी। वो मुझे चूमने लगे चाटने लगे। 

ओह्ह्ह्हह्ह या बताऊँ दोस्तों मुझे कैसे लग रहा था अचानक ही मेरा हाथ अंकल जी के लंड को छू गया मोटा लंड खड़ा था। मैं पकड़ ली। उन्होंने कहा चलो बैडरूम में। और हम दोनों ही बैडरूम में आ गया उन्होंने मेरे एक एक करके कपडे उतारते और चूमते। कभी मेरी चूचियां कभी मेरे गाल कभी मेरे होठ मैं ही उनके होठ को चूसने लगी और दोनों दोनों ने लिप्स को लॉक कर लिया अब वो मेरी चूचियों को दबाते हुए चूत पर अपना हाथ फेरने लगे। 

मेरी चूत गीली हो गयी और उन्होंने मेरी दोनों टैंगो को अलग अलग करके चाटने लगे। कभी जीभ घुमाते मेरी चूत पर तो मेरी मुँह खुला का खुला ही रह जाता। पुरे शरीर पर करंट दौड़ जाता। उन्होंने करीब एक घंटे तक मेरे जिस्म को छुआ देखा और फिर अपना मोटा लंड मेरी मुँह में दे दिया। 

मैं करीब दस मिनट तक उनके लंड को चूसते रही। पर अब मुझे उनका लंड मुँह में नहीं बल्कि चुत में चाहिए था। मैं कहा मुझे चोद दो। उन्होंने मेरे दोनों टांगो को अलग अलग किया और अपना लंड मेरी चूत के छेद पर रखा और जोर से पेल दिया। पूरा लंड तीन से चार झटके में अंदर चला गया। 

अब वो मुझे बड़े ही सिद्दत से मुझे प्यार करते और मुझे चोदते। कभी वो बैठा कर कभी उल्टा कर के कभी निचे से कभी ऊपर से। मुझे उन्होंने पागल कर दिया था अपनी अलग अलग चुदाई के स्टाइल से। मैं पूरी रात उनके साथ रही क्यों की घर में कोई नहीं था तो कोई दिक्कत नहीं था। 

रात भर मुझे अपने करीब सुलाए और चुदाई किया। अब तो रोजाना बिना चुदे नहीं रह रही हूँ। अब मम्मी भी आ गयी है। मम्मी भी चुदती होगी और मैं तो रोजाना चुदती हूँ। मैं अपनी दूसरी कहानी जल्द ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लेकर आउंगी तक तक के लिए धन्यवाद