अपनी माँ को गैर मर्द से चूदते देखा Part 1

हमारी गोशाला घर से लगभग एक फर्लांग दूर थी घर में सिर्फ मेरी बहन थी जो 15वें साल में चल रही  थी और 9 वीं में पढ़ रही थी ,उस दिन वो शहर मौसी के घर गयी हुई थी ,उसका एक हफ्ते का टूर था पापा की पोस्टिंग मणिपुर में थी ,मम्मी की उमर करीब 42 साल रही होगी अब तो इस घटना को 1 साल बीत चूका है।

मुझे माँ ने कहा कि मैं  जानवरों को चारा देने जा रही हूँ  ,माँ ने मुझे कहा की तू पढ़ाई कर  मैं वहां गया तो रात के 9  बजे थे तक बस  अभी गई और अभी आई ,माँ लगबह 10 मिनट मी आ जाया करती थी पर माँ अभी तक नहीं आई थी ,मेरा मन घर में नहीं लगा मैं भी गोशाला की तरफ चला गया गोशाला की लाइट जल रही थी लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था मुझे कुछ शक हुआ और मैं खिड़की की तरफ से देखने की कोशिश करने लगा ,खिड़की भी बंद थी पर अंदर का साफ़ दिख रहा था क्योंकि खिड़की पुराणी पड़  चुकी थी ,मैने अंदर माँ के साथ गांव के एक अनजान मर्द  को देखा जो  काफी तंदरुस्त था उसने माँ को अपनी छाती में भींच रखा था और पीछे से माँ की दुदियाँ दबा रहा था था ,माँ की आंखेंं बंद थी और माँ उसश : उशहह कर रही थी ,फिर माँ ने गर्दन घूमा कर कहा सुनो तो अब इतना क्यों तडफा रहे हो ?
जल्दी से कर दो न ,कोई  आ गया तो मुसीबत हो जाएगी ,तभी उस आदमी ने कहा की चल पेटीकोट उठा और चर पर झुक जा माँ जल्दी से गई और पीछे से साड़ी और पेटीकोट दोनों उठा दिए उफ्फ्फ माँ की गाण्ड तो बहुत सुन्दर थी ,और चौड़ी थी पर  माँ की काली भोसड़ी देख कर मेरा लुल्ली  टनकने लग गयी  ,
तभी उस आदमी  ने अपना पाजामा  निचे करा और फिर कच्छा खोला तो उसका मोटा लौड़ा देख कर मैं हैरान रह गया बस उसने माँ की भोसड़ी पर हथेली फेरी और कहा सरला आज तुझे  यहीं मुतवा  दूँगा माँ चुपचाप थी और जैसे ही उसने मोटा लण्ड  माँ की जाँघों के बीच में टिका कर जैसे ही धक्का मारा की सिसकारी निकल गई मैने आज अचानक माँ को और उसे इस हालत में देख लिया था ,फिर वो धक्के मारता रहा और उसका मोटा लम्बा लौड़ा माँ के छेद में अंदर बाहर होता रहा ,उसके मोटे काले बड़े चूतड़ों के बीच से मुझे उसके बड़े बड़े आंड उछलते दिखाई दे रहे थे ,माँ उयी उई उस आह आअह्ह कर रही थी तभी उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और फिर अचानक लौड़ा बाहर निकाल दिया और बगल में खड़ा हो गया  मैने बड़ी तेजी से माँ  को पेशाब की तीन चार मोटी मोटी धार मारते देखा उस साले ने वास्तव में माँ से मुतवा दिया था ,बस इसके बाद  उसने फिर से माँ के अंदर पेल दिया और माँ सिसकारियाँ भरने लगी माँ ने अपनी  टाँगें चौड़ी कर ली ,
और तभी उस  अपने चूतड़  के पीछे सटा दिए उसकी और माँ की की टाँगें कांपने लगी ,और फिर दोनों शान्त हो गए ,
माँ सीधी खड़ी हो गई थी और उसका काला लौड़ा मुरझा सा गया था ,तभी मेरे पैर के नीचे से ईंट का अद्धा लुढ़क गया और मेरा हाथ सरिए से छूट गया मेरी चप्पलोंं में कीचड़ लग चुका था मैं घबरा कर भाग खड़ा हुआ थोड़ी देर बाद माँ भी आ गई पर कुछ घबराई हुई सी थी ,वो मुझसे आँखें नहीं मिला प रही थी ,माँ ने गेट का ताला लगाया उस समय रात के साढ़े ९ बजे थे ,माँ टीवी देखती रही मैं दूसरे कमरे में पढ़ने का नाटक कर रहा था तभी माँ ने कहा रवि यहाँ आ ,मैं डरते डरते गया ,माँ ने सीधा यही पूछा की तू खेत में क्या करने गया था मेने कहा माँ नहीं मैं वहां जाकर क्या करता ?
माँ ने कहा देख झूट मत बोल ,तेरी चप्पलों में कीचड़ लगा हुआ है ,है या नहीं ? माँ ने कहा बता तूने क्या देखा मेने कहा कुछ नहीं माँ मई तो ऐसे ही टहलने चला गया था क्योंकि तुम लेट हो गई थी।
माँ ने मुझे कहा कि देख सच सच बता दे ,मैं तुझे 1000 रुपए दूंगी वैसे किसी ने तुझे भागते हुए देखा और मुझे बताया कि तेरा बेटा यहाँ से भागा था ,वो तुझे ढूंढ रहा है मेरा सिर चकराने लगा माँ किचन में गई और मेरे लिए पानी लेकर आई ,माँ ने कहा देख उससे डरने  बात नहीं है बस इतना बता दे कि खिड़की से क्या देखा था ? तब मैने माँ को सब कुछ बता दिया ,माँ ने कहा कि देख अब जो तूने देखा है अपने पापा ,बहन या फिर किसी से जीकर मत करना ,इसमें हमारे परिवार की बदनामी होगी ,और वो आदमी कहीं से आया है और एक बिल्डिंग बना रहा है महीने बाद वो चला जायेगा ,और वो मुझे वहां आने के लिए मजबूर करता है क्योंकि अभी 2 महीने पहले की बात है मैने सानी बना के जानवरों को दी थी और जैसे ही लाइट बंद करके दरवाजे बंद करने लगी तभी अँधेरे में किसी ने मुझे अंदर गोशाला में फिर से ढकेल दिया ,उसने लाइट जलाई तो मैने देखा ये एक ठेकेदार था जो पड़ोस में बिल्डिंग बनवा रहा था मैने उसे गालियां दी तो उसने अंदर से जल्दी से कुण्डी लगा दी और मुझे चरी के गट्ठे पर लिटा दिया उसने मेरा मुंह बंद कर दिया और कहा की देख तेरा मर्द बाहर है मेरी बीबी यहाँ नहीं  रहती है रात का टाइम है तेरे बच्चे तो यहाँ आने से तो रहे तो अभी चुपचाप लेट जा और जो मैं कर रहा  दे ,तेरे मर्द को भी पता नहीं लगेगा चिल्लाएगी तो मई तेरी चुदाई न भी करूँ तो सबको पता लग जायेगा और तेरी बदनामी होगी ,बस इतना कह कर वो मेरे ऊपर सवार हो गया और जब  मन नहीं भरा तब तक अपनी मनमर्जी करता रहा
 इसके बाद वो ये कह कर  चला गया कि देख  अब चुप रहने में ही तेरी भलाई है वरना तेरी लौंडिया की मैं या तो खुद या फिर अपने मजदूरों से चुदाई करवा दूंगा बस अब सोच ले ,तभी मेरे मन में सोनिया का मासूम चेहरा घूम गया क्योंकि वो आदमी काफी तगड़ा था और मुझे लगा  अगर मैने इसकी बात नहीं मानी तो ये सोनिया  को कहीं भी पकड़ कर उसके साथ रेप कर सकता है ,और बेचारी इसे झेल नहीं पायेगी ,और ये साला तेरे पापा को बता देगा तो वो क्या करेंगें मुझे भी नहीं पता।
तब से मैं यहाँ आकर कई बार इसकी प्यास बुझा चुकी हूँ ,और आज तूने देख ही लिया ,ये अब २ महीने बाद जाने वाला है ,माँ ने कहा कि अच्छा सच बता कि तुझे कैसा लगा जब वो मेरे साथ सैक्स कर रहा था तुझे जरूर मजा आया होगा ,मेने माँ को कहा हाँ बहुत मजा  रहा था ,माँ ने कहा देख राहुल ये मजा तू यहाँ भी ले सकता है और इसी घर में ,मैने पूछा मम्मी क्या तुमने ठेकेदार को घर बुला लिया क्या ? मम्मी ने कहा अरे नहीं ,देख जब तक सोनिया मौसी के यहाँ है हम दोनों यहीं सोएंगे ,पर आज उसने मुझे काफी थका दिया है जा तू अब सो जा कल रात को तू मेरे पूरे बदन को अच्छी तरह से देखना और हाथ भी फेर लेना।
इसके बाद मैं अपने कमरे में आ गया और मम्मी की हरकतों के बारे में सोचने लगा फिर पता नहीं कब मेरी आंख लग गयी ,अगले दिन रात का खाना खाने के बाद मम्मी किचन में बर्तन साफ़ करने चली गई और मुझे कहा कि जा  तू  जल्दी से जा और बाथरूम में नीचे पानी  से अच्छे  से धोकर आ ,तू मेरे कमरे में आराम कर ले मैं थोड़ी देर में आ जाउंगी ,इसके बाद मम्मी आ गयी और मम्मी मेरी बगल में लेट गई मम्मी ने मुझसे टीशर्ट और केपरी उतरवा ली उन्होंने भी खुद साड़ी  उतार दी,इसके बाद मम्मी ने मुझे अपनी बाँहों में हलके से दबा लिया बारिश का मौसम था और बाहर तेज बारिश हो रही थी मुझे उनकी गर्मी मिलने लगी मम्मी ने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए फिर अचानक उठी और खिड़की लगा दी ,कमरे में फूल लाइट थी , में अजीब सी झनझनाहट गई ,
मम्मी ने मेरी बनियान भी उतार दी और मुझे कहा की राहुल मेरे ब्लाउज़ के बटन खोल मेने वैसा ही किया मम्मी की गोरी गोरी दुदियाँ देख कर मेरा मन अजीब सा हो गया ,मम्मी ने कहा  राहुल इन्हे हलके हलके दबा मैं  दबने लगा तो उन्होंने अपना ब्लाउज़ ही उतार दिया फिर इसके बाद उन्होंने मुझे कहा की अब मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दे ,इस बिच उन्होंने अपना हाथ मेरे कच्छे में डाल दिया था मेरा मन हिलोरें लेने लगा।
मेने जैसे ही मम्मी का पेटीकोट खोला तो मम्मी की सुन्दर गोरी और चौड़ी गाण्ड देख कर मेरा मन उन्हें प्यार होने का करने लगा मेने मम्मी को अपनी भींच लिया मम्मी ने मेरा कच्छा निकाल दिया ,मम्मी ने कहा देख राहुल आज की रात तू मेरे बदन को देख और मई तेरे। यहन हम दोनों के आलावा कोई भी नहीं है ,अब हम दोनों नंगे थे मम्मी मेरे छोटे से ४ इंची लण्ड को धीरे धीरे सहलाने लगी मेरे तन बदन में आग सी लग रही थी ,मई मम्मी का पूरा बदन घूरने लगा  मम्मी ने कहा   ऐसे क्या घूर रहा है हाथ फेर ले मेरा धेठ खुल गया और मेने मम्मी के चूतड़ दबा दिए मम्मी ने कहा कैसे लगे मेरे तरबूज ?मेने कहा मम्मी बहुत मस्त हैं ,मम्मी मेरे लण्ड को चूसने लगी मेरा लं तन कर ५ इंच  हो चूका था , अपनी जांघें फेला दी और कहा की इनके बीच  में वो चीज़ देख जिसे वो ठेकेदार बजा रहा था ,मैं  झुका और मम्मी ने कहा इस पर चुम्मी ले ,मेने ऐसा ही किया उन्होंने कहा की आज से ये तेरी  गयी उनकी जांघों के बीच में घने काले बाल देख कर मेरा लण्ड छटपटाने लगा ,माँ मेरी हालत देख रही थी ,मेरे लण्ड का सुपाड़ा खाल से बाहर आने को बेताब होने लगा पर मैने कभी भी आज तक मुठ नहीं मारी थी ,इसलिए मुझे भी  खाल पर तनाव महसूस हो रहा था ,मम्मी ने मेरे सुपाड़े के जरा से हिस्से पर जीभ फिराई मेरा बुरा हाल हो गया ,
मम्मी ने कहा की देख इस पर हाथ फेर ये चूत है और जो मर्दों को बेहद  पसंद होती है इसी छेद में लड़के या मर्द अपना लौड़ा या लण्ड घुसा कर तब तक अपने चूतड़ों से धक्के मारते रहते हैं जब तक उनका वीर्य चूत के अंदर नहीं झड़ता ,और चूत के बिलकुल आखिरी छोर पर अंदर एक मांस की टाइट गांठ होती है जिसका मुंह सुपाड़े की तरह  रहता है बस लण्ड के धक्के जब तक उस पर कस  कस कर नहीं लगते तब तक लड़की हो या औरत उसका बदन ठण्डा नहीं होता और न ही उसकी संतुष्टी ,क्योंकि धक्कोंं से बच्चेदानी में मीठा मीठा दर्द उठता है और औरत मस्त होकर तरह तरह की आवाजें निकालने लगती है ,अनट्रेंड लड़के सोचतें हैं की औरत को बहुत दर्द हो रहा है और वो अपनी रफ़्तार कम कर देते हैं ,जबकि होशियार मर्द इस बात को ताड़ लेते हैं और दुगुनी रफ़्तार से चोदना शुरू कर देते हैं ,अब मेरा भी मन हो रहा था कि मैं  मम्मी को चोद  डालूँ ,मैं जैसे ही लण्ड पकड़ कर आगे बढ़ा मम्मी ने  कहा राहुल प्लीज अभी नहीं ,मेरी चूत पर चाट और इसके होंठ फेला कर देख कि छेद कितना बड़ा है ?मैने उनकी चूत चाटनी शुरू करी तो माँ आह आह करने लगी जैसे ही मेने जीभ अंदर डाली मम्मी ने मे्रे सिर के बाल जकड़ लिए फिर मेरे से नहीं रहा गया और मेने उनक उनकी चूत में ऊँगली पेल दी ,मम्मी ने जांघें और चौड़ी कर ली,उन्होंने कहा राहुल अब लौड़ा पेल दे मेरे से भी नहीं रहे जा रहा है,और मेने लण्ड छेद में दल तो ऐसे लगा जैसे रेशम के गुब्बारे में लौड़ा पेल दिया हो ,मुझे लैंड पेलते समय ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी,क्योंकि आराम से 4 -5 बार में पूरा चला गया मम्मी ने कहा पंजों के बल बैठ और मेरी दोनों टाँगें अच्छे से पकड़ ले इसके साथ ही मम्मी ने अपनी दोनों टाँगें ऊपर उठा ली,बस इसके बाद  मैं धीरे धीरे उस ठेकेदार की तरह अपनी गाण्ड हिलाने लगा मुझे मस्ती छाने लगी और मेने एक जोरदार धक्का कस कर मारा माँ के मुंह से हिचकी निकल गई ,और साथ ही मेरे मुंह से आहह मम्मी  निकल गया ,मुझे अपने लण्ड  चिरचिरी यानि की जलन महसूस हुई
मम्मी ने पूछा क्या हुआ मेरे राजा बेटे को ? मैने बता दिया मम्मी नीचे जलन सी हुई है ,मम्मी ने कहा हाँ तेरी खाल अभी ताजे लण्ड की सुरक्षा के लिए थी लगता है तूने कभी मुठ नहीं मारी होगी घबरा मत अब तू कुंवारा नहीं रहा ,और तेरी खाल उलट गई होगी इतना कह कर मम्मी ने अपनी गोरी गाण्ड उछाली और मैं जलन भूलकर मम्मी को पूरी ताकत से चोदने लगा उनकी पजेबोंं की सुरीली आवाज मैं पहली बार सुन रहा था शायद लड़के तभी कहते होंगें कि साली को तबियत्त से बजाया ,
जैसे जैसे मैं  लौड़ा पेल रहा था  माँ की सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगी बाहर बहुत तेज पानी  बरस रहा था मेरे आंड भारी हो गए थे ,माँ कह रही थी मेरे कुंवारे शेर मुझे जी भर के चोद। मेरी तड़फ मिटा दे जालिम मैं सोनिया को  कुछ भी नहीं बताउंगी ,मेरी सोनिया बच्ची देख तेरी माँ तेरे ही भाई से चुद रही है उई मम्मी आह आह ,मैं गयी इ इ इ इ इ इ। …..आह  और जैसे ही माँ ने मुझे कस कर पकड़ा तभी मुझे लगा की मेरा लण्ड काफी भारी हो  गया और मैने जोश में आकर मम्मी की चूत में काफी गहराई में जाकर 8- 9 धारें कस कस कर मारी ,और इसके साथ ही मम्मी की पकड़ ढीली होती चली गई ,मैं मम्मी के  गोरे बदन पर पसर गया था ,मम्मी मुझे चुम रही थी ,मम्मी ने मेरे चूतड़ थपथपाए ,और कहा राहुल एक दिन मैँ तुझे सोनिया से मजा दिलवाऊंगी पर वो अभी छोटी है ,आज की रात्त मैने तेरी जवानी लूटी है और कुंवार पण उतार दिया   है आज की रात्त तेरी है ,मेरे बदन से जी भर कर खेल और अपनी प्यास बुझा
मम्मी की बातें सुनकर मेरा लण्ड फिर से मस्ताने लग गया और मैने  मम्मी  की चूचियाँ इस बार दबा के कस  दी ,मम्मी मुझे ड्राइंग रूम  ले गयी और सोफे पर घुटने मुंधे करके सिर झुका लिया मम्मी ने कहा राहुल मौका मत चूक और मुझे अगर तेरे लौड़े में दम है तो तब तक उछाल जब तक मैं ना न कर दूँ ,मेरा लौड़ा फिर से हिलने  था मैने मम्मी की चूत थपथपायी  उनकी चूत भैंस की चूत के बराबर ही लम्बी थी जब मैं लौड़ा टिकाने लगा तब मैं उनकी गाण्ड का काला छेद देख  कर मेरे से रहा नहीं गया मैने अपनी ऊँगली पर थूक लगाया और उनकी गांड में आधी ऊँगली घुसेड़ दी मम्मी कराही  राहुल तू इतना भोला नहीं है जितना मैं तुझे समझती थी ,यहाँ नहीं मेरे शेरू ,नीचे वाले में घुसेड़ दे जल्दी से ,और मुझे चोदता रह इस बार मेरा लण्ड पहले से कड़क था ,बस इसके बाद तो मैं मम्मी पर वहशी जानवर की तरह टूट पड़ा मैं मम्मी को हर 7 -8 धक्कों के बाद अपने लण्ड पर उठाने की कोशिश करता था ,पर उनकी गांड काफी  भारी थी  वो  अपनी गांड खुद ही उठा दे रही थी मम्मी की चूत  होंठ तन गए थे अंदर से झाग बाहर आ रहा था ,और बड़ी गंदी गंदी आवाजें उनकी चूत से आने लगी थी जब मैने मस्ती में में आकर अपनी रफ़्तार बढ़ायी तो मम्मी ने अपनी हथेली मेरे पेट पर सटा कर मुझे पीछे धकेलने लगी मैने कहा क्या हुआ मम्मी ?उन्होंने कहा मैं  तो समझ रही थी कि तू ठेकेदार की तरह मुझेे जल्दी छोड़ देगा उसका बड़ा तो काफी है पर तेरे लण्ड में बहुत करंट है ,इतना सुनते ही मैने मम्मी की कमर पकड़ी और फिर से चुदाई शुरू कर दी ,मम्मी पता नहीं कैसे मेरी पकड़ से छूट गई और किचन की तरफ नंगी भागी ,मैं भी तना हुआ लौड़ा लेकर भागा ,मम्मी कह रही थी राहुल प्लीज अब मुझे बकश  दे ,मगर मुझे औरत का मजा आने लगा था और बिना झड़े मैं उन्हें नहीं छोड़ सकता था मैने मम्मी की चुम्मियां ली और कहा तो  फिर तुमने मुझे ये चस्का क्यों लगाया ?
मम्मी ने मुझे बाँहों में पकड़ लिया और कहा बस अब मैं सँतुष्ट हो गई हूँ ,पर तभी मैने उनकी टांग उठायी और किचन के स्लैब पर टिका दी इससे पहले कि वो ठंडी होती मैने अपना लण्ड उनकी फुद्दी में घुसेड़ दिया ,मैं पूरी ताकत से उन्हें पेलने लग गया ,मम्मी अब न नहीं कर रही थी शायद उन्हें इस बीच में थोड़ा आराम मिल चूका था ,बस फिर मैने उन्हें वहीं किचन में करीब ५ मिनट  तक नॉन स्टॉप चोदा और वीर्य अंदर फेंक दिया। जब मैने लण्ड बाहर निकाला तो साथ साथ उनकी योनि से सफ़ेद गाढ़ा वीर्य जमीन पर गिरता चला गया ,उन्होंने टाँग स्लैब से नीचे उतार दी ,अबहम दोनों थक चुके थे मम्मी के चेहरे से भी लग रहा था और  मेरा बदन भी ढीला पड़ चूका था ,मम्मी ने मेरी तरफ देखा और कहा की तू चल और बिस्तर पर लेट जा मैं तेरे लिए गुनगुना दूध लेकर आती हूँ ,
और 5 मिनट बाद ही मम्मी दूध लेकर आ गई मम्मी ने मुझे कहा की तेरा जो वीर्य निकला है उसकी जिम्मेदार मई हूँ ले इसे पि ले तो फिर  ताकत बनी रहती है , इसके बाद हम दोनों ने एक साथ ही नंगे बाथरूम में पेशाब करी मम्मी की चूत से वहां भी सफ़ेद सफ़ेद निकला। फिर हम दोनों नंगे हो बिस्तर पर  मेरा मन फिर से मम्मी को बजाने का हो रहा था मेने मम्मी  के चूतड़ों पर हाथ रखा  तो मम्मी ने प्यार से मेरा हाथ हटा दिया और कहा चल चुपचाप सो जा अभी तेरी नसें बहुत कच्ची हैं ,
हाँ अगर तू ४-५ दिन  दिन बाद करता रहेगा तो तेरा हथियार और लम्बा मोटा हो जायेगा और तुझे औरतें पसंद करने लगेंगी ,
और हाँ जब सोनिया आ जायेगी तो तू और वो एक कमरे में नहीं सोएंगे वो मेरे साथ सोएगी क्योंकि तू उसे भी पकड़ लेगा ,जब मुझेे लगेगा कि आज मैं थकी हुई हूँ तो मैं खुद सोनिया को  अपने सामने ही तेरे हवाले करुँगी लेकिन तेरे पापा को पता नहीं चलना चाहिए. वरना वो हम सबको गोली मार देंगे ,बस इसके बाद हम सो गए। …….
प्रेषक : रोबिन सिंह