पति की नाकामी और विजय के मोटे लंड की चुदाई

मेरे प्यारे दोस्तों, आज मैं आपको अपनी एक हॉट सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ। मेरा नाम अर्चना है, मैं नोएडा में रहती हूँ। मैं शादी शुदा हूँ पर आजकल मैं एक आदमीं के साथ सेक्स संबंध में हूँ। इसका कारण मेरा पति है, पति ने ही मेरी ये हालत कर दी थी की मुझे किसी गैर मर्द के साथ हमविस्तर होना पड़ा। आज मैं आपको अपनी बात नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के द्वारा आपको सुनाने जा रही हूँ। आशा करती हूँ मेरी ये कहानी आपसभी दोस्तों को बहुत पसंद आएगी।

मै 28 साल की खुबसूरत महिला हूँ। मेरी फिगर 36-28-36 है, जो हर मर्द की नजरों में चुभ जाती है। मेरी चूचियाँ भरी हुई और गोरी हैं, कमर पतली और गांड इतनी गोल कि कोई भी मर्द पीछे से देखकर लंड सख्त कर ले। जब पापा ने मेरे लिया बहुत लड़का ढूढ़ा और जब मेरी शादी में देरी हो रही थी तो मुझे एक ऐसे आदमी से शादी करना पड़ा जो मुझे पसंद नहीं था। ना वो पढ़ा लिखा था न बहुत धनवान, देखने में भी उतना मॉडर्न नहीं था। मेरी बहन ने मुझसे बोली की दीदी तुम शादी कर लो, लड़के को तुम अपने लायक बना लेना, स्टाइल में कपडे पहना, ये सब तुम सीखा देना। उतना भी ख़राब लड़का नहीं है। रही बात लड़का लम्बा चौड़ा है तो शारीरिक सुख खूब देगा। बहन की बात मानकर मैंने उससे शादी तो कर ली पर मैं कभी खुश नहीं रह पाई। ना वो मुझे धन दौलत दिया ना भी मेरी सेक्स की भूख को शांत किया। मेरी चूत हमेशा तरसती रहती, रातों में मैं अकेली लेटी चूत में उंगली डालकर मुठ मारती, लेकिन वो तो बस एक क्षण की तसल्ली। अब जाकर मेरी सेक्स की भूख थोड़ी शांत हो रही है।

जब औरत को शारीरिक सुख नहीं मिल पा रहा हो तभी तो गैर मर्द के तरफ जाती है और अपनी वासना की आग बुझाती है। इसलिए अगर आप भी अपनी पत्नी को सेक्स सुख नहीं दे पा रहा है तो आप अपने आप पर ध्यान दें और बीवी को खुश रखें। अब आइये मैं अपनी पूरी कहानी बताते हूँ। जब मेरा पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाया। मेरी सहेली वही खुशहाल रह रही थी और मैं हमेशा किसी और की यादों में तो बहक गई और मुझे तनिक भी किसी प्रकार का मलाल नहीं है की आखिर मैंने ऐसा क्यों किया। गाँव की जमीन यमुना एक्सप्रेससवे में गया तो सरकार के तरफ से खूब पैसे आये। उसी पैसे से एक आलिशान अपार्टमेंट में दो कमरे का फ्लैट ले ली और वही अपने पति और बेटी के साथ रहने लगी।

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मैंने वही एक ब्यूटी पार्लर का काम भी खोल दिया जिससे मेरी सपनो की उड़ान और भी ज्यादा उड़ने लगी। मेरे घर पर एक से एक महिला और लड़की आने लगी, घंटों तक वो अपने परिवार के बारे में और अपने पति के बारे में बात करने लगी। तभी एक महिला जो मेरे टावर की थी वो आई और अपने पति के बारे में बताई की उनका पति उनको बहुत खुश रखता है। उसका नाम रीता था, उम्र करीब 32 साल, लेकिन देखने में 25 की लगती। वो मेरी पार्लर में वैक्सिंग के लिए आई थी, और जब मैंने उसकी चूत को क्लीन करते हुए उसके बाल साफ किये तो मैं देख रही थी कि उसकी चूत कितनी साफ-सुथरी और गुलाबी थी। वो हँसते हुए बोली, “अर्चना दीदी, तुम्हारी तरह मेरी चूत भी हमेशा तैयार रहती है, मेरा राजा हर रात इसे चाटता है और फिर अपना लंड घुसेड़ देता है। तुम्हें पता है, सेक्स में खुशी का राज यही है।”

उसकी बातें सुनकर मेरी चूत में खुजली सी होने लगी। मैंने सोचा, काश मेरा पति भी ऐसा होता। रीता ने अपनी पूरी कहानी सुनाई, कैसे उसके पति विजय एक बिजनेसमैन हैं, लम्बे चौड़े, लंड इतना मोटा और लम्बा कि एक बार घुसा तो चूत फाड़ दे। वो बोली, “दीदी, विजय रोज रात को मुझे नंगा करके चूचियाँ चूसता है, फिर गांड पर थप्पड़ मारता है और चूत में जीभ डाल देता। मैं चीखती हूँ लेकिन मजा आता है। तुम्हें कभी ट्राय करना चाहिए।” मैं शरमाई, लेकिन अंदर से जल रही थी।

अगले दिन रीता फिर आई, इस बार फेशियल के लिए। लेकिन वो अकेली नहीं थी, उसके साथ विजय था। विजय को देखते ही मेरी साँसें रुक गईं। वो 6 फुट का लम्बा, मस्कुलर बॉडी वाला मर्द, काले बाल, गहरी आँखें, और मुस्कान ऐसी कि कोई भी औरत पिघल जाए। रीता ने कहा, “ये मेरा राजा है, आज वो मुझे पिकअप करने आया।” विजय ने मुझे देखा, और उसकी नजरें मेरी चूचियों पर ठहर गईं। “अर्चना जी, आपकी पार्लर तो कमाल की है, लेकिन आप तो इससे भी ज्यादा हसीन लगती हो,” उसने कहा। मैंने शरमाते हुए कहा, “थैंक यू सर।”

उस शाम से विजय का आना-जाना लग गया। कभी रीता को ड्रॉप करने, कभी बहाने से। एक दिन रीता ने कहा, “दीदी, कल पार्टी है हमारे घर, तुम आ जाना। पति-बच्चे सबको ले आना।” मैंने हाँ कह दी। पार्टी में पहुँचते ही विजय ने मुझे वेलकम ड्रिंक दिया, और हम बातों में लग गए। मेरी बेटी और पति कहीं और मस्त थे, मैं विजय के साथ बालकनी में चली गई। हल्की हवा चल रही थी, और विजय ने कहा, “अर्चना, तुम्हारी आँखों में कुछ कमी है, जैसे कोई भूखी हो।” मैं चौंक गई, लेकिन उसकी बात सही लगी। “जी, शायद,” मैंने कहा।

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वो करीब आया, उसके हाथ मेरी कमर पर रखे। “मैं जानता हूँ, रीता ने सब बताया है। तुम्हें सुख की जरूरत है।” उसके होंठ मेरे कानों से सट गए, और मैं सिहर उठी। “विजय जी, ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी चूत गीली हो चुकी थी। वो हँसा, “गलत तो नहीं, बस मजा है।” उसने मुझे किस किया, उसके होंठ मेरे होंठों पर, जीभ अंदर। मैं पिघल गई। उसके हाथ मेरी साड़ी के अंदर चले गए, चूचियों को दबाया। “आह… विजय,” मैं सिसकारी। वो बोला, “तुम्हारी चूचियाँ कितनी सॉफ्ट हैं, अर्चना।”

पार्टी खत्म होते ही विजय ने मुझे होटल ले जाया। वहाँ पहुँचते ही वो मुझे बेड पर पटक दिया। “अब देखो, मैं तुम्हें कैसे चोदूँगा,” वो बोला। उसने मेरी साड़ी उतारी, ब्लाउज फाड़ दिया। मेरी गोरी चूचियाँ बाहर आ गईं, निप्पल्स सख्त। वो चूचियों को चूसने लगा, काटने लगा। “आह… विजय, दर्द हो रहा है लेकिन मजा आ रहा,” मैं चीखी। उसके हाथ मेरी पेटीकोट में, चूत पर। “तुम्हारी चूत तो रस टपका रही है,” वो हँसा और पैंटी फाड़ दी।

मैं नंगी लेटी थी, चूत फैलाई। विजय ने अपना लंड निकाला – वाह, क्या माल था! 8 इंच लम्बा, मोटा, नसें फूली हुईं। “ये लो, मेरी रानी,” वो बोला और लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा। मैं तड़प उठी, “डाल दो, विजय… चोदो मुझे।” वो धीरे से घुसा, चूत फटने लगी। “आह… कितना मोटा है,” मैं चीखी। वो पूरी ताकत से धक्का मारा, लंड अंदर तक। मैं उछल पड़ी। वो चोदने लगा, तेज-तेज। मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, गांड तख्त पर टकटकी मार रही। “चोदो… और जोर से, मेरी चूत फाड़ दो,” मैं चिल्लाई।

वो मुझे डॉगी स्टाइल में घुमाया, पीछे से गांड पकड़ी। “तुम्हारी गांड कितनी रसीली है,” वो थप्पड़ मारा। फिर लंड चूत में घुसेड़ा। मैं चीखी, “हाँ… गांड मारो थप्पड़, चोदो कसकर।” उसके धक्के ऐसे कि कमरा गूँज उठा। मैं झड़ने लगी, चूत से रस बहा। “अर्चना, मैं भी आ रहा हूँ,” वो बोला और गर्म रस मेरी चूत में छोड़ दिया। हम दोनों पसीने से तर, लिपटे रहे।

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उसके बाद से विजय मेरा राजा बन गया। हर हफ्ते होटल, कभी कार में, कभी पार्लर के पीछे। एक बार पार्लर बंद करके उसने मुझे टेबल पर लिटाया, चूत चाटी। उसकी जीभ चूत के अंदर, क्लिट पर। मैं चीखी, “चाटो… जीभ डालो गहराई में।” फिर वो खड़ा हो गया, लंड चूसने को कहा। मैंने घुटनों पर बैठकर लंड मुंह में लिया, चूसा, चाटा। “अच्छी चूतनी हो तुम,” वो बोला। फिर मुझे दीवार से सटाकर चोदा, गांड पर थप्पड़ मारते हुए। मेरी चूत हमेशा गीली रहती उसके लिए।

अब मैं खुश हूँ, पति को बहाना बनाकर। लेकिन दोस्तों, ये राज है। अगर आपकी बीवी असंतुष्ट है, तो संभालो वरना कोई और संभालेगा। मेरी कहानी कैसी लगी? कमेंट में बताओ, नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर। और हाँ, अगली कहानी में और मसाला डालूँगी। बाय!

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