मेरी चुदाई ऑफिस में : अनामिका और दीपक सर की चुदाई की सच्ची कहानी

दोस्तों, मेरा नाम अनामिका है। मैं अपनी रियल कहानी आपको सुनाने जा रही हूँ। मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट की डेली विजिटर हु, मैं एक टेलकम कंपनी में काम करती थी। कुछ समय बाद वहां पर सुमेर सिंह नाम का लड़का काम करने आया। सबसे पहले मैं आपको अपने जिस्म के बारे में बता दू। मैं केवल 26 साल की हूँ। मेरे छातियाँ दूध से भरी हुई है। मेरे चूत बड़ी रसीली है। मेरे हिप्स पीछे निकले हुए है। 34 का फिगर है।

मैं जब इस टेलीकॉम कंपनी में नई 2 काम करने आई थी तो मैं 20 साल की नासमज लड़की थी। बाद में जो हुआ उससे मैं बहुत समझदार बन गयी थी। हुआ ये की मैं जब नई 2 थी मैं मासूम थी। मुझसे चूत चुदाई, लण्ड बुर, गाड़ मरुवल के बारे में कुछ नही पता था। मेरे काम को अभी एक हफ्ता ही हुआ था मेरा बॉस दीपक मुझसे दूसरी नजरो से अपने कॅबिन से झाक झाक के देखा करता था।

सर, आप मुझसे ऐसे झांक कर क्यों देखते है?? एक दिन मैंने दीपक से पूछ लिया
अनामिका! तुम बड़ी भोली हो। क्या आज शाम तुम मेरे साथ फ़िल्म देखने चालोगी?? दीपक सर ने पूछा
शाम को 5 .30 पर हमारा वाला ऑफिस बन्द हो गया और हम दोनो 6 से 9 वाला शो फ़िल्म देखने चले गए। फ़िल्म सुरु हो गयी तो दीपक सर ने मेरा हाथ पकड़ लिया और किस कर लिया अनामिका तुम बहुत खूबसूरत हो?? क्या तुम नहीं जानती कि जवान लड़के लड़की दोस्त बन जाते है?? दीपक सर बोले

मैं समज नही पा रही थी कि कौन सी दोस्ती की बात चल रही है। मैं पूछ लिया।
अरे अनामिका तुम तो कुछ नही जानती? मैं प्यार मुहब्बत वाली दोस्ती की बात कर रहा हूँ दीपक सर बोले
दीपक सर 30 के थे और मैं 20 की थी उस समय। पर प्यार मुहब्बत की आड़ में उनका इसारा चूत चुदाई की तरफ था। मैं अभी तक चुदाई के बारे में कुछ नही जान पायी थी। मेरे पास मलाईदार चूत थी। मैं इससे सिर्फ मूतती थी।

मैं एक दिन चुदाई का मजा लुंगी मैं नही जानती थी। मैं दीपक सर की बातों में आ गयी। और हर शाम उनसे मिलने लगी। वो मुझसे डोमिनोस पिज़्ज़ा ले जाते। हम मैकडोनाल्ड बर्गर खाने जाते। हम कॉफी पिने जाते। धीरे 2 दीपक सर मेरे हाथ हाथ पकड़ लेते। मैं उनको कुछ नही कहती। फिर एक दिन उन्होंने मेरे गाल पर किस कर दिया। मैं थोडा शर्मा गयी। फिर एक दिन उन्होंने मुझसे ऑटो में पकड़ लिया और चलते ऑटो में मुझे पकड़ लिया।

उन्होंने मुझसे गाल गले हर जगह किस करने लगे। मुझसे भी मजा आने लगा। फिर उनके हाथ मेरे 34 साइज़ गोले दूध भरे मम्मो पर जाने लगा। मुझे उत्तेजना होने लगी। लाइफ में पहली बार मुझसे मजा आने लगा। फिर दीपक सर का हाथ मेरी नागिन जैसी पतली कमर में चला गया। मैं मचल उठी। अब मैं ये दोस्ती वाली बात, ये प्यार मुहब्बत वाली बात समझने लगी। दीपक सर मुझसे चिपकते रहे। ऑटो वाला हम दोनों को चुपके 2 देखता रहा। वो जान गया की लौण्डिया चुदने वाली है।

शाम को रात 10 बजे दीपक सर का फ़ोन आया।
अनामिका सच सच बताना तुमको मजा आया की नही?? उन्होंने पूछा
बहुत मजा आया सर मैं जवाब दिया
ठीक है सन्डे को हम घूमने चलेंगे दीपक सर बोले
दीपक सर मुझसे एक होटेल ले गया। हम दोनों एक कमरे में चले गया। लक्ज़री कमरा था।
अनामिका क्या तुमने कभी पोर्न फ़िल्म देखि है?? दीपक सर ने पूछा

नही सर मैं बोली
दीपक सर ने टीवी पर एक पोर्न फ़िल्म लगा दी। फ़िल्म में एक अमेरिकन लड़की एक मर्द के लण्ड पर बैठ गयी और कुद कूदकर चुदवाने लगी।
अनामिका! क्या तुम जानती हो ये क्या हो रहा है?? दीपक सर ने पूछा
नही सर मैंने शर्माके जवाब दिया
अनामिका ये चुदाई चल रही है। इसमें बड़ा मजा मिलता है दीपक सर बोले
पता नही क्यों मुझसे वो चुदाई वाला वीडियो देखकर बड़ा अच्छा लगा। मुझसे एक अलग अहसास हुआ। मेरे बदन में गर्मी होने लगी। मैं गर्म होने लगी। दीपक सर ने मुझसे बेड पर खीच लिया। वो मुझसे बड़े प्यार ने चूमने चाटने लगे। हम दोनों बेड के सिरहाने पर बहुत से मुलायम तकियों से टेक लगा कर बैठ गए और दोनों पोर्न फ़िल्म देखने लगे।

दीपक सर के साथ मेरी बड़ी 2 छातियों पर जाने लगा। वो हल्के 2 मेरी दुधभरी छतियों को दबाने लगे। ना जाने क्यों मुझसे भी आनंद आने लगा। हम दोनों पोर्न फ़िल्म देखने लगे। इस तरह इक मर्द से होटल में मिलना, पोर्न फ़िल्म देखना, मम्मे दबवाना ये सब कुछ मेरे लिए बिलकुल नया एक्सपीरियंस था। ना जाने क्यों मुझसे मजा आ रहा था।

1 घण्टे तक जमकर चुदाई लीला देखने के बाद मैं बहुत गर्म हो गयी थी। मैं नशे में हो गयी थी। मुझसे पता नही था पर मैं मन ही मन चुदना चाहती थी। दीपक सर अब जोर जोर से मेरी छातियाँ दबाने लगे। मैं इंकार नही किया। मैंभी दबवाने लगी। दीपक जान जान गए की लौण्डिया कुछ नही जानती है। इसे आज कसके चोद लो।

दीपक सर ने टीवी बन्द कर दिया। उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए।
ये क्या सर! आपने अपने कपड़े क्यों उतार दिए?? मैंने भोलेपन से पूछा
अभी जो तुम देख रही थी उसे चुदाई कहते है। हम लोग वही करने जा रहे है दीपक सर बोले
उन्होंने मेरे हरे रंग के टॉप को उतार दिया। मेरे दोनों कबूतर उनके सामने उड़ान भरने लगे। लगा दीपक सर पागल हो गए है। उनकी लार चुने लगी। मेरे कबूतरों को देखकर उनके मुँह में पानी आ गया।

उन्होंने मेरी काली रंग की ब्रा को उतार दिया। मेरे दोनों कबूतर अचानक से उनके सामने आ गए। दीपक सर मेरे कबूतरो को मुँह में भरने के लिये दौड़े। उन्होंने दौड़कर मेरे एक कबूतर को पकड़ लिए और अपने मुँह में भर लिया और पिने लगे। कोई मर्द मेरे कबूतरों को देखकर इस कदर पागल हो जाएगा, मैं नही जानती थी। अब धीरे 2 मैं सब समझने लगी।

दीपक सर किसी रेगिस्तान में प्यासे मुसाफिर की तरह मेरे मम्मो से पानी पिने लगे। वो किसी बच्चे की तरह मेरा दूध पिने लगे। मुझसे भी मजा आने लगा। मेरी चूत गरम होने लगी। मेरी गाड़ भी गर्म होने लगी। फिर दीपक सर ने मेरी दूसरी छाती मुँह में ले ली और आँखे बन्द करके पिने लगे। मेरी छातियाँ अब पहले से जादा फूल गयी और बड़ी हो गयी।

मुझसे अब अपनी छातियाँ चुसवाने में मजा आने लगा। तभी अचानक मुझसे पेसाब लगी। मैं बाथरूम गयी तो देखा की मेरी चूत गीली हो गयी थी। क्या मैं चुदासी हो गयी थी?? मैं सोचने लगी। वापिस आई तो दीपक सर फिरसे दीपक सर मेरी छतियों को पिने लगे। करीब ढेड़ घण्टे तक वो मेरी छतियों को पीटे रहे। मैं भी चुसवाती रही।

देख अनामिका अब हम दोनों चुदाई करेंगे बिलकुल वैसे जैसे देख रहे थे। तुझे भी बड़ा मजा आएगा। दीपक बोले।
मैं मासूम थी। मैंने सिर हिला दिया। दीपक सर ने मेरी जीन्स की गोल बटन खोल दी और उतार दी। सफ़ेद संगमरमर जैसी मेरे गोर 2 पैर देखकर वो मस्त हो गए। वो मेरे पैर की उँगलियों को चूमने लगे जगह जगह। मुझसे भी मजा आने लगा।

उन्होंने मेरी हरे रंग की पंट्टी देखि और मेरी कुवारी चूत की खुसबू उनकी नाक में बस गयी। मेरी पैंटी गीली हो गयी थी। सायद मैं चुदासी थी और एक बार चुदवाना चाहती थी। दीपक सर ने अपनी जीब निकली और मेरी तितली को पैंटी के ऊपर से चूमने लगे। फिर वो मेरी कुंवारी चूत को पैंटी के ऊपर से ही चटने लगे। मेरे बदन में बिजली सी दौड़ने लगे। मेरा सरीर कापने लगा।

दीपक सर ने पेरी पैंटी उतार दी। बाल सफा चिकनी मस्त कुंवारी गोरी बुर देखकर दीपक सर मसमस्त हो गए। एक कुंवारी लौण्डिया उन्हें इतनी आराम ने चुदवाने देगी उन्होंने कभी नहीं सोचा था। वो आइसक्रीम की तरह मेरी चूत चाटने लगे। मेरी चूत किसी सिम की तरह एक्टिव हो गयी थी। नमकीन खारा पानी निकलने लगा था। दीपक सर मेरे नमकीन पानी चाट रहे थे। होटल के कमरे में मैं आज अपने बॉस से चुदने वाली थी।

दीपक सर मेरे बॉस मेरी चूत चाट रहे थे। लाइफ में पहली बार कोई मेरी चूत चाट रहा था। मेरे पुरे शारीर में बिजली सी दौड़ने लगी। मुझसे मजा आने लगा। मेरी पतली सी कमर भी अब नाचने लगी थी। मैं गरम गरम आहे भरने लगी थी जैसे राकेट उड़ने से पहले पीछे से तेज आवाज करता हुआ गैस छोड़ता है और पीछे आग लगी होती है।

दीपक सर मेरी चूत को राकेट की तरह उड़ाने वाले थे। दीपक मेरी चूत में गहराई से अपनी जीभ गड़ाने लगे। मुझसे जादा मजा आने लगा। वो भरी भंगाकुर को भी प्यार से सहलाने लगे। मैं जहाँ से मूतती थी वो छेद भी दीपक सर चाटने लगे। मुझसे जरा नही पता था की बुर चटवाने में इतना मजा आता है।

काफी देर तक बुर चतौवल के बाद दीपक सर मेरी बुर में ऊँगली भी करने लगे। मेरी चूत सील बन्द थी। मैं 20 साल की कुंवारी लड़की थी। दीपक सर मेरी कुंवारी चूत चोदकर अपनी की प्यास भुझाने वाले थे। मैं जानती थी। जब जब मेरी चूत में ऊँगली करते तो मैं पागल हो उठती। लगता था मेरी चूत में अंदर कहीं कोई कोयला भरी भट्टी सुलग रही है। ये जवानी की चुदास थी। मेरी गाड़ में भी हलचल थी।

मैं अनजान और बेखबर थी। मुझसे नही पता था की दीपक सर मेरी गांड भी मरेंगे। उन्होंने उंगली से मेरी चूत फैलाई। सामने गुलाबी रंग की झिल्ली थी जो मेरी चूत का दरवाजा थी। झिल्ली इसलिए थी की कोई मुझसे चोद ना पाए। और इसलिए भी की मेरा आदमी मुझसे सुहागरात में नंगा करके चोदके अपनी प्यास भुजाए।

दीपक सर से अपना स्मार्टफोन निकाला और मेरी सीलबन्द चूत की तस्वीर ले ली।
ये क्या सर?? आपने फ़ोटो क्यों ली?? नहीं ये सरासर गलत है?? इसे डिलीट कीजिये! मैंने तुरंत विरोध किया। मुझसे डर था कहीं दीपक सर ये फ़ोटो किसी को ना दिखा दे।
अरे अनामिका तू बड़ी भोली है। मैंने ये फ़ोटो किसी को नही दिखाऊंगा। मैंने ये इसलिये ली है की तू देख सके की चुदाई के बाद किसी हसींन लड़की की चूत कैसी हो जाती है दीपक सर ने मुझसे समझाया।

मैं समज गयी। दीपक सर से एक के बाद अनेक फ़ोटो मेरी कुंवारी चूत के लिए। कभी चूमते हुए, कभी चाटते हुए, कभी उंगली करते हुए।
देख अनामिका जब कोई हसीन लड़की पहली बार चुदवाती है तो उसे थोडा दर्द होता है, जो बाद में ख़तम हो जाता है। इसलिए थोडा सह लेना दीपक सर ने मुझसे समझाया। मैंने सिर हिला दिया। मैं समज गयी।

दीपक सर ने भी अपनी जीन्स उतार दी। उन्होंने बनियान उतार दी। वो किसी विदेसी ब्रांड का अंडरवेअर पहने थे। उनका पेहलर बहुत बड़ा था। जब उन्होंने अपना पेहलर उतारा तो मैं डर गयी।
नही! नही! सर मैं इसे कैसी लुंगी?? जरा देखिये तो आपका पेहलर कितना बड़ा है?? आखिर ये कहाँ जाएगा?? मैं बेहद डर गयी थी।
अरे अनामिका !! तुम निरी बुद्धो लड़की हो! हर लड़की शूरू 2 में इसी तरह डरती है। फिर उसका डर खत्म हो जाता है दीपक सर ने मुझसे समझाया।

उनका लण्ड तो मेरे बाप से भी बड़ा था। एक बार तो मुझसे लगा की किसी हाथी का लण्ड है। एक जोड़ी खूब बड़ी 2 गोलियां थी और एक बड़ा से पाइप की तरह काला लण्ड था। दीपक से ये सब कहाँ पेलेंगे? इन गोलियों को कितना पानी होगा?? मेरी नाजुक अनचुदी चूत पता नही ये बड़ा सा लण्ड ले पाएगी?? मैं डरी थी। मेरे मन में हजार सवाल थे। मैं घबराई थी।

सर ने मुझसे बड़ा समझाया। मैं शांत हो गयी। उन्होंने मेरी कुंवारी अनचुदी चूत को चाट चाट कर गिला और नरम कर दिया था। सायद पेलवाते वाले मुझसे कम दर्द हो। दीपक सर ने मेरी टांगों को ऊपर हवा में उठा दिया। मेरी चूत एकदम मलाई जैसी किसी राजकुमारी की चूत जैसी थी। दीपक सर ललचा गए और जोर नार से चाटने लगे। उन्होंने अपने लण्ड को मुठ मर के जगाया। मेरी कुंवारी चूत के दरवाजे पर रखा और जोर से धक्का दिया।

10 इंच का लण्ड 5 इंच अंदर मेरी चूत में धस गया।
मर गयी मैं!!हाय मर गयी है!! मैं चिल्लाने लगी। मेरी आँखों में आंसू आ गए। मेरी सील टूटू गयी थी। खून बह रहा था। मेरी गाड़ फट गयी थी। दीपक सर ने मेरी दोनों टैंगो को पकड़ रखा था जैसे कसाई बकरी काटते समय उसे कस के पकड़ लेता है। मैं रोने लगी। मैं अपनी माँ को याद करने लगी।

दीपक सर ने कुछ देर मुझसे आराम दिया। फिर एक जोर का धक्का मारा। 10 इंच का लण्ड मेरी कुंवारी चूत में उत्तर गया। मुझसे एक सेकंड का लिए लगा मैं मर चुकी हूँ। मेरी आँखों के सामने अँधेरा छा गया। मुझसे कुछ सुनाई भी नही दे रहा था। मैं कुछ कहना चाहती थी, पर मेरा गाला जाम हो गया की। मुझसे लगा की कुछ समय के लिए मेरे दिल ने धड़कना बन्द कर दिया। बिस्तर पर दीपक सर ने एक सफ़ेद टॉवल बिछा दिया था।

टॉवल पर हर जगह खून ही खून सन् गया था। दीपक सर मेरी कुंवारी चूत के खून को देखकर excited हो गए और दर्द में ही मुझसे चोदने लगे। मैं लगभग मर चुकी थी। दीपक मुझसे दर्द में ही चोदने लगे। मेरी आँखों के सामने फिर से अँधेरा छा गया। इस तरह मेरे 30 साल के बॉस ने मेरी 20 साल की नाजुक चूत को आधे घण्टे तक मारा। उन गाण्डू ने मुझसे दर्द में ही जमकर चोदा। और बहन का लौड़ा भूल गया की उसने प्रॉमिस किया था की मुझसे दर्द नही होने देगा।

आधे घण्टे दर्द में ही चुदने के बाद मुझसे होश आया। आँख खुली तो देखा मेरा बॉस मुझे किसी जंगली जानवर की तरह चोदे जा रहा है। मन तो हुआ उन गाण्डू को लात घुसो से मारू। पर मैं असहाय थी। अब तक पूरा घण्टा हो गया और दीपक मुझसे लगातार चोदता रहा। अब थोडा दर्द हम हुआ।

ये क्या सर, आपने मुझसे दर्द में ही क्यों पेला?? मैं तुनककर पूछा
अरे अनामिका! तू बड़ी भोली है! एक लड़की का कुंवारापन बस पहली चुदाई में ही खत्म हो जाता है। किसी लड़की को दर्द में ही चोदने में सबसे जादा मजा आता है। अब दूसरी चुदाई में तुझे कुछ पता ही नही चलेगा गाण्डू दीपक बोला

बहन का लौड़ा, मुझे दर्द में जमकर चोद लिया। अब बहाना मारता है मैंने उसे गाली दी।

दीपक आउट हो गया। फिर उसने फोन से ऑर्डर किया। हम दोनों ने लुच किया। जब वो मुझसे दोबारा चोदने लगा तो सच में मुझसे लेसमात्र भी दर्द नही हुए। अपनी टाँग फैला फैलाके मैं भी कसके चुदवाने लगी।

उसके बाद मैं दीपक से हर सन्डे होटल में मिलती और जमकर चुदवाती।