चूत का प्यासा ससुर पीरियड में ही चूत चाटा और चोदा

period me sex, sasur bahu ki sex story : आज जो कहानी आपलोगों से शेयर करने जा रही हूँ उसको पढ़कर आप भी सोचेंगे की आखिर इंसान चूत का प्यासा इतना हो सकता है है। आज मैं आपको अपनी कहानी बता रही हूँ। ये मेरी पहली कहानी है और ये कहानी शायद सभी सेक्स कहानियां से अलग है। क्यों की ये कहानी मेरे और मेरे ससुर के बिच का है। और उसमे भी पीरियड में ही चुत चाटने और चोदने का है। शायद आप ऐसी कहानी पहली बार पढ़ रहे होंगे।

मेरा नाम नूतन है और मेरी उम्र 24 साल है मेरी शादी पिछले साल ही हुई है। जब मेरी शादी हुई थी तब तक मेरी सास जिन्दा थी पर कोरोना ने उन्हें निगल लिया। मेरे पति एकलौता संतान है। और वो जम्मू कश्मीर में पोस्टेड है वो सेना में है। तो आपको पता ही होगा, किसी को छुट्टी नहीं मिलती है आसानी से साल में ही वो एक महीने के लिए आते हैं। शादी में एक महीने तक थे उसके बाद पिछले महीने गए है। यानी की मैं अपने पति के साथ २ महीने मात्र रही हूँ।

तो चुदाई का मन तो सब को करता है चाहे वो बूढ़ा हो या जवान हो। ससुर जी की बीवी मर गयी तो उनको भी चुत चाहिए और मेरा पति मेरे पास नहीं है तो मुझे भी लंड चाहिए। और अगर ये मनोकामना पूरी घर में ही हो जाये तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है। यही सब सोचकर मैं अपने ससुर के साथ सम्बन्ध बना ली।

मेरे ससुर सात दिनों से मेरी चुदाई कर रहे है। धीरे धीरे वो इतने वाइल्ड हो गए है की मुझे दिन रात सुबह शाम ऐसे चूमते है और गांड में ऊँगली घुसाते है। और मेरी चूचियाँ दबाते है और मेरे होठ चूसते है और अपना जीभ मेरी मुँह में देते है और मेरी जीभ को भी चूसते है। जब मैं उनके मुँह में अपना जीभ डालती हूँ। मजा तो मैं भी ले रही हूँ और मेरे ससुर जी भी ले रहे है।

आखिर शुरआत कैसे हुई चुदाई का,पहले वो जान लेते हैं। सास की मौत के बाद ससुर जी काफी ज्यादा शराब पिने लगे वो तो अकेले हो ही गए थे मैं भी अकेली हो गयी थी। मुझे माँ का प्यार मिला था। क्यों की मेरी अपनी माँ नहीं थी मुझे सौतेली माँ पाली थी। तो ऐसे भी मुझे प्यार नसीब नहीं हुआ था। इसलिए मुझे बहुत ज्यादा दुःख हुआ।

ससुर जी का दुःख देख नहीं पाई और पति मेरे साथ नहीं। तो एक दिन की बात है ससुर जी बीमार हो गए थे। और वो चल फिर नहीं रहे थे। मुझे डर हुआ की कही ससुर जी साथ छोड़ दिए तो मैं और भी अकेली हो जाउंगी। तो मैं सेवा करना शुरू कर दिया। रोजाना उनको तेल लगना नहलाना समय पर खाना देना।

इसलिए बाद वो मुझे काफी मानने लगे केयर करने लगे। जब वो ठीक हो गए तो अब मेरे लिए बाजार से खुश खाने को लाते मेरा ध्यान रखते। धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे से बात चीत करने लगे। घंटो बैठकर बाते करते एक दूसरे के बारे में जानने की कोशिश करते।

तो एक दिन ससुर जी मुझसे बोले की तुम्हारे साथ तुम्हारा पति नहीं है। जैसे मेरे साथ मेरी पत्नी नहीं। हम दोनों की ज़िंदगी एक सी है। ऐसी ज़िंदगी किसी की नहीं होने चाहिए। और हम दोनों ही भाबुक हो गए। और एक दूसरे को सांत्वना देने के लिए पता नहीं चला की हम दोनों एक दूसरे के कंधे का इस्तेमाल कर बैठे।

वही से शुरू ही गयी हम दोनों की प्रेम कहानी। ससुर जी के अंग से जैसे ही मेरे अंग मिले उनका मर्दाना शक्ति जाग उठा। वो मेरी पीठ को सहलाने लगे। और धीरे धीरे मेरे जिस्म को टटोलने लगे। मैं भी भूखी थी जिस्म की और वासना की तो देर मैं भी नहीं की और धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी। और फिर मैं किस करने लगी उनके गाल पर।

फिर तो वो मेरे होठ को चूसने लगे। मेरी चूचियां दबाने लगे। मेरा जिस्म मचल उठा था। मैं जोश में आ गई। मैं भी उनके बदन को टटोलने लगी। उनके लंड को छूने लगी। धीरे धीरे वो मेरे कपडे उतारने लगे। वो मुझे नंगा कर दिए।

खुद भी उन्होंने सारे कपडे उतार फेंके उसके बाद मैं कहा मानने वाली थी। तुरंत ही उनका लंड मैं अपने मुँह में ले ली और चूसने लगी। वो मेरी दबाते हुए निप्पल को रगड़ देते अपनी उंगलियों से। मैं कराह उठती। वो मेरी गर्दन में मेरे होठ पर मेरे गाल पर दांतो से पकड़ने लगे। मेरे जिस्म को टटोलते हुए वो कहते मैं तुम्हे रानी बना दूंगा।

अब तुम मेरे बेटे की बीवी नहीं बल्कि अब मेरी बीवी हो। मैं तुम्हे वो सारे सुख दूंगा रुपया पैसा जेवर सब कुछ और लंड भी रोजाना दूंगा तुम मुझे खुश करती रहो मैं भी तुम्हे जन्नत दिखा दूंगा वो सारे खुशियां दूंगा जो आजतक तुम्हे नहीं मिला था। मैं बोली मुझे भी यही सब चाहिए रूपये पैसे जेवर और प्यार।

इतना कहते ही वो फिर से मेरे ऊपर टूट पड़े। मैं पागल हो रही थी। मुझे लंड चाहिए थे मेरे पति से शारीरिक सुख नहीं मिल पा रहा था। मेरी चुत गरम हो गयी थी और जरुरत से ज्यादा गीली हो गयी थी। मुझे लगा की मैं काफी ज्यादा जोश में आ गयी हूँ इसलिए ऐसा हो रहा है।

पर जब बिस्तर पर खून के दाग देखि तो समझ आ गया था पीरियड हो गया था। मैं झट से खड़ी हो गयी थी। मैं बोली ओह्ह्ह्हह्हह पीरियड हो गया। ससुर जी बोले कोई बात नहीं। मैं नहीं मानता पीरियड विरिअड और वो मुझे पकड़ कर बैठाने लगे बेड पर। मैं मना करते रही उन्होंने कसम दे दिया।

मैं वापस बेड पर आ गयी वो निचे जाकर पहले मेरी चूत को निहारा और फिर चाटना शुरू कर दिया। मैं बोली ऐसा मत करो अभी पांच दिन रुक जाओ फिर आप जैसा कहोगे वैसा करुँगी और वो सब कुछ करना मैं नहीं रोकूंगी। पर उन्होंने मेरी एक नहीं मानी और मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया।

मैं और भी ज्यादा गीली होने लगी खून भी आने लगा और गीला भी होने लगा। पर ससुर जी को और भी ज्यादा मजे आने लगा। वो तुरंत ही साफ़ कर देते अपने जीभ से। फिर से चूचियां दबाते मेरी गांड में ऊँगली करते मैं और भी ज्यादा पागल हो जाती।

उसके बाद उन्होंने अपना मोटा लंड मेरी चूत पर रखा और जोर जोर से अंदर बाहर करने लगे। मेरी दोनों पैरों को उन्होंने अपने कंधे पर रखा और जोर जोर से धक्के देने लगे। मैं भी कहा कम थी मैं भी निचे से धक्के देती। और ऊपर से वो धक्के दते। वो मुझे अपनी बाहों में भरते मैं भी उनको अपनी चूचियों से समा लेती।

दो जिस्म एक दूसरे में मिल गया था। और चुदाई जोर जोर से शुरू हो गया था। पुरे कमरे में पलंग की आवाज आ रही थी। और मेरे मुँह से सिर्फ हाय हाय ओह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्ह आउच उफ्फ्फफ्फ्फ़ मर गयी। ओह्ह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों मेरे ससुर मेरे पति से ज्यादा ताकतवर हैं लंड भी मोटा और लम्बा है। उन्होंने उस दिन मुझे पूरी रात चोदा उनको ज़रा भी परवाह नहीं रहा मेरी पीरियड को उन्होंने मेरी चूत चाटा और खूब चोदा।

अब रोजाना पति पत्नी के तरह रहती हूँ और चुदवाती हूँ। मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ। तब तक के लिए आपका धन्यवाद.