इस गरम और सेक्सी हिंदी कहानी में कशिश नाम की लड़की को उसके नाना ने चुदाई का पहला सबक सिखाया। जब मम्मी-पापा घर पर नहीं थे, नाना के मोटे लंड ने कशिश की टाइट चूत को चोदा और उसकी गांड को रगड़ कर ढीला कर दिया। चूचों को चूसते हुए नाना ने उसे रस से भिगोया, और पहली चुदाई से लेकर अब तक कशिश नाना से ही चुदती है। ये उत्तेजक कहानी चुदाई की भूख, नाना की शरारत और कशिश की लत को बयान करती है। तैयार हो जाइए इस बोल्ड और हॉट चुदाई के मज़े के लिए, जो आपके जिस्म में गर्मी भर देगा!
मेरा नाम कशिश है, मैं 20 साल की हूँ। मेरे मम्मी-पापा दोनों नौकरी करते हैं और ज्यादातर बाहर रहते हैं। मैं गर्मियों की छुट्टियों में अपने नाना के गाँव जाती थी। नाना, रघु, 55 साल के थे, लेकिन उनकी मज़बूत कद-काठी और पैंट में उभरता मोटा लंड देखकर मेरी चूत गीली हो जाती थी। उनकी भूरी आँखों में शरारत थी, और वो मुझे अक्सर घूरते थे। मैं भी जानबूझकर टाइट कुर्ती और छोटी सलवार पहनती थी, जिसमें मेरे चूचे और गांड साफ़ दिखें। एक दिन नाना ने मुझे अकेले में पकड़ लिया, और मेरी ज़िंदगी बदल गई।
दोपहर का वक़्त था। मैं छत पर कपड़े सुखा रही थी। नाना पीछे से आए और मेरी कमर पकड़ ली। “कशिश, तू बहुत बड़ी हो गई है, तेरी चूत को लंड चाहिए,” उन्होंने गरम लहजे में कहा। मेरी साँसें रुक गईं। “नाना, ये क्या बोल रहे हो?” मैंने शरमाते हुए कहा, लेकिन मेरी चूत में गुदगुदी शुरू हो गई। उन्होंने मेरी कुर्ती का दुपट्टा खींचा, और मेरे चूचे नंगे हो गए। “क्या मस्त चूचे हैं तेरे, इन्हें चूस-चूस कर लाल कर दूँगा,” नाना ने कहा और एक निप्पल को मुँह में भर लिया। “आह्ह, नाना, चूसो, मेरी चूत गीली हो रही है!” मैं सिसक उठी।
नाना ने मुझे छत पर ही पुआल के ढेर पर लिटा दिया। “कशिश, आज तुझे चुदना सिखाऊँगा,” उन्होंने कहा और मेरी सलवार नीचे सरकाई। मेरी चूत नंगी होकर चमकने लगी। “तेरी चूत तो टाइट है, इसे चोदने का मज़ा आएगा,” नाना ने कहा और अपनी जीभ मेरी चूत पर फेर दी। “आह्ह, नाना, चाटो मेरी चूत, इसे चूस डालो!” मैं चिल्लाई। उन्होंने मेरी चूत के होंठ चाटे, और मेरा रस उनके मुँह में भर गया। “क्या स्वाद है तेरी चूत का, इसे फाड़ने का मन कर रहा है,” नाना ने कहा और अपनी लुंगी उतार दी। उनका मोटा लंड बाहर निकला—लंबा, सख्त और गरम। “नाना, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” मैंने डरते हुए कहा।
उन्होंने मुझे कुतिया की तरह झुका दिया। मेरी छोटी गांड हवा में तन गई। “पहले तेरी चूत चोदूँगा, फिर गांड,” नाना ने कहा और मेरी गांड पर थप्पड़ मारा। “मारो, नाना, मेरी गांड लाल कर दो, फिर अपने लंड से चोदो!” मैं चिल्लाई। उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और धीरे से अंदर धकेला। “आह्ह, मेरी चूत फट गई, धीरे डालो!” मैं चीखी। “शुरुआत में दर्द होगा, कशिश, फिर मज़ा आएगा,” नाना ने कहा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “आह्ह, और जोर से चोदो!” दर्द के बाद मज़ा शुरू हो गया। मेरी चूत उनके लंड को चूस रही थी। “तेरी चूत तो लंड की भूखी है,” नाना ने कहा और मुझे पेलने लगे।
नाना ने मुझे पलटा और मेरे ऊपर चढ़ गए। “अब तेरी चूत को गहरा चोदूँगा,” उन्होंने कहा और लंड मेरी चूत में ठोक दिया। “आह्ह, नाना, मेरी चूत चीर डालो, और तेज़!” मैं चिल्लाई। उनका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “तेरी चूत तो रस से भर गई, इसे चोद-चोद कर ढीली कर दूँगा,” नाना ने कहा और मेरे चूचों को मसलते हुए धक्के मारे। मैंने अपने नाखून उनकी पीठ में गड़ा दिए। “चोदो मुझे, नाना, मुझे चुदाई का मज़ा सिखाओ!” मेरी सिसकियाँ तेज़ हो गईं। छत पर पुआल हिल रहा था, और मेरी चूत उनके लंड की गुलाम बन रही थी।
चुदाई का खेल और गरम हुआ। नाना ने मुझे नीचे कमरे में ले जाया। “कशिश, अब तेरी गांड की बारी है,” उन्होंने कहा और मुझे बिस्तर पर झुका दिया। मेरी गांड हवा में तन गई। “नाना, मेरी गांड में लंड डाल दो!” मैं चिल्लाई। उन्होंने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रगड़ा और एक धक्के में पेल दिया। “आह्ह, मेरी गांड फट गई, और जोर से चोदो!” मेरी चीखें तेज़ हो गईं। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और गांड नाना के लंड को चूस रही थी। “तेरी गांड तो चूत से भी टाइट है, इसे रगड़ डालूँगा!” नाना ने कहा और धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी। मेरी गांड थप-थप की आवाज़ कर रही थी।
नाना ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे होंठ चूसने लगे। “तेरे होंठ तो शहद हैं, इन्हें काट डालूँगा,” उन्होंने कहा और मेरे होंठों को दाँतों से दबाया। मैंने उनका लंड पकड़ा और मसलते हुए कहा, “नाना, मेरी चूत को भी चोदो, मुझे पूरा मज़ा दो!” उन्होंने मुझे फिर से कुतिया बनाया और मेरी चूत में लंड ठोका। “तेरी चूत और गांड दोनों को रस से भर दूँगा,” नाना ने चीखते हुए कहा। मेरी गांड और चूत दोनों थरथरा रही थीं। “चोदो मुझे, नाना, मुझे चुदाई का शौकीन बना दो!” मैं चिल्लाई। उनकी चुदाई से बिस्तर हिल रहा था।
नाना ने मुझे घुटनों पर बिठाया। “अब मेरा लंड चूस, कशिश,” उन्होंने कहा और लंड मेरे होंठों पर रगड़ा। मैंने अपनी जीभ निकाली और उनके लंड को चाटने लगी। “आह्ह, नाना, आपका लंड तो मज़ेदार है, इसे पूरा मुँह में लूँगी,” मैंने कहा और लंड को गले तक ठूँस लिया। उन्होंने मेरे बाल पकड़े और मेरे मुँह में धक्के मारने लगे। “चूस ले मेरे लंड को, तेरे होंठ इसे निचोड़ डालें!” नाना चीखे। मेरी चूत फिर से गीली हो गई, और मैं अपनी उंगलियाँ उसमें डालकर हिलाने लगी। “आपके लंड का रस मेरे मुँह में डाल दो,” मैंने फुसफुसाया।
पहली चुदाई के बाद मेरी प्यास बढ़ गई। नाना हर दिन मुझे चोदने लगे। एक दिन वो मुझे खेत में ले गए। “कशिश, यहाँ तेरी चूत चोदूँगा,” उन्होंने कहा और मुझे झाड़ियों में लिटा दिया। मैंने अपनी सलवार उतारी। “नाना, मेरी चूत को फाड़ दो!” मैं चिल्लाई। उन्होंने लंड मेरी चूत में ठोका और तेज़ी से पेलने लगे। “तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है,” नाना ने कहा। मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे। “आह्ह, और जोर से चोदो!” मैं चीखी। खेत में चुदाई का मज़ा अलग था। उनकी हर धक्के से मेरी चूत रस छोड़ रही थी।
अब नाना से चुदना मेरी आदत बन गई। एक रात वो मेरे कमरे में आए। “कशिश, आज तेरी गांड फिर चोदूँगा,” उन्होंने कहा और मुझे बिस्तर पर झुका दिया। “नाना, मेरी गांड में लंड डालो!” मैंने सिसकते हुए कहा। उन्होंने मेरी गांड में लंड पेल दिया। “आह्ह, मेरी गांड फट गई, और तेज़!” मेरी चीखें कमरे में गूँज रही थीं। “तेरी गांड मेरे लंड की दीवानी है,” नाना ने कहा और मुझे रगड़ने लगे। मेरी चूत से रस टपक रहा था। “चोदो मुझे, नाना, मुझे अपनी रंडी बना दो!” मैं चिल्लाई।
आख़िर में नाना का लंड फट पड़ा। उनका गरम रस मेरी चूत में भर गया, फिर मेरी गांड में, और बाक़ी मेरे चूचों और होंठों पर छिड़क गया। “आह्ह, नाना, आपका रस मेरे मुँह में डाल दो,” मैंने कहा और उनके लंड से टपकते रस को चाट लिया। हम दोनों हाँफते हुए बिस्तर पर गिर पड़े। “कशिश, तूने चुदना सीख लिया,” नाना ने हँसते हुए कहा। “हाँ, और अब आपसे ही चुदती हूँ,” मैंने जवाब दिया। “हर रात चोदूँगा,” नाना ने वादा किया। मेरी चूत और गांड उनकी चुदाई की आदी हो गई थी।
अब मैं नाना के बिना नहीं रह सकती। वो मुझे हर बार नए तरीके से चोदते हैं—कभी खेत में, कभी छत पर, कभी रात को बिस्तर पर। “नाना, आपने मुझे चुदाई का मज़ा सिखाया,” मैंने एक दिन कहा। “कशिश, तेरी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम हैं,” उन्होंने हँसते हुए जवाब दिया। उनकी चुदाई की गर्मी मेरे जिस्म में समा गई थी। अब नाना से ही चुदती हूँ, और ये सिलसिला कभी खत्म नहीं होगा। घर की दीवारें मेरी चुदाई की गवाह बन गई थीं।