पेपर के लालच में मैंने चुदवाया अपने सर से

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम नेहा शर्मा है। मै बिहार की रहने वाली हूँ। मै आज अपने जिंदगी की मज़बूरी में हुई चुदाई को सुनाने जा रही हूँ। मेरी उम्र 18 वर्ष है और कद 5 फीट है मेरा फिगर तो कमाल का है उसका साइज़ 33-30-33 है। मेरे पीछे तो लड़के पागल थे, मेरे बड़ी बड़ी आंखे, लाल -२ गाल और गोरा सा बदन को देख कर लड़े बहुत से कमेन्ट भी करते थे। मेरे मम्मे तो गजब के थे गोल गोल मुसम्मी की तरह, बड़े वाले नीम्बू की तरह बड़े बड़े और बहुत सॉफ्ट और गोरे भी थे। मेरी चूत की बात के तो संतरे  की तरह रसीली नाजुक और बहुत मुलायम थी।

 मै बिहार में लाल बिहारी इंटर कॉलेज की छात्र हूँ। मै आप को उस चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ, जिसमे मैंने एक्साम के पेपर को लेकर अपने प्यारे मास्टर जी से चुद गई। मै पढ़ने में बहुत कमजोर थी , इसलिए मेरे पापा ने एक स्कूल के टीचर से मेरी कोचिंग करवा दी। उनका नाम मुकल था, वो कॉलेज में विज्ञान पढते थे और मै विज्ञान में कमजोर थी। पापा ने उनसे बात करके मेरी कोचिंग  उनसे करवा दी।

 रोज कॉलेज के बाद शाम को 4 से 6 मै उनके घर कोचिंग के लिए जाना था। वो मेरे साथ में 8 और लड़कियों को पढते थे, इसीलिए पापा ने मुझे भी वहां जाने के लिए कहा था। मेरे सर की बात करे तो वो अभी जवान थे, उनकी उम्र कोई 24 वर्ष होगी और उनकी अभी तक शादी भी नही हुई थी। मुकुल सर देखने में बहुत स्मार्ट और डैशिंग लगते है। उनकी कद 5.9 होगी वो काफी तगड़े भी ऐसा लगता है की जिम भी जाते है।

मै उनके घर शाम को कोचिंग पढ़ने के लिए जाने लगी। मेरी जवानी इतनी कड़क थी कि मेरे सर भी मुझे देख कर उनकी अन्तरावासना जाग उठती थी। मै एक दिन कोचिंग में बैठी हुई थी, सर ने मुझे खड़ा करते हुए एक सवाल पूछा – फिटकरी का फोर्मुला बताओ ? “मैंने कुछ नही बोला क्योकि मुझे याद नही था”। सर ने मुझसे कहा – “तुम कोचिंग के बाद में मुझसे मिल के जाना तुमसे थोड़ी बात करनी है”।

मैंने कहा – ठीक है।

सारी लड़कियां चली गयी, अब मै अकेली बची थी। सर ने मुझसे पूछा – घर पर कुछ पढ़ती नही हो क्या?  मैंने जवाब दिया – “सर पढ़ती तो हूँ पर ज्यादा समझ में नही आता है” । सर ने कहा तुम ठीक से पढ़ो वरना फेल हो जाओगी। मै फेल होने कि बात से डर गयी। सर ने कहा – “डरो मत मेरे यहाँ के बच्चे कभी भी फेल नही होते है”। मैंने सोचा अब तो भगवान ही मुझे फेल होने से बचा सकता है। मै वहां खड़ी हो कर सर से बातें करते हुए सर को ताड़ रही थी क्योकि सर बहुत हॉट लग रहें थे मेरा तो उन पर दिल आ गया था और मै उनसे चुदना चाहती थी। थोड़ी देर बाद सर ने कहा मुझे ऐसे क्यों देख रही हो नेहा? मैंने कहा सर आप बहुत स्मार्ट लग रहें है।

रात होने वाली थी, तो सर ने कहा – ‘अब जाओ घर देर हो रही है और घर पर पढाई किया करो” मै घर चली आई

 मै अपने कमरे में बैठी पढ़ रही थी। पढते हुए मेरे मन में सर का ख्याल आ गया मैं उनके बारे में सोचकर अपने चूत को हलके हाथ से मसलने लगी। थोड़ी देर बाद मेरा जोश बढ़ने लगा और मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर लिया और अपने लोवर को निकाल दिया। लोअर को निकालने के बाद मैंने अपने उंगलियों से अपने चूत को पिंक पैंटी के ऊपर से ,मसलने लगी। मेरे अंदर कि जिस्म की ज्वाला जलने लगी थी। मै बकाबू होने लगी थी, मैंने अपनी पैंटी को उतार दिया और अपने उंगलियों को अपनी नाजुक सी बुर में डालने लगी। मुझे थोडा कम मजा आ रहा था,  तो मैंने अपने बैग से मार्कर निकाला और उसको अपनी चूत में जल्दी जल्दी डालने लगी। मेरी रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ रही थी और मै …आह आह अह्हह्ह हह  उह उह हुह….. करके सिसक रही थी।  मैंने अपने चूत की गुलाबी और मुलायम दाने को अपने उंगलियों से रगड़ने लगी जिससे मेरे बदन में थिरकन पैदा हो जाती थी ऐसा लगता की मेरी बदन में करंट दौड़ रहा हो।

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बहुत देर तक अपनी चूत में उंगली करती रही और थोड़ी देर बाद मैंने अपनी चूत के पानी को निकल लिया। लब मेरी चुत का पानी निकलने लगा तो मैने अपने चूत के पानी को अपने हाथो से चाटने लगी। मेरी चूत का पानी कितना अच्छा लग रहा था। मारी चूत का पानी निकलने से मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपने कपडे पहन लिए और फिर मै सो गयी।

धीरे धीरे समय बीत रहा था मेरे एक्साम करीब आने लगे थे। एक दिन सर ने मुझे फिर से कोचिंग में रुकने को कहा,  मै कोचिंग में रुकी हुई थी सारे बच्चो के जाने के बाद सर ने मुझसे कहा – एक्साज्म आ रहें है कुछ तैयारी कर रही हो? मैंने कहा – हाँ सर कर रही हूँ लेकिन कुछ भी ठीक से तैयार नही है। थोड़ी देर बाद सर ने मुझसे कहा एक जुगाड हो सकता है? मैंने पूछा – क्या सर

तो सर बोले मै तुम्हारे लिए पेपर का जुगाड कर सकता हूँ, सर की ये बात सुनके मै खुश भी गयी थी लेकिन सर ने मुझसे फिर से कहा – मुझे पैसे की अब कोई लालच है नही , अगर तुम मुझे अपने जिस्म की एक दिन के लिए दर्शन करवादो तो मै तुम्हरे लिए पेपर का जुगाड कर सकता हूँ। पहले तो मैंने सर को गुस्से के नजर से देखा – सर समझे की मै गुस्सा हो गयी हूँ लेकिन सर के साथ मै भी सर से चुदना चाहती थी। मैंने सर से कहा- “सर लेकिन ये बक्त किसी को पता नही चलना चाहिये”। सर खुश होते हुए बोले – “तुम इसकी चिंता मत करो ये बात किसी को पता नही चलेगी”।

मैंने सर से पूछा कब ये काम करना है? सर ने कहा मै बताऊंगा जब करना होगा।

कुछ दिन बीता ,सर ने मुझसे कहा  – कल रविवार है सब बच्चो की छुट्टी है, तुम काल घर पर एक्स्ट्रा क्लास बता कर मेरी कोचिंग में आ जाना। मैंने कहा ठीक है, मै बहुत खुश थी की मुझे अपने मनचाहे टीचर से चुदने को मौका मिलेगा।

मै अगले दिन घर पर तीन घंटे की कोचिंग बता कर सर के कोचिंग में आ गई। सर मेरा इंतज़ार कर रहें थे। सर मुझे देखते ही बहुत खुश हो गये, उनके मन में तो लड्डू फूट रहा था। उन्होंने मुझे अंदर बुला के दरवाजे को अंदर से बंद कर लिया। मैंने अपने बैग को एक किनारे रख दिया और अंदर सर के कमरे में चली गई। सर ने मुझसे कहा – तुम फ्रेश हो जाओ।

फ्रेश होने के बाद जब मै सर के कमरे में आई, तो सर केवल अंडरवेअर में बेड पर बैठे हुए अपने लंड को सहला रहें थे।उनको देख कर मै बावली होने लगी। सर ने उठके मेरे हाथो को पकड कर बेड पर बैठ दिया। खुद जमीन में बैठ कर मेरे हाथो को पकड कर मेरे पतली पतली उंगलियों को अपने हाथो के उगलियों में फस कर मेरे हाथो को चूमने लगे।

मैं भी उनके हाथो को चूमने लगी। मेरे हाथो को चुमते चुमते सर मेरे गर्दन की ओर बढ़ने लगे, और मेरे गर्दन को पीने लगे। मै बैचनी से तडप रही थी, मेरा जोश धीरे धीरे बढ़ने लगा था। और सर मेरे गर्दन को लगातार मेरी गर्दन को पी रहें थे। कुछ देर बाद सर ने अपने हाथ को मेरे मस्त और मुलायम मम्मो पर रख दिया और मेरे मम्मो को मसलते हुए मेरी होठ को पीने लगे। मेरा भी पारा बढ़ने लगा था मैने सर को अपने बाँहों में भर लिया और मस्ती से उनके रसीले होठो को पीने लगी। हम दोनों एक एक दूसरे के होठो को लगातार पी रहें थे कभी मेरा होठ सर के मुह के अंदर और कभी उनका होठ मेरे मुह के अंदर रहता। मेरे अंदर की वासना इतना भडक चुकी थी मै सर के होठो को पाने दांतों से काटने लगी थी। और मेरे इस हरकत से सर भी मेरे होठो को काटने लगे थे। 40 मिनट तक हम होठो को पीते रहें

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थोड़ी देर बाद सर ने मेरे कपडे को उतार दिया और मुझे ब्रा और पैंटी में बहुत ध्यान से देखने लगे। फिर सर ने मेरे ब्रा को चटने ब्रा को चाटने लगे। कुछ देर मेरे ब्रा को चाटने के बाद सर ने मेरे ब्रा को निकाल दिया और मेरे संतरे जैसे गोल गोल और चीनी जैसे सफ़ेद और चिकनी और मुलायम चूची को को अपने हाथो में लेकर दबाने लगे और साथ ही साथ में मेरी चूची को पीने का भी मजा उठाने लगे।मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। मै पागल हो रही थी और अपने हाथो से अपने चूत को पिंक पैंटी के ऊपर अपने हाथो से मलने लगी।  बहुत देर तक मेरी बूब्स को पीने के बाद सर मेरे बूब्स से मेरी नाभि की ओर बढ़ने लगे जिससे मै सिसकने लगी और सर मेरे नाभि को पीते हुए मेरी चूत तक पहुँच गये। मै बावली होतो जा रही थी। सर ने मेरी पैंटी को अपने दांतों से खीच कर निकाल दिया और मेरे चूत की खुशबू को लेने लगे। थोड़ी देर बाद सर ने मेरी चूत में अपने उंगली से मेरीबुर की गुलाबी दाने को रगड़ते हुए मेरी चूत में अपनी उंगली को डालने लगे। पहले तो उनहोंने मेरी चूत में केवल एक उंगली डाली और बाद में उन्होंने अपनी दो उंगलियो को मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत के अंदर अपनी उंगलियों को फैला देते थे इससे मै बहुत मदहोश और “……मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ करके मै जोर जोर से आंहे भरने लगती। मुझे बहुत मजा आ रहा था खासके जब सर अपनी उंगलियो को ,मेरी चूत के अंदर फैला देते। थोड़ी देर बाद मेरी चूत का पानी निकलने लगा और सर ने मेरी चूत का पानी पी लिया।

मेरी चूत का पानी पीने के बाद सर ने अपने बिशाल , मोटे और बड़े से लंड को निकाला और मेरी चूत की गुलाबी दाने को अपनी लंड से धकेलने लगे जिससे मै बहुत अजीब से महसूस कर रही थी। थोड़ी देर बाद सर ने मेरी चूत को थोडा सा फैलाया और अपने लंड को मेरी चूत में उतार दिया मै सहल उठी जैसे ही सर एक लंड मेरी चूत में गया। सर ने अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगे और मै …. ‘सी सी ..सी……… उह ….उह ….उह ….आहा हा ह हा हा अहह अहह  .अह्ह्ह…..”. करके आंहें भरने लगी।

फिर सर ने अपनी पूरी जोर लगा के मेरी चूत को मारने में लगे। मै तो पागल हुई जा रही थी धीरे धीरे मेरी चिलाने की आवाज़ और सर के चोदने की रफ़्तार तेज होती गयी प्लीसससससस……..प्लीसससससस,  माँ माँ… प्लीसससससस……..प्लीसससससस,  उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…”  माँ माँ….ओह माँ करके सिख रही थी।

कुछ देर बाद मै अपने कमर को उठा के सर से चुदवाने लगी, हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। लगातार 50 मिनट तक सर ने मुझे जानवरों की तरहसे मेरी चूत की चुदाई की और फिर उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाला । अब वो मेरी गांड मारना चाहते थे मैंनेगांड मरवाने से मना कर दिया, लेकिन सर ने कह दिया की अगर गांड नही मरवाओ गी तो मै तुम्हे पेपर नही दूँगा। मुझे मज़बूरी में ही अपने गांड को सर से मरवानी पड़ी। मै कुत्तिया के पोस में होगी सर ने अपने लंड को मेरी गांड को फैला के मेरे अंदर डाल दिया । मै दर्द से तडप रही थी और सर लगातार मेरी गांड को मारने में लगे हुए थे बहुत देर तक सर ने मेरी गांड को मारा और फिर अपने लंड को मेरी गांड से निकाल कर मेरे हाथो में मुठ मारने के लिए रख दिया।

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सर का लंड मेरे हाथो में आ नही रहा था क्योकि वो बहुत मोटा था।मैंने सर के लंड को अपने हाथो में लेकर मुठ मारने लगी। कुछ देर तक मैंने सर के लंड को पकड कर मुठ मारा फिर जब सर का माल निकलने वाला था, तो उन्होंने लंड को अपने हाथो में लेकर खुद ही मुठ मारने लगे। सर बहुत तेजी से मुठ मार रहें थे थोड़ी ही देर मे उनका माल निकने लगा और सर का लंड धीरे धीरे सुखी हुई तरोई की तरह मुरझा गई।

हमारी चुदाई तो खत्म हो गई थी पर फिर भी मै और एक दूसरे को बांहों में भर कर किस कर रहें थे। बहुत देर बाद किस करने के बाद थोड़ी देर बात की और फिर मै घर चली आई।

थोड़े दिन बाद पेपर आ गया, सर ने मुझे एक पेपर दिया मैंने उस पेपर को किसी तरह तैयार कर लिया और एक्साम दिया पर सर के दिए हुए पेपर से एक भी सवाल पेपर में नही आया। मैंने किसी तरह से एक्साम दिया, लेकिन मै पास नही हो पाई। बाद में जब मैंने अपनी क्लास की लड़कियों से पूछा तो पता चला की सर ने उन सब को बारी बारी चोदा और गलत पेपर देकर चुतिया बना दिया। और इस तरह से मेरे सर ने मुझे और मेरे क्लास की सभी लड़ियो की जम कर की चुदाई।

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Very good story may bhi ek tichr hu math ka mujhe bhi chikhao thank you