हेल्लो दोस्तों, मैं बच्चू यादव नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम का बहुत बड़ा प्रशंशक हूँ। कुछ सालों पहले मेरे एक दोस्त ने मुझे इस वेबसाइट के बारे में बताया था, तब से मैं रोज यहाँ की मस्त मस्त कहानियां पढता हूँ और मजे लेता हूँ। मैं अपने दूसरे दोस्तों को भी इसे पढने को कहता हूँ। पर दोस्तों, आज मैं नॉन वेज स्टोरी पर स्टोरी पढ़ने नही, स्टोरी सुनाने हाजिर हुआ हूँ। आशा करता हूँ की यह कहानी सभी पाठकों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी सच्ची कहानी है।
मैं संत रविदास नगर का रहने वाला हूँ। कुछ दिनों पहले मेरे घर में एक नेपाली लड़का रहने आया। उसने हमारे यहाँ किराए पर घर लिया था। उसका नाम तमांग था। वो पास की एक फैक्टरी में सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी करता था। तमांग अपनी बहन के साथ रहता था और उसकी बहन अभी 12 वी में पढ़ रही थी। उनकी नेपाली भाषा मुझे कम ही समझ आती थी। एक दिन तमांग मुझसे कहने लगा की मैं उसकी जवान बहन को ट्यूशन पढ़ा दूँ। मुझे भी पॉकेट मनी के लिए पैसे की जरूरत थी इसलिए मै तमांग की बहन को ट्यूशन पढ़ाने लगा।
उसकी बहन अंचिता बहुत गोरी और सेक्सी माल थी। दोस्तों, आप तो जानते ही होंगे की नेपाल की लड़कियाँ कितनी सुंदर होती है, बिलकुल खरबूज की तरह लाल लाल होती है। धीरे धीरे मुझे अंचिता बहुत ही अच्छी लगने लगी। नेपाली होने की वजह से उसका कद छोटा था, वो सिर्फ ५ फुट की थी। मगर दोस्तों आइटम सॉलिड थी। मैं तमांग की बहन अंचिता को लाइन मारने लगा। उसका चेहरा गोल था, रंग तो जैसे मलाई जैसा गुलाबी गुलाबी था। नेपाल की लड़कियों के मम्मे भी बहुत कमाल के बड़े बड़े होते है। अंचिता के मम्मे भी ३६” से बड़े ही थे। जब भी मैं उसके कमरे में उसे ट्यूशन पढ़ाने जाता था, दिल करता था उसको चोद लूँ।
“म तपाईलाई प्रेम” एक दिन अंचिता ने मुझसे कहा। वो नेपाली बोल रही थी
“क्या….??? मुझे कुछ समज नही आया” मैंने कहा
“मैं तुमसे प्यार करती हूँ” अंचिता बोली। मुझे ये जानकर बहुत ख़ुशी हुई
“म तपाईलाई प्रेम [मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ]” मैंने भी उसे नेपाली में जवाब दे दिया। हम दोनों हंसने लगे। हम दोनों की सेटिंग हो गयी थी। मैंने अंचिता को कसकर पकड़ लिया और किस करने लगा। नेपाली माल होने के कारण बस उसकी नाक थोड़ी चिपटी थी, और बाकी सब कुछ बहुत मस्त था। मेरा लौड़ा मेरी जींस में ही फनफना उठा। मैं इस नेपाली लौंडिया की जमकर चूत मारना चाहता था। मैं इस वक़्त उसके कमरे में ही था और उसे बिस्तर पर लिटाकर अंचिता के गुलाबी रसीले होठ चूस रहा था। इससे पहले की मैं उसको चोद पाता, उसका नेपाली भाई तमांग आ गया और हम दोनों जल्दी से दूर दूर बैठ गये। अंचिता अपने भाई से बहुत डरती थी। क्यूंकि २ साल पहले एक लड़के ने अंचिता को छेड़ा था तो तमांग ने एक फरसे से उसकी २ उँगलियाँ ही काट डाली थी। ये कहानी सुनकर तो मेरी गांड फट गयी थी। मैं अपनी उँगलियाँ नही कटवाना चाहता था।
कुछ दिनों बाद तमांग को नेपाल किसी जरुरी काम से एक हफ्ते के लिए जाना पड़ा। उसकी माँ की तबियत अचानक खराब हो गयी थी। तमांग जब नेपाल चला गया तो मुझे बहुत खुसी हुई। अब उसकी बहन अंचिता घर पर अकेली थी। तमांग सुबह वाली बस से नेपाल चला गया। रात में मैंने अंचिता को अपने घर में खाना खाने के लिए बुला लिया और फिर रात १० बजे उसके कमरे में आ गया। हम दोनों पागल प्रेमियों की तरह किस करने लगे। इस वक़्त अंचिता ने नारंगी रंग का सलवार सूट पहन रखा था। वो तो मुझे किसी जन्नत की परी लग रही थी। ये नेपाली लड़कियाँ भी सच कितनी खूबसूरत होती है। मैं सोचने लगा। भरा हुआ कसरती बदन, गोरा गदराया जिस्म, जितना दिल करे चोद लो। बस होठ जरा मोटे होते है और नाक चिपटी।
मैं तमांग की बहन अंचिता के साथ प्यार करने लगा। कुछ ही देर में मैंने उसका सलवार सूट निकाल दिया और अपने कपड़े निकाल दिए। उफफ्फ्फ्फ़….क्या गदराया जिस्म था उसका। मैं उसकी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी। उसके उपर मैं लेट गया और उससे प्यार करने लगा। प्यार की मीठी शुरुवात अंचिता के मोटे लेकिन नर्म होठ पीने से हुए। उसके बाद मैं उसके चुच्चो पर आ गये। ३६” के रसीले चुचचो को देखकर मेरी तो तबियत ही रंगीन हो गयी। मैं इस नेपाली माल के मस्त मस्त मम्मे पीने लगा। ओह्ह्ह माई गॉड….कितने बड़े और खूबसूरत मम्मे थे। अंचिता का बदन बहुत भरा हुआ और सेक्सी था। क्या मस्त माल थी वो। मम्मे के चारो तरह गोल गोल लाल रंग के घेरे थे जो मेरा ध्यान उसकी तरफ खीच रहे थे। मैं अंचिता के दूध को मुंह में भरकर पीता रहा और मजा मारता रहा। मैं हाथ से उसके दूध तेज तेज दबा रहा था। इतने मुलायम दूध मैं आजतक नही पिये थे। मैं जीभ लगाकर बड़ी देर तक अंचिता के नेपाली मम्मे पीता रहा। फिर मैंने अपने लौड़े को उसके दूध के बीचो बीच रख दिया और दोनों मम्मो को कसकर पकड़कर मैं जल्दी जल्दी उसके मम्मे चोदने लगा। अंचिता को ये बहुत अच्छा लग रहा था। उसके दूध बहुत मुलायम थे। उस दिन तो मैंने फुल ऐश की और जी भरकर उसके दूध को अपने लंड से चोदा।
मेरी नजर अंचिता के नंगे जिस्म पर पड़ी। १ जोड़ी सुंदर पाँव और उनकी गोल मटोल १० उँगलियाँ, मेरा तो माथा ही घूम गया। मैंने सब कुछ छोड़ के उसके खूबसूरत पावों को चूम लिया। उनकी टाँगे बड़ी की चिकनी, चमकदार और गोरी थी। मैंने उसकी दोनों टांगों को बारी बारी कई बार चूमा। होश उड़ गए। वो शर्म से गड़ी जा रही थी। उसके घुटने भी दुधिया गोरे रंग के थे। मैंने कुछ देर उसके रूप को निहारा और फिर दोनों घुटनों को चूम लिया। अंचिता की चूत की खुशबू मेरी नाक के नथुनों में आने लगी। “उफ्फ्फफ्फ्फ़….इसी रसीली बुर!!” जब टांगे, टखने, पैर इतने खूबसूरत है तो इन सब अंगों की रानी उसकी चूत कैसी होगी?? मैं मन ही मन सोचने लगा। अंचिता की मस्त गदराई जांघो के दर्शन हुए तो लगा की खुदा मिलने वाला है। उसकी जांघे खूब गोल गोल मांसल गदराई हुई थी। उसका सौंदर्य अभूतपूर्व था। भगवान से मेरी माल को बड़ी फुर्सत में बैठकर बनाया था।
मैं अंचिता के मखमली पेट को दिल लगाकर चूमने लगा और उसे प्यार करने लगा। इस दौरान वो भी बहुत जादा उत्तेजित हो गयी थी और मुझसे कसकर चुदवाना चाहती थी। उसके सेक्सी कोमल खाल वाले केक जैसे दिखने वाले गुलाबी पेट को चूमने के बाद मैं उसकी गहरी नाभि पर आ गया और उसमे अपनी जीभ डालने लगा। मैं खूब जी भरकर अंचिता की नाभि चुसी। फिर उसकी गोरी चिकनी टांगो को मैं चूमने लगा और किस करने लगा। इस नेपाली माल की टाँगे बहुत खूबसूरत थी और जांघ का तो कुछ कहना ही क्या।गुलाबी रंग की अंचिता की जांघे मुझे और जादा चुदासा कर रही थी। मैं हर जगह उसकी जांघ को चूम रहा था और दांत से काट रहा था। सच में नेपाली लड़कियाँ बड़ी गजब की माल होती है, मैं सोचने लगा।अंचिता की चूत बिलकुल क्लीन सेव थी। उसने मुझे बताया की नेपाली लड़कियों को झांटे बिलकुल पसंद नही होती है। इसलिए वो रोज अपनी झाटो को साफ कर देती है। चिकनी चमेली चूत को देखकर मेरी तबियत हरी हो गयी थी। मैं उसकी चूत पर झुक गया और मजे से पीने लगा। मैं जोर जोर से उसकी चूत चाटने लगा। मेरी की जीभ के स्पर्श से अंचिता की चूत फूलकर कुप्पा हो गयी। कुछ देर बाद उसे भी चूत पिलाने में मजा आने लगा। मैं उसके चूत के छेद में ऊँगली करने लगा। अंचिता तड़पने लगी।
मैंने उनके यौवन को पीने लगा। अंचिता के सीने की धड़कन मैं सुन सकता था। तमांग की नेपाली बहन मेरा पूरा सहयोग कर रही थी और बिना किसी नखड़े के मजे से मुझे अपनी बुर पिला रही थी। कहीं से किसी भी तरह का विरोध नही था। वो पुरुष ही होता है जिसकी छुअन से एक स्त्री मोम की भांति पिघल जाती है और अपना सबकुछ एक पुरुष को न्योछावर कर देती है। ठीक इसी तरह मुझे अपनी रसीली चूत पिलाने से अंचिता बहुत गर्म हो गयी थी।
वो मुझसे जल्द से जल्द चुदवाना चाहती थी। उसकी आँखों और हाव भाव में काम की मूक सहमती मैं अच्छे से पढ़ सकता था। धीरे धीरे अंचिता खुद ही अपनी चूत और उसके दाने को सहलाने लगी। हम दोनो किसी नवविवाहित जोड़े की प्यार करने लगा। आज इस माल को चोदकर मैं अपनी सुहागरात मनाऊंगा, मैंने सोचा। मैं उसकी चूत में ऊँगली करने लगा। अंचिता उछल पड़ी। उसकी चूत में सनसनी हो रही थी। मैंने हाथ से जोर जोर से चूत में ऊँगली करने लगा। वो मुझे रोकने लगी। पर मै नही रुका। जब अच्छी तरह चूत का रास्ता बन गया तो मैंने जरा थूक हाथ में लिया और लौड़े पर लगाया और अंचिता की चूत में डाल दिया। वो चुदने लगी। मैं उनको चोदने लगा। मैंने उसका चेहरा अपने सामने कर लिया जिससे वो मुझसे नजरे ना चुरा सके। मैं उनको पेलते पेलते ही उनपर लेट गया। अपना अंचिता के मुँह पर रख दिया मैंने और उसके रसीले ओंठ चूसते चूसते उनको ठोकने लगा।
मैंने अंचिता की चूत में अपना १० इंची लौड़ा सरका दिया और मजे से चोदने लगा। किसी चुदासी छिनाल की तरह मैं उसकी दोनों दुधिया जांघे मैंने एक के उपर क्रोस करके रख दी और दोनों पैरो को कसके हाथ से पकड़ के पक पक अंचिता को चोदने लगा।
वो “आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई……” करके चिल्ला रही थी। दोंनो टांगो को क्रोस करके रखने से उसकी चूत उपर की तरफ फूल गयी थी और उसमे मुझे बड़ी गहरी पकड़ मिलने लगी और मैं गचागच उसको चोदने लगा। दोस्तों सबसे कमाल की बात थी की तमांग की नेपाली बहन बिलकुल कुवारी थी और आज मैंने ही इस माल की सील तोड़ी थी। हम दोनों सेक्स में इतने भूखे थे की अंचिता को पता ही नही चला की कब उसकी सील मैं अपने १०” मोटे लंड से तोड़ दी। ये उसे पता ही नही चला। मैं आज इस कुवारी लड़की को घपाघप ठोंक रहा था। मैंने जोर जोर से अपने धक्के लगा रहा था। अंचिता मेरा विशाल लंड खा रही थी और मजे से चुदवा रही थी।
“….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ…….हाईईईईई, उउउहह, आआअहह” अंचिता गर्म सांसे ले रही थी।
अंचिता कांपने लगी और उनका जिस्म थरथराने लगा। फिर मैं जोर जोर से उसका चूत का दाना घिसने लगा और उसकी रसीली चूत में लंड अंदर बाहर करने लगा। अंचिता उतनी ही मस्त होने लगी। वो अपनी कमर उठाने लगी। उनको जैसे मधहोसी छा रही थी। वो अपने दूध को खुद अपने हाथो से जोर जोर से दबाने लगी और अपने मम्मे अपने मुँह की तरफ झुकाकर खुद जीभ से चाटने लगी। ऐसा करते हुए वो एक परफेक्ट चुदासी कुतिया लग रही थी। मैं जल्दी जल्दी तमांग की नेपाली बहन को चोद रहा था। आह दोस्तों, बहुत मजा आ रहा था। मैं इस समय जैसे जन्नत में पहुच गया था। अंचिता मुझे अभूतपूर्व सुन्दरी लग रही थी। उसने अपनी दोनों टाँगे मेरी कमर में लपेट दी और दोनों हाथ मेरी पीठ में डाल दिए और मस्ती से “……उई..उई..उई…. माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. .अहह्ह्ह्हह. ….ही ही ही ही ही…..अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ…” करके चुदवाने लगी।
उसकी ये नशीली चीखे सुनकर मैं वासना का पुजारी बन बैठा था। मेरे अंदर का शैतान जाग चुका था। मेरी आँखे सेक्स और वासना से एकदम लाल और क्रुद्ध हो गयी थी। मैं तमांग की इस नेपाली बहन को आज सारी रात इसकी चूत घिसना चाहता था। कुछ देर बाद मैं तेज धक्को के बीच अपना माल अंचिता की बुर में ही छोड़ दिया। मेरा पहला स्खलन सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुका था और तमांग की नेपाली बहन एक बार चुद चुकी थी। हम दोनों लेट गये और प्यार करने लगे। सच में आज इस चपटी नाक वाली लेकिन भरे हुए जिस्म वाली नेपाली लड़की ने आज तो मुझे पार्टी दे दी थी।
“म तपाईलाई प्रेम [मैं तुमसे प्यार करती हूँ] अंचिता नेपाली भासा में बोली
“म तपाईलाई प्रेम” मैंने भी उससे कहा
उसके बाद हम दोनों किसी पति पत्नी की तरह प्यार करने लगे। अब मैं उसको कमर पर बिठाकर चोदना चाहता था। कुछ देर बाद मैं फिर से अंचिता के दूध पीने लगा और फिर मैंने उसको अपनी कमर पर बिठा लिया। वो अनाड़ी थी क्यूंकि आजतक उसने किसी लड़के से नही चुदवाया था। मैंने उसकी चूत में लंड हाथ से पकड़कर डाल दिया और उसको अपनी कमर पर बिठा लिया। अंचिता को काफी अजीब महसूस हो रहा था। मैंने उसे उठ उठकर चुदवाने को कहा। धीरे धीरे वो सिख गयी। मैं बिस्तर के सिरहाने पर कई तकिया लेकर लेट गया और अब तमांग की नेपाली बहन अंचिता ही सारा काम कर रही थी। वो अपना पिछवाड़ा उठ उठकर चुदवाने लगी और मजे मारने लगी।
मेरे हाथ उसके मस्त मस्त ३६” के गोल गोल दूध पर चले गये और मैं दबा दबाकर मजे लेने लगा। सच में मेरे जीवन का ये एक शानदार पल था। झूलते हुए उसके गोरे गोरे दूध जो जैसे मेरा कत्ल कर रहे थे। अब अंचिता पूरी तरह से लंड पर बैठकर चुदवाना सीख गयी थी। मेरे लौड़े पर उसकी रसीली बुर से बड़ी मीठी और नशीली रगड़ लग रही थी। फिर तमांग की नेपाली बहन पीछे की तरह झुक गयी और उसने दोनों हाथ बिस्तर पर किसी स्टैंड की तरह टिका दिए। इससे उसका बैलेंस बन गया और वो उचक उचककर मजे से चुदवाने लगी। मुझे उसका पूरा भोसड़ा साफ़ साफ़ दिख रहा था। आज तो मैंने उसकी रसीली चूत फाड़कर रख दी थी। वो लगातार गर्म गर्म सिस्कारे लेती जा रही थी। इस तरह उचक उचककर चुदवाने में अंचिता को काफी मेहनत भी करनी पड़ रही थी। पर सायद उसे इतना जादा मजा मिल रहा था की उसे कुछ महसूस नही हो रहा था।
“…..अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्……उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह…..” की आवाज उसके मुंह से निकल रही थी। मुझे एक पल को लगा की मैं झड़ जाऊँगा। इसलिए मैंने जल्दी से तमांग की नेपाली बहन को अपने लंड की सवारी से उतार दिया। वो किसी चुदासी कुतिया की तरह फिर से दोनों टांग फैलाकर लेट गयी। कुछ देर तक मैं उससे दूर ही रहा। मैं बिलकुल नही चाहता था की इतनी जल्दी आउट हो जाऊं। करीब २० मिनट बाद मैंने फिर से उसको अपने लौड़े की सवारी करवा दी। इस बार तो वो जल्दी जल्दी अपनी कमर मेरे लंड पर करने लगी और १५ मिनट बाद हम दोनों एक साथ आउट हो गए। अब तमांग की नेपाली कमसिन बहन मुझसे पूरी तरह से पत चुकी है और रोज मुझे चूत देती है। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।