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राखी (रक्षाबंधन) पर भाई ने बहन को चोदकर खुश किया

Rakhi (Rakshabandhan) Sex Story, रक्षाबंधन सेक्स कहानी- चुदाई आज मैं आपको अपनी आपबीती सूना रही हूँ और खुशियां भी शेयर कर रही हूँ। अगर आपको भाई बहन की सेक्स कहानी और वो भी रक्षाबंधन के त्यौहार पर जो हुआ उसके बाते में बात करूँ तो आपको मेरी ये कहानी बहुत पसंद आएगी। रक्षाबंधन के दिन मेरा भाई राखी बाँधने के बाद मुझे चरम सुख दिया और आज उसी की वजह से मैं पुत्रवती हूँ। मेरी ये कहानी आपको बहुत पसंद आएगी क्यों की ये मेरी सच्ची कहानी है और मैं चाहती हूँ आप सभी के साथ मैं अपनी कहानी शेयर करूँ।

मेरा नाम संगीता है। मैं 26 साल की खूबसूरत महिला हूँ। मेरी शादी मेरा जाहिल बाप कम उम्र में ही करा दिया मेरी मर्जी के खिलाफ, मैं उस समय शादी नहीं करना चाहती हूँ मैं पढ़ना चाहती थी। पर मेरे बाप को मेरी शादी का ऐसा शौक चढ़ा की मेरी शादी एक अघेड़ उम्र के आदमी से तय कर दिया। जब मुझे मेरे बाप ने फोटो दिखाया की इसी लड़के से तुम्हारी शादी होने वाली है बहोत अच्छा घर है कमाता भी बहुत अच्छा है तो मैंने साफ़ साफ़ मना कर दिया मैं बोल दी ये मेरे पति लायक नहीं है मैं शादी नहीं करना चाहती। पर कितना भी रो ली पीट ली खुद को पर मेरा बाप और मेरा चचा ने मेरी एक भी बात नहीं मानी और मेरी शादी उस लड़के से करा दी। मैं कुछ भी नहीं कर पाई और मेरी शादी हो गई।

सुहागरात के दिन मैं अपने पति को सटने नहीं दिया उसने मुझे चोदना चाहा तो मैंने कहा आत्महत्या कर लुंगी इस वजह से मुझे छोड़ दिया। दिन बीतता गया मेरी माँ मुझे समझाती रही और एक दिन अपने पति को बोल दी अब आपको जो करना है कर लो। और उस रात उसने मुझे पहली बार चोदा पर नर्वस था जल्दी जल्दी सब कुछ हो गया मुझे कुछ भी पता नहीं चला क्यों की शायद पहले दिन उसका लंड मेरी चूत के अंदर तक सही तरीके से नहीं गया था। और वो डिस्चार्ज हो गया। अब रोजाना ही यही होने लगा मैं खूबसूरत बाला कमउम्र की लड़की और मेरा पति उम्रदराज मुझे खुश नहीं कर पा रहा है। शारीरिक सम्बन्ध सही तरीके से नहीं बना पा रहा है।

साल बिता दो साल बिता छह साल निकल गया मुझे कोई बच्चा नहीं हुआ, घर वाले कहने लगे क्या बात है तो ये बात क्या किसी को बताये की मेरा पति मुझे चोद नहीं पाता इस वजह से मैं माँ नहीं बन पा रही हूँ। पर अब मुझे चिंता होने लगी की अगर मैं माँ नहीं बन पाई तो क्या होगा? मैं इस दुनिया में अकेली रह जाउंगी। तो और फिर मेरे विचार में कई प्रश्न आने लगे की आईवीफ़ करा लूँ पर ये सब मुझे ठीक नहीं लग रहा था। मैं सोची किसी लड़के से जो मेरे घर के बगल के थे उसी के साथ सेक्स संबंध बना लूँ पर आगे भविष्य के बारे में सोच कर डर जाती थी।

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पिछले साल की बात है मेरा छोटा भाई जो मेरे से एक साल छोटा है। उसका नाम सुमित है जो पढाई कर रहा है अभी तक मुझसे राखी बंधवाने आया था। संयोग से मेरे पति उस समय गाँव में थे और मैं ग़ाज़ियाबाद में थी। मेरे पति का व्यापार है ग़ाज़ियाबाद में और गाँव राजस्थान पड़ता है। वो दस दिन के लिए गए थे। ऐसे भी उनका रहना या जाना मेरे लिए ज्यादा मैटर नहीं करता था। मैं अकेली रहने को आदि हो चुकी थी। मैं रक्षाबंधन के दिन सुबह अपने भाई को राखी बाँधने के लिए थाली सजाईऔर राखी बाँधी, भाई ने मुझे 5000 रूपये दिए। और मैंने उसको गले लगा ली। उसने मुझसे कहा बहन जब भी मेरी जरुरत पड़ेगी तुमको मैं हमेशा हाजिर हूँ।

इतना सुनते ही मैं रोने लगी और दिल की बात बता दी की मैं माँ नहीं बन पा रही हूँ तुम्हारा जीजा शायद इस लायक नहीं है की मुझे वो माँ बनाये मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है मैं क्या करूँ। अब समय भी निकला जा रहा है और और मैं अकेली महसूस कर रही हूँ। भाई ने मुझे गले लगा लिया और बोला तुम दूसरी शादी कर लो। मैंने कहा ऐसा करना आसान नहीं है मैं सिर्फ चाहती हूँ माँ बन जाऊं। उन्होंने कहा क्या मैं तुम्हे ये सुख दे सकता हूँ ? मैं अवाक् रही गई मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करूँ क्या नहीं करूँ। पर एक तरफ से वो सच कह रहा था। मैं भी पड़ोस के लड़के से चुदना चाह रही थी उसमे रिस्क था पर भाई से चुदना कोई रिष्क नहीं था।

माँ भी बन जाती और किसी को शक भी नहीं होता मैं अपने पति को भी झांसे में ले लेती। मैंने कहा ठीक है मुझे रक्षाबंधन का यही गिफ्ट दे दो। इतना कहते ही मैं लिपट गई। उसने मेरे माथे पर किस किया और फिर अपनी बाहों में भर लिया।

धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के आगोश में आ गए और फिर मेरा भाई मेरे होठ पर अपना होठ रख दिया। मुझे चूमने लगा मेरी चूचियों को दबाने लगा. मुझे पहली बार एहसास हुआ किसी मर्द का। मैं तार तार होने लगी मैं सिहरन से भर रही थी मेरे से रहा नहीं गया खुद उसके होठ को चूसने लगी अपना जीभ उसके जीभ के अंदर देने लगी रक्षाबंधन का इससे अच्छा गिफ्ट मेरे लिए कोई हो ही नहीं सकता है। मेरे सारे कपडे उतार दिए मैं तुरंत ही बेड पर लेट गई। मेरे ऊपर चढ़कर मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे होठ को चुम रहा था जब जब वो मेरे कंधे और गर्दन को चूमता मेरे तन बदन में आग लग जाती और अंगड़ाइयां लेने लगती।

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मेरी चुत गीली हो रही थी मेरे कंठ सुख रहे थे। मैं चुदने ले लिए तैयार थी खुद ही अपने होठ को अपने दांतों तले दबा रही थी और खुद ही चूचियों को मसल रही थी। मैंने अपने भाई को बोली अब मुझे चोद दो मैंने अपनी दोनों टांगो को अलग अलग कर दी। वो निचे जाकर तकिया मेरी गांड के निचे लगाया और दोनों टांगो को उठा पर सबसे पहले चूत चाटने लगा। मैं गरम गरम पानी अपनी चूत से छोड़ रही थी मेरा भाई अपनी जीभ से चाट कर साफ़ कर रहा था। आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी पर पढ़ रहे हैं। मेरे से रहा नहीं जा रहा था, मुझे उसका नौ इंच का लंड चाहिए थे अपनी चूत में।

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मेरा भाई अपना मोटा लंड निकाला अपने हाथों से ऊपर निचे किया सहलाया और मेरी तरफ देखकर उसने मेरी चूत के छेद पर लंड का सुपाड़ा लगाया और पूरा लंड एक ही झटके पर अंदर घुसा दिया। पहली बार मुझे लंड का सुख मिला था जो अंदर तक गया इसके पहले तो ऊँगली तक या पति का लंड छोटा मुसक के तरह थोड़ा ही अंदर जाता था। पहली बार चरम सुख की आकांक्षा में थी। मैं खुश ही मुझे तो चीज मिल गया था जिसका रोजाना रात को इंतज़ार करते थी। जोर जोर से वो धक्के देने लगा मैं गांड हिला हिला कर चुदाई में सहयोग करने लगी।

वो मेरी चूचियों को मसलते हुए जोर जोर से चोदने लगा मेरी चूत गरम हो गई थी। मेरे मुँह से आआआआ ऊह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊओ ओह्ह्ह्हह्हह अअअअअअअ की आवाज निकल रही थी। मेरा भाई उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ हैयय हैयय की आवाज निकलकर जोर जोर से धक्के दे दे कर मुझे चोद रहा था। करीब एक जानते तक मुझे एक जैसे ही चोदता रहा था आखिरकार झड़ गया। उसके बाद दस दिन तक मेरा भाई मेरे साथ रहा था. रोजाना हम दोनों कई बार चुदाई करते थे फिर मेरे पति आ गए और मेरा भाई वापस चला गया।

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पंद्रह इन बाद ही मेरा पीरियड मिस हो गया मैं समझ गई मैं अपने भाई के बच्चे की माँ बनने बाली हूँ। मैं किट लेकर चेक की तो प्रेगनेंसी पॉजिटिव आई। मैं डर गई ये बात मेरे पति को पता चल गया तो। उस दिन से मैं अपने पति को अपनी मोह में बाँध ली प्यार करने लगी और मैं खुद उनको रोजाना आमंत्रित करती चुदाई के लिए जैसे तैसे वो चोदते लंड अंदर जाता नहीं था वीर्य बाहर ही गिर जाता था। पर मैं कहती थी आज चला गया अंदर सुबह उठकर कहती थी सुंबह सुबह आपका वीर्य गिरा है मेरी चूत से रात को कितना वीर्य डाल दिए थे। ऐसे भी रोजाना झूठ झुठ बोलकर अपने पति को खुश करने लगी।

रक्षाबंधन के दिन बहन की चुदाई की सच्ची कहानी(Opens in a new browser tab)

अगले महीने उनको बोली की मेरा पीरियड मिस हो गया और आप बाप बनने वाली है। किट लाकर चेक कर के दिखा दी। फिर नौ महीने बाद मैंने एक बेटे को जन्म दी मेरा पति बहुत खुश है मेरा भाई भी खुश है। मेरे भाई को पता है उसका बेटा है मेरे पति को भी लगता है उनका बेटा है। आज मेरा बेटा तीन महीने का हो गया है दूसरा रक्षाबंधन 19 अगस्त को है मेरा भाई फिर आने वाला है और कल ही मेरा पति फिर से गाँव जाने वाला है। अब आपको समझ आ ही गया होगा की अब क्या होने वाला है।