पापा ने अपनी परी की चूत और गांड चोदकर भोसड़ा बना दिया


शीर्षक: “पापा ने अपनी परी की चूत और गांड चोदकर भोसड़ा बना दिया Hot Baap Beti Sex Story, Father Daughter Sex Story in Hindi


मेरा नाम रिया है। मैं 20 साल की हूँ, अपने पापा की लाडली “परी”। मेरा जिस्म ऐसा है कि गली के लड़के मेरे नाम की मुठ मारते हैं। मेरा गोरा, चिकना बदन, बड़े-बड़े रसीले चूचियाँ जो टाइट टॉप में फटने को तैयार रहते हैं, और मोटी, गोल गांड जो शॉर्ट्स में लचकती है, किसी का भी लंड खड़ा कर दे। मेरी चूत हमेशा गीली रहती थी, और रात को मैं अपनी उंगलियाँ उसमें डालकर पापा के लंड की कल्पना करती थी। मेरे पापा, अशोक, 45 साल के थे—लंबे, सांवले, मज़बूत मर्द। उनकी चौड़ी छाती, मोटे हाथ, और पैंट में उभरता मोटा लंड देखकर मेरी चूत टपकने लगती थी। उनकी आँखों में एक जंगली भूख थी, जो मेरे चूचियों और गांड पर टिकती थी। मम्मी 5 साल पहले गुज़र चुकी थीं, और अब घर में सिर्फ मैं और पापा थे।

घर में गर्मी का माहौल

हमारा घर शहर के किनारे था, जहाँ रातें सन्नाटे से भरी होती थीं। पापा फैक्ट्री में काम करते थे और शाम को थके हुए लौटते थे। एक दिन मैं नहाकर बाहर आई। मैंने सिर्फ एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी थी, जिसमें मेरे चूचियाँ साफ झलक रहे थे। मेरे सख्त निप्पल नाइटी से बाहर निकलने को बेताब थे, और मेरी गांड का हर कर्व उसमें चमक रहा था। पापा हॉल में सोफे पर बैठे थे, उनकी पैंट में उनका लंड सख्त होकर तंबू बना रहा था। मैं उनके सामने से जानबूझकर धीरे-धीरे चली, अपनी गांड को हिलाते हुए। पापा की नज़र मेरे जिस्म पर टिक गई। वो अपनी भारी आवाज़ में बोले, “रिया, मेरी परी, तू तो चुदने लायक माल बन गई है। तेरी चूत और गांड देखकर मेरा लंड फटने को तैयार है।” उनकी बात सुनकर मेरी चूत से पानी टपकने लगा। मैं शरमाते हुए बोली, “पापा, आप ये क्या कह रहे हो?” वो उठे, मेरे पास आए और मेरी गांड पर एक थप्पड़ मारकर बोले, “सच कह रहा हूँ, आज तेरी चूत को चोदकर फाड़ दूँगा।”

रात का जंगली खेल

एक रात बारिश की फुहारें खिड़कियों पर पड़ रही थीं। घर में सन्नाटा था, और बिजली गुल हो चुकी थी। मैं अपने कमरे में थी, सिर्फ एक टाइट टॉप और पैंटी में। मेरा टॉप मेरे चूचियों को कसकर दबा रहा था, और मेरे निप्पल सख्त होकर बाहर निकल रहे थे। मेरी पैंटी मेरी चूत से चिपक गई थी, और मेरी गांड का आधा हिस्सा बाहर झाँक रहा था। मैं बिस्तर पर लेटी अपनी चूत में उंगली डाल रही थी, पापा के मोटे लंड की कल्पना करते हुए सिसक रही थी, “आह… पापा, आपकी परी की चूत को चोद दो!” तभी दरवाजा खुला। पापा अंदर आए। वो सिर्फ एक ढीली लुंगी में थे, और उनका मोटा, काला लंड लुंगी से बाहर लटक रहा था। उसकी नसें उभरी हुई थीं, और सुपारा लाल और चमकदार था। वो मेरे पास आए और बोले, “रिया, मेरी परी, तेरी चूत की तड़प देख ली। आज तुझे चोद-चोदकर भोसड़ा बनाऊँगा।” मैं सिसक उठी, “पापा, मुझे चोद दो… मेरी चूत आपके लंड की भूखी है!”

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चूचियों की चुदाई

पापा मेरे ऊपर झुक गए। उनकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं। उन्होंने मेरा टॉप एक झटके में फाड़ दिया। मेरे बड़े, रसीले चूचियाँ उनके सामने नंगे हो गए, गोल और सख्त, निप्पल लाल और उभरे हुए। वो बोले, “रिया, तेरे चूचियाँ तो चूसने और चोदने लायक हैं!” उसने मेरे एक चूची को अपने मोटे हाथ से पकड़ा और ज़ोर से दबाया। मेरे निप्पल उसके अंगूठे से मसलते हुए सख्त हो गए। दूसरी चूची को उसने अपने गर्म, गीले मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसकी जीभ मेरे निप्पल पर तेज़ी से घूम रही थी, और मैं चीख उठी, “आह… पापा, मेरे चूचियाँ चूस डालो… फाड़ डालो!” उसने मेरे निप्पल को अपने दाँतों से काटा, और मेरी चूत में आग लग गई। मैंने उनकी लुंगी खींचकर फेंक दी। उनका 8 इंच का मोटा, काला लंड मेरे सामने लहरा रहा था, उसका सुपारा चिकना और गरम। मैं चिल्लाई, “पापा, आपका लंड मेरी चूत को चोदने के लिए तैयार है!”

चूत का पहला हमला

पापा ने मेरी पैंटी एक झटके में फाड़ दी। मेरी चूत उनके सामने नंगी थी—गुलाबी, टाइट और टपकती हुई। उसकी हर सिलवट साफ दिख रही थी, और मेरे जिस्म की गर्मी से वो और चमक रही थी। पापा ने अपने मोटे हाथ से मेरी चूत को सहलाया। उनकी खुरदुरी उंगलियाँ मेरी चूत की फाँकों में घूम रही थीं। मैं चीखी, “आह… पापा, मेरी चूत में आग लग रही है!” उसने अपनी दो मोटी उंगलियाँ मेरी चूत में ठूंस दीं। मेरी चूत टाइट थी, और उसकी उंगलियों ने उसे खोल दिया। वो बोला, “रिया, मेरी परी, तेरी चूत को मेरा लंड चोदकर चौड़ा करेगा।” उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रखी और चाटना शुरू किया। उसकी गर्म जीभ मेरे चूत के दाने को रगड़ रही थी, और उसने मेरी चूत को अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसा। मैं पागल हो रही थी, “पापा, मेरी चूत चाट डालो… चूसकर फाड़ दो!” मेरी गांड उछल रही थी, और मैं चिल्लाई, “पापा, अब चोद दो… मेरी चूत आपके लंड को खा लेगी!”

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चुदाई का जंगली तूफान

पापा मेरे ऊपर चढ़ गए। उनकी चौड़ी छाती मेरे चूचियों को कुचल रही थी। उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पर रगड़ा। उसका सुपारा मेरी चूत की फाँकों को चीर रहा था। मैं तड़प रही थी, “डाल दे, पापा… मेरी चूत को चोद डालो!” उसने एक ज़ोरदार झटका मारा, और उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मेरी चूत टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… मर गई… पापा, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है!” मेरी चूत से खून टपकने लगा, लेकिन पापा रुके नहीं। उसका लंड मेरी चूत को चोद रहा था—ज़ोर-ज़ोर से, गहराई तक। फच-फच की गीली आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मेरे चूचियाँ उछल रहे थे, और पापा ने उन्हें अपने मोटे हाथों से मसला। वो बोले, “रिया, मेरी परी, तेरी चूत को चोद-चोदकर भोसड़ा बनाऊँगा!” मैं सिसक रही थी, “चोद… और ज़ोर से चोद… पापा, मेरी चूत फाड़ डालो!”

गांड का रसीला हमला

पापा ने मुझे बिस्तर पर उल्टा कर दिया। मेरी मोटी, गोल गांड उनके सामने थी, चिकनी और उभरी हुई। उसने मेरी गांड पर दो ज़ोरदार थप्पड़ मारे, और मेरी गांड लाल होकर हिलने लगी। वो बोला, “रिया, मेरी परी, तेरी गांड को भी चोदकर फाड़ दूँगा!” मैं सिसकते हुए बोली, “चोद दे, पापा… मेरी गांड को अपने लंड से भर दो!” उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी गांड की टाइट छेद पर रगड़ा। उसका मोटा सुपारा मेरी गांड के छेद को छू रहा था। उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका लंड मेरी गांड में आधा घुस गया। मैं चीख पड़ी, “आह… फट गई मेरी गांड… पापा, धीरे!” लेकिन पापा ने मेरी गांड को अपने मोटे हाथों से पकड़ा और पूरा लंड ठूंस दिया। मैं चिल्ला रही थी, “आह… मेरी गांड फट रही है!” उसने मेरी गांड को चोदना शुरू किया—ज़ोर-ज़ोर से, बेरहमी से। उसका लंड मेरी गांड को रगड़ रहा था, और मेरे चूचियाँ हवा में लटककर हिल रहे थे। मेरी चूत टपक रही थी, और उसकी चुदाई मुझे जंगली बना रही थी।

बाथरूम में चुदाई का जलवा

पापा ने मुझे बिस्तर से उठाया और बाथरूम में ले गए। शावर चालू था, और पानी मेरे नंगे जिस्म पर पड़ रहा था। मेरे चूचियाँ पानी से चमक रहे थे, और मेरी गांड गीली होकर और रसीली लग रही थी। पापा ने मुझे दीवार से सटाया। मेरी टाँगें चौड़ी कीं और मेरी चूत में लंड पेल दिया। मैं चिल्लाई, “आह… पापा, मेरी चूत को चोद डालो!” उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। पानी मेरे चूचियों पर टपक रहा था, और पापा ने उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। वो बोले, “रिया, तेरी चूत और चूचियाँ मेरे लंड के लिए बने हैं!” मैं सिसक रही थी, “पापा, मेरी गांड फिर चोदो!” उसने मुझे घुमाया और मेरी गांड में लंड ठूंस दिया। मैं चीखी, “आह… मेरी गांड फट गई!” उसने मेरी गांड को पानी के नीचे चोदा, और उसकी चुदाई से मेरा जिस्म काँप रहा था।

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बिस्तर पर आखिरी चुदाई

पापा ने मुझे फिर बिस्तर पर पटक दिया। मेरी गांड ऊपर की, और उसने पीछे से मेरी चूत में लंड पेल दिया। मैं चिल्लाई, “आह… पापा, तेरा लंड मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ रहा है!” उसने मेरे चूचियाँ अपने हाथों में भरे और ज़ोर-ज़ोर से चोदा। मेरी चूत टपक रही थी, और उसकी चुदाई से बिस्तर की चरमराहट गूँज रही थी। वो बोला, “रिया, मेरी परी, तेरी चूत और गांड को चोदकर भोसड़ा बना दिया!” उसने एक ज़ोरदार धक्के के साथ अपना गरम माल मेरी चूत में छोड़ दिया। उसका माल मेरी चूत में भर गया, और मैं चीखते हुए झड़ गई, “आह… पापा, मेरा हो गया!”

सुबह का नंगा नशा

सुबह हुई, और मैं पापा की बाहों में नंगी पड़ी थी। मेरी चूत सूजकर लाल हो गई थी, गांड फटकर दर्द कर रही थी, और मेरे चूचियाँ उनके दबाने से नीले पड़ गए थे। वो मेरी गांड सहलाते हुए बोले, “रिया, मेरी परी, तुझे चोदकर जन्नत दिखा दी।” मैंने उनके मोटे लंड को सहलाया और सिसकते हुए कहा, “पापा, आपने मेरी चूत और गांड को चोद-चोदकर पूरा संतुष्ट कर दिया।” उस रात के बाद, जब भी मौका मिलता, पापा मुझे चोदते। मेरी चूत और गांड उनके लंड की गुलाम बन गईं।