पढ़ें एक हॉट हिंदी सेक्स स्टोरी, जहाँ नेहा ने अपनी मम्मी को दूध वाले अंकल से चुदते हुए देखा, और पापा वहीँ कुर्सी पर बैठे मजे ले रहे थे! यह स्टोरी स्टेमी इंडियन एडल्ट टेल्स से भरी है, जिसमें देसी चुदाई, भाभी की फैंटसी, और वाइल्ड मज़े हैं। नेहा की हैरानी और उत्तेजना इसे और गरम बनाती है—जब उसकी चूत गीली हो गई, और वो खुद चुदाई में शामिल हो गई। यह कहानी आपकी चूत को गरम कर देगी, और आपके लंड को तड़पाएगी। तैयार हो जाइए, क्यूँकि यहाँ चुदाई का तूफान है!
Mummy Ki Chudai – Hot Hindi Sex Story with Desi Milkman
मेरा नाम नेहा है। मैं 19 साल की हूँ, एक जवान, गोरी लड़की, जिसका जिस्म किसी को भी पागल कर दे। मेरा चिकना, गोरा बदन, छोटे लेकिन सख्त चूचियाँ जो टॉप में उभरती हैं, और मोटी, गोल, भारी गांड जो जींस में लचकती है, किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर सकती हैं। मेरी चूत हमेशा गीली, गरम और भूखी रहती थी, लेकिन मैं अभी कुंवारी थी, और अपनी उंगलियों से अपनी चूत की तड़प शांत करती थी। मेरे मम्मी, सुमन, 42 साल की थीं—एक सुंदर, सेक्सी औरत, जिसकी मोटी, रसीले चूचियाँ और भारी, गोल चूतड़ किसी को भी लंड खड़ा कर देती थीं। मेरे पापा, रमेश, 45 साल के थे—लंबे, सांवले, और मज़बूत जिस्म वाले, लेकिन उनकी आँखों में एक अजीब सी शांति थी। हमारे घर में दूध वाला अंकल, हरि, 50 साल का था—लंबा, सांवला, और मज़बूत जिस्म, जिसकी पैंट में मोटा, 9 इंच का लंड साफ उभरता था। हरि अंकल रोज़ सुबह दूध लाते थे, और मैंने कई बार उसकी नज़रों में मम्मी की चूचियों और चूतड़ के लिए भूख देखी थी।
हमारा घर शहर के एक शांत मोहल्ले में था, जहाँ सुबह की हवा ताजी होती थी। एक दिन सुबह मैं कॉलेज जाने की तैयारी कर रही थी। मैंने एक टाइट, नीले टॉप और छोटे शॉर्ट्स पहने थे, जिसमें मेरी चूचियाँ उभर रही थीं, और मेरी गांड लचकती दिख रही थी। मेरी चूत गीली हो रही थी, क्योंकि मैंने रात को अपनी चूत में उंगली डालकर सपना देखा था कि कोई मर्द मेरी चूत को चोद रहा है। मैंने मम्मी को हॉल में बुलाया, लेकिन वो नहीं आईं। मैंने सोचा, “मम्मी कहाँ हैं? पापा भी गायब हैं।” मैंने घर में ढूंढा, और फिर छत की तरफ बढ़ी। हमारे घर की छत एक खुला जगह थी, जहां सुबह की धूप पड़ती थी।
जब मैं छत पर पहुंची, मेरी साँसें थम गईं। वहां मम्मी और हरि अंकल थे, और पापा एक कुर्सी पर बैठे थे। मम्मी की साड़ी पूरी खुली हुई थी, उनकी मोटी, रसीले चूचियाँ नंगी थीं, और उनकी गांड हवा में लटक रही थी। हरि अंकल सिर्फ एक लुंगी में थे, और उनका मोटा, 9 इंच का लंड बाहर लहरा रहा था, नसें उभरी हुई और सुपारा लाल, चमकदार। मम्मी की चूत गीली और गरम थी, और हरि अंकल का लंड उसकी चूत में घुसा हुआ था। पापा कुर्सी पर बैठे थे, शांति से सिगरेट पी रहे थे, और उनकी पैंट में उनका लंड तन गया था। मैं हैरान हो गई, “ये क्या हो रहा है? मम्मी हरि अंकल से चुद रही हैं, और पापा वहीँ बैठे हैं… वो भी मजे ले रहे हैं!” मेरी चूत गीली हो गई, और मेरे निप्पल सख्त होकर टॉप से उभरने लगे। मैं छिपकर देखने लगी, और मेरी साँसें तेज़ हो गईं।
हरि अंकल मम्मी को घोड़ी बनाकर पीछे से चोद रहे थे। मम्मी की गांड लाल हो गई थी, और हरि अंकल के थप्पड़ों की आवाज़ छत पर गूँज रही थी। मम्मी चिल्ला रही थी, “आह… हरि, मेरी चूत को फाड़ डाल… मेरी गांड को भी चोद!” हरि अंकल का लंड मम्मी की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था, और फच-फच की गीली आवाज़ मेरे कानों में पड़ रही थी। मम्मी की चूचियाँ हवा में लटककर हिल रही थीं, और हरि अंकल ने उन्हें अपने मज़बूत हाथों से मसला। पापा कुर्सी पर बैठे थे, अपनी पैंट खोलकर लंड को रगड़ रहे थे, और बोले, “हरि, मेरी बीवी की चूत को संतुष्ट कर… इसे फाड़ डाल!” मेरी चूत गीली हो गई, और मैं अपनी शॉर्ट्स में उंगली डालने लगी। मैं सिसकी, “आह… मम्मी, पापा, ये क्या हो रहा है? मेरी चूत भी गरम हो रही है!”
हरि अंकल ने मम्मी को बिस्तर पर लिटाया, जो छत पर रखा था। उसकी टाँगें चौड़ी कीं, और उसने अपना लंड मम्मी की चूत में फिर से डाला। मम्मी चिल्लाई, “आह… हरि, मेरी चूत को चोद डाल… इसे फाड़ डाल!” हरि अंकल ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और मम्मी की चूचियाँ उछल रही थीं। उसकी चूत से पानी टपक रहा था, और हरि अंकल का लंड उसे रगड़ रहा था। पापा उठे, अपनी पैंट उतारी, और मम्मी की चूचियाँ चूसने लगे। वो बोले, “सुमन, तेरी चूत को हरि अच्छे से चोद रहा है… मेरी लंड भी तुझसे तड़प रही है।” मम्मी सिसकी, “रमेश, मेरी चूत और गांड दोनों चोदो… हरि के साथ मुझे जन्नत दिखाओ!” मेरी चूत और गीली हो गई, और मैं अपनी शॉर्ट्स में उंगली डालते हुए सिसकी, “आह… मैं भी चुदना चाहती हूँ!”
हरि अंकल ने मम्मी की गांड में लंड डाला। मम्मी की गांड टाइट थी, और वो चीख पड़ी, “आह… मेरी गांड फट गई!” हरि अंकल ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और मम्मी की चूतड़ लाल हो गईं। पापा ने मम्मी की चूत में उंगली डाली, और वो सिसकी, “रमेश, मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ डालो!” मैं छिपकर देख रही थी, मेरी चूत गीली हो रही थी, और मेरे निप्पल टॉप से बाहर निकलने को बेताब थे। मैंने अपनी शॉर्ट्स खोली, अपनी चूत में उंगली डाली, और सिसकी, “आह… मम्मी, पापा, मैं भी चुदना चाहती हूँ… मेरी चूत को लंड चाहिए!”
पापा ने मुझे देख लिया। वो बोले, “नेहा, तू यहाँ क्या कर रही है? तेरा जिस्म तो माल है… तेरी चूत भी गरम है?” मैं शरमाई, लेकिन मेरी चूत टपक रही थी। मैं बोली, “पापा, मेरी चूत को लंड चाहिए… मैं बिना चुदे नहीं रह सकती।” पापा मुस्कुराए, और हरि अंकल ने मुझे बुलाया। वो बोले, “नेहा, तेरा जिस्म तो माल है। मेरी लंड तेरी चूत फाड़ देगी।” मैंने अपनी शॉर्ट्स और टॉप उतारे। मेरी छोटी, सख्त चूचियाँ नंगी हो गईं, और मेरी चूत गीली थी।
हरि अंकल ने मेरी एक चूची को अपने मज़बूत हाथ में लिया और ज़ोर से दबाया। उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पल को मसल रही थीं, और उसकी जीभ मेरी चूची पर घूम रही थी। मैं सिसकी, “आह… अंकल, मेरे चूचियाँ चूस डालो… फाड़ डालो इनको!” उसने मेरी दूसरी चूची को मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। मेरी चूत टपकने लगी। पापा मेरी चूत में उंगली डाले, और बोले, “नेहा, तेरी चूत तो चुदने लायक है… इसे हरि चोदेगा।” मैं चिल्लाई, “पापा, मेरी चूत को लंड दो… इसे फाड़ डाल!”
हरि अंकल ने मुझे बिस्तर पर लिटाया। मेरी टाँगें चौड़ी कीं, और उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। उसका सुपारा मेरी चूत की फाँकों को चीर रहा था। मैं तड़प रही थी, “डाल दे, अंकल… मेरी चूत को चोद डाल!” उसने एक ज़ोरदार झटका मारा, और उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मेरी चूत टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… मेरा हो गया… मेरी चूत फट गई!” हरि अंकल ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। मम्मी और पापा मेरी चूचियाँ चूस रहे थे, और सिसक रहे थे, “नेहा, तेरी चूत को चोदने में मज़ा आ रहा है।” मेरी चूत से खून टपकने लगा, लेकिन मैं सिसकी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत को फाड़ डाल!”
हरि अंकल ने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी मोटी, गोल गांड उसके सामने थी, चिकनी और उभरी हुई। उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारे, और मेरी गांड लाल हो गई। वो बोला, “नेहा, तेरी गांड भी चोदूँगा!” मैं सिसकी, “चोद दे, अंकल… मेरी गांड फाड़ डाल!” उसने अपने लंड पर थूक लगाया, और मेरी गांड में डाला। मेरी गांड टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… मेरी गांड फट गई!” हरि अंकल ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और मेरी चूतड़ लाल हो गईं। मम्मी और पापा मेरी चूचियाँ चूस रहे थे, और सिसक रहे थे, “नेहा, तेरी चूत और गांड को चोदने में मज़ा आ रहा है।”
रात गहराई, और हम चारों की चुदाई का जुनून बढ़ता गया। हरि अंकल ने मम्मी, पापा, और मुझे बेडरूम में ले जाया। उसने मम्मी की चूत में लंड डाला, और मेरी गांड में उंगली डाली। पापा ने मेरी चूत में उंगली डाली, और मम्मी की चूचियाँ चूसीं। हम चारों की चीखें और सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैं चिल्लाई, “आह… हरि अंकल, मेरी चूत को फाड़ डाल… मेरी गांड को भोसड़ा बना डाल!” मम्मी बोलीं, “हरि, मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ डाल!” पापा बोले, “मेरी लंड भी तुझसे तड़प रही है… सुमन, मेरी चूत को चोद!”
हरि अंकल ने हमें बारी-बारी चोदा। उसने मेरी चूत में लंड डाला, और मम्मी की गांड में लंड ठूंस दिया। फिर पापा की चूत में उंगली डाली, और मेरी चूचियाँ चूसीं। हम चारों की चुदाई रात भर चली। मेरी चूत, मम्मी की चूत, और पापा की गांड हरि अंकल के लंड से जवान हो गए।
सुबह हुई, और मैं हरि अंकल, मम्मी, और पापा की बाहों में नंगी पड़ी थी। मेरी चूत सूजकर लाल हो गई थी, गांड फटकर दर्द से काँप रही थी, और मेरे चूचियाँ नीले पड़ गए थे। मम्मी और पापा भी लाल थे। हरि अंकल ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला, “नेहा, तेरी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम हैं।” मैंने उसके लंड को मुँह में लिया और चूसते हुए बोली, “अंकल, मेरी चूत को फिर चोद, इसे फाड़ डाल… मेरी गांड को भी भोसड़ा बना डाल!” मम्मी और पापा भी चुदाई में शामिल हुए, और हम चारों ने सुबह की गरम, जंगली चुदाई शुरू की। यह एक हॉट, वाइल्ड, और हैरान करने वाली रात और सुबह थी, जो कभी खत्म नहीं हुई